क्रिप्टोकरंसी में पैसा लगाया है तो जानिए कितना देना होगा टैक्स, नहीं चुकाने पर क्या होगा

भारत में क्रिप्टोकरंसी वैध नहीं है, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि इसका ट्रांजेक्शन अवैध है. इसलिए इनकम टैक्स फाइल करते वक्त उसमें क्रिप्टोकरंसी का जिक्र जरूर करें. इनकम टैक्स फाइल करते वक्त यह बताएं कि क्रिप्टो से होने वाली कमाई बिजनेस है या किसी एसेट क्लास बिजनेस में आती है.

क्रिप्टोकरंसी में पैसा लगाया है तो जानिए कितना देना होगा टैक्स, नहीं चुकाने पर क्या होगा

बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी में लोग खूब पैसा लगा रहे हैं. हाल के दिनों में बिटकॉइन के दाम भले गिरे हों, लेकिन शुरुआती दौर से देखें तो एक क्रिप्टोकरंसी कहां से कहां पहुंच गई है. कुछ रुपये में खरीदी गई क्रिप्टोकरंसी आज लाखों में है. बिटकॉइन, इथीरियम या डोजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को बेच-खरीद कर लोग अच्छा पैसा बना रहे हैं. जब यह कमाई का साधन है और इससे मुनाफा कमा रहे हैं, तो टैक्स भी चुकाना होगा. अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है.

टैक्स से पहले यह जान लेते हैं कि क्रिप्टोकरंसी से जुड़े नियम क्या हैं. जैसा कि आपको पता है, शुरू में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग को अवैध बताया था. ऐसे में सवाल उठा कि जो चीज अवैध है, उस पर टैक्स कैसे. लेकिन बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और देश की सर्वोच्च अदालत ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग पर से रोक हटा ली. अभी हाल में रिजर्व बैंक की बातों से भी लगा कि भविष्य में उसका रुख नरम हो सकता है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है और जबतक सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिलती है, तब तक दुविधा वाली स्थिति रहेगी. लेकिन अभी यह मान कर चलें कि जब तक आदेश जारी न हो, तब तक किसी भी क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग अवैध नहीं है बल्कि वैध है. इस सूरत में बिटकॉइन आदि पर होने वाली कमाई पर टैक्स चुकाना होगा.

टैक्स देना है या नहीं, कैसे तय करें

क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर कितना टैक्स देना होगा, अभी इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है. इनकम टैक्स विभाग ने अब तक कोई निर्देश जारी नहीं किया है कि कमाई के लिहाज से टैक्स चुकाना होगा या नहीं. अगर टैक्स चुकाना है तो उसकी क्या मात्रा होगी. इसका अर्थ यह नहीं होता कि बिटकॉइन रखने वाले लोग आजाद हैं और वे कमाई करते रहें और टैक्स नहीं चुकाना होगा. टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत में कोई भी इनकम का जरिया टैक्स के दायरे में आता है, भले ही वह क्रिप्टोकरंसी क्यों न हो. क्रिप्टोकरंसी की खरीद-बिक्री भी एक तरह का निवेश है, इसलिए टैक्स की क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा? देनदारी इस पर भी बनेगी.

कितना देना होगा टैक्स

टैक्स कितना चुकाना चाहिए, इसके लिए बिटकॉइन रखने वाले लोगों को टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए. निवेश किस तरह का है, यह जानकर टैक्स चुका सकते हैं. टैक्स इस बात पर निर्भर करेगा कि क्रिप्टोकरंसी किसी करंसी के रूप में ली गई है या एसेट के रूप में. क्रिप्टोकरंसी बेचने पर अगर कमाई हो रही है तो इसमें बिजनेस इनकम के तौर पर टैक्स की देनदारी बनेगी. बिटकॉइन की ट्रेडिंग धड़ल्ले से करते हैं तो बिजनेस इनकम मानकर टैक्स चुकाना होगा. अगर उसे निवेश के तौर पर लेते हैं और रोक कर रखते हैं तो कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स देना होगा. जानकार बताते हैं कि जब तक टैक्स विभाग की तरफ से कोई निर्देश नहीं आता, तब तक क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वाले लोगों को 30 परसेंट के हिसाब से टैक्स चुकाना चाहिए.

