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Muhurat Trading Diwali Session 2022: जानें मुहूर्त ट्रेडिंग की टाइमिंग, निवेशक क्यों मानते हैं इसे बेहद शुभ?

Muhurat Trading Diwali Session 2022 Date Time: मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए सिर्फ 1 घंटे के लिए बाजार में 'शुभ' के लिए ट्रेडिंग होती है. इस खास वक्त पर छोटा सा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाने के साथ पैसा कमाने का भी मौका मिलता है.

24 अक्टूबर, 2022 को देशभर में दीपों का उत्सव दिवाली (Diwali 2022) का शुभ माना जाता है निवेश त्योहार मनाया जाएगा. दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और उसके निवेशकों के लिए बेहद खास रहता है. शेयर बाजार तो वैसे दिवाली के चलते बंद रहता है. लेकिन दिवाली की शाम देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद बाजार में दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग होती है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या होता मुहूर्त ट्रेडिंग उसकी टाइमिंग और क्यों इसे बेहद शुभ माना जाता है.

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मुहूर्त ट्रेडिंग क्या होती है?

24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली के दिन शेयर बाजार में स्पेशल ट्रेडिंग सेशन का आयोजन किया जाएगा जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है. मुहूर्त ट्रेडिंग के खास मौके पर शेयर बाजार में केवल एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होती है. शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार में निवेश करते हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश की परंपरा को बेहद खास और शुभ माना जाता है. 24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली के दिन बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.इसलिए इसे मुहूर्त ट्रेडिंग भी कहा जाता है.

मुहूर्त ट्रेडिंग 2022 की टाइमिंग?

साल 2022 में मुहूर्त ट्रेडिंग का समय- शेयर शुभ माना जाता है निवेश बाजार (Share Market) बीएसई (BSE) और एनएसई (National Stock Exchange of India Limited-NSE) में 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली पर शाम 6:15 बजे ट्रेडिंग (विशेष मुहूर्त कारोबार) शुरू होगी और 7:15 बजे खत्म हो जाएगी. इस दौरान आप शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकेंगे. दोनों एक्सचेंज के मुताबिक, दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेडिंग सेशन होगा. इसके बाद शाम 6:15 से 7:15 बजे मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.

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मुहूर्त ट्रेडिंग है बेहद शुभ

शेयर बाजार में दिवाली पर सालों से मुहूर्त ट्रेडिंग का रिवाज चला आ रहा है. दिवाली पर निवेश को बेहद शुभ माना जाता है. मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन निवेशक बाजार में ट्रेडिंग शुभ माना जाता है निवेश कम और निवेश पर ज्यादा फोकस करते हैं. इस वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग बेहद खास रहने वाला है. धनतरेस का त्योहार शनिवार को पड़ रहा है. जिसके चलते बाजार में इन दिन निवेशक शेयर नहीं खरीद सकेंगे. धनतरेस पर भी निवेशक शेयरों की खरीदारी करते हैं. इसलिए माना जा रहा है कि इस वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग पर बाजार में जबरदस्त रौनक रहने वाली है. मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन शेयर बाजार में सबसे पहले गणेश-लक्ष्मी की पूजा होती है

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मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान आपकी निवेश यात्रा के लिए आपका गो-टू गाइड

दीवाली एक नई शुरुआत है। यह एक शुभ दिन माना जाता है, जो बहुत सारी सकारात्मकता, खुशी और सफलता लाता है। व्यवसायों (Businesses) और निवेशकों ने मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अगर आप चूकना नहीं चाहते हैं, तो यह ट्रेडिंग सेशन आपकी निवेश यात्रा को शुरू करने का एक रोमांचक अवसर है, क्योंकि इसे भाग्यशाली माना जाता है। और चिंता न करें, हम आपके लिए वह सारी जानकारियां लेकर आए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए शुभ माना जाता है निवेश जरूरी है। आइए सबसे पहले मुहूर्त ट्रेडिंग का अर्थ समझते हैं।

Table of Contents

इस लेख में शामिल हैं:

मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?

