मजबूत मांग के कारण ग्वारगम वायदा कीमतों में तेजी
नई दिल्ली। हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को ग्वारगम की कीमत दो रुपये की तेजी के साथ 8,558 रुपये प्रति पांच क्विन्टल हो गई। एनसीडीईएक्स में ग्वारगम के सितंबर माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत दो रुपये अथवा 0.02 प्रतिशत की तेजी …
नई दिल्ली। हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को ग्वारगम की कीमत दो रुपये की तेजी के साथ 8,558 रुपये प्रति पांच क्विन्टल हो गई। एनसीडीईएक्स में ग्वारगम के सितंबर माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत दो रुपये अथवा 0.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 8,558 रुपये प्रति पांच क्विन्टल हो गई जिसमें 35,130 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि हाजिर बाजार में मजबूती के रुख को देखते हुए व्यापारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे ग्वारगम वायदा कीमतों में तेजी आई।
मंदी की चिंताओं के बीच 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा ब्रेंट क्रूड ऑयल
Crude oil price : मंदी की चिंताओं के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिका और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने वैश्विक मंदी की चिंताओं को जन्म दिया.
Published: August 17, 2022 4:12 PM IST
Brent Crude Oil Price : वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताओं के बीच ब्रेंट वायदा ताजा निचले स्तर को छूने के साथ कच्चे तेल की कीमतों में बुधवार को गिरावट जारी रही. इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट का अक्टूबर अनुबंध सत्र के दौरान छह महीने के निचले स्तर 91.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
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दोपहर 2.10 बजे के आसपास, वायदा अनुबंध 91.85 डॉलर सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? प्रति बैरल पर था, जो पिछले बंद से 0.53% कम है.
Nymex पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का सितंबर अनुबंध 86.25% पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से 0.32% कम है.
ईरान परमाणु समझौते के लिए अमेरिका-ईरान वार्ता में फिर सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? से आगे बढ़ने की उम्मीद से भी तेल की कीमतों में और कमी आई है.
लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के प्रमुख रवींद्र राव ने कहा, क्रूड कमजोर धारणा का संकेत दे रहा है, हालांकि हमें कुछ रिकवरी देखने को मिल सकती है. मांग की चिंता, चीन का वायरस फैल गया और ईरान की परमाणु वार्ता में प्रगति के बीच ईरान से उच्च आपूर्ति की संभावना कच्चे तेल की कीमत पर पड़ी.
अमेरिका और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने वैश्विक मंदी की चिंताओं को जन्म दिया. हाल ही में एक अमेरिकी सर्वेक्षण से पता चलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में होमबिल्डर भावना (एचएमआई) कमजोर हो गई है और डेवलपर्स को लगता है कि देश “आवास मंदी” से गुजर रहा है.
चीन से उम्मीद से कमजोर आर्थिक आंकड़ों का भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा. विश्लेषकों ने कहा कि चीन की खुदरा बिक्री और कारखाने के आंकड़ों में वृद्धि देखी गई, लेकिन बाजार की उम्मीदों से काफी कम थी. जुलाई में खुदरा बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 2.7% की वृद्धि हुई और साल-दर-साल आधार पर औद्योगिक उत्पादन में 3.8% की वृद्धि हुई.