क्या है ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’

बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव इनकम मान सकते हैं या ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ कह सकते हैं. इस लिहाज से क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले लोग खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, उन्हें लगता है कि आयकर विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ करना चाहिए तो उनके लिए 30 परसेंट का टैक्स चुकाना सही विकल्प होगा. यह ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ के तहत माना जाएगा. अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरंसी में निवेश को 3 साल के अंदर भुना लेता है, तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आएगा और इस पर इसी हिसाब से टैक्स चुकाना चाहिए. अगर 3 साल के बाद क्रिप्टोकरंसी को बेचकर मुनाफा कमाया जाता है तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आएगा और इस पर 20 परसेंट का टैक्स लग सकता है.

टैक्स चुकाएं और निश्चिंत रहें

भारत में क्रिप्टोकरंसी वैध नहीं है, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि इसका ट्रांजेक्शन अवैध है. इसलिए इनकम टैक्स फाइल करते वक्त उसमें क्रिप्टोकरंसी का जिक्र जरूर करें. इनकम टैक्स फाइल करते वक्त यह बताएं कि क्रिप्टो से होने वाली कमाई बिजनेस है या किसी एसेट क्लास बिजनेस में आती है. सबसे आसान तरीका है कि उसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ में बता दें. इस कैटगरी में जो टैक्स बनता है उसे चुका दें और निश्चिंत रहें.

Crypto Tax: क्रिप्टो में गिफ्ट लेने या देने से पहले एक बार सोच लें, हर ट्रांजैक्शन पर इतना देना होगा टैक्स

Crypto Tax: क्रिप्टो में अगर कोई व्यक्ति गिफ्ट लेता है तो क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा? उसे 30 परसेंट टैक्स देना होगा. यानी देने वाले को नहीं बल्कि क्रिप्टो लेने वाले व्यक्ति को 30 परसेंट टैक्स देना होगा. उदाहरण के लिए, रमेश ने मुकेश को क्रिप्टो गिफ्ट में 1000 रुपये ट्रांसफर किए तो टैक्स कटने के बाद मुकेश के हाथ में 700 रुपये ही आएंगे.

Crypto Tax: क्रिप्टो में गिफ्ट लेने या देने से पहले एक बार सोच लें, हर ट्रांजैक्शन पर इतना देना होगा टैक्स

संसद में 2 फरवरी को पेश आम बजट में क्रिप्टो संपत्ति (Crypto asset) से होने वाली कमाई पर टैक्स का नियम लगाया गया है. बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट कर दिया कि क्रिप्टो पर टैक्स लगेगा. क्रिप्टोकरंसी रखने वाले और क्रिप्टो का बिजनेस करने वाले लोग बहुत पहले से टैक्स (Crypto Tax) के नियमों का इंतजार कर रहे थे. सरकार ने कहा है कि क्रिप्टो के लेनदेन (Crypto Transaction) पर 30 परसेंट का टैक्स लगेगा. क्रिप्टो पर टैक्स लगने से यह नई संपत्ति (एसेट) के मुख्यधारा में आने का रास्ता साफ हो गया है. भारत में क्रिप्टो एसेट का दायरा बहुत बड़ा है करोड़ों रुपये का निवेश (Crypto investment in india) हुआ है.

भारत में लगभग 6 अरब डॉलर के क्रिप्टो एसेट का निवेश हुआ है. टैक्स के इस फैसले से पता चलता है कि सरकार क्रिप्टो को लेकर ‘बिजनेस फ्रेंडली’ रुख अपना चाहती है. इस फैसले से उपभोक्ताओं के साथ सरकारी खजाने को भी फायदा होगा. आइए जानते हैं कि आम बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेज (VDA) पर टैक्स के नियम में क्या कहा गया है.

