क्रिप्टोकरेंसी का दुनिया के बाजार में चलता है सिक्का, जानें इसके बारे में सबकुछ
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि इसके सुरक्षित ट्रांजेक्शन्स के लिए इनक्रिप्शन का इस्तेमाल होता है। इसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी के डाटा को ट्रांसमिट करने और वालेट में स्टोर करने के लिए एक बहुत ही एडवांस कोडिंग का इस्तेमाल होता।
भुगतान का तरीका
क्रिप्टकरेंसी असल में एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। मगर इस सिस्टम में अन्य डिजिटल माध्यमों की तरह ट्रांजेक्शन के लिए किसी बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं होती। यह पीयर-टू-पीयर नेटवर्क सिस्टम से संचालित होती है और कोई भी कहीं से इसे भेज सकता है और प्राप्त कर सकता है।
क्या है पीयर-टू-पीयर सिस्टम
पीयर-टू-पीयर सिस्टम में कोई अपना एक सर्वर नहीं होता। सभी कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं।
कहां रखी जाती है डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी अपके डिजिटल वालेट में रहती है। जब कोई अपना डिजिटल करेंसी फंड ट्रांसफर करता है तो यह पब्लिक लेजर में दर्ज होता है।
कैसे काम करती है यह क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है?
क्रिप्टोकरेंसी एक पब्लिक लेजर जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं के जरिए चलती है। इसमें करेंसी का सारा ट्रांजेक्शन अपडेट होता है और यह करेंसी होल्डर के पास रहता है।
कैसे बनती है
क्रिप्टोकरेंसी बनाने की प्रक्रिया माइनिंग कहलता है इसमें कंप्यूटर की जटिल गणितीय समस्याओं को सुलझाने की क्षमता का इस्तेमाल सिक्के का डिजिटल रूप बनाने के लिए किया जाता है।
कहां से मिलती हैै
क्रिप्टोकरेंसी को ब्रोकर्स से खरीदा जाता है और इसे क्रिप्टोग्राफिक वालेट में रखा जाता है और वहीं से खर्च किया जा सकता है।
क्या खरीद सकते हैं
बिटकॉइन को जब लांच किया गया था तो यह सोचकर किया गया था कि यह दैनिक मार्केटिंग के लिए होगी और इससे एक कप कॉफी से लेकर कंप्यूटर और टिकट तक खरीदे जा सकें। मगर जल्द ही इसकी मांग बढ़ी और इसके दाम काफी ऊंचे हो गए। अब ये बड़े भुगतान में इस्तेमाल होती है।
उपलब्ध क्रिप्टोकरेंसियां
बिटकॉइन: पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। इसे 2009 में बनाया गया। इसके प्रति लोगों ने खूब रुचि दिखाई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी।
इथेरियम: ईथर या इथेरियम नाम से प्रचल्लित इस क्रिप्टोकरेंसी को 2015 में विकसित किया गया। बिटकॉइन के बाद यह दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है।
लाइटकॉइन: इसे बिटकॉइन की तर्ज पर ही विकसित किया गया है मगर आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की बजे से इसे ज्यादा तेजी से ट्रांसफर किया जा सकता है।
रिपल: यह डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम है, जिसे 2012 में बनाया गया था। यह क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? असल में यह केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं है, बल्कि एक यह विभिन्न तरह के ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने वाला सिस्टम है। इसके पीछे जो कंपनी है, वह विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए काम करती है।
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कैसे करे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग | Cryptocurrency Mining kaise kare
कैसे करे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग | Cryptocurrency Mining kaise kare
Cryptocurrency Mining कैसे काम करती है आज हम इसके बारे में जानने वाले हैं इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि कैसे आप भी Crypto Miner बन सकते हैं और काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं क्रिप्टो को माइन करके।
Cryptocurrency माइनिंग का काम आजकल ज्यादा प्रचलन में है और ज्यादातर लोग इसे फुल टाइम जॉब की तरह देख रहे हैं और क्रिप्टो माइनिंग कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी ज्यादा मुनाफा हो रहा है तो चलिए जान लेते हैं क्रिप्टो करेंसी कैसे माइन होती है और कैसे क्रिप्टो माइनर पैसा कमाते हैं और क्या-क्या सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आपको क्रिप्टोकरंसी माइन करने में इस्तेमाल होगा ।
