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डिजिटल गोल्ड क्या है कैसे खरीदें (फायदें और नुकसान) Digital Gold In Hindi
Digital Gold Kya Hai In Hindi: भारतीय लोग बहुत समय पहले से ही सोने में निवेश करते आये हैं, इसलिए हर भारतीय के घर में सोने के कोई ना कोई आभूषण जरुर होते हैं. लेकिन इंटरनेट के बढ़ते इस युग में लोग फिजिकल गोल्ड के साथ – साथ डिजिटल गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं. साल 2020 में आई कोरोना महामारी के बाद से तो डिजिटल गोल्ड के निवेशकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है.
लेकिन आज भी कई ऐसे लोग हैं जो Digital Gold से अपरिचित हैं, इसलिए हमने सोचा क्यों ना आज के इस ब्लॉग पोस्ट में आपको डिजिटल गोल्ड की पूरी जानकारी प्रदान करवाई जाये.
इस ब्लॉग पोस्ट में आपको जानने को मिलेगा कि Digital Gold क्या है, डिजिटल गोल्ड में निवेश कैसे करें तथा डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के फायदे और नुकसान, इसके साथ ही हमने आपको डिजिटल गोल्ड से सम्बंधित अनेक प्रकार के प्रश्नों का जवाब भी इस लेख में दिया है ताकि आप डिजिटल गोल्ड में निवेश को अच्छे से समझ सकें.
डिजिटल गोल्ड, फ़िजिकल सोने का एक विकल्प है। यह एक्सचेंज रेट में बदलाव और उतार-चढ़ाव से मुक्त होता है और इनवेस्टर को वास्तव में फ़िजिकल सोने के बिना, दुनिया भर में आसानी से व्यापार करने की सहूलियत देता है।
भारत में आप कई ऐप और वेबसाइट के ज़रिए डिजिटल गोल्ड ख़रीद सकते हैं। हालांकि, केवल तीन गोल्ड कंपनियां - ऑगमोंट गोल्ड लिमिटेड, डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड - सेफ़गोल्ड, और एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ही आपका सोना रखती हैं।
यह ऑनलाइन सोना ख़रीदने और इसमें इनवेस्ट करने का एक सुरक्षित, सुविधाजनक और किफ़ायती तरीक़ा है, जिसमें किसी अतिरिक्त स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट की भी ज़रूरत नहीं होती है।
यहां जानें कि आप Jar के साथ डिजिटल गोल्ड में कैसे इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।
डिजिटल गोल्ड बनाम पारंपरिक गोल्ड
1. इनवेस्टमेंट का आकार: फ़िजिकल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करते समय आपको कम से कम 1 ग्राम सोना ख़रीदना होता है, जिसकी क़ीमत में हर रोज़ उतार-चढ़ाव होता है। जबकि, डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करना बहुत ही किफ़ायती है और इसे 1 रुपए तक की कम क़ीमत में भी ख़रीदा और बेचा जा सकता है। यह किफ़ायती है और अपनी सीमित आय के बावजूद भी आप आसानी से डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।
2. स्टोरेज: हमने आमतौर पर हमारे भारतीय घरों में अपने बुजुर्गों को फ़िजिकल सोना लॉकर में रखते देखा है। यह बहुत ज़ोखिम भरा होता है, क्योंकि इसमें चोरी होने का डर हमेशा रहता है। ज़ोखिम से बचने के लिए इसे लंबे समय तक बैंक लॉकर में रखा जाता है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन फ़ीस, वार्षिक फ़ीस, सर्विस फ़ीस डिजिटल गोल्ड क्या है? वग़ैरह के तौर पर स्टोरेज कॉस्ट देनी पड़ती है।
Digital Gold : डिजिटल गोल्ड क्या है? इसमें निवेश से पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बातें
नई दिल्ली: बहुत सारे लोगों के लिए डिजिटल सोना (Digital Gold) पीली धातु में निवेश करने का एक नया अवसर बन गया है। कोरोनो वायरस की इस स्थिति के दौरान, चूंकि लोग ज्वैलरी स्टोर और गोल्ड डीलर्स के पास जाने से हिचकिचाते हैं, इसलिए ऑनलाइन सोने की खरीद में सक्षम होना एक सही समाधान बन गया है।
डिजिटल गोल्ड क्या है?
