YouTube पर लाइव शॉपिंग से जुड़ी सलाह
अगर आप एक व्यापारी या कंपनी हैं और आपका YouTube चैनल भी है, तो आपके पास अपने YouTube चैनल पर, कई तरीके से अपने ब्रैंड के प्रॉडक्ट दिखाने का विकल्प होता है. इनमें, लाइव स्ट्रीम भी शामिल हैं. अगर खरीदे जा सकने वाले प्रॉडक्ट के बारे में बात करने के लिए, आपको लाइव स्ट्रीम होस्ट करना है, तो अपने प्रॉडक्ट फ़ीड के लिए, कुछ सबसे सही तरीकों के बारे में जानें.
शुरू करने से पहले, पक्का करें कि आपने YouTube Shopping के फ़ीड को शामिल करने की प्रोसेस पूरी कर ली है. साथ ही, आपको YouTube पर लाइव स्ट्रीम होस्ट करने से जुड़ी जानकारी मिल गई है.
YouTube Shopping प्रोग्राम में शामिल होना (>दो हफ़्ते पहले)
अगर आपने अब तक YouTube Shopping प्रोग्राम में शामिल होने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो लाइव स्ट्रीम करने से कम से कम दो हफ़्ते पहले ऐसा कर लें. शामिल होने के लिए, आपको लाइव स्ट्रीम वाले प्रॉडक्ट को फ़ीड में सीधे तौर पर अपलोड व्यापारियों की सलाह करना होगा. इसके अलावा, Shopping प्लैटफ़ॉर्म या खुदरा दुकानदार की मदद से फ़ीड में प्रॉडक्ट अपलोड किए जा सकते हैं.
खाते और प्रॉडक्ट फ़ीड की समस्याओं को हल करना (>एक हफ़्ते पहले)
आपको अपनी लाइव शॉपिंग स्ट्रीम में जिन प्रॉडक्ट को टैग करना है उनके लिए, खाते या प्रॉडक्ट से जुड़ी समस्याओं को लाइव स्ट्रीम शुरू होने से कम से कम एक हफ़्ते पहले हल करें. ये ऐसी समस्याएं हैं जो हमारी Shopping से जुड़ी नीतियों या YouTube की नीतियों का उल्लंघन करती हैं.
फ़ीड में कोई भी बदलाव न करना (24 घंटे पहले)
यह पक्का करने के लिए कि आपके प्रॉडक्ट, लाइव स्ट्रीम के दौरान खरीदे जा सकते हों, लाइव स्ट्रीम करने के 24 घंटे पहले तक, अपने फ़ीड या खाते में कोई बदलाव न करें. बदलाव करने पर, हो सकता है कि आपके प्रॉडक्ट अस्वीकार कर दिए जाएं और इसी वजह से, वे आपकी लाइव स्ट्रीम में टैग नहीं किए जा सकेंगे.
टेस्ट चलाना
भले ही, आप लाइव स्ट्रीम को होस्ट करने के लिए तैयार हों या न हों, नए प्रॉडक्ट को टैग करने के तरीके के बारे में जानने के लिए, टेस्ट लाइव स्ट्रीम चलाना अच्छा रहता है.
सूरत : एसएमए की व्यापारियों को सलाह, किसी भी व्यापारी की पुरानी गुडविल के आधार पर विश्वास नहीं करें
यदि हो सकें तो लोकल एजेन्ट आढती से ही व्यापार करें तथा अपने व्यापारियों की सलाह पेमन्ट की जवाबदेही की गारंटी भी सुनिश्चित करें
सूरत मर्कन्टाइल ऐसोसिएशन की रविवार दिनांक 11/07/2021 की समस्या समाधान व्यापारियों की सलाह मीटिंग में कपड़ा व्यापारियों की पेमन्ट सम्बंधित शिकायतों का अम्बार लग रहा है। एसएमए प्रमुख नरेन्द्र साबू ने सभी व्यापारी भाईयों से अपील की है कि अब समय बदल गया है। अतः किसी भी व्यापारी की पुरानी गुडविल के आधार पर विश्वास नहीं करें। बल्कि आज की वर्तमान परिस्थिति की पुरी जानकारी करने के बाद ही व्यापार करना चाहिए। आगे भविष्य में बहुत ही संभलकर व्यापार करने की जरुरत है वरना व्यापार की बर्बादी के साथ-साथ पारिवारिक नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जायेगा। एसएमए प्रमुख ने व्यापार आगे कैसे करें इसके बारे मे अपने अनुभव से अवगत कराया।
आज की समस्या समाधान मीटिंग में कोर कमेटी तथा वर्किंग कमेटी के पंच पैनल के सदस्यों आत्माराम बाजारी, अशोक गोयल, राजीव उमर, महेश पाटोदिया, राजकुमार चिरानिया, जितेन्द्र सुराणा,अशोक बाजारी, हेमन्त गोयल, मनोज अग्रवाल,,केवल असीजा, मुकेश अग्रवाल,अरविंद जैन की उपस्थिति में शिकायतों को सुना गया। शिकायतें काफी ज्यादा रही है, आज टोटल 45 फरियादी तथा 87 केस आए, जिसमें 15 केस का तुरंत निपटारा हो गया। जिसमें कुछ को हाथों हाथ बात करके सलटाया तथा कुछ मामलें समय लेकर हल हो जायेंगे तथा कुछ मामलें कानूनी कार्यवाही के लिए लीगल टीम को ट्रांसफर किये गये हैं।।