क्रिप्टो पर कैसे और कितना लगेगा टैक्स

क्रिप्टो के निवेश से होने वाली कमाई चाहे वह शॉर्ट टर्म में हो या लॉन्ग टर्म में, उस पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. इसमें क्रिप्टोकरंसी और नॉन फंजीबल टोकन या NFT को शामिल किया गया है. इसका अर्थ हुआ कि अगर क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से 1 लाख रुपये की कमाई होती है तो उस राशि पर 30 परसेंट का टैक्स (Crypto Tax) लगेगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं. आपका टैक्स स्लैब कुछ भी हो, लेकिन क्रिप्टो से कमाई करते हैं तो उसका 30 परसेंट टैक्स देना होगा.

क्रिप्टोकरंसी में निवेश पर अगर यूजर को घाटा होता है, तो उस घाटे को सेट ऑफ नहीं कर सकते. क्रिप्टो से होने वाले फायदे के साथ घाटे को सेट ऑफ नहीं कर सकते. क्रिप्टो एसेट पर कोई डिडक्शन नहीं दिया जाएगा. हालांकि क्रिप्टो के ‘कॉस्ट ऑफ एक्वीजिशन’ पर डिडक्शन दिया जाएगा. एक्वीजिशन कॉस्ट में एक्सचेंज की ट्रेडिंग फी और फिएट डिपॉजिट फीस आएगी. डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर होने वाले प्रॉफिट में कॉस्ट ऑफ एक्वीजिशन को घटा दें और इसे 30 परसेंट के साथ भाग दें. जो रिजल्ट आएगा उतना आपको क्रिप्टो पर कुल टैक्स बनेगा. इसके अलावा क्रिप्टो में पेमेंट किया जाता है तो एक्सचेंज सभी पेमेंट पर 1 परसेंट टीडीएस काटेंगे.

क्रिप्टो गिफ्ट पर टैक्स

क्रिप्टो में अगर कोई व्यक्ति गिफ्ट लेता है तो उसे 30 परसेंट टैक्स देना होगा. यानी देने वाले को नहीं बल्कि क्रिप्टो लेने वाले व्यक्ति को 30 परसेंट टैक्स देना होगा. उदाहरण के लिए, रमेश ने मुकेश को क्रिप्टो गिफ्ट में 1000 रुपये ट्रांसफर किए तो टैक्स (Crypto Tax) कटने के बाद मुकेश के हाथ में 700 रुपये ही आएंगे.

बजट में साफ बताया गया है कि अगर आप प्रॉफिट के लिए क्रिप्टो बेचते हैं और उस पैसे को बैंक में ट्रांसफर करते हैं तो उस पर 30 परसेंट का टैक्स लगेगा. क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में कोई भी पेमेंट ट्रांसफर किया जाता है तो उस पर 1 परसेंट टीडीएस लगेगा. बजट से स्पष्ट हो गया कि क्रिप्टो रखना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन उस पर टैक्स नहीं देना या टैक्स चोरी करना भारी गुनाह होगा. इसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी.

1 जुलाई से बदल रहा है क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा? ये जरूरी नियम: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों को जबरदस्त झटका

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। 1 जुलाई से क्रिप्टो में ट्रेडिंग करना आपको महंगा पड़ सकता है। दरअसल, 1 जुलाई, 2022 से Crypto निवेशकों को बड़ा झटका लगने वाला है।

1 जुलाई से बदल रहा है ये जरूरी नियम: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों को जबरदस्त झटका

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। 1 जुलाई से क्रिप्टो में ट्रेडिंग करना आपको महंगा पड़ सकता है। दरअसल, 1 जुलाई, 2022 से Cryptocurrency के निवेशकों को बड़ा झटका लगने वाला है। अगले महीने से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) का भुगतान करना होगा, फिर चाहे आपको मुनाफे में हो या न हो।

