नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले

2023 में एसआईपी के लिए आपातकालीन फंड, आपके लिए निवेश के रास्ते

एक आदर्श इमरजेंसी फंड आपके 6 महीने के खर्च के बराबर होना चाहिए।

साल खत्म होने वाला है और हम एक हफ्ते में 2023 में कदम रखने वाले हैं। आपके पास कई योजनाओं या नए साल के संकल्पों में से एक बेहतर धन प्रबंधन और वित्तीय योजना होनी चाहिए। एक निवेशक के लिए, नया साल एक नई रणनीति बनाने और एक नया लक्ष्य निर्धारित करने का अवसर भी लाएगा। आइए हम कुछ महत्वपूर्ण निवेशों पर चर्चा करें जो आप कर सकते हैं जो 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड आपको बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा।

आइए हम आपातकालीन निधियों पर चर्चा करके शुरुआत करें। हम सभी ने कोरोना महामारी से सीखा है कि कठिन समय में नकदी को हाथ में रखना कितना महत्वपूर्ण है। 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड ऐसे मामलों में आपको एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाना चाहिए। एक आदर्श इमरजेंसी फंड आपके 6 महीने के खर्च के बराबर होना चाहिए। इसे आप लिक्विड म्यूचुअल फंड या सेविंग अकाउंट में रख सकते हैं।

दूसरा मंत्र है जल्दी निवेश शुरू करना, जिससे आप कम पैसों में एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। जब आप एसआईपी या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। इसका मतलब यह है कि आपको न केवल आपके द्वारा निवेश की गई मूल मूल राशि पर ब्याज मिलता है बल्कि उस ब्याज पर भी जो इसमें जुड़ता रहता है।

अगर आपने एसआईपी के जरिए निवेश शुरू किया है तो हर साल कदम बढ़ाना न भूलें। इससे पता चलता है कि आपको इस वर्ष की तुलना में अगले वर्ष कम से कम 10% अधिक पैसा निवेश करना चाहिए। यह आपके वेतन में वृद्धि या आय के अन्य स्रोत पर निर्भर करेगा। इसके अतिरिक्त, निवेश करना ठीक है, लेकिन यह बेहतर होगा कि आपकी रणनीति आपकी कर बचत के इर्द-गिर्द घूमती रहे। हमें सबसे पहले इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का फायदा उठाना चाहिए.

निवेश करते समय उद्देश्य सबसे महत्वपूर्ण कारक है। अगर हम एक लक्ष्य निर्धारित करके निवेश करते हैं, तो हमें पता चल जाएगा कि कितना पैसा लगाने की जरूरत है और हमारा लक्ष्य कब तक पहुंचेगा। निवेश करते समय, आपको इक्विटी के लिए 5 साल से अधिक और डेट और हाइब्रिड फंड के लिए 5 साल से कम समय का लक्ष्य रखना चाहिए।

निवेशक को केवल पैसा कमाने पर ध्यान देने के बजाय अपनी सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। इसका तात्पर्य है कि बीमा प्राप्त करना आपके लिए जरूरी है। टर्म इंश्योरेंस खरीदकर, आप अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं और किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में उन्हें किसी भी वित्तीय तनाव से राहत दिला रहे हैं।

लेखकों और पत्रकारों की एक टीम व्यक्तिगत वित्त की विशाल शर्तों को डिकोड करती है और पैसे को आपके लिए आसान बनाती है। नवीनतम आरंभिक सार्वजनिक पेशकशों से …अधिक पढ़ें

Investment in Mutual Funds : म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं? जानें सही फंड चुनने का तरीका

टाइम्स नाउ डिजिटल

किसी म्यूचुअल फंड को सेलेक्ट करते समय आपके वित्तीय लक्ष्य मायने रखते हैं। इसलिए, सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करें। आपके वित्तीय लक्ष्य या तो शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म या लांग-टर्म हो सकते हैं।

Nivesh tips : Investing in Mutual Funds? Know how to choose right fund

म्यूचुअल फंड्स आपकी मेहनत से की हुई कमाई को बढ़ाने का बहुत ही शानदार तरीका है। मार्केट में बहुत सी म्यूचुअल फंड स्कीम उपलब्ध हैं। आपके म्यूचुअल फंड निवेश में से सबसे अच्छा रिटर्न पाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सही प्रोडक्ट को चुना जाए। प्रत्येक म्यूचुअल फंड स्कीम को निवेशकों के अलग-अलग वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तय किया जाता है। इस लेख में, हम उन कुछ बातों पर विचार करेंगे जिससे सही म्यूचुअल फंड को चुनने में आपको मदद मिल सकती है।