आज के समय में व्यापार में सजगता और सुरक्षा का पालन करके ही व्यापार करना चाहिए। आज की समस्या समाधान मीटिंग का विशेष रूप से अम्बाजी टेक्सटाइल मार्केट, न्यू टेक्सटाइल मार्केट की पार्टी का पुराना बडे़ विवाद को सलटाया गया है।
एसएमए प्रमुख ने व्यापारियों को सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निम्न बातों पर ध्यान देना जरुरी है।
3-व्यापारियों पर उधार की लिमिट तथा पेमन्ट की समय सीमा निश्चित करें तथा अपने कम्प्यूटर में लाक लगवाये।
4- एजेन्ट, आढती का पुरा रेफरेंस निकालने के बाद ही व्यापार करें और अगर हो सकें तो लोकल एजेन्ट आढती से ही व्यापार करें। साथ ही अपने पेमन्ट की जबाबदेही की व्यापारियों की सलाह गारंटी भी सुनिश्चित करें।
5-व्यापार में सबसे ज्यादा जो तकलीफ है वह है रिटर्न गुड्स की है। उसके लिए जो व्यापारी बहुत ज्यादा रिटर्न गुड्स भेजता है, ऐसे व्यापारी की शिकायत आप अपने लैटर पैड पर लिखकर देते हैं तो उसका नाम एसएमए के सभी ग्रुप में सार्वजनिक रुप से उजागर किया जायेगा।
ई-ट्रिप पर व्यापारियों की सलाह क्यों नहीं ली सरकार ने
चंडीगढ़। कंगाली के कगार पर पहुंची अकाली-भाजपा सरकार ने प्रदेश के व्यापारियों को ई-ट्रिप के जरिए उनके लिए नई परेशानियां खड़ी कर दी है। बंदी के किनारे खड़े उद्योगों को राहत देने की बजाए उन्हें ई-ट्रिप के जरिए और परेशान किया जा व्यापारियों की सलाह रहा है। यह आरोप विपक्ष के नेता सुनील जाखड़ ने लगाते हुए कहा कि यदि ई-ट्रिप लगाने की सरकार को इतनी ही जल्दी थी तो इसके लिए पहले व्यापारियों और उद्योगपतियों से सलाह मशविरा व्यापारियों की सलाह कर लिया जाता।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में आज सभी व्यापारिक संगठन सड़कों पर उतर कर इस नए आदेश को वापस लेने के लिए धरने-प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन सरकार अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। उसे बस अपना खजाना भरने की चिंता है। व्यापारियों की सहमति के बिना सरकार के उठने वाले कदम से न केवल राज्य का उद्योग बर्बाद होगा इससे लाखों लोग बेरोजगार भी होगे तथा राज्य में अनिश्चिता फैलेगी।
जाखड़ ने आगे कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण फैसला लेने से पूर्ण व्यापार जगत को विश्चास में न लेना सरकार का तानाशाही रवैया है। लोकतंत्र में फैसले आमजन की सुविधा के लिए होने चाहिए न कि उनकी परेशानियां बढ़ाने के लिए। उन्होंने भाजपा पर दोगली नीति चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसे फैसले लागू क्यों होने देते है जो लोकहित में न हों। अकाली-भाजपा सरकार द्वारा 2007 में सत्ता में आते ही भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए व्यापारियों की सहायता के लिए बोर्ड गठित किए थे अब तक व्यापारियों की सलाह उन बोर्डों पर लाखों रुपए खर्च हो चुका है, लेकिन आज इन बोर्डों ने कभी व्यापारियों की सुध नहीं ली। बोर्ड पर काबिज नेता मंत्री जैसी सुविधाएं लेकर मौज मस्ती करते रहे।
जाखड़ ने कहा, व्यापारियों द्वारा सरकार को टैक्स के रूप में दी जाने वाली राशि से ही सरकारों का काम चलता है, परन्तु सभी व्यापारियों को बेईमान समझ कर शुरू की गई ई-ट्रिप से सबसे ज्यादा नुकसान ही छोटे व्यापरियों को होगा जिस के पास सुविधाओं की कमी है। इससे पहले ही सरकार के पास व्यापारियों का 400 करोड़ का वैट रिफंड बकाया है।
व्यापारियों को सलाह, अनजान युवती के वाटसएप वीडियो काल पर न करें बात