30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला
आपको बता दें नए नियमों के अनुसार अब क्रिप्टोकरेंसी से की गई पर 30% टैक्स लग रहा है। मान लीजिए आपने 15 हजार रुपये का निवेश क्रिप्टोकरेंसी में किया है। कुछ साल बाद उसकी कीमत 45 हजार रुपये हो गई। ऐसे में आपको इस पर की गई कमाई यानी 30 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। साथ ही अब 1 जुलाई से क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा। बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा।

क्या है नियम?
बता दें कि आयकर नियमों में संशोधन किया गया है। यह टीडीएस प्रावधान आयकर अधिनियम, धारा 194एस में जोड़े गए एक नए प्रावधान के तहत लागू किया गया है। नए नियमों के अनुसार, धारा 194S के तहत कटौती की गई किसी भी राशि का भुगतान केंद्र सरकार को उस महीने के अंत से 30 दिनों के भीतर किया जाना है जिसमें कटौती की गई है। साथ ही, इसे इसी अवधि के भीतर बुधवार को अधिसूचित एक नए फॉर्म 26QE में रिपोर्ट करना होगा।

Tax On Crypto: क्या है सरकार का क्रिप्टोकरेंसी से आय पर 30% टैक्स का फार्मूला, विशेषज्ञों से जानें पूरी कैलकुलेशन

30 Percent Tax On Income From Cryptocurrency: मंगलवार को बजट 2022 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने वर्चुअल करेंसी या डिजिटल असेट से होने कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया। इसके साथ ही वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर 1 फीसदी की दर से टीडीएस काटने की भी घोषणा की है।

क्रिप्टो से आय पर टैक्स, कटेगा टीडीएस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश का आम बजट पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा एलान किया। इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा। इसके साथ ही वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर 1 फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा। सरकार के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी उपहार के तौर पर देने पर भी यह कीमती उपहार लेने वाले को भी 30 फीसदी टैक्स भरना होगा। आखिर क्या है सरकार का फार्मूला, किस तरह भरना होगा टैक्स और कितना कटेगा टीडीएस। आइए जानते हैं इसे आसान शब्दों में समझाने के लिए क्रिप्टो विशेषज्ञ हनीफ शेख ने क्या कैलकुलेशन बताया।

क्रिप्टो से आय का इतना हिस्सा कटेगा
वित्त मंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी शब्द का इस्तेमाल कहीं नहीं किया, लेकिन वर्चुअल करेंसी और डिजिटल असेट पर हुए एलान से उनका इशारा इसी ओर माना जा रहा है। वित्त मंत्री ने वर्चुअल करेंसी या डिजिटल असेट से होने कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया। इसको लेकर अपसोशल नेटवर्क के सीईओ और क्रिप्टो विशेषज्ञ हनीफ शेख का कहना है कि मान लीजिए आपने क्रिप्टोकरेंसी में 1 लाख रुपये का निवेश किया, इस निवेश के बाद आपको 50 हजार रुपये का फायदा हुआ, तो सरकार टैक्स के रूप में इस 50 हजार रुपये के मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स काटेगी यानी क्रिप्टो से आपको हुई इस कमाई में से 15000 रुपये सरकार के खाते में जाएंगे।

उपहार में लेने वाले पर लगेगा टैक्स
इसके अलावा वित्त मंत्री ने एसी संपत्ति को उपहार में देने के मामले में भी भारी-भरकम 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा अपने बजट भाषण में की है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर आप किसी को 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार स्वरूप देते हैं, तो जिसे आप ये कीमती उपहार दे रहे हैं यानी इसे पाने वाले पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लागू होगा। आप 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार में देंगे तो ऐसे में उसे इसका 30 फीसदी या 30,000 रुपये सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा। स्पोर्ट्जचैन के फाउंडर सिद्धार्थ जैसवाल का कहना है कि क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला जरूर है लेकिन भारत के क्रिप्टो निवेशक इसे सरकार का एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। यह कदम अंततः निवेशकों को इस जोखिम भरे क्रिप्टो बाजार में अपना पैसा लगाने का निर्णय लेते समय दो बार सोचने के लिए मजबूर करेगा।