डिजिटल सोना ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और ग्राहक की ओर से विक्रेता द्वारा इंश्योर्ड वाल्ट्स में संग्रहीत किया जाता है। आपको बस इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग की जरूरत है और आप कहीं भी, कभी भी, डिजिटल रूप से सोने में निवेश कर सकते हैं। आप कई मोबाइल ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे और फोनपे से डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरों के पास भी डिजिटल सोने के निवेश का विकल्प है। वर्तमान में, भारत में डिजिटल गोल्ड की पेशकश करने वाली तीन कंपनियां हैं- ऑग्मॉन्ट गोल्ड लिमिटेड, एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सुरक्षित ब्रांड के साथ राज्य द्वारा संचालित एमएमटीसी लिमिटेड और स्विस फर्म एमकेएस पीएएमपी और डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड संयुक्त सेफगोल्ड ब्रांड है।
पेटीएम, जी-पे आदि जैसी ऐप्स और वेबसाइटें केवल मेटल ट्रेडिंग कंपनियों जैसे सेफगोल्ड और एमएमटीसी पीएएमपी के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। एक बार जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं, तो ये ट्रेडिंग कंपनियां भौतिक सोने की एक समान मात्रा खरीदती हैं और इसे सुरक्षित वाल्टों में आपके नाम से संग्रहीत करती हैं। पेटीएम, गूगल-पे आदि जैसी ऐप्स और वेबसाइटें केवल मेटल ट्रेडिंग कंपनियों जैसे सेफगोल्ड और एमएमटीसी पीएएमपी के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। एक बार जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं, तो ये ट्रेडिंग कंपनियां फिजिकल गोल्ड की बराबर मात्रा खरीदती हैं और इसे सुरक्षित वाल्टों में आपके नाम से संग्रहीत करती हैं।
डिजिटल गोल्ड में निवेश से पहले जानने के लिए मुख्य बातें
नियामक की अनुपस्थिति: डिजिटल सोने में निवेश का सबसे बड़ा जोखिम यह है कि प्रोडक्ट के लिए कोई नियामक नहीं है। जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो निर्माता आपके नाम से बराबर राशि का सोना खरीदता है। यह सोना किसी थर्ड पार्टी या विक्रेता के वॉल्ट में एमएमटीसी-पीएएमपी के मामले में जमा किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, कोई ट्रस्टी को यह देखने के लिए नियुक्त किया जाता है कि निवेशक द्वारा खरीदे गए सोने के अनुरूप सोने की मात्रा और शुद्धता बनाए रखी गई या नहीं। हालांकि, ट्रस्टी ठीक से काम कर रहा है, तो इसकी देखरेख करने वाला कोई नियामक नहीं है। जबकि, गोल्ड ईटीएफ के मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) है, सोने के बांड के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नियामक है।
जीएसटी लागत के बोझ बढ़ता है: जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो आपको फिजिकल सोने को खरीदने के मामले में 3 प्रतिशत माल और सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करना होगा।
Digital Gold : डिजिटल गोल्ड क्या है? इसमें निवेश से पहले जान लें ये महत्वपूर्ण बातें
नई दिल्ली: बहुत सारे लोगों के लिए डिजिटल सोना (Digital Gold) पीली धातु में निवेश करने का एक नया अवसर बन गया है। कोरोनो वायरस की इस स्थिति के दौरान, चूंकि लोग ज्वैलरी स्टोर और गोल्ड डीलर्स के पास जाने से हिचकिचाते हैं, इसलिए ऑनलाइन सोने की खरीद में सक्षम होना एक सही समाधान बन गया है।
डिजिटल गोल्ड क्या है?
डिजिटल सोना ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और ग्राहक की ओर से विक्रेता द्वारा इंश्योर्ड वाल्ट्स में संग्रहीत किया जाता है। आपको बस इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग की जरूरत है और आप कहीं भी, कभी भी, डिजिटल रूप से सोने में निवेश कर सकते हैं। आप कई मोबाइल ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे और फोनपे से डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरों के पास भी डिजिटल सोने के निवेश का विकल्प है। वर्तमान में, भारत में डिजिटल गोल्ड की पेशकश करने वाली तीन कंपनियां हैं- ऑग्मॉन्ट गोल्ड लिमिटेड, एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सुरक्षित ब्रांड के साथ राज्य द्वारा संचालित एमएमटीसी लिमिटेड और स्विस फर्म एमकेएस पीएएमपी और डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड संयुक्त सेफगोल्ड ब्रांड है।
पेटीएम, जी-पे आदि जैसी ऐप्स और वेबसाइटें केवल मेटल ट्रेडिंग कंपनियों जैसे सेफगोल्ड और एमएमटीसी पीएएमपी के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। एक बार जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं, तो ये ट्रेडिंग कंपनियां भौतिक सोने की एक समान मात्रा खरीदती हैं और इसे सुरक्षित वाल्टों में आपके नाम से संग्रहीत करती हैं। पेटीएम, गूगल-पे आदि जैसी ऐप्स और वेबसाइटें केवल मेटल ट्रेडिंग कंपनियों जैसे सेफगोल्ड और एमएमटीसी पीएएमपी के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। एक बार जब आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं, तो ये ट्रेडिंग कंपनियां फिजिकल गोल्ड की बराबर मात्रा खरीदती हैं और इसे सुरक्षित वाल्टों में आपके नाम से संग्रहीत करती हैं।
डिजिटल गोल्ड में निवेश से पहले जानने के लिए मुख्य बातें
नियामक की अनुपस्थिति: डिजिटल सोने में निवेश का सबसे बड़ा जोखिम यह है कि प्रोडक्ट के लिए कोई नियामक नहीं है। जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो निर्माता आपके नाम से बराबर राशि का सोना खरीदता है। यह सोना किसी थर्ड पार्टी या विक्रेता के वॉल्ट में एमएमटीसी-पीएएमपी के मामले में जमा किया जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, कोई ट्रस्टी को यह देखने के लिए नियुक्त किया जाता है कि निवेशक द्वारा खरीदे गए सोने के अनुरूप सोने की मात्रा और शुद्धता बनाए रखी गई या नहीं। हालांकि, ट्रस्टी ठीक से काम कर रहा है, तो इसकी देखरेख करने वाला कोई नियामक नहीं है। जबकि, गोल्ड ईटीएफ के मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) है, सोने के बांड के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नियामक है।
जीएसटी लागत के बोझ बढ़ता है: जब आप डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो आपको फिजिकल सोने को खरीदने के मामले में 3 प्रतिशत माल और सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करना होगा।
क्या है डिजिटल गोल्ड?