जागरण संवाददाता, नोएडा : अगर कोई अनजान युवती आपके वाट्सएप पर संदेश भेजती है और इसके बाद आपको वीडियो काल करती है, तो बचकर रहें। ये युवतियां स्वयं को नग्नावस्था में लाकर आपके साथ बातचीत कर वीडियो बनाती हैं और फिर इसमें छेड़छाड़ कर आपको ब्लैकमेल कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने सभी व्यापारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा गया सबसे पहले अनजान युवतियों से संपर्क न करें। अगर बातचीत हो भी जाती है, तो जब वह वीडियो काल करने के लिए कहे या फिर स्वयं वीडियो काल करे तो सतर्क हो जाएं। यदि कोई अनजान या अपरिचित नंबर से वीडियो काल करता है, तो पहले काल उठाने से बचें, हो सके तो कैमरे के ऊपर अपनी उंगली रख लें या तो उठाने से पहले कैमरे का फेस चेंज कर दें। मतलब सामने से फोन न उठाते हुए बैक व्यापारियों की सलाह से मोबाइल को उठाएं। पहले नाम पूछ लें, उसके बाद ही बात करें, डरें नहीं, पुलिस के पास जाएं। उन्होंने बताया कि नोएडा के व्यापारियों के पास ऐसे काल आने की शिकायत है।
संगठन के महामंत्री मनोज भाटी के फोन पर भी इस तरह की काल आई हैं। वह ठगी से बच गए और फेज तीन थाने में लिखित शिकायत दी है। उन्होंने शहर के व्यापारियों को आगाह किया कि वह ऐसे काल आने पर चुप न बैठें, बल्कि पुलिस से शिकायत करें। साइबर फ्राड में शामिल युवतियां इसे हथियार बनाकर ठगी का खेल खेल रही हैं। कुछ लोग इस झांसे में फंसकर शिकार हुए हैं।
रेजरपे ऑनबोर्डिंग ऑनलाइन व्यापारियों को रोकने के लिए RBI की सलाह का पालन करता है; कंपनी अतिरिक्त विवरण देने के लिए
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने फिनटेक सर्विसेज फर्म रेजरपे को अस्थायी रूप से नए ऑनलाइन व्यापारियों को ऑनबोर्ड करने से रोकने और "अंतिम भुगतान एग्रीगेटर / भुगतान गेटवे लाइसेंस" प्राप्त करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त विवरण साझा करने के लिए कहा है।
"हमारे पीए/पीजी लाइसेंस के अंतिम प्राधिकरण की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, जिसके लिए हमें जुलाई में आरबीआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी, अब हमें अंतिम लाइसेंस प्रक्रिया में सहायता के लिए आरबीआई के साथ अतिरिक्त विवरण साझा करने की आवश्यकता है," ए रेज़र्पाय के प्रवक्ता ने एएनआई को दिए एक बयान में कहा।
बयान में कहा गया है, "इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, आरबीआई ने हमें सुझाव दिया है कि जब तक इस तरह के विवरण प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं, तब तक नए ऑनलाइन व्यापारियों को अस्थायी रूप से रोक दिया जाता है। आरबीआई के दायरे में काम करने वाले एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में रेजरपे ने नियामक आवश्यकता का पालन किया है।"
बयान में कहा गया है, "हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि इसका रेज़रपे के मौजूदा व्यवसाय संचालन और वर्तमान व्यापारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। साथ ही, हम अन्य रेज़रपे सेवाओं - रेज़रपेएक्स, कॉर्पोरेट कार्ड और एज़ेटैप के माध्यम से ऑफ़लाइन भुगतानों पर नए व्यवसायों को शामिल करना जारी रखेंगे।"
रेज़रपे का संचालन "सभी नियामक दिशानिर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन करता है" और कंपनी अगले कदमों के लिए आरबीआई के संपर्क में बनी हुई है।
रेज़रपे की स्थापना आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्रों व्यापारियों की सलाह द्वारा की गई थी और इसका उद्देश्य ऑनलाइन व्यवसायों के लिए धन प्रबंधन में क्रांति लाना है।
यह व्यापारियों की सलाह व्यापारियों, स्कूलों, ई-कॉमर्स और अन्य कंपनियों को ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने और वितरित करने, पूरी तरह कार्यात्मक चालू खाता रखने और कार्यशील पूंजी ऋण प्राप्त करने के लिए सेवाएं प्रदान करता है। (एएनआई)
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 156