आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए

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निवेश करने वालों को मिलने वाला है नया ऑप्शन, जानें आपका क्यों लगाना चाहिए पैसा

केंद्र सरकार ने भारत के पहले कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की चौथी किस्त 2 दिसंबर को जारी कर दी है. लेटेस्ट भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2023 में मैच्योर हो रहा है.

निवेश करने वालों को मिलने वाला है नया ऑप्शन, जानें आपका क्यों लगाना चाहिए पैसा

केंद्र सरकार ने भारत के पहले कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की चौथी किस्त 2 दिसंबर को जारी कर दी है.

केंद्र सरकार ने भारत के पहले कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की चौथी किस्त 2 दिसंबर को जारी कर दी है. लेटेस्ट भारत बॉन्ड ईटीएफ अप्रैल 2023 में मैच्योर हो रहा है. इन नए ईटीएफ में सब्सक्रिप्शन की इजाजत 8 दिसंबर तक होगी. Edelweiss AMC भारत बॉन्ड ईटीएफ को मैनेज कर रहा है. 2019 से, सरकार ने भारत बॉन्ड ईटीएफ की सीरीज लॉन्च की है. सरकार को इसके लिए मजबूत डिमांड देखने को मिली है. क्योंकि इनमें कई फायदे मिलते हैं. आइए ऐसी पांच वजहों को जान लेते हैं, जिन्हें पढ़कर आप चौथी किस्त को सब्सक्राइब करना चाहेंगे.

ज्यादा रिटर्न

भारत बॉन्ड ईटीएफ में ग्रॉस यील्ड 7.5 फीसदी है. इसके अलावा टैक्स यील्ड का टेंटेटिव नेट करीब 6.9 फीसदी है.

स्थिरता और सुरक्षा

इसमें मैच्योरिटी फिक्स्ड होती है. इसे AAA रेटिंग वाली आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए पब्लिक सेक्टर की कंपनियां जारी करती हैं. इसमें कम क्रेडिट रिस्क के साथ स्थिर रिटर्न मिलता है.

लिक्विडिटी

आप किसी भी समय पर एक्सचेंज या AMC के जरिए एक निर्धारित बास्केट साइज में इसे खरीद या बेच सकते हैं. Edelweiss भारत बॉन्ड FoF भी लेकर आया है. इसकी मदद से रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड्स की तरह ही प्रवेश या बाहर निकल सकते हैं.

टैक्स के मोर्चे पर बेहतर

इसमें पारंपरिक निवेश विकल्पों के मुकाबले बेहतर टैक्स के नियम हैं. इसमें केवल 20 फीसदी की दर पर टैक्स लगाया जाता है. इसमें सरचार्ज शामिल नहीं है.

कम कीमत

ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो 0.0005 फीसदी की दर पर बेहद कम है.

आपको बता दें कि चौथी किस्त के तहत सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये के ग्रीन शू विकल्प यानी अधिक बोली आने पर उसे रखने के विकल्प के साथ 1,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जुटाने का प्रस्ताव रखा है. पिछले साल दिसंबर में सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निर्गम राशि के साथ तीसरी किस्त जारी की थी। इस निर्गम को 6.2 गुना सबस्क्रिप्शन मिला था.

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वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि भारत बांड ईटीएफ की शुरुआत के बाद से इसे सभी श्रेणियों के निवेशकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है. भारत बांड ईटीएफ केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के एएए रेटिंग वाले बांड में निवेश करता है. भारत बॉन्ड ईटीएफ आपको म्यूचुअल फंड, ETF और बॉन्ड तीनों के फायदे देता है.

गोल्ड की इन तीन स्कीम में करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न

गोल्ड ETFs में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है, साथ ही अन्य जगहों की अपेक्षा शानदार रिटर्न मिलता है

कोरोना वायरस की इस महामारी में हर तरफ तबाही मची हुई है। आर्थिक सुस्ती पूरी दुनिया में छाई हुई है। जो निवेशक हैं वो सुरक्षित निवेश का ठिकाना ढूंढ रहे हैं। अगर आप भी अपने निवेश में शानदार रिटर्न चाहते हैं तो आप सोने में निवेश कर सकते हैं। साल के शुरुआत से ही सोने के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। शुरु में सोने की कीमत 37,000 रुपये 10 ग्राम थी, जो कि अब बढ़कर 47,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक हो गई है। अगर आप निवेशक हैं तो अपने पोर्टफोलियों में सोने का निवेश जरूर रखें। हम आपको निवेश के तौर पर 3 गोल्ड ETFs का सुझाव दे रहे हैं। जिसमें आप जान जाएंगे कि इसमें निवेश करना कितना सरल है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए।