मुहूर्त ट्रेडिंग दीवाली के दिन एक घंटे के सेशन को दर्शाती है और इसे निवेश के लिए शुभ माना जाता है।इस बार यह 4 नवंबर 2021 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक है । ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस समय के दौरान निवेश करते हैं, तो पूरे वर्ष धन के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। अच्छा, क्या यह आपको दिलचस्प नहीं लगा? गौरतलब है कि यह केवल भारतीय शेयर बाजार के बारे में सच है।

अब जब आपको मुहूर्त ट्रेडिंग की बुनियादी समझ हो गई है, तो आइए निवेश के इस उपयोगी समय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

मुहूर्त ट्रेडिंग भाग्यशाली क्यों है?

इस ट्रेडिंग सेशन को भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि देश भर के निवेशक इस एक घंटे की अवधि में, दीवाली जैसे त्योहार के दौरान पैसा निवेश करने की आस्था से प्रेरित होते हैं। यह बहुत समय पहले हि एक परंपरा बन गई थी क्योंकि व्यापारी धन की देवी लक्ष्मी जी को अपनी शुभकामनाएं देकर एक नए सेशन की शुरुआत करते थे।

मुहूर्त ट्रेडिंग तब होती है जब लोग दीवाली के दिन सामूहिक सद्भावना साझा करने के लिए एक साथ आते हैं। शेयर बाजार में नए खिलाड़ी धमाकेदार एंट्री करते हैं। हर निवेशक की निगाहें बाजार में होने वाले घटनाक्रम पर होती हैं, एक् उम्मीद में कि इस दौरान निवेश करने से उन्हें मुनाफा होगा। हालांकि, हमेशा की तरह, आपको निवेश करते समय सावधान रहना चाहिए। दीवाली के रुझानों का आँख बंद करके पालन करने के बजाय, जो कि केवल अटकलें हो सकती हैं, अपना शोध करना और उसके अनुसार निवेश करना सबसे बेहतर होता है।

मुहूर्त ट्रेडिंग में अपनी निवेश यात्रा कैसे शुरू करें?

आरंभ करने में आपकी सहायता करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

चरण 1: एक डीमैट खाता खोलें। यह आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत करता है।

चरण 2: अपने बैंक खाते से अपने डीमैट खाते में धनराशि जोड़ें।

चरण शुभ माना जाता है निवेश 3: जिन शेयरों में आप निवेश करना चाहते हैं, उन पर थोड़ा शोध करें। इसमें स्टॉक की अतीत की कीमतों को देखना, कंपनी के वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करना, तुलना करना और बहुत कुछ शामिल होता है। इस तक आसान पहुंच के लिए, आप टिकरटेप पर जा सकते हैं। सुनिश्चित करें कि शुभ माना जाता है निवेश आप मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों को चुनें ताकि वे लंबे समय में बाजार में गिरावट का सामना कर सकें और अच्छा रिटर्न दे सकें।

चरण 4: अपने शोध के बाद, आप शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले कुछ् ध्यान रखने योग्य बातें

ट्रेडिंग से पहले कुछ पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  • सभी खुली पोजीशनें सेशन के अंत में सेटलमेंट ऑब्लिगेशन (Settlement Obligations) के रूप में होंगी।
  • मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के लिए, बाजार केवल एक घंटे के लिए खुला रहेगा।
  • इस सेशन के दौरान बाजार अस्थिर हो सकता है इसिलिये बाजार पर नजर रखें ताकि आप समझदारी से निर्णय ले सकें।
  • लंबी अवधि के लिए किसी शेयर में निवेश करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप कंपनी के मूल सिद्धांतों पर बरकरार हैं। पिछले मुहूर्त ट्रेडिंग सेशनों में यह देखा गया है कि सेशन के दौरान उत्साह के कारण अफवाहें तेजी से फैलती हैं।
  • यदि आप बाजार में उतार-चढ़ाव को भुनाने की योजना बना रहे हैं, तो ऐसे शेयरों का चयन करना सुनिश्चित करें, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम अच्छा हो।