निवेश करने से पहले अपने लक्ष्यों पर विचार करें

किसी म्यूचुअल फंड को सेलेक्ट करते समय आपके वित्तीय लक्ष्य मायने रखते हैं। इसलिए, सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करें। आपके वित्तीय लक्ष्य या तो शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म या लांग-टर्म हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप होम लोन की डाउन पेमेंट के लिए या फिर किसी दूसरे लांग-टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए फंड इकठ्ठा करना चाहते हैं, तो आप ईक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए, आप लिक्विड फंड या अल्ट्रा- शॉर्ट-टर्म फंड को चुन सकते हैं। मीडियम-टर्म लक्ष्यों के लिए, जैसे एक से तीन वर्ष के निवेश टाइमलाइन के लिए, आप जोखिम का गहन आकलन करने के बाद, शॉर्ट टर्म डेट फंड्स को चुन सकते हैं। इसलिए, म्यूचुअल फंड को चुनते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों और टाइमलाइन पर विचार करें। अलग-अलग लक्ष्यों के लिए, विभिन्न अंडरलाईंग एस्सेट क्लासेज़ (जैसे ईक्विटी, डेट, गोल्ड आदि) और एक ही एस्टेट क्लाज में प्रोडक्ट्स में एक से अधिक टाइप के म्यूचल फंड में निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं। म्यूचल फंड को चुनते समय, टाइम हॉराइजन पर भी विचार करें। हॉराइज़न, वह अवधि 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड है जिसके लिए आप म्यूचल फंड में अपना निवेश बनाए रखना चाहते हैं।

जोखिम उठाने की अपनी क्षमता का आकलन करें

म्यूचुअल फंड को चुनते समय, अपने आप से अपनी जोखिम को सहन करने की अपनी क्षमता के बारे में पूछें। जोखिम उठाने की अपनी क्षमता की पहचान करने से आपको अपनी पसंद को स्ट्रीमलाइन करने में मदद मिलेगी। क्योंकि अलग-अलग प्रकार की ज़रूरतों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के फंड्स हैं, और उन सभी में निम्न से उच्च जोखिम शामिल हैं। उदाहरण के लिए, लिक्विड फंड्स के साथ कम जोखिम जुड़े रहते हैं। जोखिम और रिटर्न एक दूसरे से सीधे तौर पर प्रोपोर्शनल होते हैं। इसलिए, निम्न जोखिम का अर्थ है, कम रिटर्न होता है, और इसके उलट भी सच होता है।

म्यूचुअल फंड का परफार्मेंस

आप चुने गए म्यूचल फंड का आकलन इसके पिछले परफार्मेंस के आधार पर कर सकते हैं। आपके लिए इस काम को आसान बनाने के लिए, विभिन्न रेटिंग एजेन्सियां जैसे CRISIL, ICRA आदि द्वारा म्यूचल फंड्स की रेटिंग की जाती है। आपको हमेशा टॉप रेटिंग वाले म्यूचल फंड को ही चुनना चाहिए। लेकिन, रेटिंग के अलावा, दूसरे महत्वपूर्ण फैक्टर्स की भी जांच कर लें जैसे फंड हाउस की रेपुटेशन, अंडरलाईंग एस्सेट्स, खर्चे का अनुपात आदि। साथ ही, यह बात भी ध्यान में रखें कि भावी रिटर्न के लिए पिछला परफार्मेंस कोई गारंटी नहीं होता है।

खर्च का अनुपात

खर्च का अनुपात वह राशि है जिसे फंड हाउस द्वारा किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम को मैनेज करने के की गई विभिन्न लागतों को निवेशकों से चार्ज किया जाता है। आमतौर पर यह, रिटर्न का प्रतिशत होता है। इसलिए, किसी फंड को चुनते समय, आपके लिए उस वैरिएंट को चुनना बेहतर होगा जिसमें कम खर्च को चार्ज किया जाता है, ताकि आप निवेश लाभ को अधिक से अधिक कर सकें।