क्रिप्टोकरंसी माइन करना काफी ज्यादा आसान है Cryptocurrency को खरीदने और बेचने से काफी लोग क्रिप्टोकरंसी की ट्रेनिंग कर रहे हैं और उन्हें यह डर है कि उनके देश की सरकार के प्रकरण से तो कहीं बना कर दे लेकिन उनसे भी ज्यादा लोग मेरे हिसाब से क्रिप्टोकरंसी माइन क ज्यादा पैसा कमा रहे हैं क्योंकि यह एक बार का सेटअप है और आपको बार-बार इसमें अपना दिमाग नहीं लगाना ।
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Cryptocurrency Miner क्या करते हैं
Cryptocurrency एक वर्चुअल करेंसी है जोकि स्पेशल वर्चुअल वॉलेट में स्टोर होती है यह कंप्यूटर कैलकुलेशन की तरह है जिसे डिसेंट्रलाइज्ड फॉर्म में देखा जा सकता है।
Cryptocurrency Miner किसे कहते है
माइनिंग करना क्रिप्टोकरेंसी को और क्रिप्टोकरेंसी को माइन करके पैसा कमाना काफी ज्यादा आसान है इसके लिए आपको फेमस सॉफ्टवेयर माइनर की जरूरत पड़ सकती है और काफी ज्यादा अन्य प्रकार के सॉफ्टवेयर भी है जो Cryptocurrency को माइन करते हैं और जो पर्सन क्रिप्टो करेंसी चाहे एथेरियम हो या बिटकॉइन माइन करना चाहता है उसे यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेट अप करना होगा और उसे ही हम माइनर कहते हैं जो क्रिप्टोकरंसी को माइन करने के पीछे ह्यूमन लगा हुआ है
Cryptocurrency Mining और Cryptocurrency को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के द्वारा ही आज के समय में संभव बनाया जा सका है। ब्लॉकचेन एक ऐसा टेक्नोलॉजी है या ब्लॉक चीन एक ऐसा डेटाबेस है सिंपल टेंस में जो सारे क्रिप्टोकरंसी के ट्रांजैक्शन को शोर करता है और उससे कई ज्यादा भी जो कि ग्रुप क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? ऑफ ब्लॉक्स में डिवाइड रहता है और यह ब्लॉक काफी ज्यादा सिक्वेंस और चैन में बंधे हुए होते हैं जिसे वास्तव मैं हम चैन ऑफ ब्लॉक्स भी कहते हैं
हर क्रिप्टोकरंसी ओनर के पास एक कॉपी ऑफ चेन होती है या दूसरे की आईडेंटिकल कॉपी होती है जो कि काफी ज्यादा कॉन्प्लेक्स मैथमेटिकल कैलकुलेशन और हैकिंग से हम को बचाती है।
क्रिप्टोकरंसी माइनिंग कैसे की जाती है
क्रिप्टो करेंसी को माइन करना या क्रिप्टोकरंसी – काबिल गोल इस वर्चुअल करेंसी को ज्यादा से ज्यादा माइन करना और इसके बदले में जयादा क्रिप्टो करेंसी के फोन में रनिंग करना होता है जो कि इस क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के द्वारा ही हो पाया है जिसे हम ब्लॉकचेन बेस्ट टेक्नोलॉजी कहते हैं
क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन में जो पहला माइनर होता है वह ब्लॉक को चीन में ऐड करता है जिसके द्वारा उसे रिकॉर्ड मिलता है डिजिटल करंसी के रूप में
क्रिप्टो करेंसी को माइन करने के 2 तरीके
- अकेले क्रिप्टोकरंसी माइन करना
- ग्रुप क्रिप्टो करेंसी माइंड करना
शुरुआत में Cryptocurrency Mining को लोग अलग-अलग सेपरेटली माइनिंग कर रहे थे जिसके पास एक कंप्यूटर भी होता था वह भी क्रिप्टोकरंसी को मन करता था लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए क्रिप्टोकरेंसी के ब्लॉक स्कोर फाइंड कर पाना कठिन होता गया जिसके लिए उन्हें काफी ज्यादा कंप्यूटर्स को एक साथ सिक्वेंस में कनेक्ट करना पड़ा जिससे उनका खर्चा बढ़ गया और उन्हें काफी ज्यादा पैसे क्रिप्टोकरंसी माइन करने में लगने लगे जिससे उन्होंने एक ग्रुप में Cryptocurrency Mining करना चालू कर दिया जिससे हम क्रिप्टोकरंसी माइनिंग टूल्स भी कहते हैं
एक माइनिंग पूल एक बराबर होता है जो कि क्रिप्टोकरंसी की इस जटिल समस्या या जिसे आप मैथ प्रॉब्लम कहते हैं उसे सबटास्क में बदल देता है और बाकी किस तरह उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर उसे माइन करते हैं
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पूल सरवर को सेट अप करने के बाद – को ज्यादा मुनाफा होने लगा जिससे उन्होंने काफी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी माइंड की और अपनी रनिंग को भी बढ़ाया जिससे आज काफी ज्यादा पूल देखे जा सकते हैं
क्रिप्टोकरेंसी पुल चुनते समय इसकी रेपुटेशन इसकी प्रतिष्ठा साथ ही अन्य बारीकियों पर भी विचार करना होता है जिससे आपके पुल का आकार और आपका क्रिप्टोकरंसी माइन करने के बाद कमीशन और काफी अन्य खर्च आसानी से निकले जा सके
क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के लिए इक्विपमेंट
शुरुआत में जब लोग क्रिप्टोकरंसी माइन करते थे जो क्रिप्टो होते थे वह अपने घर के कंप्यूटर से ही क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? क्रिप्टोकरंसी को माइन कर देते थे पर जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन बढ़ता गया और ज्यादा क्रिप्टो माइनिंग की जरूरत पड़ने लगी तो यह घर में बने कंप्यूटर या घर में इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर काफी नहीं पढ़े क्रिप्टो करेंसी को माइन करने के लिए जिससे उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पूल को खरीदना पड़ जाता है
