पृष्ठभूमि
कुशल भारत, भारत सरकार की एक पहल है जिसे देश के युवाओं को कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया है जो उन्हें अधिक रोजगारपरक और अपने काम के माहौल में अधिक उत्पादक बनाते हैं। हमारे राष्ट्रीय कौशल मिशन के अध्यक्ष स्वयं माननीय प्रधान मंत्री हैं।
भारत आज एक ऐसा देश है जहां 65% युवा कामकाजी आयु वर्ग के है। यदि इस जनसांख्यिकीय लाभ को प्राप्त करने का कोई तरीका होगा, तो वह युवाओं के कौशल विकास के माध्यम से ही होगा ताकि वे न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान कर सकें।
कुशल भारत समूचे देश के 40 क्षेत्रों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचे के तहत उद्योग और सरकार दोनों द्वारा मान्यता प्राप्त मानकों से जुड़े होते हैं। यह पाठ्यक्रम एक व्यक्ति को काम के व्यावहारिक सुपुर्दगी पर ध्यान केंद्रित करने में और उसे अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं ताकि वह अपनी नौकरी के पहले दिन से ही तैयार रहे और कंपनियों को अपने नौकरी प्रोफाइल के लिए उसे प्रशिक्षण देने में निवेश न करना पड़े।
श्री धर्मेन्द्र प्रधान, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री और श्री राजीव चंद्रशेखर, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री के मार्गदर्शन में 15 जुलाई, 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए कुशल भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्राप्त हुआ है। कुशल भारत मिशन में प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से अधिक युवा शामिल होते हैं।
कौशल विकास के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत की स्वतंत्रता के पश्चात पहली बार, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) का गठन किया गया है। भारत में कौशल इकोसिस्टम, कुछ बड़े सुधारों और नीतिगत हस्तक्षेपों पर ध्यान दे रहा है जो आज देश के कार्यबल को पुन: सुदृढ़ और सक्रिय कर रहे हैं; तथा युवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में रोजगार और विकास के अवसरों के लिए तैयार कर रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी स्कीम, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) से ही अब तक लगभग 1.37 करोड़ लोगों को कुशल बनाया गया है और नए सफल भारत के लिए तैयार किया गया है। देश में कौशल विकास के बुनियादी ढांचे के समर्थन के लिए अब तक 720 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) स्थापित किए जा चुके हैं। ये अद्यतन शिक्षाशास्त्र और प्रौद्योगिकी के उपयोग वाले अत्याधुनिक कौशल केंद्र हैं।
एमएसडीई, पीएमकेवीवाई के तहत इसके पूर्व शिक्षण मान्यता (आरपीएल) कार्यक्रम के माध्यम से अनौपचारिक साधनों द्वारा प्राप्त कौशल को मान्यता देता है और प्रमाणित करता है, जिससे असंगठित क्षेत्र को संगठित अर्थव्यवस्था में लाना एक बड़ा परिवर्तन है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 50 लाख से अधिक लोग प्रमाणित और औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
कुशल वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण भारत देश में सभी कौशल विकास कार्यक्रमों में सामान्य मानदंडों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी लेता है ताकि वे सभी मानकीकृत और एक समान हों। व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए कुशल भारत के तहत आईटीआई इकोसिस्टम को भी शामिल किया गया है।
मंत्रालय ने शिक्षुता अधिनियम 1961 में सक्रिय रूप से व्यापक सुधार किए हैं, जहां निजी क्षेत्र को अधिकतम नियंत्रण दिया गया है ताकि बाजार की आवश्यकता के अनुसार उद्योग मानकों को बनाए रखा जाए। उद्योग को और अधिक नियामक अधिकार दिए गए हैं जहां वे उन शिक्षुओं के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता है। यह एक बड़ा अवसर है जिसका उद्योग को लाभ उठाना चाहिए। एमएसडीई ने कौशल विकास और उद्योग से संबद्ध सबसे स्थायी मॉडल को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2016 में राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन स्कीम (एनएपीएस) नामक एक स्कीम भी शुरू की थी। इस स्कीम के तहत, भारत सरकार शिक्षुता के लिए वित्तीय लाभ प्रदान करती है। अब तक 7 लाख से अधिक शिक्षुता प्रशिक्षण आयोजित किए गए हैं।
एमएसडीई ने प्रधानमंत्री युवा योजना (पीएम-युवा) की भी शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य संभावित उद्यमियों और प्रारंभिक चरण के उद्यमियों को शिक्षित करना तथा संभावना का पता लगाना और आकांक्षीय उद्यमियों का समर्थन करने के लिए एक सांस्कृतिक बदलाव को उत्प्रेरित करना है। अभ्यर्थी प्रारंभिक व्यावसायिक वित्त पोषण में सहायता प्राप्त करने के लिए सरकार की मुद्रा योजना से जुड़े हैं।
कुशल भारत अब केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भौगोलिक प्रदर्शन और अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के देशों के साथ सक्रिय रूप से संलग्न है। भारत एक युवा राष्ट्र है और एक कुशल कार्यबल निश्चित रूप से देश के भीतर न केवल बाजार की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा बल्कि वैश्विक बाजार वित्तीय बाजार में शुरुआत करने के लिए चरण की मांग को भी पूरा करेगा।
किसी राष्ट्र की सफलता हमेशा उसके युवाओं की सफलता पर निर्भर करती है और कुशल भारत निश्चित रूप से इन युवा भारतीयों के लिए बहुत अधिक लाभ और अवसर प्रदान करेगा। वह दिन दूर नहीं है जब भारत एक कुशल समाज के रूप में विकसित होगा जहां सभी के लिए समृद्धि और प्रतिष्ठा होगी।
एनएफआरए ऑडिट जोखिमों की शुरुआत में ही पहचान के लिए लेगा तकनीक का सहारा
