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2010 में पहली बार crypto द्वारा खरीदी गयी पहली चीज़ की खबर के बाद से ही भारी संख्या में भारतियों ने crypto में निवेश भी किया और मुनाफा भी कमाया| लेकिन इसकी बढ़ते इस्तेमाल और अनियमित स्वभाव को देखते हुए RBI ने 2013 में चेतावनी जारी की|
राहुल ने बीजेपी को बताया नफरत की दुकान तो गहलोत के मंत्रियों को दी नसीहत, महीने में चले 15 किमी
अलवर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को गहलोत सरकार के मंत्रियों को हर महीने में एक बार 15 किमी राजस्थान की सड़कों पर पैदल चलने की नसीहत दी। साथ राहुल गांधी ने गहलोत सरकार की योजनाओं की जमकर तारीफ की। साथ ही आदिवासियों के लिए ट्राइबल बिल लागू करने और गिग इकॉनमी वाले लोगों के लिए विचार करने की सलाह दी। जिले के मालाखेड़ा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुझे भाजपा वाले बुरे नहीं लगते। मैं रास्ते में जाता हूं तो इशारा करके पूछते हैं कि क्या कर रहे हो? मैं उन्हें जवाब देना चाहता हूं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं। आइए आप भी बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलिए आप मुझसे नफरत करो। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, अंबेडकर सबने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा 100 दिन से चल रही है। रास्ते में हमें कभी-कभी बीजेपी के लोग भी मिल जाते है। जब मैं उनकी तरफ हाथ हिलाता हूं तो वो कोई रिस्पॉस नहीं देते है, क्योंकि उन्हें आगे से परमिशन नहीं है। लेकिन, जब दोबारा ऐसे ही करता हूं तो उनमें से कई हाथ हिला देते है। लेकिन, मैं ऐसे लोगों को सलाह देना चाहता हूं कि नफरत की दुकान छोड़कर मोहब्बत की दुकान खोले।
हर महीने 15 किमी पैदल चले मंत्री
उन्होंने कहा कि हम 3 हजार 500 किमी हम चले। चलने से वजन कम, पेट गायब और व्यायाम हो जाता है। कोलेस्ट्रो, बीपी और शुगर का भी इलाज हो जाता है। साथ ही लोगों की समस्याओं को जानने का भी मौका मिल रहा है। राहुल गांधी ने खड़गे और गहलोत को सुझाव देते हुए कहा कि राजस्थान की पूरी कैबिनेट को भी राजस्थान की सड़कों पर हर महीने 15 किमी पैदल चलना चाहिए। हर मंत्री को एक-एक जिले की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। इससे लोगों की भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है समस्याओं के बारे में आपको पता चल पाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान होगा। साथ ही आपकी बीमारियां भी दूर होगी।
राहुल गांधी ने गहलोत से कही ये दो बातें
राहुल गांधी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि हमारे आदिवासी भाई-बहनों को ट्राइबल बिल में जो हक दिया गया है, उसे राजस्थान सरकार जल्दी से लागू करके दिखाएं। अदिवासी हिंदुस्तान का ओरिजिनल मालिक है। साथ ही उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में उबर, ओला और डिलीवरी बॉय का काम करने वालों के बारे में गहलोत सरकार को सोचना चाहिए। जो सरकार के लिए काम करता है, उसे सरकार पैसा और पेंशन देती है। लेकिन, गिग इकॉनोमी में काम के वालों के लिए गहलोत सोचे, ताकि उनकी भी रक्षा हो और ऐसे लोगों के लिए पेंशन जैसी सुविधाएं मिल सकें।
गहलोत सरकार की योजनाओं की तारीफ में गढ़े कसीदें