1 फीसदी टीडीएस का कैलकुलेशन
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यह दरअसल इनकम टैक्स का ही एक हिस्सा है। सरकार की घोषणा की बात करें तो किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर आपको 1 फीसदी का टीडीएस भरना होगा। आसान भाषा में समझें तो अगर आपने 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन किया तो इस लेन-देन की रकम आपके खाते में आने पर उससे 1 फीसदी टीडीएस के तौर पर काट लिए जाएंगे। टीडीएस कटने से सरकार को आपके खाते से किए गए क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा मिल जाएगा। मतलब एक प्रकार से टीडीएस दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर नजर रखने के लिए लगाया गया है।

विस्तार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश का आम बजट पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा एलान किया। इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा। इसके साथ ही वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर 1 फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा। सरकार के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी उपहार के तौर पर देने पर भी यह कीमती उपहार लेने वाले को भी 30 फीसदी टैक्स भरना होगा। आखिर क्या है सरकार का फार्मूला, किस तरह भरना होगा टैक्स और कितना कटेगा टीडीएस। आइए जानते हैं इसे आसान शब्दों में समझाने के लिए क्रिप्टो विशेषज्ञ हनीफ शेख ने क्या कैलकुलेशन बताया।

क्रिप्टो से आय का इतना हिस्सा कटेगा
वित्त मंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी शब्द का इस्तेमाल कहीं नहीं किया, लेकिन वर्चुअल करेंसी और डिजिटल असेट पर हुए एलान से उनका इशारा इसी ओर माना जा रहा है। वित्त मंत्री ने वर्चुअल करेंसी या डिजिटल असेट से होने कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया। इसको लेकर अपसोशल नेटवर्क के सीईओ और क्रिप्टो विशेषज्ञ हनीफ शेख का कहना है कि मान लीजिए आपने क्रिप्टोकरेंसी में 1 लाख रुपये का निवेश किया, इस निवेश के बाद आपको 50 हजार रुपये का फायदा हुआ, तो सरकार टैक्स के रूप में इस 50 हजार रुपये के मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स काटेगी यानी क्रिप्टो से आपको हुई इस कमाई में से 15000 रुपये सरकार के खाते में जाएंगे।

उपहार में लेने वाले पर लगेगा टैक्स
इसके अलावा वित्त मंत्री ने एसी संपत्ति को उपहार में देने के मामले में भी भारी-भरकम 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा अपने बजट भाषण में की है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर आप किसी को 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार स्वरूप देते हैं, तो जिसे आप ये कीमती उपहार दे रहे हैं यानी इसे पाने वाले पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लागू होगा। आप 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार में देंगे तो ऐसे में उसे इसका 30 फीसदी या 30,000 रुपये सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा। स्पोर्ट्जचैन के फाउंडर सिद्धार्थ जैसवाल का कहना है कि क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला जरूर है लेकिन भारत के क्रिप्टो निवेशक इसे सरकार का एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। यह कदम अंततः निवेशकों को इस जोखिम भरे क्रिप्टो बाजार में अपना पैसा लगाने का निर्णय लेते समय दो बार सोचने के लिए मजबूर करेगा।

1 फीसदी टीडीएस का कैलकुलेशन
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यह दरअसल इनकम टैक्स का ही एक हिस्सा है। सरकार की घोषणा की बात करें तो किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर आपको 1 फीसदी का टीडीएस भरना होगा। आसान भाषा में समझें तो अगर आपने 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन किया तो इस लेन-देन की रकम आपके खाते में आने पर उससे 1 फीसदी टीडीएस के तौर पर काट लिए जाएंगे। टीडीएस कटने से सरकार को आपके खाते से किए गए क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा मिल जाएगा। मतलब एक प्रकार से टीडीएस दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर नजर रखने के लिए लगाया गया है।

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