टैक्स इम्प्लिकेशन

निवेश रिटर्न की गणना हमेशा टैक्स लाएबिलिटी के संदर्भ में की जानी चाहिए। टैक्स रेट, म्यूचल फंड की श्रेणी और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, किसी ईक्विटी म्यूचल फंड में एक वर्ष से अधिक के लिए किए गए निवेश को लांग-टर्म माना जाता है। ईक्विटी म्यूचल फंड में शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (एसटीसीजी) पर 15% की दर से टैक्स लगाया जाता है। लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) के लिए किसी एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपए की राशि की छूट दी जाती है और 1 लाख रूपये से अधिक के रिटर्न के लिए 10% की दर से टैक्स लगाया जाता है। डेट फंड्स के लिए, एसटीसीजी के लिए टैक्स रेट निवेशक पर लागू 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड होने वाले स्लैब रेट से लगाया जाता है और इन्डेक्सेशन लाभ के साथ एलटीसीजी पर 20% की दर से कर लगाया जाता है।

निष्कर्ष

म्यूचुअल फंड में सफलतापूर्वक निवेश की कुंजी ऑप्टिमल डायवर्सिफिकेशन और स्टेग्गर्ड निवेश करने से जुड़ी है ताकि निवेश से जुड़े जोखिम को प्रभावी रूप से मैनेज किया जा सके और वांछित रिटर्न प्राप्त किए जा सकें। किसी सिंगल एस्सेट क्लास में इसलिए निवेश न करें क्योंकि इसका परफार्मेंस अच्छा है। आपको अपने निवेश को डायवर्सीफाई करना चाहिए ताकि इससे आपको अपने शॉर्ट टर्म से लांग टर्म वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सके।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

Anil Ambani news: अनिल अंबानी की कंपनी में फिर फंस सकता है पेच, हिंदूजा ने बढ़ाई बोली

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले

नई दिल्ली:

भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी (Annil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) एक बार फिर मुश्किल में फंस सकती है। यह कंपनी बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग से गुजर रही है। इसके लिए टॉरेंट ग्रुप (Torrent Group) ने 8640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। लेकिन अब हिंदूजा ग्रुप (Hinduja Group) ने अपने ऑफर को बढ़ाने की अनुमति मांगी है। यह ग्रुप टॉरेंट से 900 करोड़ रुपये ज्यादा की पेशकश करना चाहता है। लेकिन अहमदाबाद की कंपनी टॉरेंट ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि हिंदूजा ग्रुप को ऑफर की राशि बढ़ाने की अनुमति देना गैरकानूनी होगा और वह इसके खिलाफ अदालत जा सकती है। बुधवार को नीलामी के बाद टॉरेंट ग्रुप ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी जबकि हिंदूजा ग्रुप की बोली 8,110 करोड़ रुपये की थी।

इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक हिंदूजा ग्रुप के कदम से रेजॉल्यूशन प्रोसेस में देरी होगी। एलआईसी (LIC) और ईपीएफओ (EPFO) की अगुवाई वाली कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ज्यादा कीमत पाने के लिए बेताब होगी ताकि उसका घाटा कम से कम हो। इस बीच टॉरेंट ग्रुप ने चेतावनी दी है कि अगर क्रेडिटर्स ने उसका ऑफर नहीं माना तो वह अदालत का रुख कर सकता है। पिछले कुछ हफ्तों में रिलायंस कैपिटल के लिए ऑफर लगभग दोगुना हो चुका है। नवंबर में पहले दौर की बिडिंग में नवंबर में पीरामल-कॉस्मी (Piramal-Cosmea) ने 5,231 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। चैलेंजर्स राउंड में टॉरेंट ग्रुप की बोली सबसे बड़ी रही। हालांकि यह अब भी रिलायंस कैपिटल की लिक्विडेशन वैल्यू (13,000 करोड़ रुपये) से कम है।

एलआईसी का सबसे ज्यादा कर्ज

रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (insolvancy proceeding) शुरू की थी। सेंट्रल बैंक ने नागेश्वर राव को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया था। राव ने बोलीकर्ताओं को पूरी कंपनी या अलग-अलग कंपनियों के लिए बोली लगाने का विकल्प दिया था। रिलायंस कैपिटल के लिए बोली लगाने के लिए 29 अगस्त तक का समय दिया गया था।

