डीमैट अकाउंट क्या है – What is demat account
आपने यदि शेयर मार्केट के बारे में कहीं पर सुना है या आप शेयर मार्केट के बारे में जानते हो तो आपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जरूर सुना होगा और कई सारे लोगों के मुंह से यह कहते हुए भी सुना होगा कि शेयर मार्केट में share को खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है तो चलिए जानते हैं कि डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट को कैसे खोला जाता है इसको खोलते समय आपको कितनी फीस देने की आवश्यकता पड़ती है इसके लिए कौन से डॉक्यूमेंट आवश्यक है तो चलिए डीमेट अकाउंट क्या है के साथ इसके अन्य विषयों के ऊपर भी मैं आपको विस्तार से बताता हूं
डीमैट अकाउंट क्या है – what is demat account
जब बात शेयर मार्केट में निवेश करने की आती है तो इसके लिए सबसे पहले डीमैट खाते की आवश्यकता होती है जिस तरह से बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उनका उस स्कूल में एडमिशन कराना होता है तभी जाकर वह स्कूल में जा सकते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में भी निवेश करते समय आपको पहले एक डीमैट खाता खोलना होता है।
शेयर मार्केट में किसी कंपनी के खरीदे गए शेयर को डीमैट खाते के अंदर रखा जाता है डिमट खाते के अंदर आप अपनी मनपसंद किसी भी कंपनी के नाम को सर्च करके उसके अंदर निवेश कर सकते हो
लेकिन जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हो तो वह शेर आपके डीमैट खाते में आ जाता है लेकिन उसको पूर्ण रूप से आने में 3 दिन का समय लगता है लेकिन यदि आप चाहो तो उस किसी भी समय बेच भी सकते हे डीमैट अकाउंट क्या है – किसी भी कंपनी के खरीदे गए शेयर को इस अकाउंट में रखा जाता है उसे डीमेट अकाउंट कहते हैं
डीमेट अकाउंट कहां पर खोलें – Where to open demat account
दोस्तों डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको बाजार में कई सारे ब्रोकर मिल जाएंगे जिनके माध्यम से आप भी मेट खाता खोल सकते हो लेकिन मैं आपको भारत के कुछ प्रमुख ब्रोकर के बारे में बताता हूं जिनके माध्यम से आप एक डीमैट खाते के साथ अच्छी सर्विस भी प्रदान कर सकते हैं
जरोदा – Zerodha
यह देश का एकमात्र ऐसा ब्रोकर है जिसके पास 7 मिलियन से भी ज्यादा डीमैट खाते खुले गए हैं यह ब्रोकर पिछले 10 सालों से अपनी सर्विस दे रहा है कई सारे बड़े बड़े निवेशकों का भी जरोदा के अंदर डीमैट खाता है इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इसका इंटरफेस है जो कि बहुत ही सिंपल और सरल है यहां पर कोई भी व्यक्ति आसानी से किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकता है
एंजेल ब्रोकिंग – Angel One
इस ब्रोकर का भी देश के सबसे बड़े ब्रोकर के अंदर इसका नाम आता है एंजेल ब्रोकिंग ने अपना नाम बदलकर एंजेल वन रख लिया है यहां पर जब आप डीमैट खाता खोलते हो तो आपको शेयर मार्केट सीखने के लिए फ्री में लर्निंग वीडियो प्रोवाइड कराई जाती है यहां से भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
अपस्टॉक – Upstock
इस ब्रोकर के पास भी देश में कई सारे लोगों के डीमैट खाता खोले गए हैं अप स्टॉक के ऊपर ज्यादातर लोग काफी ज्यादा विश्वास करते हैं इसके पीछे की असली वजह यह है कि अप स्टॉक के चेयरमैन रतन टाटा है अप स्टॉक पर भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
देश में लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ऊपर दिए गए तीन ब्रोकर ही है लेकिन इनके अलावा भी देश में कई सारे ब्रोकर आपको देखने को मिलते हैं जैसे कि Fyres, Alice Blue, sharekhan और इनके अलावा जितनी भी बैंक के होती है उन सभी कि आपको ब्रोकिंग सेवा भी मिल जाती है तो यदि आप चाहो तो बैंकों में जाकर भी अपना एक डीमैट खाता खुलवा सकते हो
डीमैट अकाउंट का इतिहास – History of Demat Account
शेयर मार्केट में 2010 से पहले डीमैट खाता खोलने के लिए काफी ज्यादा टाइम और फॉर्म का इस्तेमाल होता था लेकिन 2010 के बाद जरोदा आया और यहां पर यह सारा कार्य ऑनलाइन ही होने लग गया इससे पहले जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता था तो जब वह शेयर खरीदता तो कंपनी उसको उसके खरीदे गए शेयरों का वेरीफिकेशन एक कागज पर करके भेजती थी क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? और जब इन्हीं शेयर को वापस बेचना होता था तो उस व्यक्ति को पहले एक फॉर्म भर के उस कंपनी के पास भेजना होता था तब जाकर वे शेयर बिकते थे जो कि एक बहुत ही टाइम कंज्यूम करने वाली प्रोसेस है इसके अंदर लोगों शेर खरीदने और बेचने मैं महीनों का समय लग जाता था डीमैट अकाउंट को डीमेट एलाइंस कहां जाता है
महत्वपूर्ण दस्तावेज – important documents
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट का होना बहुत ही आवश्यक है इनमें से सबसे महत्वपूर्ण पैन कार्ड और आपका बैंक खाता होता है इसके साथ ही आपको आधार कार्ड और अपनी फोटो का भी इस्तेमाल करना पड़ता है
डीमेट अकाउंट के फायदे – Benefits of Demat Account
ऑनलाइन डिमैट अकाउंट के वैसे तो कई सारे फायदे हैं लेकिन चलिए मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बताता हूं
कम टाइम – जब आप किसी ब्रोकर के माध्यम से ऑनलाइन डीमैट खाता खोलते है तो इसमें आपका बहुत सारा समय बचता है
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते हैं तो आपको किसी ब्रोकर के पास जाकर कोई फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि आप अपने मोबाइल फोन से ही अपने शेयर को खरीद और बेच सकते है