क्रिप्टो करेंसी पूल काफी ज्यादा ताकतवर काफी ज्यादा कांपलेक्स और काफी ज्यादा महंगा होता है जिससे क्रिप्टोकरंसी माइन करना आज के समय में एक खर्चीला व्यवसाय कहलाया जा रहा है
Cryptocurrency Mining करने के लिए यहां पर दो तरह के इक्विपमेंट्स होते हैं जैसे कि एएसआईसी इंटीग्रेटेड सर्किट एंड जीपीयू वीडियो कार्ड
ईएसआईसी स्कीम के जरिए आप बिटकॉइन को माइन कर सकते हैं काफी आसानी से लेकिन एक डिफरेंट एल्गोरिदम पर बना है जिसे माइन करने के लिए आपको अलग और आधुनिक उपकरण की जरूरत पड़ती है
Ethereum को कैसे माइन करें
Ethereum को माइन करने के लिए आपको सीरियल के अलग-अलग ओरिदम को समझना होगा क्योंकि एथेरियम और बिटकॉइन अलग-अलग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर भेज दें और इस नियम को माइंड करने के लिए आपको जीपीयू वीडियो कार्ड के साथ-साथ प्रोसेसर और काफी ज्यादा पीसीआई स्लॉट की जरूरत पड़ेगी
ओ तेरी!! अवार्ड शो में एंबेरे हुई नीना गुप्ता, कंफ्यूजन हो बोली- ये मुझे पंचायत के लिए …
फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड्स (Filmafe OTT awards) के दौरान नीना गुप्ता (Neena Gupta) को इस बात का कंफ्यूजन हो गई कि, उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड कौनसी सीरीज के लिए मिला है, जब उन्होंने स्पीच शुरू की तो दर्शकों ने टोका.
Filmafe OTT Awards: फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड्स (Filmafe OTT awards) के दौरान नीना गुप्ता (Neena Gupta) को इस बात का कंफ्यूजन हो गई कि, उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड (Best Supporting Actress Award) कौनसी सीरीज के लिए मिला है, जब उन्होंने स्पीच शुरू की तो दर्शकों ने टोका.
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अब इस पूरे वाक्ये का मजेदार वीडियो मसाबा गुप्ता (Masaba Gupta) ने शेयर किया है। दरअसल, हाल ही में नीना गुप्ता (Neena Gupta) को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? का फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड मिला।
वहीं स्टेज पर पहुंची नीना (Neena Gupta) ने अवॉर्ड लेने के बाद कहा, ‘ये मुझे मसाबा के लिए मिला है न।।। मसाबा क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? मसाबा। तो सबसे मजेदार बात ये है कि मसाबा मसाबा में, अगर मैं गलत नहीं तो, मैं और मसाबा दोनों नॉमिनेट हुए हैं एक दूसरे के खिलाफ।
बिग बॉस 16: शो में हुई अब्दु की एंट्री, आखिरी वक्त में भी लड़ पडे अंकित-प्रियंका
रिएलिटी शो बिग बॉस 16 में अभिनेता अंकित गुप्ता का सफर खत्म हाे गया है। 'शनिवार का वार' में दिखाया गया कि घरवालों ने अंकित को घर से बेघर कर दिया। वहीं, आज प्रसारित होने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि अंकित का नाम आते ही प्रियंक चाहर चौधरी बिलखने लगती हैं, लेकिन हैरानी तब हाेती जब अंकित जाते-जाते प्रियंका से परेशान होने लगते हैं। आइए जानते हैं घर में बिताए गए अंकित-प्रियंका के अंतिम क्षणों के बारे में।
अंकित के जाने पर खुश हुई अर्चना
प्रोमो की शुरुआत में दिखाया जाता है कि प्रियंका, अंकित के जाने की वजह से दुखी हैं। वह वॉशरूम एरिया में अंकित को गले लगाकर रोती नजर आती हैं। भावुक क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? प्रियंका को संभालते हुए अंकित उन्हें अपना ब्रेसलेट पहनाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ हर दिन अंकित और प्रियंका को अलग करने की प्रार्थना करने वाली अर्चना गौतम नाचने लगती हैं। अर्चना कहती हैं, "ये जो कंधा लेकर वो रोती है, अब किसके कंधे पर सिर रखकर रोएगी।"
अंकित पर भड़कीं प्रियंका
प्रियंका को समझाते हुए अंकित कहते हैं, "तू क्यों रो रही है, तुझे मेरी याद क्यों आएगी? इमोशनल होकर खेलना है क्या?" यह सुनते ही प्रियंका भड़क जाती हैं और अंकित को मारने लगती हैं और कहती हैं कि तू हमेशा जाते-जाते ऐसा क्यों करता है? उधर, अर्चना और सौंदर्या शर्मा अपनी खुशी जाहिर करती हैं और कहती हैं कि सही मायनों में तो कल प्रियंका का बिग बॉस में पहला दिन होगा।
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? का क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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