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Air India not govt controlled : Delhi High Court (Jagran File Photo)

'Cryptocurrency'

निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे सट्टेबाजी के साधनों को अगर बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह चेतावनी दी.

देश में डीमॉनेटाइशन होने के बाद UPI पेमेंट्स में तेजी से ग्रोथ हुई है। इसका फायदा डिजिटल रुपये को भी मिल सकता है। CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है

Cryptocurrency | Written by: राधिका पाराशर, Edited by: आकाश आनंद |मंगलवार दिसम्बर 20, 2022 05:12 PM IST

Jagran Trending: Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है फर्क? इनके बारे में जानें

Cryptocurrency vs digital Currency इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी काफी चर्चाओं में रहती हैं। हालांकि बड़ी संख्या में अभी लोगों को इनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में चलिए आपको इन दोनों में अंतर क्या है इसके बारे में बताते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की काफी चर्चा हो रही है लेकिन बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है, यह दोनों एक नहीं हैं। दोनों में बहुत अंतर है। 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 'क्रिप्टो कोई करेंसी नहीं है, करेंसी वह होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।'

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कैसे करे (How to invest in cryptocurrency)

आज से कुछ वर्ष पहले cryptocurrency में lnvest करना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन आज के समय में cryptocurrency पर बहुत आसानी से इन्वेस्ट कर सकते हैं। क्योंकि वर्तमान में Internet पर कहे वेबसाइट और play stor पर कई ऐप मौजूद है। जहां पर हम क्रिप्टोकरंसी में lnvest कर सकते हैं। उनके से best cryptocurrency investment app in India की बात करे तो WazirX app सबसे अच्छा है। यह पर किसी भी cryptocurrency के इन्वेस्ट कर सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है। हालांकि दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कुवैती दिनार क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है है, लेकिन क्रिप्टोकरंसी वर्तमान में कुवैती दिनार से हजार गुना जाएगा महंगा है। लेकिन क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू हमेशा एक जगह पर नहीं रहता है, यह ऊपर नीचे होता रहता है। अगर हम क्रिप्टोकरंसी के पिछले रिपोर्ट के मुताबिक बात करें तो यह दिन प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है (How does cryptocurrency work)

क्रिप्टोकरेंसी एक ऑनलाइन कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से कम करती है। यह Blockchain पर आधारित है। यहां पर होने वाली हर क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है तरह के Transation का रिकॉर्ड सेव होता है। यहां पर होने वाली गतिविधियों की निगरान Computer द्वारा होता है। इस पृथ्वी को हम crypto currency mini softwar भी कहते है। इसके लिए इंटरनेट पर कई cryptocurrency mini software मौजूद है।

Cryptocurrency की बात की जाए तो, पूरी दुनिया में करीब 1000 से भी अधिक cryptocurrency है। उनमें से कुछ करेंसी जो अच्छा परफॉम कर रहा वो Bitcoin है, इसके अलाव भी कई सारे अच्छी करेंसी है।

बिटकॉइन (Bitcoin)

जब हम Cryptocurrency की बात करते हैं, तो बिटकॉइन का नाम ना आए यह हो क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है ही नहीं सकता। क्योंकि दुनिया का सबसे पहला Cryptocurrency Bitcoin हीं है। जिसे 2009 में santoshi nakamoto ने बनाया था। यह एक Digitel currency है, और इसी से online goods और करने में क्या जाता है इसकी प्राइस की बात करें तो 1 बिटकॉइन का कीमत इंडियन रूपया में ₹16 लाख है।

CryptoCurrency: आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्यों है क्रिप्टो करेंसी से अलग?

क्रिप्टो प्रोजेक्ट में एक रोडमैप होता है. जिस प्रोजेक्ट में स्पष्ट रूप से परिभाषित रोडमैप नहीं होता है, उसके पास कोई कार्य योजना नहीं होती है और उसे प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं होता है. रोडमैप से यह पता चलता है कि क्या प्रोजेक्ट ने अपने पिछले उद्देश्यों को पूरा किया है.

क्रिप्टो प्रोजेक्ट में एक रोडमैप होता है. जिस प्रोजेक्ट में स्पष्ट रूप से परिभाषित रोडमैप नहीं होता है, उसके पास कोई कार्य योजना नहीं होती है और उसे प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं होता है. रोडमैप से यह पता चलता है कि क्या प्रोजेक्ट ने अपने पिछले उद्देश्यों को पूरा किया है.