राहुल गांधी ने देश में सबसे बेहतर स्कीम गरीबों के लिए राजस्थान में है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण लोगों का फ्री में इलाज हो रहा है। गहलोत सरकार की इस स्कीम ने लाखों लोगों का डर मिटा दिया है। ये स्कीम पूरे देश को रास्ता दिखा सकती है। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से जब मैं निकता तो लोगों ने अपनी बीमारी का जिक्र किया और बताया कि इलाज के लिए लाखों रुपए लगेंगे। लेकिन, राजस्थान में ऐसा देखने को नहीं मिला। कल दो लोगों से मिला। दोनों ने मुझे बताया कि हमारा इलाज फ्री में हुआ। ये स्कीम पूरे देश को रास्ता दिखा सकती है।
राजस्थान का हर बच्चा अंग्रेजी सीखे
राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग अंग्रेजी के भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है खिलाफ बात करते है। ये कहते है कि स्कूलों में अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए। लेकिन, इन नेताओं से पूछे कि इनके बच्चे कौनसी स्कूलों में पढ़ते है। इनके सबके बच्चे अंग्रेजी स्कूल में जाते है और भाषण देते है कि अंग्रेजी नही बोलनी चाहिए। ये चाहते है कि आप बड़े सपने मत देखो। आप मजदूरी और खेती से बाहर मत निकलो। मैं ये नहीं कहता कि हिंदी मत पढ़ो। अगर आप बाकी दुनिया से बात करना चाहते हो तो वहां हिंदी काम नहीं आएगी, अंग्रेजी ही काम आएगी। हम चाहते है कि हिंदुस्तान का युवा दूसरे देश में जाकर देश का परचम लहराए। ये अच्छी बात है कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने 1700 अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले है और 10 हजार अंग्रेजी टीचर लगाए है। लेकिन, गहलोत जी ये कम है। राजस्थान के हर बच्चे को अंग्रेजी सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन देने का काम किया। उन्हें जो कष्ट होता था उसे दूर किया। इसके लिए भी मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मनरेगा स्कीम को आप शहर में लाए। इससे राजस्थान के युवाओं को फायदा हो रहा है। आपने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की। यह काबीले तारीफ है। गहलोत राज में विकास का काम अच्छा काम हो रहा है।
यात्रा में रस्सी को लेकर गहलोत सरकार की आलोचना
गहलोत भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है सरकार की तारीफ के बाद राहुल गांधी ने आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में एक रस्सी है, जिसके अंदर सारे सीनियर नेता रहते हैं। जबकी रस्सी के बाहर स्थानीय नेता और कार्यकर्ता रहते हैं। हमें इस रस्सी को तोड़ना होगा। यानी हमारे कार्यकर्ता, लोकल नेताओं की आवाज सरकार और उसके ऑफिस में सुनाई देनी चाहिए। साथ ही उससे भी जरूरी है कि राजस्थान के आम आदमी की आवाज हर सरकारी ऑफिस में सुनी जानी चाहिए।
टाटा ग्रुप करेगा बड़ी डील, निवेशको को होगा फायेदा
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आज के इस पोस्ट में आप सभी लोगों का। टाटा ग्रुप के बारे में कौन नहीं जानता जिसमें बहुत सारी कंपनियां हैं और यह भारत के उन चुनिंदा कंपनियों में से आती है जिसे हर भारतीय जानता है
टाटा कंपनी की कार और बस से आपको सड़क पर हर तरफ देखने को मिल जाती होंगी तो आप समझ सकते हैं कि इसकी पापुलैरिटी भारत में कितनी ज्यादा है
इसी पापुलैरिटी को देखते हुए आज के आर्टिकल में हम इस शेयर के बारे में बात करने वाले हैं जिसमें 15% की तेजी देखी गई है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि टाटा ग्रुप 1 बड़ी डील करने वाली है। तो चलीए जानते हैं कि यह कौन सी डील है?