निष्कर्ष

जैसा कि इस लेख में बताया गया है, मुहूर्त ट्रेडिंग व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक शुभ समय है। हालाँकि, अपने साथियों या बाज़ार के रुझानों का आँख बंद करके अनुसरण न करें। एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन जल्द ही आ रहा है। इसलिए अपने वांछित शेयरों पर शोध करके, उनके मूल सिद्धांतों का अध्ययन करके और उन्हें ट्रैक करने के लिए अपनी वॉचलिस्ट में स्टॉक जोड़कर पहले से अच्छी तैयारी करें । टिकरटेप पर पेश किए गए फिल्टर और आपके लिए सबसे उपयुक्त मेट्रिक्स के आधार पर स्क्रीन स्टॉक का उपयोग करें। #dimaaglaganekamuhurat आ रहा है! आपका निवेश शुभ हो!

Ganesh Chaturthi Special : गणपति से सीखें निवेश के 7 टिप्‍स, मिट जाएगी हर बाधा-होगा तगड़ा मुनाफा

गणेश चतुर्थी का त्‍योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है.

गणेश चतुर्थी का त्‍योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है.

शुभ और मंगल कार्य के प्रतीक माने जाने वाले भगवान गणेश का त्‍योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है. एक निवेशक के सफल होने क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 31, 2022, 15:12 IST

हाइलाइट्स

किसी भी काम की सफलता का पहला कदम उसकी शुरुआत ही होता है.
भगवान गणेश का सिर हाथी का है, जो बुद्धिमत्‍ता का प्रतीक माना जाता है.
भगवान गणेश ने महाकाव्‍य बिना एक पल रुके ही पूरा कर दिया था.

नई दिल्‍ली. आज देशभर में गणेश चतुर्थी का त्‍योहार मनाया जा रहा है. यह बात सभी जानते हैं कि किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले भगवान गणपति का नाम लेना शुभ माना जाता है. गणपति से हमें एक अच्‍छे निवेशक बनने की भी शिक्षा मिलती है. आज हम आपको भगवान गणेश के जीवन से जुड़ी ऐसी ही 7 शिक्षाओं के बारे में बता रहे, जिनको अपनाकर निवेशकों की हर बाधा खत्‍म हो जाएगी और तगड़े रिटर्न का रास्‍ता बनेगा.

1-वित्‍तीय सफर की शुरुआत
किसी भी काम शुभ माना जाता है निवेश की सफलता का पहला कदम उसकी शुरुआत होता है. आपको बड़ा फंड बनाना है तो इसकी शुरुआत भी निवेश के पहले कदम से ही होती है. इसके लिए भगवान गणेश के त्‍योहार से बेहतर क्‍या हो सकता है? अगर आपने अभी तक निवेश या बचत की शुरुआत नहीं की है तो आज इस दिशा में कदम बढ़ाने का सबसे अच्‍छा मुहूर्त है.

2-बुद्धिमानी से करें निवेश
भगवान गणेश का सिर हाथी का है, जो बुद्धिमत्‍ता का प्रतीक माना जाता है. एक निवेशक के तौर पर आपका बुद्धिमान होना बेहद जरूरी है. इसके लिए आपको किसी भी विकल्‍प में पैसे लगाने से पहले उसके सभी पहलुओं को अच्‍छे से जान लेना चाहिए. बिना सही जानकारी के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है.