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निफ्टी कर रहा OUTPERFORM, जानिये राजेश पालवीय की बाजार पर राय
आज वायदा बाजार में TRENT, OBEROI REALITY में FRESH LONGS देखने को मिले
दिवाली से पहले वीकली एक्सपायरी पर बाजार में अच्छी खरीदारी दिख रही है। निफ्टी आज बैंक निफ्टी के मुकाबले OUTPERFORM कर रहा है। ऐसे में हम ऑप्शन के आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश करेंगे कि राइटर्स आज की एक्सपायरी के लिए कौन सी रेंज देख रहे हैं। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज के हमारे एक्सपर्ट एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीय हैं। राजेश जी ने बाजार पर अपनी राय दी।
वायदा बाजार में आज के FRESH LONGS रोल्स वाले शेयर
TRENT, OBEROI REALITY, LT और HPCL
वायदा बाजार में आज सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? के SHORT COVERING रोल्स वाले शेयर
UPL, MANNAPURAM, APOLLO HOSPITAL और ADANI PORT
वायदा बाजार में आज के FRESH SHORTS रोल्स वाले शेयर
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BALKRISHNA, CUMMINS, BANDHAN और IRCTC
निफ्टी में आज की एक्सपायरी में 18200 और 18100 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग दिख रही है
NIFTY CALL (3 NOV) (CONTRACT)
18000 CE OI 243697 OI CHANGE 56324
18100 CE OI 146711 OI CHANGE 41279
18200 CE OI 162015 OI CHANGE 24161
निफ्टी में आज की एक्सपायरी में 17800 और 1700 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटिंग दिख रही है
NIFTY PUT (3 NOV) (CONTRACT)
18000 PE OI 93749 OI CHANGE 48154
17900 PE OI 123676 OI CHANGE 79113
17800 PE OI 100811 OI CHANGE 39338
बैंक निफ्टी में आज की एक्सपायरी में 40500 और 40200 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग दिख रही है
NIFTY BANK CALL (3 NOV) (CONTRACT)
40000 CE OI 136601 OI CHANGE 51269
40200 CE OI 88358 OI CHANGE 54942
40500 CE OI 145580 OI CHANGE 73696
बैंक निफ्टी में आज की एक्सपायरी में 39800 और 39900 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटिंग दिख रही है
NIFTY BANK PUT (3 NOV) (CONTRACT)
40000 PE OI 121895 OI CHANGE 73902
39900 PE OI 60860 OI CHANGE 40410
39800 PE OI 78183 OI CHANGE 52907
एक्सिस सिक्योरिटीज की बाजार पर राय
एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीय ने बाजार पर राय देते हुए कहा कि एक्सपायरी के लिहाज से ये छोटा सप्ताह है। लेकिन फेस्टिव सहित दिवाली सीजन के कारण निफ्टी में रिकवरी देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से जो शॉर्ट कविरंग दिख रही है उससे लगता है कि निफ्टी 18000 से 18100 के स्तर को छू सकता है। अगर निफ्टी 17800 के लेवल को रिस्पेक्ट करता है तो इसमें 18000 से 18100 के स्तर भी आचे हुए नजर आ सकते हैं।
बैंक निफ्टी पर राय देते हुए राजेश ने कहा कि आज बैंक निफ्टी का मूव एसबीआई के आने वाले रिजल्ट पर डिपेंड करेगा। इसने शुरुआती सेशन में 40000 के स्तर छुआ था लेकिन उस पर टिकने में कामयाब नहीं रहा। यदि इसमें अच्छा मूव आया तो ये 40200 से 40300 का स्तर दिखा सकता है। इसमें 39700 के स्तर पर खरीदारी कर सकते हैं।
हालांकि इस समय एसबीआई के रिजल्ट आने के बाद एसबीआई के स्टॉक में जोरदार ऐक्शन नजर आया और इसके साथ ही इसके रिजल्ट के असर से बैंक निफ्टी में जोरदार ऐक्शन देखने को मिला।
Crude Rate Today: कोरोना वायरस के कहर से टूटा कच्चा तेल, 5 महीने के निचले स्तर पर भाव
Crude Rate Today: कोरोना के गहराते प्रकोप से निपटने के लिए यूरोप में लॉकडाउन से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं से फिर कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है. वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते एक सप्ताह में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब पांच डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट से भारतीय वायदा बाजाद में भी बीते एक सप्ताह में करीब 400 रुपये प्रति बैरल की गिरावट आई है.
29 मई के निचले स्तर पर पहुंचा MCX क्रूड
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के नवंबर वायदा सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? अनुबंध में बीते सत्र से 83 रुपये यानी 3.14 फीसदी की गिरावट के साथ 2,559 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 2,544 रुपये प्रति बैरल तक टूटा, जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब तेल का भाव 2,450 रुपये प्रति बैरल तक टूटा था. अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जनवरी डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र के मुकाबले 3.06 फीसदी की गिरावट के साथ 36.78 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 35.76 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था जो करीब पांच महीने का सबसे निचला स्तर है.
इसी प्रकार, अमेरिकी क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर डिलीवरी अनुबंध में भी बीते सत्र से 3.66 फीसदी की कमजोरी के साथ 34.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 33.65 डॉलर तक टूटा था जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब डब्ल्यूटीआई का भाव 32.36 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था.सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं?
कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट की पांच मुख्य वजह
- कोरोना का कहर दोबारा गहराने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है.
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
- लीबिया और इराक से तेल की आपूर्ति बढ़ने से ओपेक के अन्य सदस्यों देशों द्वारा किए जा रहे उत्पादन में कटौती के बावजूद समूह की आपूर्ति में वृद्धि हो रही है.
- आईईए का अनुमान है कि कोरोना महामारी का असर लंबे समय तक रह सकता है जिससे तेल की वैश्विक मांग के मामले में यह सदी का सबसे कमजोर दशक रह सकता है. उधर, ओपेक प्रमुख का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से तेल में रिकवरी में विलंब हो सकता है.