बड़े इनवेस्टर ने डील के लिए दी मंजूरी: UTI AMC में 45.16 पसेंट की हिस्सेदारी संयुक्त रूप से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ है
इसके अलावा एक दूसरे बड़े इनवेस्टर से टाटा ग्रुप को मंजूरी दे दी गई है जो UTI एसेट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े हुए हैं। तो इसी प्रकार इस डील को इन बड़े इन्वेस्टर्स ने ओके बोल दिया है
यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में सिर्फ एक महीने में आया 24 % का रिटर्न: इस डील के होने के बाद UTI AMC और टाटा एसेट मैनेजमेंट कंपनी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के तौर पर भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी होगी
इसके अलावा 24% तक की तेजी पिछले 1 महीने में ही यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में दर्ज भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है की गई है। वही पिछले 6 महीनों का डाटा देखा जाए तो इसमें 39% की तेजी देखी गई है और 1 साल के दौरान इसमें 22% तक का गिरावट आया है
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी को 534 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट: UTI AMC की बात की जाए तो इसका मार्केट कैप लगभग 10733 करोड़ रुपए के आसपास है और इसे अक्टूबर 2020 में लिस्ट किया गया था
इसके अलावा आपको बता दें कि 45 परसेंट के हिस्सेदारी के लिए यूटीआई एएमसी में 4400 करोड़ रुपए टाटा ग्रुप को देने होंगे और इसके अलावा 2500 करोड़ रुपए कंपनी के मॅडेटरी ओपन ऑफर के लिए देना होगा
Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
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आरबीआई गवर्नर बोले, अगला वित्तीय संकट क्रिप्टो से होगा
बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित बीएफएसआई इनसाइट समिट 2022 में बोलते हुए, दास ने कहा कि उनका अभी भी मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि उनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है।
डिजिटल रुपये के पायलट: आरबीआई ने लंबे समय से यह माना है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी स्थिरता के लिए खतरा है और वह इसके उपयोग को वैध बनाने के खिलाफ है।
उनका मुकाबला करने के लिए, केंद्रीय बैंक ने हाल ही में अपनी खुद की डिजिटल मुद्रा, डिजिटल रुपये के पायलट लॉन्च किए।
डिजिटल रुपये के खुदरा संस्करण के लिए पायलट 1 दिसंबर को शुरू हुआ, जिसमें भाग लेने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के एक बंद उपयोगकर्ता समूह में चुनिंदा स्थान शामिल थे।
थोक संस्करण के लिए पायलट नौ बैंकों के साथ साझेदारी में एक महीने पहले 1 नवंबर को शुरू हुआ था। इस पायलट में, सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन को निपटाने के लिए डिजिटल रुपये का उपयोग किया जा रहा है।
क्रिप्टो की वार्षिक भयावहता: बढ़ती ब्याज दरों, लुप्त होती जोखिम की भूख और सैम बैंकमैन-फ्राइड के FTX सहित कॉर्पोरेट पतन के कारण बिटकॉइन ने अपने मूल्य का 60% खो दिया है और इस वर्ष व्यापक क्रिप्टो बाजार भी $1.4 ट्रिलियन तक सिकुड़ गया है।
डिजिटल एसेट मैनेजर कॉइनशेयर के आंकड़ों के मुताबिक, क्रिप्टो फंड्स ने 2022 में 498 मिलियन डॉलर का भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है शुद्ध प्रवाह देखा है, जो 2021 में 9.1 बिलियन डॉलर था।
अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करें नट्स, सी फ़ूड , अंडे और पालक , बाल होंगे घने , मज़बूत और शानदार
महंगे हेयर प्रोडक्ट्स यूज़ करने के बाद ही अगर आपके बाल रूखे और बेजान हैं तो इसका मतलब है कि कमी आपके हेयर प्रोडक्ट्स में नहीं बल्कि कमी तो आपके खान पान में है। अगर आपके बार लगातार झड़ रहे हैं मतलब है कि आप सही खाना नहीं खा रहे हैं। अच्छे खान पान से आपकी सेहत तो अच्छी रहती ही है , साथ बाल भी घने और मजबूत हो जाते हैं।
नट्स , सी फ़ूड , अंडे और पालक के फायदे:
सी फ़ूड आपके बालों के लिए बहुत अच्छा होता है और वहीं इसमें मौजूद ओमेगा 3 एसिड आपके बालों को और भी घना बना देता है। इसके साथ ही पालक भी हमारे बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्यूंकि इसमें विटामिन A होता है जिससे आपका स्कैल्प ऑयली हो जाता है और आपकी स्कैल्प ड्राई नहीं होती है। और अंडे में प्रोटीन भरपूर होता है , ये बात तो कौन नहीं जानता। तो अगर आपके बालों में प्रोटीन की कमी है तो आपके बाल अचानक से झड़ने लगते हैं , तो बेहतर होगा कि आप अपनी डेली की डाइट में अंडे शामिल कर लें जिससे आपके बाल घने और मजबूत हो जायें।
इसके अलावा बालों के अच्छे पोषण के लिए अपने आहार में नट्स शामिल करना बहुत ज़रूरी है।
इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है : भारतीय क्रिप्टो करेंसी -2022
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क्या हम क्रिप्टो करेंसी इंडिया में खरीद सकते हैं? या India की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है? आप में से कुछ लोगों के मन में ऐसे बहुत से सवाल होंगे|
इन्हीं सवालों का जवाब देने और आप को ठीक ठीक जानकारी देने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कुछ सवाल और उनके आसान जवाब |
आइए डालते हैं इन पर एक नज़र |
सबसे पहले आईये जानते हैं क्रिप्टो करेंसी है क्या?