गोल्ड ETF क्या है और इसे क्यों खरीदना चाहिए

अगर आप पहले से ही शेयरों में निवेश कर चुके हैं तो आप शेयरों के साथ-साथ गोल्ड ETFs भी खरीद सकते हैं। कुल मिलकार कहने का मतलब ये हुआ कि जिस तरह से आप ICICI Bank का एक शेयर खरीद सकते हैं, उसी तरह आप गोल्ड ETFs का भी एक हिस्सा खरीद सकते हैं। शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं और शेयरों की तरह कभी खरीदा बेचा जा सकता है। वो सोने की की कीमतों को ट्रैक करते हैं, इसीलिए जब सोने की कीमतें बढ़ती है, तो वो भी मिलकर बढ़ाते हैं।

अगर सोने को मेटल के रूप में यानी भौतिक रूप से खरीदते हैं और बेचते हैं तो उसमें मार्जिन कम होगा। फिर सोने को रखने में भी कई तरह दिक्कतों का सामना करना पडेगा। अगर आप उसे लॉकर में रखेंगे तो उसका अलग से खर्च लगेगा। फिजिकल गोल्ड की आसानी से चोरी भी की जा सकती है। ऐसे में Gold ETFs बेहतर है। इसकी चोरी नहीं की जा सकती। आपके पास डीमैट अकाउंट (demat account) तो आप इसे खरीद बेच सकते हैं।

यहां आपको गोल्ड के 3 निवेश बता रहे हैं, जिसमें आपको शानदार रिटर्न मिल सकता है।

SBI Gold ETF

एसबाई गोल्ड ईटीएफ (SBI Gold ETF) ने पिछले 1 साल में 38 फीसदी रिटर्न दिया है। क्योंकि सोने की कीमतों में तेजी आई थी। यह देश के किसी अन्य एसेट्स के मुकाबले सबसे अधिक रिटर्न है। इसने शेयरों, रियल एस्टेट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेशों से भी ज्यादा रिटर्न दिया है।

SBI Gold ETF इस समय NSE पर 4370 रुपये पर कारोबार कर आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए रहा है। अगर आपके पास 2-3 साल का होल्डिंग पीरियड है तो आपको सोना अच्छा रिटर्न दे सकता है। यह फिजिकल गोल्ड के मुकाबले काफी अच्छा निवेश है। अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो ETF पर ही जाएं।

HDFC Gold ETF

इस गोल्ड Gold ETF ने भी पिछले एक साल में 38 फीसदी रिटर्न दिया है। जबकि 3 साल का सालाना रिटर्न 18 फीसदी के करीब है। जो कि ज्यादातर एसेट क्लास से बेहतर रिटर्न दे रहा है। इसका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है। लिहाजा कोई भी बिना किसी दिक्कत के इन्हें खरीद और बेच सकता है।

Nippon India ETF Gold BEES

इस ETF Gold ने ऊपर दो के मुकाबले थोड़ा कम रिटर्न दिया है। लेकिन इसने पिछले एक साल में 37 फीसदी तक रिटर्न दिया है। गोल्ड ईटीएफ मौजूदा समय में स्टॉक एक्सचेंज में 4370 रुपये पर कारोबार आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए कर रहा है। साथ ही बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है। आपको याद रखना चाहिए सोने में थोड़ा बहुत निवेश करना चाहिए। क्योंकि इसमें निवेश सुरक्षित माना जाता है। इस समय सोने में निवेश करना सबसे बेहतर है।

आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए? जानें ऐसे 5 कारण जो गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर

Gold Investment: माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है। ऐसे ही 5 और कारण इस पोस्ट में जानिए गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर।

Gold Investment: हमारे देश भारत में सोने को सदियों से निवेश के लिये सबसे उपयुक्त साधन माना गया है। यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है माना जाता है, क्योंकि इसने हमेशा अपनी क्रय शक्ति को बनाए रखा है। लेकिन समय के साथ अब गोल्ड खरीदने का तरीका बदल गया है। डिजिटल गोल्ड ने सोने के निवेश को सहज और किफायती बनाकर लोगों के सोने को खरीदने और बेचने के तरीके में क्रांति ला दी है।

इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए।

1) सोना अत्यधिक तरल है

इतिहास में किसी भी अन्य मुद्रा की तुलना में लंबे समय तक सोने का उपयोग मुद्रा के रूप में किया गया है, हालांकि अब इसका उपयोग मुद्रा के रूप में नहीं किया जाता है, जब भी आवश्यकता होती है, इसे खरीदना या बेचना आसान होता है। यह एक ठोस संपत्ति है और दुनिया में किसी भी अन्य मुद्रा या संपत्ति की तुलना में इसका सबसे लॉन्ग टर्म वैल्यू है। आप बिना किसी झंझट के सोने पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल गोल्ड ने खरीदने/बेचने की प्रक्रिया को आसान और निर्बाध बना दिया है। बस आपको कुछ ही क्लिक की जरूरत है।

2) यह 100% सुरक्षित है

जब आप डिजिटल सोना ऑनलाइन खरीदते हैं, तो आपको बीमित, प्रमाणित लॉकर में फिजिकल गोल्ड आवंटित किया जाता है, और आप किसी भी समय भौतिक इकाइयों की डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। यह गुणवत्ता की चिंता किए बिना चोरी या भंडारण की परेशानी के जोखिम को समाप्त करता है।

3) मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव

गोल्ड का ट्रैक रिकॉर्ड 5000 साल से ज्यादा पुराना है और लॉन्ग टर्म में गोल्ड ने भी शानदार रिटर्न दिया है। मुद्रास्फीति के साथ, जबकि मुद्रा का मूल्य नीचे जाता है, सोने का किराया अच्छा होता है। पिछले पांच वर्षों में, सोने की कीमतें एक दशक में दोगुनी और चौगुनी हो गई हैं।

4) 1 रुपये से भी कर सकते है निवेश

इसका मतलब यह है कि आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए लंबी अवधि में सोने पर छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं। यह आपको एक कम निवेश का विकल्प चुनने में मदद करता है, और आपको अपनी इच्छानुसार निवेश करने में सक्षम बनाता है।

5) अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं

जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो सोना एक सुरक्षित दांव माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अपने पोर्टफोलियो में सोना जोड़ने से जोखिम कम होता है क्योंकि इसका किसी अन्य संपत्ति से शून्य से कम संबंध होता है। यह भी माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है।

क्यों और कैसे करें गोल्‍ड में निवेश? जानें हर सवाल का जवाब

टाइम्स नाउ डिजिटल

Investment option: आपको गोल्‍ड में निवेश क्यों करना चाहिए? आप गोल्‍ड में कैसे निवेश कर सकते हैं? क्या ईटीएफ गोल्ड फंड से बेहतर है? आइए जानते हैं हर सवाल का जवाब।

why you should invest in gold and Which is the best way to invest in gold

नई दिल्ली। भारतीय त्योहारों के दौरान गोल्‍ड (सोना) को पवित्र मानते हुए इसमें निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय घरों में सोना खरीदना कोई नई बात नहीं है। रिसर्च बताते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा घरेलू स्वर्ण भंडार है। शादी और बच्चे के जन्म जैसे खास मौकों पर सोना खरीदा जाता है। हालांकि सोना अचल संपत्ति या रियल एस्टेट की तरह एक भौतिक संपत्ति है, लेकिन वित्तीय या डिजिटल निवेश परिसंपत्तियों से आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए इसकी चमक में कोई कमी नहीं आई है। गोल्‍ड में किया गया निवेश अभी भी मजबूत और अच्छे कारणों से जारी है।

आपको गोल्‍ड में निवेश क्यों करना चाहिए?
महंगाई आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए से मिलती है मदद:
चूंकि सोना एक प्राथमिक वस्तु है, यह बढ़ती लागत के साथ अधिक महंगा हो जाता है। इस वजह से यह महंगाई के दौर में आकर्षक रिटर्न प्रदान करता है।

विनिमय योग्य (एक्‍सचेंज करने योग्‍य): गोल्‍ड अपने आप में एक मुद्रा है। यहां तक कि जब आपके पास स्वीकार्य करेंसी नहीं आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए होती है, तब भी कई उपयोगिताओं के लिए सोने का आदान-प्रदान किया जा सकता है। जब कोई मुद्रा गिरती है या उसकी जगह खत्म हो जाती है तो सोना विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

लिमिटेड सप्लाई: सोना एक कीमती और दुर्लभ धातु है। अधिक खोजने की सीमित गुंजाइश के साथ, सोना भविष्य में और अधिक कीमती हो जाएगा। इसके अलावा, सोने का कृत्रिम रूप से उत्पादन नहीं किया जा सकता है। कम आपूर्ति और उच्च मांग ने हमेशा कीमतों में वृद्धि की है, जिससे गोल्‍ड में किया गया निवेश एक संपत्ति वृद्धि के लिए दीर्घकालिक उपकरण के तौर पर सामने आता है।

