आपको फोटोकॉपी के साथ-साथ असली (original) दस्तावेज भी लेकर जाना होगा|
What is Mutual Fund | म्यूचुअल फंड क्या है। कैसे निवेश करे
म्यूचुअल फ़ंड निवेश भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश करने वाले विकल्पो में से एक है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2020 में म्यूचुअल फंड सेक्टर का एवरेज एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AAUM) 28 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े पर पहुंच गया था । एक दशक के भीतर, डेटा AAUM लगभग 3.5 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
यदि आप एक नौसिखिया हैं, अपनी मेहनत की कमाई को म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इन फंडों के मूल सिद्धांतों को समझना चाहिए। एक शुरुआत के रूप में, 2021 में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें, यह जानने के लिए पढ़ें।
History of Mutual Fund | भारत में म्यूचुअल फंड का इतिहास-
भारत में म्यूचुअल फंड का इतिहास वर्ष 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ शुरू हुआ। यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मदद से भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। भारत में पहली बार म्यूचुअल फंड योजना 1964 में यूटीआई द्वारा शुरू की गई थी जिसे यूनिट स्कीम 1964 कहा जाता है। भारत में म्यूचुअल फंड के इतिहास को व्यापक रूप से कई अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत किया जा सकता है। हम उन्हें निम्नानुसार पंक्तिबद्ध करेंगे।
1963 के संसद अधिनियम के कारण यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) का गठन हुआ। इसकी स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक ने की थी। यह अपने नियामक और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता था। यूटीआई ने इस क्षेत्र में पूर्ण एकाधिकार का आनंद लिया क्योंकि यह सेवाओं की पेशकश करने वाली एकमात्र इकाई थी। इसे बाद में वर्ष 1978 में आरबीआई से अलग कर दिया गया था और इसका नियामक और प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) द्वारा ले लिया गया था। यूनिट स्कीम (1964) यूटीआई द्वारा शुरू की गई पहली योजना थी। बाद के वर्षों में, यूटीआई ने म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई योजनाओं का नवाचार किया और पेशकश की। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) 1971 में शुरू की गई एक ऐसी योजना थी। 1988 के अंत तक, यूटीआई की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) लगभग रु। 6,700 करोड़।
Mutual Fund: क्या करें जब स्टार फंड मैनेजर छोड़ जाएं, स्कीम में रहें या निकल जाएं
जब स्टार फंड मैनेजर फंड हाउस छोड़कर चला जाता है. स्वाभाविक तौर पर निवेशक चिंतित हो जाते हैं कि उनके निवेश का आगे क्या होगा.
म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर्स की भूमिका अहम होती है. निवेशक के तौर पर हम अपने स्टार फंड मैनेजर पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं. हमारा पूरा ध्यान होता है कि कैसे वास्तव में वे निवेशकों के पैसों को मैनेज कर रहे हैं.
जब फंड मैनेजर फंड हाउस छोड़ दे
सच तो यह है कि ज्यादातर निवेशक स्कीम मैनेज कर रहे फंड मैनेजर को देखकर ही अपने पोर्टफोलियो में फंड्स सेलेक्ट करते हैं. समस्या तब आती है जब स्टार फंड मैनेजर फंड हाउस छोड़कर चला जाता है. स्वाभाविक तौर Mutual Fund में निवेश कैसे करे पर निवेशक चिंतित हो जाते हैं कि उनके निवेश का आगे क्या होगा. वे क्या करें. फंड के साथ बने रहें या निकल जाएं.Mutual Fund में निवेश कैसे करे
हर फंड हाउस की अपनी एक प्रक्रिया और व्यवस्था होती है. स्कीम का प्रबंधन करते समय वह इसे लागू करता है. पूरे स्ट्रक्चर में कई विश्लेषकों के साथ-साथ रिसर्च टीम और दूसरे फंड मैनेजर होते हैं. पोर्टफोलियो के संपूर्ण प्रबंधन में इनके इनपुट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसी व्यवस्था में किसी फंड मैनेजर के जॉब छोड़कर चले जाने के बाद भी निवेशक का जोखिम कम होता है. निवेशक को पूरा विश्वास होता Mutual Fund में निवेश कैसे करे है कि फंड हाउस अपना काम जारी रखेगा.