'ब्लॉकचेन' टेक्नोलॉजी से किसी चीज को डिजिटल कर के उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन टेक्न . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 20, 2022, 13:17 IST
'ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी' एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है यानी ये एक डिजिटल लेजर है.
भारत सरकार अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगी, ये करेंसी 'ब्लॉकचेन' पर आधारित होगी.
'ब्लॉकचेन' को डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड लेजर टेक्‍नोलॉजी (DLT) भी कहते हैं, इसकी हैकिंग नहीं हो सकती.

नई दिल्‍ली. देश में डिजिटल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल हो रही ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बीच ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ टर्म भी आपने सुना ही होगा. आखिर ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ क्‍या है, और यह ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के साथ क्‍यों जोड़कर देखी जा रही है, क्या ये दोनों एक हैं? ऐसे तमाम सवाल आपके मन भी उठे होंगे. आज आप इसके बारे में जान जाएंगे. ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बढ़ते ट्रेंड ने लोगों को इस तरह की चीजों को जानने या इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया है. आपको बता दें क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है कि, ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?

क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी होती क्या चीज है. क्रिप्टोकरेंसी कुछ अलग नहीं, बल्कि डिजिटल करेंसी होती है. इन डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोग्राफी सिक्योर करती है, इसलिए इनका नाम क्रिप्टोकरेंसी पड़ा है.

क्रिप्टोग्राफी की बात करें, तो यह डेटा को ऐसे तरीके से स्टोर और ट्रांसमिशन करना होता है, जिससे केवल वे लोग ही उसे पढ़ सकते हैं, जिनके लिए उसे बनाया गया है. क्रिप्टोग्राफी से डेटा को चोरी से बचाया जाता है. इसका इस्तेमाल यूजर ऑथेंटिकेशन के लिए भी किया जा सकता है.

कैसे होता है क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन?

अब क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन को समझ लेते हैं. डिजिटल करेंसी का ट्रांजैक्शन वॉलेट के जरिए किया जाता है, जैसा बैंक अकाउंट में होता है. हालांकि, उस मामले में वॉलेट कंट्रोल में रहता है. इस वॉलेट में दो एड्रेस होते हैं- पब्लिक एड्रेस और प्राइवेट एड्रेस. पब्लिक एड्रेस वह होता है, जिसमें आप फंड भेजते हैं. तो, एक वॉलेट से दूसरे में डिजिटल करेंसी को भेजते हुए, भेजने वाले को रिसीवर के वॉलेट का पब्लिक एड्रेस चाहिए होता है. वे उस पब्लिक एड्रेस को डालेंगे, क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है और क्रिप्टोकरेंसी को उस एड्रेस को भेजेंगे.

फिर जब रिसीवर को उस वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी, तो उसे पासवर्ड या प्राइवेट key की जरूरत होती है. जब आप एक वॉलेट से दूसरे में ट्रांजैक्शन भेजते हैं, तो वह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी द्वारा सिक्योर होती है.

क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन फिजिकल करेंसी जितना सुरक्षित नहीं

जब हम फिजिकल करेंसी जैसे रुपये के साथ ट्रांजैक्शन करते हैं, और एक से क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजते हैं, तो बैंक यह चेक करता है कि क्या पैसे भेजने वाले के पास बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है या नहीं. इसके बाद ही बैंक उस ट्रांजैक्शन को मंजूरी देता है. बैंक केंद्रीय अथॉरिटी है. वह इस बात को सुनिश्चित करता है कि ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक पूरा हो जाए. इस ट्रांजैक्शन में हम बैंक पर पूरी तरह भरोसा करते हैं कि वह सही चीज करेगा.

क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा विश्वास नहीं रहता है. अगर व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी भेजना चाहता है, तो उस ट्रांजैक्शन का वेरिफिकेशन, यानी जिसमें यह देखा जाता है कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है, यह वेरिफिकेशन हजारों कंप्यूटर करते हैं, जो समान ऐलगोरिदम चला रहे हैं. इसलिए, दुनिया भर में मौजूद हजारों कंप्यूटर वही चीज को सुनिश्चित करते हैं, जो फिजिकल करेंसी में बैंक करता है.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय सतर्क रहना क्यों जरूरी है?

क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है में निवेश करते समय जिस बात के बारे में जानकारी रहना जरूरी है, वह है कि इसमें आपका निवेश शून्य हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ज्यादा जोखिम वाला, अनरेगुलेटेड निवेश होता है और भविष्ट में इसकी डिमांड अस्थायी तौर पर खत्म हो सकती है और आप अपने पूरे निवेश को खो सकते हैं.

दूसरी बात, आपको ऐसे ऑप्शन्स में ट्रेड उस समय तक नहीं करना चाहिए, जब तक आपको सही तौर पर यह नहीं पता है, कि उनका मतलब क्या है. अगर आप बाजार में नए निवेशक हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि इसमें काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है.

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