आजकल मार्केट में कई सारी ब्रोकिंग कंपनियां कंपटीशन में उतरी हुई है और इस कंपटीशन के चक्कर में वह लोगों के फ्री में डीमेट अकाउंट खोल रहे हैं तो आप चाहो तो फ्री में डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हे पहले के समय एक डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए काफी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते है तो इसके बीच में सिर्फ आपका ब्रोकर और आप शामिल होते हो इसमें तीसरे पक्ष का कोई भी काम नहीं होता है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होती है आज का सिस्टम पहले से कई गुना बेहतर है
निष्कर्ष: डीमैट अकाउंट क्या है
आज के इस लेख में हमने जाना की डीमैट अकाउंट क्या है। और यह कैसे काम करता है और डिमैट अकाउंट ऑनलाइन खुलने से ग्राहकों को क्या फायदे होने लगे क्योंकि यह सारा काम शेर खरीदना और बेचना आजकल कर बैठे ही नहीं हो जाता है लेकिन पहले ऐसा संभव नहीं था लेकिन अब संभव है इसलिए हर कोई घर बैठे बैठे स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है
निवेश के मंत्र 73: जानिए आपके लिए क्यों जरूरी है डीमैट अकाउंट और घर बैठे इसे खोलने की प्रक्रिया
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
स्रोतः एंजेल ब्रोकिंग
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
निवेश करना चाहते हैं तो जानिए क्या करना है, क्या है प्रक्रिया
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
हम कह सकते हैं कि डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।
आपका जिस बैंक में खाता है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।
सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।
आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
एक बार सत्यापित हो जाने के बाद आपके खाते को आधिकारिक रूप से शेयर ट्रेडिंग के लिए मंजूरी मिल जाएगी। आपको एक वेलकम किट प्राप्त होगी जिसमें अकाउंट डिटेल्स जैसे कि एक यूनिक आईडी और आपके खाते तक पहुंचने के लिए पासवर्ड होगा। आप शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं।
डीमैट अकाउंट खोलना आज की तारीख में काफी आकर्षक काम हो गया है। इसलिए इस क्षेत्र में ढेरों प्लेयर आ गए हैं। शुरूआत में जब डीमैट अकाउंट खुलने शुरू हुए थे तो चार्जेस काफी हाई थे। लेकिन अब कई कंपनियां जीरो फी पर डीमैट अकाउंट खोल रही हैं। ये कंपनियां सिर्फ ट्रेडिंग पर ही थोड़ा सा शुल्क वसूलती है।
शेयर बाजार में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए
पिछले कुछ वर्षों के दौरान निवेश की प्रक्रिया (Investment Process) में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक (New Technology) के साथ चीजें अधिक डाइनामिक (Dynamic) हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स (E Commerce) धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है। शेयर मार्केट (Share Market) के लिए भी कुछ ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट (Equity or Debt) जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना परेशानियों क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज का मैनेजमेंट (Management Of Financial securities) केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयर बाजार में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल जाते हैं। मतलब, डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहीत करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं ?
सबसे पहले अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (Broker) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
खुल गया आपका डीमैट अकाउंट
यह सब प्रक्रिया पूरी करते ही आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। इसके बाद आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर और इसके अन्य डिटेल्स प्राप्त हो जाएंगे। इसके बाद आप चाहे तो डीमैट अकाउंट खोलने वाली कंपनी के नंबर पर फोन करके शेयर मार्केट में ट्रेड कर सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि खुद ही ट्रेड करें तो आपके पास ट्रेडिंग के लिए लॉग इन और पासवर्ड आ जाएगा। इसका उपयोग कर आप खुद ही खरीद या बिक्री का आर्डर प्लेस कर पाएंगे।
कितने हो सकते हैं डीमैट अकाउंट?
एक निवेशक (Investor) के कई डीमैट अकाउंट (Dmat Account) हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (Depository participants), या अलग-अलग डीपी के साथ भी हो सकते हैं। जब तक, निवेशक सभी अप्लिकेशंस के लिए आवश्यक क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? केवाईसी डिटेल्स (KYC Deatils) प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित (Operate) कर सकता है।
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डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:
ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट
ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.
ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं
शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
डीमैट में शेयरों के रखरखाव का काम डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और क्या निवेश के लिए डीमैट खाता आवश्यक है? सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.
एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम
-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.
-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है.
-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.
ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें
किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.
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