स्कीम में होते हैं एक से ज्यादा फंड मैनेजर
कई बार फंड हाउस किसी खास स्कीम के लिए एक से ज्यादा फंड मैनेजर रखते हैं. ऐसा एसेट बेस को देखकर किया जाता है. यह नुस्खा निवेशक में यह विश्वास पैदा करने के लिए आजमाया जाता है कि खास स्कीम के प्रबंधन की प्रक्रिया सतत जारी रहने वाली है. यह आश्वस्त किया जाता है कि यहां साझा दायित्व है और यहां लिए जाने वाले फैसलों में एक से ज्यादा लोग शामिल हैं. ऐसे में एक फंड मैनेजर चला भी जाता है तो उसका दायित्व संभालने के लिए दूसरा है और इस तरह यह व्यवस्था भरोसा पैदा करती है कि बिना बाधा के ट्रांजैक्शन जारी रहेंगे.
फंड की प्रकृति भी तय करती है कि फंड मैनेजर के उठाए गये कदमों में जोखिम कितना है. अगर लार्ज कैप फंड है तो पूरी तरह यूनीक पोर्टफोलियो तैयार होने के बाद खास फंड मैनेजर की भूमिका Mutual Fund में निवेश कैसे करे भी सीमित रहती है. इसी तरह किसी वैल्यू फंड या कॉन्ट्रा फंड के लिए भी खास रणनीतियां होती हैं जिस बारे में फंड फीचर में ध्यान दिलाया जाता है. यह बिल्कुल संभव है कि किसी मिड कैप या स्मॉल कैप के बजाए ऐसे फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर का बहुत बड़ा प्रभाव ना हो क्योंकि यहां स्टॉक चुनने का विकल्प ज्यादा जरूरी होती है.
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करें? म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें?
आप किसी एजेंट (म्यूच्यूअल फण्ड Distributor) की सहायता से निवेश कर सकते हैं| या फिर निकटतम CAMS या Karvy शाखायों में जा कर भी निवेश कर सकते हैं| आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की शाखा में जा कर भी निवेश कर सकते हैं|
वहां पर जा कर आपको फॉर्म भरना होगा और एक चेक देना होगा|
अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं, तो इन जगहों पर जा कर आप अपनी KYC की प्रक्रिया भी पूरी कर सकते हैं|
और हाँ, निवेश आप केवल अपने बैंक खाते से ही कर सकते है| तो अपनी चेक-बुक ले जाना न भूलें|
म्यूच्यूअल फण्ड में ऑनलाइन निवेश कैसे करें?
अगर आपका KYC हो चुका है, फिर तो सब बहुत आसान है|
अगर KYC नहीं हुआ है, तो आपको पहले KYC पूरा करने की ज़रुरत है| ऊपर दी गयी प्रक्रिया का पालन करें और KYC पूरा करें|
आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की वेबसाइट से कर सकते हैं|
इसके अलावा बहुत सारी वेबसाइट हैं जो आपको ऑनलाइन निवेश करने की सुविधा प्रदान करती हैं|
आपको वहां जा कर एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और काम खत्म| शायद आपको एक पहले से भरे फॉर्म (pre-filled form) को डाउनलोड करके कूरियर करना हो|
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान (regular plan of mutual fund schemes) में निवेश करना चाहते हैं, तो आप FundsIndia या ScripBox जैसी वेबसाइट से निवेश कर सकते हैं|
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान (direct plan of mutual fund schemes) में निवेश करना चाहते हैं, तो आप इस पोस्ट पर जा कर ऐसी सभी वेबसाइट की लिस्ट पा सकते हैं|
म्यूच्यूअल फण्ड सिप (SIP) में कैसे निवेश करें?
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड सिप के बारें में गहराई से जानना चाहते हैं. तो इस पोस्ट को पढ़ें|
अब म्यूच्यूअल फण्ड सिप में आपके बैंक खाते से अपने आप (automatically) कट कर निवेश हो जाता है| अब बैंक किसी को भी आपके बैंक खाते को डेबिट नहीं करने दे सकता|
इसीलिए आपको बैंक को बताना होता है की किस कंपनी या फण्ड को आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकालने दे| इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होता है| इस फॉर्म को आप ECS या one-time mandate (NACH mandate) भी कहते हैं|
यह फॉर्म आसानी से Mutual Fund में निवेश कैसे करे उपलब्ध होता है| अगर आप ऑफलाइन निवेश कर कर रहे हैं, जो जहाँ से कर रहे है, वह आपको यह फॉर्म प्रदान करेगा| अगर आप ऑफलाइन निवेश कर रहे हैं, तो वह वेबसाइट यह फॉर्म प्रदान करेगी| फॉर्म भरने के निर्देश फॉर्म में ही होंगे|
फॉर्म कुछ इस प्रकार का होगा|
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