इस डील ने WazirX को क्रिप्टोकरेंसी दुनिया का इंटरनेशनल एक्सचेंज बना दिया। इसका मतलब है कि अब पूरी दुनिया के क्रिप्टो ट्रेडर और निवेशक WazirX के डिजिटल एसेट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Crypto currency: भारत में आशंकाओं के डर से सहम गया डिजिटल करेंसी का भविष्य
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भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच झूल रहा है.
क्रिप्टो करेंसी है 'पंटर गेम'
एक अनुमान के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी में पुराने निवेश के जरिये लोगों ने काफी पैसा बनाया है. लेकिन, यह लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी एक तरह का पंटर गेम है. आसान शब्दों में इसे कमोडिटी यानी वायदा बाजार की तरह माना जा सकता है. लेकिन, इस पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है. कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है. भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर रहा है.
क्या सारी क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बैन?
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है. ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है. इस स्थिति में अभी इसके बारे में केवल संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिसने लोगों में आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है. भारत में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है. लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है. पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट. पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है. क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है. जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल है.
क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है?
असल मे क्रिप्टोकरेंसी ब्लाॅकचेन पर काम करती है, दरसल जो भी लेन देन या ट्राझेक्शन होता है उसका सारा रेकार्ड रखा जाता है. कुछ एडवांस कंप्यूटर होते है उसके जरिये इसमे निगरानी रखी जाती है इसे CryptoCurrency Mining भी कहा जाता है.
इसका हर एक छोटा बडा Transaction एक ब्लाॅक मे रखा जाता है. ब्लाॅक की सिक्योरिटी मायनर्स के हात मे होती है. इसका बहुत कठिण कैलकुलेशन होता है उसे हल करे उसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? रखने का काम Miners का होता है. Mining करके भी बहुत लोग पैसा कमाते है.
Miners ब्लाॅक को सुरक्षित करते है और उसे एक कोड लगा देते है यह वेरिफाय करने का काम Nodes करते है, इसे Consensus कहा जाता हैं. यह सब प्रोसेस करने के लिये Miners को क्रिप्टोकाईंन्स भी मिलते हैं.
एक ऐसा मार्केट जहा पर आप कोई भी लिस्टेड क्रिप्टोकरेंसी को आप खरिद या बेच सकते या उसमे ट्रेड कर सकते है जैसे Bitcoin, Ethereum, Binance, Litecoin, Dogecoin और भी ऐसे सेकडो करेंसी हैं.
भारत मे अलग अलग Platform है जैसे CoinDCX, CoinSwitch, Wazirx जिसके जरिये आप क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में इनवेस्टमेंट या ट्रेडिंग करते है.
कुछ पाॅपुलर क्रिप्टोकरेंसी-
1. 𝙱𝚒𝚝𝚌𝚘𝚒𝚗
2. 𝙴𝚝𝚑𝚎𝚛𝚎𝚞𝚖
3. 𝚁𝚒𝚙𝚙𝚕𝚎
4.𝙻𝚒𝚝𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
5.𝙳𝚘𝚐𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
6.𝚟𝚘𝚒𝚌𝚎𝚌𝚘𝚒𝚗
7.𝙱𝚒𝚗𝚊𝚗𝚊𝚌𝚎 और भी कई है जिसे आप गुगल पर जाकर जान सकते है.
क्रिप्टो करेंसी इंडिया :
CryptoCurrency का क्रेझ भारत मे भी देखने को मिल रहा है, हजारो करोंड का इनवेस्टमेंट भारत मे है. लोग सोने मे इनवेस्टमेंट की बजह अब क्रिप्टोकरेंसी मे इनवेस्टमेंट करना पसंद कर रहे है क्योंकि इसमे बहुत कम समय मे बहुत जादा रिटर्न्स मिल रहे है.
भारत मे अगर क्रिप्टोकरेंसी मे इनवेस्टमेंट करना है तो आपको बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लॅटफॉर्म मिल जायेंगे जहा से आप इसमे इनवेस्टमेंट कर सकते हो. जैसे की
1. CoinSwitch Kuber
2. CoinDCX
3.WazirX
और भी कई है लेकिन फिलाल तो यही जादातर इस्तमाल किये जा रहें हैं.
कुछ दिन पहले बिटकाॅईन पर भारत मे बैन लगा दिया था लेकिन कोर्ट से इस निर्णय को वापस ले लिया इसलिये फिलाल तो भारत मे क्रिप्टोकरेंसी पर कोई पाबंदी नहीं क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? है लेकिन इसपर कोई Regulatory भी नहीं है इसलिये अगर आपके साथ CryptoCurrency को लेकर कोई Issue होता है या कोई धोका होता है तो आप कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इसपर कोई कानुन नहीं बना गया है इसलिये क्रिप्टोकरेंसी खरिदना है तो अपने रिस्क पे ही खरिदना पढेगा.