तो क्या होता है डिजिटल गोल्ड? आसान शब्दों में कहें तो डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन चैनल के जरिए फिजिकल सोना खरीदने की प्रक्रिया है. 24 कैरेट सोना आपके नाम पर तिजोरी में रख दिया जाता है. आप इस सोने को देख नहीं सकते. यह केवल ऑनलाइन माध्यम से ही एक्सेस कर सकते हैं.
आपका खरीदा हुआ सोना वो प्लेटफॉर्म्स मैनेज करते हैं जहां से आपने इन्हें डिजिटल गोल्ड क्या है? खरीदा है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय कीमत से लिंक होती है. खरीदते समय आप इसे लाइव देख सकते हैं. खास बात यह है कि खरीदने के साथ-साथ इसे बेच भी सकते हैं, रिडीम भी कर सकते हैं और किसी को ट्रांसफर भी कर सकते हैं.
डिजिटल गोल्ड खरीदने की प्रक्रिया
आप ऐप या जिस वेबसाइट से डिजिटल गोल्ड खरीदना चाहते हैं वो आपके बैंक अकाउंट या पेमेंट वॉलेट से जुड़ा रहना चाहिए. इसे आप ऑनलाइन खरीदते भी हैं और बेच भी सकते हैं. पेमेंट ऐप पर आपको दो कॉलम नजर आएंगे.
ऐप में डालिए कीमत और दूसरे में आपको दिख जाएगा कि कितना सोना आपके नाम पर तिजोरी में जमा होगा. अगर आप चाहें तो इस डिजिटल गोल्ड की फिजिकल डिलवरी भी ले सकते हैं.
लेकिन फिजिकल डिलवरी के लिए अलग-अलग कंपनियां एक मिनिमम अमाउंट की खरीद की ही डिजिटल गोल्ड क्या है? डिलवरी करेंगी. कंपनियां अपनी तिजोरी में इसे एक 3-5 साल के समय सीमा तक ही रखती हैं. समय सीमा के खत्म होते ही आपको इसे बेचना पड़ेगा या फिजिकल डिलवरी लेनी होगा.
डिजिटल गोल्ड की तरफ क्यों खींच रहे हैं लोग?
रिपोर्टस बताती है कि देश में 10 करोड़ लोग डिजिटल गोल्ड में निवेश कर रहे हैं. लेकिन कितना सोना डिजिटल रूप में खरीदा गया है इसका कोई आंकड़ा नही है. डिजिटल गोल्ड की USP है कम पैसे खरीद का विकल्प. जो चीज हजारों में मिले अगर वो केवल 1 रुपए में आप खरीद पाएं तो इसकी तरफ खींचे चले जाना स्वाभाविक है.
भले ही सोने का भाव हजारों पर हो लेकिन आप जितने का सोना खरीदना चाहे उतने का खरीद सकते हैं. जितना पेमेंट उतना सोना! एक रुपए में रत्ती भर सोने से शुरुआत कर सकते हैं. हर महीने जितना पैसा बचा पाएं उतना निवेश कर सकते हैं. दूसरी खास बात है कि इस सोने को रखने की सिरदर्दी खरीदने वाले की नहीं.
आप जिस प्लेटफॉर्म पर सोना रखेंगेे वो इस सोने को अपनी तिजोरी में सुरक्षित रखेगा. लेकिन डिजिटल गोल्ड की इस तथा-कथित तिजोरी पर कितना विशवास किया जा सकता है.
मनी 9 की सलाह
1 रुपए में सोने का ख्वाब अच्छा तो है लेकिन ये महज मार्केटिंग गिमिक है. कंपनियों को बस आपसे पैसे खींचने के लिए एक प्रोडक्ट का बहाना मिल गया. न कोई रिटर्न न कोई ब्याज… बस एक रुपए का झुनझुना आपके लिए कितना ही सोना जमा कर पाएगा.
सावरेन गोल्ड बांड या गोल्ड म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) जैसे विकल्पों के सामने इसकी चमक फीकी है. डिजिटल गोल्ड को निवेश नहीं बस सोने को खरीदना का सिर्फ जरिया समझिए. घर बैठे खरीदने की सहूलियत तो है लेकिन बिना रेगुलेटेड सोना खरीदने में जोखिम भी जुड़ा है.
चलते-चलते-जागते रहो में समझिए क्यों हर चमकीली चीज़ सोना नहीं होती और डिजिटल गोल्ड से क्यों रखनी है दूरी
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