(मनोज राममोहन) नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) ऑडिट के दौरान की खामियों को शुरुआती चरण में ही रोकने के लिए वित्तीय निगरानी संगठन एनएफआरए डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल कर कंपनियों एवं उनकी ऑडिट फर्मों की ऑडिट समीक्षा से जुड़े जोखिम मापदंडों की पहचान करने में जुटा हुआ है। राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) यह सुनिश्चित करने के तरीकों पर काम कर रहा है कि कंपनियों की ऑडिट प्रक्रिया से जुड़े हितधारकों को मानकों का अनुपालन नहीं होने के संकेत शुरुआत में ही मिलने लगें। कंपनियों की तरफ से वित्तीय गड़बड़ियों के मामले बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस
नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) ऑडिट के दौरान की खामियों को शुरुआती चरण में ही रोकने के लिए वित्तीय निगरानी संगठन एनएफआरए डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल कर कंपनियों एवं उनकी ऑडिट फर्मों की ऑडिट समीक्षा से जुड़े जोखिम मापदंडों की पहचान करने में जुटा हुआ है।
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) यह सुनिश्चित करने के तरीकों पर काम कर रहा है कि कंपनियों की ऑडिट प्रक्रिया से जुड़े हितधारकों को मानकों का अनुपालन नहीं होने के संकेत शुरुआत में ही मिलने लगें। कंपनियों की तरफ से वित्तीय गड़बड़ियों के मामले बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस की जा रही है।
एनएफआरए के चेयरपर्सन अजय भूषण प्रसाद पांडेय ने कहा कि संगठन ने यह अध्ययन करने के लिए कवायद शुरू कर दी है कि ऑडिट समीक्षा के लिए कंपनियों और उनकी ऑडिट फर्मों का चयन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले जोखिम मानक किस तरह के हो सकते हैं। अक्टूबर, 2018 में गठित इस नियामक के दायरे में 8,000 से अधिक सूचीबद्ध एवं अन्य कंपनियां हैं।
पांडेय ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘जोखिम मापदंडों की पहचान करने की कवायद एक सतत प्रक्रिया होगी और इनके लिए मानक तय करना गतिशील प्रक्रिया होगी। इस तरह कुछ संस्थाओं की वित्तीय प्रणाली से खिलवाड़ की आशंका को भी कम किया जा सकेगा।’’
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) अचानक नहीं खड़ी होती हैं और इनमें समय लगता है। ऐसी स्थिति में निर्धारित मानकों के गैर-अनुपालन के संकेतों को जल्द से जल्द पहचानने की जरूरत है।
पांडेय ने कहा, ‘‘विभिन्न जोखिम मापदंडों के लिए अलग-अलग भारांक होंगे और हम इस संबंध में डेटा एनालिटिक्स और एआई जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करेंगे।’’
जोखिम मानकों की पहचान करने के लिए एनएफआरए अन्य नियामकों से धोखाधड़ी, एनपीए और दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित मामलों के बारे में जानकारी जुटा रहा है।
पिछले महीने कंपनी मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने कहा था कि सरकार एनएफआरए के कामकाज को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था कि एनएफआरए की वित्तीय एवं परिचालन स्वायत्तता के संबंध में कंपनी कानून समिति की सिफारिशों पर भी गौर किया जा रहा है।
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चुनावी बॉन्ड के 23वें चरण की बिक्री शुरू
नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले बुधवार को चुनावी बॉन्ड के 23वें चरण को बिक्री के लिए खोला गया। बॉन्ड की बिक्री 15 नवंबर को बंद होगी। गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को विधानसभा चुनाव होंगे जबकि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनावी बॉन्ड को राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयास के तहत राजनीतिक दलों को नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था। वित्त मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि बिक्री के 23वें
गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को विधानसभा चुनाव होंगे जबकि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे।
चुनावी बॉन्ड को राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयास के तहत राजनीतिक दलों को नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि बिक्री के 23वें चरण में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 9-15 नवंबर के दौरान उसकी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
आमतौर पर चुनावी बॉन्ड किसी निर्धारित महीने में पहली से दस तारीख के बीच बिक्री के लिए खोला जाता है। उदाहरण के लिए बॉन्ड का 22वां चरण पहली से दस अक्टूबर तक और 21वां चरण पहली से 10 जुलाई तक, 2022 हुआ था।
चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 में हुई थी।
इस बार एसबीआई की लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई की शाखाओं को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है। बयान के अनुसार चुनाव बॉन्ड जारी होने के 15 दिनों तक वैध रहेगा। यदि वैधता अवधि बीत जाने के बाद बॉन्ड जमा किया जाता है तो राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। चुनावी बॉन्ड भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित इकाइयों/निकायों द्वारा भी खरीदा जा सकता है।
जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव एक प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले हैं, वे ही चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चंदा प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
Aquarius Yearly Horoscope: 2022 में कुंभ राशि के जातकों की चमकेगी किस्मत, रूटीन में शामिल करें ये काम
kumbh Rashifal 2022: कुंभ राशि के जातकों के लिए नये साल 2022 की शुरुआत बेहद शानदार होगी. फरवरी में ये जातक थोड़ा दबाव महसूस कर सकते हैं. अप्रैल माह में शनि आलस्य में वृद्धि लेकर आ सकते हैं. सितंबर से नवंबर तक ग्रहों का फेरबदल होने से आपका अपने बॉस से सामना होगा लेकिन फिर स्थिति संभल जाएगी. विवाहित जातकों के लिए यह वर्ष मिलाजुला रहेगा.
