यूपीआई पर फिनटेक कंपनियों का दबदबा, बैंकों को छोटे छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत
इसके साथ ही उन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी सीबीडीसी के फायदे भी गिनाएं। यह यूजर्स के लेनदेन को निजी रखता है। साथ ही इंटरनेशनल पेमेंट सेटेलमेंट्स में भी सुविधा होती है।
नई दिल्ली। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि यह बिल्कुल गलत धारणा है कि आने वाले समय में फिनटेक कंपनियां बैंकों की जगह ले लेंगी। हालांकि बैंकों को अधिक तेजी से अपनी टेक्नोलॉजी में बदलाव करने की जरूरत है ।
इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में बैंक जल्द से जल्द अपनी टेक्नोलॉजी को बदलने में सक्षम होंगे। पीछे छूट चुके कुछ अवसरों ने बैंकों को बड़े बदलाव के लिए प्रतिबद्ध किया है। साथ छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी ही कहा कि फिनटेक कंपनियां बैंकों के लिए चुनौती नहीं बनने वाली बल्कि भविष्य में सुविधा पहुंचाने में सहायक साबित छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी होंगी।
शंकर ने इंडियन बैंक एसोसिएशन के कार्यक्रम में कहा कि आज में समय में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI)का अधिकतर कारोबार नॉन-बैंकिंग कंपनियों के पास है। यह बैंकों के हाथ से इसलिए निकल गया, क्योंकि बैंक बदलाव को समझ न सके और समय के छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी साथ निवेश नहीं किया। वहीं, बैंकों को चेतावनी भी दी कि छोटे व्यापार पर अब ध्यान केंद्रित करना होगा और अपने व्यापार को वहां तक बढ़ाना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि लोगों का निजी क्रिप्टोकरेंसी में रुचि काफी बढ़ रही थी, जिसके बाद आरबीआई ने खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया। यह रेगुलेटेड होगी और इसके साथ डिजिटल करेंसी वाले छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी सभी फायदे भी लोगों को मिलेंगे। फिलहाल अभी खुदरा बाजार और रिटेल में इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट चल रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी सीबीडीसी के फायदे भी गिनाएं। यह यूजर्स के लेनदेन को निजी रखता है। साथ ही इंटरनेशनल पेमेंट सेटेलमेंट्स में भी सुविधा होती है।
आगे कहा कि आज के समय में आधुनिक पैसा केवल बैंकों में ही रह सकता है। टेक्नोलॉजी लोगों का विश्वास जीतने और लेनदेन को किफायती बनाने में मददगार साबित होगी।
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