तरलता: कोई भी व्यक्ति आसानी से सोना खरीद और बेच सकता है, जिससे यह अत्यधिक लचीला और तरल निवेश बन जाता है।

यूटिलिटी या उपयोगिता: स्‍पेस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न उद्योगों में सोने का उपयोग होता है, और ये सभी बड़े आकार वाले उद्योग हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सोना हमेशा मांग में रहेगा। इसके अलावा, सोने का उपयोग गहनों के रूप में भी किया जा सकता है।

सुरक्षित सहारा: जो लोग इक्विटी मार्केट में भारी निवेश करते हैं, उनके लिए सोना स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर आपात स्थिति के लिए सुरक्षा कुशन के रूप में कार्य कर सकता है। गोल्‍ड के निवेश को बियर बाजारों (गिरावट वाला बाजार) के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।

गोल्‍ड में कैसे निवेश करें?
सोना में निवेश करने के कई तरीके हैं। यहां भारत में गोल्‍ड में निवेश करने के पांच तरीके बताए गए हैं:

फिजिकल तरीके से खरीदें सोना (Physical Gold)
आप सोने के सिक्का में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, यह धातु के गुम होने या खोने की चिंता के साथ आता है। इसके अलावा, आपको पर्याप्त भंडारण की आवश्यकता होगी।

गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF)
एक गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होता है और इसे शेयर बाजार के निवेशकों द्वारा खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ निवेश 99.95 प्रतिशत शुद्धता के साथ वास्तविक गोल्ड के धारण को भी दर्शाता है, जिसे 0.5-1 किलोग्राम गोल्ड यूनिट्स तक पहुंचने पर भौतिक संपत्ति में परिवर्तित किया जा सकता है।

गोल्ड फंड्स (Gold Funds)
गोल्ड म्युचुअल फंड एक ऐसी योजना है, जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती है और रिटर्न निर्धारित करने के लिए ईटीएफ की गतिविधियों की निगरानी करती है। यह केवल मौद्रिक लाभ के लिए किए गए सोने के निवेश के लिए अधिक उपयुक्त है न कि वास्तविक सोने के कब्जे के लिए। गोल्ड फंड निवेश में, ईटीएफ के लिए आवश्यक न्यूनतम 1 ग्राम खरीदने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए एसआईपी विकल्प 1,000 रुपये से शुरू होता है।

ई-गोल्ड (E-Gold)
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) ने निवेशकों को छोटे मूल्यवर्ग (1mg, 2mg, आदि) में सोना खरीदने में सक्षम बनाने के लिए ई-गोल्ड लॉन्च किया है। ई-गोल्ड निवेश के लिए एक अलग डीमैट खाते की आवश्यकता होती है, और सोना भारतीय सोने के बाजार की कीमतों को दर्शाता है। यह ईटीएफ के विपरीत है जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी प्रभावित होते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (Sovereign Gold Bond)आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए
भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए हैं, जो सरकारी प्रतिभूतियां हैं और यह 1 ग्राम मूल्यवर्ग में सोना जारी करती हैं। आप हर वित्तीय वर्ष में मैच्योरिटी पर नकद के साथ निश्चित ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।

क्या आपको गोल्‍ड में निवेश करना चाहिए?
जी हां, महंगाई और बियर मार्केट (शेयर बाजार में गिरावट की स्थिति) के खिलाफ सोना एक अच्छा बचाव साबित हो सकता है।

क्या ईटीएफ गोल्ड फंड से बेहतर है?
गोल्ड ईटीएफ आपको गोल्ड का स्वामित्व प्राप्त करने की अनुमति देते हैं, जबकि गोल्ड म्युचुअल फंड विशुद्ध रूप से पैसे में वृद्धि के लिए होते हैं और इसमें कोई वास्तविक गोल्‍ड का स्वामित्व नहीं होता है। 1,000 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाला गोल्ड फंड निवेश अधिक किफायती हैं।

भारत में सोने की दर को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
अंतरराष्ट्रीय सोने की दर, डॉलर-रुपया में उतार-चढ़ाव, सीमा शुल्क और अन्य कारकों के कारण भारत में सोना की कीमतों में बदलाव होता है।

(इस लेख के लेखक TradeSmart के सीईओ विकास सिंघानिया हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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