रोशन जायसवाल
- वाराणसी,
- 01 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 01 जनवरी 2022, 2:21 PM IST)
- विवाहित जातकों के लिए मिलाजुला रहेगा साल 2022
- वित्तीय बाजार में निवेश करने से बचने की दी गई सलाह
Aquarius/kumbh rashi, New year 2022 Rashifal- कुंभ राशि के लिए साल की शुरुआत बेहद शानदार होगी लेकिन फरवरी में इसके जातक थोड़ा दबाव महसूस कर सकते हैं. डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि मार्च और अप्रैल एक नई शुरुआत लेकर आएंगे. इस वर्ष अधिक काम करने के लिए प्रेरित होने के साथ ही अपने सपनों को पूरा करने के पूर्ण अवसर मिलेंगे. कुंभ राशि के जातकों के लिए यह साल आर्थिक रूप से औसत रहने की संभावना है. आपको सलाह दी जाती है कि इस वर्ष आप कोई भी बड़ा निवेश न करें. 2022 में आपको रियल एस्टेट और वित्तीय बाजार में निवेश करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
चार ग्रहों की युति रहेगी शुभ
ज्योतिषी आचार्य डॉ. विनोद ने बताया कि 6 जनवरी को मंगल धनु राशि में गोचर करेंगे जो आपको आर्थिक लाभ देने का कार्य करेंगा. करियर में भी अपार सफलता मिलेगी. नौकरीपेशा पदोन्नति प्राप्त करेंगे. व्यापारी भी मंगल की शुभ स्थिति से अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे. मार्च की शुरुआत में चार मुख्य ग्रह शनि, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ मकर राशि में युति करेंगे. इससे आप अपने प्रयास से सफलता अर्जित करेंगे तथा धन लाभ कमा सकेंगे. अप्रैल में राहु का मेष राशि में गोचर परेशानी उत्पन्न कर सकता है. इस दौरान संभव है कि आप कुछ महत्वपूर्ण निर्णय बिना सोचे-समझे जल्दबाज़ी में ले सकते हैं. साल 2022 में नौकरीपेशा और व्यापारी दोनों ही जातकों को सफलता देने में मददगार सिद्ध होगा. अप्रैल माह में शनि आलस्य में वृद्धि लेकर आ सकते हैं. सितंबर से नवंबर तक ग्रहों का फेरबदल होने से आपका अपने बॉस से सामना होगा लेकिन फिर स्थिति संभल जाएगी.
मानसिक तनाव से हो सकते हैं परेशान
कुंभ राशि के जातक साल 2022 में मानसिक तनाव से परेशान हो सकते हैं. इसके अलावा इस साल आपको छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है. खास कर पाचन तंत्र से जुड़े रोग और कोई पुरानी बीमारी भी उभर सकती है. ऐसे में अच्छा खान-पान, व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना इस साल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है. राहु का गोचर आपके भाई-बहन को भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी देगा.
करें ये उपाय
कुंभ राशि के जातकों को शनिवार को नीला या काला वस्त्र धारण करना चाहिए. साथ ही हरा, सफेद, रंग आपके अनुकूल है. कुंभ राशि में भी शुक्र परम कारक ग्रह होता है. इसलिए शुक्रवार का व्रत रखना एवं मां लक्ष्मी की आराधना करना अति लाभकारी रहेगा. शनि देवता की पूजा करें एवं शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसो तेल का दीपक जलाएं. गरीब, जरूरतमंद लोगों और साधु-संतों को भोजन कराएं. भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें. नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें. रविवार को भगवान भैरव के मंदिर जाकर उनकी पूजा करें तथा भोजन में उड़द की दाल, चना दाल और काली मिर्च का उपयोग करें.
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