एडमिनिस्ट्रेटर ने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 23,666 करोड़ रुपये के दावों को वेरिफाई किया है। एलआईसी ने 3400 करोड़ रुपये का दावा किया है। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है। अनिल अंबानी की कई दूसरी कंपनियों पर भी भारी कर्ज है और वे इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के दौर से गुजर रही हैं। फोर्ब्स इडिया की 2007 में प्रकाशित रिपोर्ट के 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड अनुसार अनिल अंबानी नेटवर्थ 45 बिलियन अरब डॉलर थी और उस समय वह देश के तीसरे सबसे बड़े रईस थे। लेकिन आज उनकी नेटवर्थ जीरो है।

What is Mutual Fund in Hindi | म्युचुअल फंड क्या है, जानिए इसके फायदे व नुकसान

What is Mutual Fund: ज़्यादातर लोगों को म्यूच्यूअल फंड्स डरावने लग सकते हैं। हम आपको इस पोस्ट में बिलकुल बेसिक स्तर पर इसे सरल और स्पष्ट 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे। असल में बहुत सारे निवेशकों के द्वारा जो धनराशी इक्कठी की जाती है उसी से म्यूच्यूअल फंड की सृष्टि होती है। इस फंड के मैनेजमेंट के लिए फंड मेनेजर नियुक्त किए जाते हैं।

What is Mutual Fund

Table of Contents

What is Mutual Fund?

म्युचुअल फंड एक ऐसा ट्रस्ट है जो बड़ी संख्या में ऐसे निवेशकों की धनराशि एकत्रित करता है, जिन निवेशकों का उद्देश्य एक जैसा होता है। उसके बाद विभिन्न विकल्पों जैसे इक्विटी, बांड, मुद्रा बाज़ार के साधनों, और अन्य सिक्योरिटीज में ये राशि निवेश की जाती है। हर निवेशक इकाइओं का एक मालिक होता है जो फंड के माल्कियत के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सामूहिक निवेश से जो लाभ उत्पन्न होता है, उसे सही अनुपात में निवेशकों में बांटा जाता है।

स्कीम के ‘नेट एसेट वैल्यू’ या NAV कैलकुलेशन के पश्चात कुछ खर्चे उस राशि में से घटा भी लिए जाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो एक आम आदमी के लिए म्यूच्यूअल फंड सबसे उत्तम विकल्प है जो उसे विभिन्न प्रकार के, व्यावसायिक द्वारा प्रबंधित सिक्योरिटियों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, और जिसकी लागत भी अपेक्षाकृत कम होती है।

म्युचुअल फंड्स के प्रकार के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।

म्युचुअल फंड्स में निवेश के क्या फायदे हैं?

हममें से अधिकांश लोग Investment के नाम से ही घबरा जाते हैं। व्यवसायिक फंड प्रबंधक कंपनी के साथ ये सुविधा होती है कि वे शिक्षा, अनुभव और कौशल के आधार पर विभिन्न कार्यों के लिए उचित व्यक्तियों को कार्यभार सौंप देते है। एक निवेशक की हैसियत से, आप खुद अपनी पूँजी निवेश कर सकते हैं या किसी व्यावसायिक फर्म की मदद ले सकते हैं। आप दूसरा विकल्प तब लेते हैं जब:

  1. आप स्वयं इस कार्य को श्रेष्ठ रूप से करने में असमर्थ हैं – हममें से अधिकांश लोग अपने आयकर रिटर्न के लिए किसी पेशेवर की सेवाएं लेते हैं या अपने मकान के लिए हममें से अधिकाँश किसी आर्किटेक्ट की सेवाएं लेते हैं।
  2. आपके पास वक़्त और रूचि, दोनों की कमी है| बहुत कुछ वैसे जैसे आप गाड़ी चलाना जानते हुए भी ड्राईवर नियुक्त करते हैं।
  3. जब स्वयं न कर किसी पेशेवर की सेवाएं लेते हैं, आप संभावित रूप से बचत करते हैं। जिस प्रकार आप स्वयं अपना वाहन चलाकर कहीं जाएँ जो रेल यात्रा के अपेक्षाकृत ज्यादा महंगा पड़ता है।
  4. आप अपना वक़्त अपने पसंदीदा क्रियाकलापों में लगा सकते हैं।

व्यावसायिक फंड प्रबंधन म्यूच्यूअल फंड्स का सबसे बढ़िया फायदा है। इन फायदों के रहते, कोई कारण ही नहीं कि आप किसी अन्य निवेश की और उन्मुख हों।

म्यूच्यूअल फंड्स में कब निवेश प्रारम्भ करना चाहिए?