3-फैसले से पहले सबकी सुनें
गणपति को सूपकर्ण भी कहा जाता है यानी उनके कान बहुत बड़े हैं. इसका मतलब है कि भगवान गणेश सभी की बातें सुनते हैं. इसी तरह, एक निवेशक के तौर पर आपको भी एक्‍सपर्ट और बाजार विश्‍लेषकों की बातें ध्‍यान से सुननी चाहिए. निवेश विकल्‍पों की जानकारियां जुटाकर अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह पर ही पैसे लगाना बेहतर होगा.शुभ माना जाता है निवेश

4-लक्ष्‍य पर ध्‍यान केंद्रित रखें
भगवान गणेश ने महर्षि वेद व्‍यास के साथ महाभारत की रचना की थी. उन्‍होंने पूरा महाकाव्‍य बिना एक पल रुके पूरा किया था. इस कार्य में तीन साल का समय लगा था. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अपने लक्ष्‍य को लेकर भगवान गणपति कितना फोकस रहते हैं. एक निवेशक को भी इसी तरह लक्ष्‍य से निगाह नहीं हटानी चाहिए. अगर आप लक्ष्‍य अनुरूप रणनीति बनाकर पैसे लगाएंगे तो बड़ा फंड तैयार करने में समय नहीं लगेगा.

5-शांति बनाए रखें
लंबोदर नाम से प्रसिद्ध भगवान गणेश का पेट काफी बड़ा है. वे हमेशा आराम की मुद्रा में दिखते हैं. इससे हम सीखते हैं कि हमे निवेश के लिए भी बड़ा लक्ष्‍य रखना चाहिए और हमेशा धैर्य से काम लेना चाहिए. बाजार में कैसा भी उतार-चढ़ाव आए आपको धैर्य के साथ अपने लक्ष्‍य पर निगाह रखनी चाहिए.

6-मोदक की तरह लाभ पर निगाह
भगवान गणेश के पास मोदक से भरी प्‍लेट हमेशा दिखाई देती है. हमें भी अपने मुनाफे से कभी निगाह नहीं हटानी चाहिए. आपने म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगाया है या शेयर बाजार में निवेश किया है. अपने रिटर्न पर हमेशा निगाह रखनी चाहिए. तभी हम आने वाले नुकसान का अनुमान लगा सकेंगे और उससे बचाव कर सकेंगे.

7-लचीचेपन से दूर होगी बाधा
भगवान गणपति की लंबी सूंड लचीलेपन की शिक्षा देती है. अगर एक निवेशक के तौर पर आप भी पोर्टफोलियो और निवेश व्‍यवहार में लचीलापन लाएंगे तो रास्‍ते में आने वाली बाधाएं खत्‍म हो जाएंगी. इसीलिए भगवान गणेश को विघ्‍नहर्ता भी कहा जाता है, क्‍योंकि वे अपने भक्‍तों की राह में आने वाली बाधाएं खत्‍म कर देते हैं.

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Gold Investment Tips: सोना खरीदकर आपको हो सकता है 'नुकसान', गांठ बांध लें ये 4 बातें

सोने में निवेश के वक्त आपको सावधानी भी बरतनी चाहिए। नहीं तो फायदा शुभ माना जाता है निवेश देने वाला सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: June 25, 2022 12:57 IST

Gold Investment- India TV Hindi

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Highlights

  • सावधानी न बरती तो फायदेमंद सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है
  • मेकिंग और डिजाइनिंग चार्जेज के चलते सोना अधिक महंगा हो जाता है
  • डिजिटल गोल्ड के जोखिम की बात करें तो यहां कोई रेग्युलेटर नहीं है

सोना हमेशा से समृद्धि का प्रतीक रहा है। तभी तो कहा जाता है कि 'आपके पास है सोना तो जिंदगी भर चैन की नींद सोना'। भारत में पारंपरिक रूप से कुछ खास अवसरों पर सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। आज के दौर में जहां शेयर मार्केट, मनी मार्केट, म्यूचुअल फंड और अन्य दूसरे निवेश के विकल्प मौजूद हैं, तब भी सोने के प्रति निवेशकों का आकर्षण कम नहीं हुआ है। लेकिन सोने में निवेश के वक्त आपको सावधानी भी बरतनी चाहिए। नहीं तो फायदा देने वाला सोना नुकसान का कारण भी बन सकता है। आज सोने में निवेश के कई विकल्प में इतने विकल्पों के बीच आपको सोने में निवेश से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। आज हम इन्हीं बातों की चर्चा कर रहे हैं।

क्या सुनार की दुकान से खरीदें सोना?