लेकिन जल्द ही भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द ही कडे नियम लगानेवाली है इसपर कंट्रोल करनेवाले रुल्स लानेवाली है ताकी क्रिप्टोकरेंसी मे होनेवाले पैसो पर नजर रहें क्योंकि भारत क्रिप्टोकरेंसी का बडा मार्केट हैं.
क्रिप्टो करेंसी में निवेश क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? कैसे करें ? ( How to Invest In CryptoCurrancy)
यह उतना ही आसान जितना आप शेअर मार्केट से कोई शेअर खरिदी करना. इसके लिये आपको एक क्रिप्टोकरेंसी वाॅलेट की जरुरत पडेगी जिसकी मदत से आप अपनी मुद्रा के बदले क्रिप्टो मुद्रा को खरिद सकें.
बहुत सारे प्लॅटफॉर्म है जहा पर आप आसानी से कोई भी क्रिप्टोकरेंसी खरिद सकते है WazirX, CoinDCX go, CoinSwitch Kuber, Zebpay, Unicoin जैसे कई प्लॅटफॉर्म है जहा पर आप कोई भी क्रिप्टोकरेंसी खरिद अथवा बेच सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी को कोई एक कंट्रोल नहीं कर सकता यह एक दिन मे 10 प्रतिशत चढते है और 10 प्रतिशत उतरते है इनका कोई अंदाजा नहीं होता इसलिये क्रिप्टोकरेंसी मे रिटर्न्स तो बहुत मिलते लेकिन यहा रिस्क बहुत होता है. जितनी तेजी से यह ऊपर चढते है उतनी ही तेजी से यह गिरते है. बहुत क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? लोग बोलते है यह इस साल इतने तक जायेगा, उतने तक जायेगा लेकिन यह सब Prediction होते है दरसल किसी एक क्रिप्टो करेंसी न्यूज़ के आते ही इसका प्राईज ऊपर नीचे होने लगता है इसको भाप पाना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना जोखिमों से भरा हैं.
भारत में कैसे और कहां से खरीदें क्रिप्टोकरेंसी, यहां पाएं सारी जानकारी
हालिया रिपोर्टों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? कोरोना लॉकडाउन के दौरान भारत में लोगों ने जमकर क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग की। यह सच भी है कि क्रिप्टोकरेंसी अब लोगों के लिए नया कॉन्सेप्ट नहीं रह गया है। इसमें निवेश के लिए लोगों की दिलचस्पी अपने उफान पर है।
इसके अलावा, RBI की तरफ से २०१८ में लगाए क्रिप्टो बैन के हटने के बाद, अब ट्रेडर्स भी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पार्टिसिपेट करने से हिचक नहीं रहे हैं।
फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों की संख्या ५५ लाख के करीब है और यह हर दिन बढ़ती जा रही है।
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देश के पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने भी एक हालिया वेबिनार में इस बात को स्वीकार किया। इसलिए अब क्रिप्टो एसेट्स को एक कमोडीटिज के रूप में रेग्युलेट करने की चर्चा भी शुरू हो गई है।
अगर आपके अंदर भी इस तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? क्रिप्टो समुदाय का हिस्सा बनने की इच्छा हो रही है, तो आपको अभी कुछ क्रिप्टोकरेंसी खरीदकर इसकी शुरुआत करनी चाहिए।
अपनी मनपसंद क्रिप्टोकरेंसी को कहां से और कैसे खरीदें?
क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए भारत में वजीरएक्स (WazirX) एक आसान और सहज तरीका ऑफर करता है, जहां आपको कई सारी क्रिप्टोकरेंसी को चुनने का विकल्प मिलता है।
Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रही है?
दूसरी मुद्राओं या करेंसीज की तरह क्रिप्टोकरेंसी पुराने बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? करती और इसपर अलग-अलग देश की सरकारों का नियंत्रण नहीं होता। यानी कि बिना किसी मीडियेटर बॉडी के नियंत्रण इन्हें इस्तेमाल करने वालों के पास होता है और वे डिजिटल करेंसी से खरीददारी कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की मुद्रा माना जा रहा है और लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते कुछ साल में इसकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है।
क्रिप्टोकरेंसी को आप किसी कंपनी के शेयर्स मान सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए तय रकम देनी होती है। इन शेयर्स की कीमत घट या बढ़ सकती है और जरूरत पड़ने पर आप ये शेयर बेच भी सकते हैं। ठीक इसी तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? खरीदने के लिए अपनी मुद्रा (जैसे- डॉलर या रुपये) में रकम चुकानी होती है। कुछ वक्त बीतने के बाद आपकी ओर से खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम या ज्यादा मिल सकती है।
कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?
जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।
किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।
घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?
क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? में ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।
भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं? बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।
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