एक बड़ी खूबसूरत चीनी कहावत है, ‘पेड़ लगाने का सबसे बढ़िया वक़्त 20 साल पहले था, दूसरा वक़्त आज है‘|

किसी के पास कोई कारण ही नहीं है कि वो निवेश करने में देरी करे सिवा इसके कि उसके पास निवेश हेतु पर्याप्त धन नहीं है। इसके अंतर्गत, बेहतर है कि म्यूच्यूअल फंड्स का इस्तेमाल हो बजाय कि अपने आप कर लिया जाए।

निवेश की कोई न्यूनतम आयु नहीं होती। जिस क्षण व्यक्ति कमाने और बचत करने लगता है, म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश आरम्भ हो सकता है। बच्चे भी अपना निवेश खाता म्यूच्यूअल फंड के साथ खोल सकते हैं, उन पैसों से जो उन्हें कभी – कभार उपहार स्वरुप अपने जन्म दिन या त्यौहारों पर मिलते हैं। इसी तरह, म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश हेतु निवेशक के उम्र की कोई ऊपरी सीमा भी नहीं है।

अलग प्रयोजनों के हिसाब से म्यूच्यूअल फंड्स के पास अलग-अलग योजनायें हैं। कुछ लंबी अवधि पर होने वाली वृद्धि के लिए अनुकूल हैं तो कुछ ऐसी योजनायें उन लोगों के लिए हैं जिन्हें नियमित आय की सुरक्षा दरकार है, और कुछ ऐसी हैं जो छोटी अवधि में भी लिक्विडिटी प्रदान करती हैं|

गौर तलब है, आप उम्र के जो भी पड़ाव में हैं या आप की जो भी ज़रूरतें हैं, म्यूच्यूअल फंड्स के पास सबका हल मिल सकता है|

क्या सभी म्यूचुअल फंड जोखिम भरे हैं?

हमारे प्रत्येक निवेश में जोखिम शामिल है केवल प्रकृति व डिग्री का अंतर है। यही चीज म्यूचुअल फंड पर भी लागू होती है। जब निवेश पर लाभ की बात होती है, सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं में समान जोखिम नहीं होते हैं।

इक्विटी योजनाओं में भी लंबी अवधि में बेहतर लाभ देने की संभावना होती है,जिससे संपत्ति का निर्माण हो सकता है। याद रखिए, मुद्रास्फीति एक जोखिम है और मुद्रास्फीति (Inflation) को हराने के लिए इक्विटी सर्वश्रेष्ठ वर्ग है। और एक तरह से, कुछ जोखिम ऐसे हैं, जिनको लिया जा सकता है

दूसरी ओर, लिक्विड फंड से जुड़े जोखिम, इक्विटी फंड की तुलना में महत्वपूर्ण रूप से कम होते हैं। कम जोखिम लेते हुए और लिए गए जोखिम के अनुसार लाभ पैदा करते हुए लिक्विड फंड पूंजी की सुरक्षा पर फोकस करते हैं।

यह भी याद रखने वाली बात है कि लाभ का जोखिम, विचार करने वाला एकमात्र जोखिम नहीं है। कुछ अन्य जोखिम भी हैं – जैसे लिक्विडिटी का जोखिम। लिक्विडिटी जोखिम आपके निवेश को नगद में बदलने की आसानी को मापता है। म्यूचुअल फंड में जोखिम न्यूनतम है।

अंत में, जोखिम की प्रकृति और सीमा को, योजना की सही समझ व मूल्यांकन की सहायता से, म्यूचुअल फंड वितरक या किसी निवेश सलाहकार का मार्गदर्शन लेकर बेहतरीन तरीके से समझा जा सकता है।

Investment Tips : नए साल से निवेश में आजमाना चाहते हैं हाथ! इन फॉर्मूलों से करें अपने सफर की शुरुआत