Cryptocurrency क्या है?
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Bitcoin, Ethereum, और Tether जैसे नाम आज भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है कल काफी प्रचलित हैं और लग भग हर कोई इनसे वाकिफ है| आपने भी इन्हें हाल फिलहाल खबरों की सुर्ख़ियों या social media पर जरूर देखा होगा|
यह सभी cryptocurrencies कहलाती हैं| क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की digital currency है| इसका इस्तेमाल इन्टरनेट की मदद से दुनिया भर में लेन देन करने के लिए, कुछ भी खरीदने के लिए, और भुगतान करने के लिए किया जा सकता है|
यह एक ऐसी currency है जिसे physical फॉर्म में नहीं देखा जा सकता क्यूंकि इसे computer द्वारा blockchain टेक्नोलॉजी पर बनाया जाता है और cryptography की तकनीक से सुरक्षित किया जाता है|
यह एक decentralized currency है इसलिए इसे किसी भी सरकार या सार्वजानिक बैंक अथवा के द्वारा न तो जारी किया जा है और न ही इनका इसमें कोई हस्क्षेप होता है| बल्कि क्रिप्टो करेंसी सीधे दो पार्टियों के बीच लेने देन को मुमकिन बनाती है|
अगर आप cryptocurrencies के बारे में और गहराई से पढना चाहते हैं तो आप हमारे यह ब्लॉग पढ़ सकते हैं|
आइए अब जानते हैं सरकारी नज़रिए से भारत में क्रिप्टो करेंसी की क्या वैल्यू है|
भारत में क्रिप्टो करेंसी पर क़ानूनी नज़र I
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दुनिया भर की सरकारों ने crypto को FIAT currency की तरह क़ानूनी हैसियत नहीं दी है| हालांकि बहुत सी बड़ी कम्पनियाँ और देशों में crypto को भुगतान के लिए accept कर लिया जाता है|
क्यूंकि क्रिप्टो करेंसी decentralized होती है इसलिए इसका लेनदेन जोखिम से भरा हो सकता है इसलिए सरकारें इसे FIAT मुद्रा की तरह primary payment method नहीं स्वीकार कर सकती और इसे एक asset मानती हैं|
अगर हम भारत की बात करें तो भारत में भी शुरुआत से ही crypto को लेकर काफी चर्चा रही है और crypto निवेश में रुचि रखने भारत की क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है वाले सभी लोगों को इसके नियमित हो जाने और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने का इंतज़ार रहा है|
चलिए crypto के भारत में अब तक के सफ़र पर एक सरसरी नज़र डालते हैं|
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2010 में पहली बार crypto द्वारा खरीदी गयी पहली चीज़ की खबर के बाद से ही भारी संख्या में भारतियों ने crypto में निवेश भी किया और मुनाफा भी कमाया| लेकिन इसकी बढ़ते इस्तेमाल और अनियमित स्वभाव को देखते हुए RBI ने 2013 में चेतावनी जारी की|
जैसा की हमने देखा की क्रिप्टो करेंसी के लेन देन और transfer पर अभी भी 30% टैक्स लगता है पर crypto पूरी तरह से बैन नहीं है|
और यह भी स्पष्ट है के भारत में फिलहाल कोई भी अपनी क्रिप्टो करेंसी नहीं है बल्कि RBI ने एक digital coin जो की भारतीय मुद्रा की ही डिजिटल शकल है जारी की है| जो ठीक physical मुद्रा की ही तरह काम करेगी|
कृपया ध्यान दें कि यह वित्तीय सलाह नहीं है। शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ये केवल निजी राय है।
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