पहला सवाल आता है कि आप सोना किस प्रकार खरीद सकते हैं। एक तरीका पारंपरिक है यानि फिजिकल गोल्ड (Physical Gold), इसे खरीदने के लिए आप सुनार की ​दुकान पर जाते हैं और गहने या गिन्नी खरीदते हैं। यदि आप ज्वैलरी या गिन्नी खरीदते हैं तो इसके चोरी होने का डर हमेशा आपका ब्लडप्रैशर बढ़ा सकता है, वहीं लोकल सुनार से खराब क्वालिटी का खतरा भी बना रहता है। एक नुकसान यह भी है कि मेकिंग और डिजाइनिंग चार्जेज के चलते यह अधिक महंगा हो जाता है। इसे आप लॉकर आदि में रखते हो तो आपको उस पर भी पैसा खर्च करना पड़ेगा। वहीं समस्या गुणवत्ता को लेकर भी है। जब आप इसे बेचने जाते हैं तो आपको इसकी पूरी कीमत भी नहीं मिलती।

Gold

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डिजिटल गोल्ड में हैं क्या खतरे

आज सोने की खरीद का एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट है। आप डिजिटल गोल्ड (Digital Gold), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds), सॉवरेन गोल्ड बांड्स (Sovereign Gold Bonds) आदि माध्यमों पर भी गौर कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड के जोखिम की बात करें तो यहां कोई रेग्युलेटर नहीं है। यानि आपके साथ धोखाधड़ी होने पर आपके ​पास ज्यादा विकल्प नहीं रह जाते। हालांकि गोल्ड इटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स सेबी की निगरानी के साथ आते हैं। इसके अलावा सॉवरेन गोल्ड बांड के साथ रिस्क बहुत ही कम है।

Sovereign Gold Bonds

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टैक्स घटा शुभ माना जाता है निवेश सकता है आपका रिटर्न

देश में हर कमाई पर आपको टैक्स देना ही पड़ता है। यह व्यवस्था सोने पर भी लागू है। जब इन्वेस्टमेंट मैच्योर होता है या जब आप सोना बेचते हैं, उस समय आपको टैक्स देना होता है। फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से मिले कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है। अगर सोने को तीन साल के अंदर मुनाफे के साथ बेचा जाता है, तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। अगर सोना तीन साल के बाद मुनाफे पर बेचा जाता है, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। जो 20 फीसदी तक हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बांड से प्राप्त हुआ सारा ब्याज आपकी आय में जुड़ता है, और इस पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। अगर सॉवरेन गोल्ड बांड आठ साल बाद रिडीम किया जाता है, तो सारा कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री होता है।

सोने ने दिया कितना रिटर्न

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शेयर बाजार से लेकर दूसरे निवेश में भले ही आपको नुकसान हुआ हो, लेकिन सोने में निवेश आपको निराश नहीं किया। सोने ने पिछले 40 वर्षों में 9.6 फीसद की दर से सालाना रिटर्न दिया है। रिस्क के नजरिये से सोने ने इक्विटीज की तुलना में निश्चित रूप से कम शुभ माना जाता है निवेश अस्थिरता दिखाई है। अक्सर देखा गया है कि अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आती है या कोई बड़ी वित्तीय आपदा आती है तो सोने में रिटर्न बढ़ता है। उदाहरण के लिए 1991-92 में ईराक युद्ध, 2000 में अमेरिका पर हमला, 2008/2009 अमेरिकी मंदी और साल 2020 में कारोना संकट के बीच सोने ने अच्छा रिटर्न दिया।

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