Investment Tips : साल 2022 बीतने में अब सिर्फ 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड एक सप्‍ताह का समय बचा है. 2023 न सिर्फ नया साल लेकर आएगा, बल्कि कई नई चीजों की शुरुआत का भी बेहतर मौका होगा. एक निवेशक के लिए नया साल नई रणनीति और नया लक्ष्‍य बनाने का भी अवसर लेकर आएगा. ऐसे में अगर कोई नए साल से निवेश की शुरुआत करना चाहता है तो उसे यह सफर कैसे तय करना चाहिए. इसके लिए हम कुछ सटीक फॉर्मूला बता रहे हैं, जो आपको एक कामयाब निवेशक बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.

Investment Tips : नए साल से निवेश में आजमाना चाहते हैं हाथ! इन फॉर्मूलों से करें अपने सफर की शुरुआत

सबसे पहले हम बात करते हैं इमरजेंसी फंड की. कोरोना महामारी ने हमें यह सब अच्‍छी तरह से दे दिया 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड है कि मुसीबत के समय हाथ में पैसे होना कितना जरूरी है. ऐसे में आपको आपात फंड जरूर बनाना चाहिए. एक आदर्श आपात फंड आपके 6 महीने के खर्चे के बराबर धनराशि होनी चाहिए. इसे आप बचत खाते या लिक्विड म्‍यूचुअल फंड में रख सकते हैं. दूसरा मंत्र है निवेश की जल्‍द शुरुआत, जो आपको कम पैसों में भी बड़ा फंड बनाने का मौका देता है. दरअसल, जब आप सिप या म्‍यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. यानी अगर आप जनवरी, 2023 में इसकी शुरुआत करते हैं तो जितना लंबा समय आप अपने 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड निवेश के साथ बिताएंगे, उतना ही मोटा फंड बनेगा. आपने सिप के जरिये निवेश की शुरुआत कर दी है तो हर साल स्‍टेप अप करना मत भूलिए. इसका मतलब है कि इस साल आपने जितने पैसों का निवेश किया है, अगले साल उससे कम से कम 10 फीसदी ज्‍यादा रकम का निवेश कीजिए. यह आपकी सैलरी में होने वाली वृद्धि या अतिरिक्‍त कमाई पर निर्भर करता है. निवेश करना तो ठीक बात है, लेकिन इसकी रणनीति आपके टैक्‍स बचत के इर्द-गिर्द हो तो ज्‍यादा बेहतर रहेगा. हमें सबसे पहले आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की टैक्‍स छूट का लाभ उठाना चाहिए. सिर्फ इस निवेश से ही हाई ब्रेकेट वाले टैक्‍सपेयर्स को 45 हजार रुपये की बचत हो जाएगी. एक निवेशक के लिए अपने इमोशन पर काबू रखना सबसे जरूरी फैक्‍टर होता है. यहां इमोशन का मतलब लालच और डर से है. अगर आप बाजार में निवेश करते समय लालच के फेर में आएंगे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, डर के मारे अगर आपने जल्‍दबाजी में शेयर बेच दिए तो भी आपको नुकसान हो सकता है. निवेश करते समय सबसे जरूरी चीज होती है लक्ष्‍य. हम अगर लक्ष्‍य बनाकर निवेश करते हैं तो 2023 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लिक्विड फंड हमें पता होता है कि कितनी रकम लगानी होगी और कितने समय में हमारा लक्ष्‍य पूरा हो जाएगा. आपको डेट और हाइब्रिड फंड के लिए 5 साल से कम का और इक्विटी के लिए 5 साल से अधिक का लक्ष्‍य बनाकर निवेश करना चाहिए. एक निवेशक को सिर्फ पैसे बनाने पर जोर देने के बजाए अपनी सुरक्षा पर भी ध्‍यान देना चाहिए. मतलब ये है कि आपको अपना बीमा कराना जरूरी है. टर्म बीमा लेने से न सिर्फ आपका परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा, बल्कि किसी अनहोनी की स्थिति में उन पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें jharkhabar.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट jharkhabar.com हिंदी| Tags: Business news in hindi, Investment tips, Life Insurance, Returns of mutual fund SIPs, Share marketFIRST PUBLISHED : December 22, 2022, 15:17 IST
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed

रेटिंग: 4.46
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 255