- अमेरिका में तेल के भंडार में 23 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 43.2 लाख बैरल का इजाफा हुआ। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में तेल की मांग में पिछले साल के मुकाबले करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है.
क्या कहते हैं जानकार
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कहर के चलते तेल की मांग कमजोर रहने की आशंका से कीमतों में गिरावट आई है और आगे डब्ल्यूटीआई का भाव 30 डॉलर जबकि ब्रेंट क्रूड का 32 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? सकता है.
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने भी बताया कि कोरोन के कहर के चलते यूरोप में लॉकडाउन होने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है जिससे अक्टूबर महीने में कच्चे तेल के भाव में 10 फीसदी से ज्यादा सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? की गिरावट रही. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर भी कारोबारी असमंजस में हैं.
सरसों की नई पैदावार आने में वक्त, क्या और बढ़ेंगे दाम, अभी 8600 रुपए क्विंटल बिक रहा यह तिलहन
देश की विभिन्न मंडियों में जुलाई में प्रतिदिन दो से सवा दो लाख बोरी की आवक थी जो अगस्त में घटकर लगभग पौने दो लाख बोरी रह गई है. आने वाले दिनों में मंडियों में सरसों की आवक और कम होगी. हालांकि किसानों के पास अभी भी कुछ स्टॉक सदा के वायदा अनुबंध क्या हैं? पड़ा हुआ है और ऐसे किसानों को बढ़ी हुई कीमतों का लाभ मिलेगा.
सरसों के दाम में आया उछाल इस साल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी यह तिलहन 8600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में दाम और बढ़ेंगे क्योंकि अभी भी सरसों की नई पैदावार आने में वक्त है. इस बार रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद भारी मांग के कारण दाम उच्च स्तर पर बने हुए हैं.
सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों की खरीद बुधवार को 8,600 रुपए क्विन्टल के भाव की गई है. देश की विभिन्न मंडियों में जुलाई में प्रतिदिन दो से सवा दो लाख बोरी की आवक थी जो अगस्त में घटकर लगभग पौने दो लाख बोरी रह गई है. आने वाले दिनों में मंडियों में सरसों की आवक और कम होगी. हालांकि किसानों के पास अभी भी कुछ स्टॉक पड़ा हुआ है और ऐसे किसानों को बढ़ी हुई कीमतों का लाभ मिलेगा.
सरसों के अलावा अन्य तेल-तिलहन की बात करें तो विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में बुधवार को सोयाबीन डीगम और सीपीओ तेल के दाम मजबूत रहे. वहीं मंगलवार को सरकार द्वारा सोयाबीन खली (डीओसी) की कमी को देखते हुए इसके आयात की अनुमति दिए जाने के बाद सोयाबीन दाना और लूज के भाव में गिरावट आई. बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत रहे.
सोयाबीन तिलहन के भाव में दर्ज हुई गिरावट
बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत और मलेशिया एक्सचेंज 1.5 प्रतिशत की मजबूती रही. देश में आयात शुल्क में कमी के बाद विदेशों में दाम बढ़ने से खाद्य तेल तिलहनों के भाव मजबूत हो गए हैं, जिसकी वजह से सोयाबीन डीगम तेल में सुधार आया. वहीं मलेशिया एक्सचेंज की मजबूती की वजह से सीपीओ भी मजबूत बंद हुआ.
उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल संयंत्र वालों के रखरखाव में उलझने से और ऊंचे भाव पर खरीद घटने से सोयाबीन तिलहन में गिरावट आई. एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन का भाव इस कदर टूटा कि सितंबर अनुबंध के लिए छह प्रतिशत पर निचला सर्किट लगाना पड़ा. अक्टूबर में सोयाबीन की अगली फसल मंडियों में आने की संभावना को देखते हुए वायदा कारोबार में सोयाबीन में 522 रुपये की कमी आई है.
वायदा कारोबार में सोयाबीन के सितंबर अनुबंध का भाव 8,191 रुपये और अक्टूबर अनुबंध का भाव 6,400 रुपये क्विन्टल पर रहा. सितंबर का वायदा भाव हाजिर बाजार के भाव से 11-12 प्रतिशत और अक्टूबर का वायदा भाव हाजिर भाव से 30 प्रतिशत नीचे है.
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 8,125 – 8,175 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये. सरसों तेल दादरी- 16,580 रुपये प्रति क्विंटल. सरसों पक्की घानी- 2,560 -2,610 रुपये प्रति टिन. सरसों कच्ची घानी- 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन.
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