प्रधानमंत्री मोदी सालाना बैठक के लिए नहीं जाएंगे रूस, पुतिन से नहीं होगी मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सालाना बैठक के लिए रूस नहीं जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि पहले से तय कार्यक्रमों के चलते व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी प्रधानमंत्री रूस नहीं जा पाएंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच हर साल इस बैठक में शीर्ष स्तर पर बातचीत होती है। भारत और रूस के बीच अभी तक इस तरह की 21 बैठकें हो चुकी हैं और अंतिम बैठक 6 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में हुई थी।
2000 से हुई थी बैठक की शुरुआत
भारत और रूस के बीच सन 2000 से सालाना द्विपक्षीय बैठक की शुरुआत हुई थी। इस बीच साल 2020 में महामारी के चलते इन-पर्सन बैठक नहीं हो सकी थी। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय टला है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है और भारत किसी का भी पक्ष लेने से बच रहा है। भारत व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी ने कई मौकों पर यूक्रेन युद्ध रोकने की अपील की है, लेकिन उसका रूस से व्यापार भी पहले से तेज हुआ है।
सितंबर में मिले थे मोदी और पुतिन
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन सितंबर में एक-दूसरे से मिले थे। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन से इतर हुई इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। इसी हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि प्रधानमंत्री का यह बयान यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में था। भारत इस युद्ध में लगातार कूटनीति और बातचीत की मेज पर लौटने की तरफदारी कर रहा है।
फोन के जरिये संपर्क में हैं दोनों नेता
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और व्लादिमीर पुतिन फोन के जरिये एक-दूसरे के संपर्क में है। इस साल 24 फरवरी, जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, के बाद से दोनों नेताओं के बीच चार बार फोन पर बातचीत हो चुकी है।
नई ऊंचाई पर है भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार
तेल और फर्टिलाइजर के बढ़े आयात के चलते भारत और रूस के बीच व्यापार अब तक के अपने सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इस वित्त वर्ष (2022-23) के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में ही दोनों देशों के बीच 18,229 मिलियन डॉलर का व्यापार हो चुका था। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ो से यह जानकारी मिली है। इससे पहले तक दोनों देशों के बीच पूरे साल के दौरान भी इतना व्यापार नहीं होता था।
सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रूस
व्यापार में इस बढ़ोतरी के साथ ही रूस भारत का व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, जबकि पिछले साल वह 25वें स्थान पर था। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके साथ वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में लगभग 57,632 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। वहीं दूसरे बड़े साझेदार चीन के साथ 50,792 मिलियन डॉलर का व्यापार किया गया। इनके बाद संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक और इंडोनेशिया का नंबर आता है।
G-20 बैठक के लिए भारत आ सकते हैं पुतिन
G-20 में रूस की प्रतिनिधि स्वेतलाना लुकाश ने बताया है कि अगले साल सितंबर में नई दिल्ली में होने वाली G-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए पुतिन भारत आ सकते हैं। बता दें फिलहाल भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर डीसी ने ली बैठक
उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष धर्मशाला में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तिथियां अभी निर्धारित नहीं हुई हैं।
धर्मशाला। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने धर्मशाला में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए उचित प्रबंधों और व्यवस्थाओं को लेकर बुधवार को उपायुक्त कार्यालय में जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा गंधर्वा राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्री सिंह, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम, एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष धर्मशाला में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तिथियां अभी निर्धारित नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर 2022 के बाद कभी भी होने की संभावना है। इसी के दृष्टिगत सभी विभाग विधानसभा सत्र के सफल संचालन हेतु अपनी जिम्मेदरियां सुनिश्चित कर समय से अपनी तैयारियां पूरी कर लें।
बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम और विधानसभा सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के ठहरने, यातायात प्रबंधन, पेयजल एवं बिजली आपूर्ति, खानपान, स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवस्था सहित अन्य आवश्यक प्रबंधों को लेकर चर्चा की गई। डॉ. निपुण जिंदल ने सत्र के दौरान कानून व्यवस्था के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए समुचित प्रबन्ध करने को कहा।
उन्होंने कहा कि सत्र में भाग लेेने आने वाले अतिथियों के ठहरने और खाने इत्यादि भी उचित व्यवस्था की जाएगी। इस अवसर पर विधानसभा परिसर तथा इसके आसपास पार्किंग इत्यादि के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने विधानसभा सत्र के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को विधान सभा परिसर, जोनल अस्पताल धर्मशाला और टांडा मेडिकल कॉलेज में विशेष इंतजाम रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने इस दौरान लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत, पुलिस, पर्यटन, स्वास्थ्य, सूचना एवं जन सम्पर्क, अग्निश्मन, परिवहन सहित अन्य विभागों से जुड़े तमाम प्रबंधों की भी जानकारी ली एवं सम्बंधित अधिकारियों को अपने विभागों से जुड़ी सभी तैयारियां समय रहते पूरा करने के निर्देश दिए।
AIIMS Cyber Attack: हमले में चीन के लिंक आये सामने, पूरी जानकारी जानिए
जैसा कि एम्स साइबर हमले की जांच से चीन के लिंक का पता चलता है, हम बताते हैं कि अब तक की जांच में क्या सामने आया है, अधिकारियों की प्रतिक्रिया और कुछ सबक जो यह मामला हमारे लिए छोड़ गया है।
By : Hindi News
| 15 Dec 2022 5:52 AM GMT
जैसा कि एम्स साइबर हमले की जांच से चीन के लिंक का पता चलता है, हम बताते हैं कि अब तक की जांच में क्या सामने आया है, अधिकारियों की प्रतिक्रिया और कुछ सबक जो यह मामला हमारे लिए छोड़ गया है।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में एम्स में कुछ सर्वरों पर साइबर हमले की जांच में पाया गया है कि दो ईमेल के आईपी पते, जो हैकर्स द्वारा एन्क्रिप्ट की गई फाइलों के हेडर से पहचाने गए थे, हांगकांग और चीन के हेनान प्रांत से उत्पन्न हुए थे। द इंडियन एक्सप्रेस।
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इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) सहित कई एजेंसियां साइबर हमले की जांच कर रही हैं, जिसमें हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हस्तियों सहित लगभग 3-4 करोड़ रोगियों के रिकॉर्ड से समझौता करने की आशंका है। सूत्रों के अनुसार, मरीज के विवरण से सीधे जुड़े सभी बैकअप डेटा को मुख्य प्रणाली में फिर से भर दिया गया है। "पिछले सभी रोगी रिकॉर्ड सिस्टम पर वापस आ गए हैं," उन्होंने कहा।
अब तक की जांच में क्या खुलासा हुआ है?
सूत्रों ने कहा कि भेजने वालों ने ईमेल सेवा प्रोटोनमेल का इस्तेमाल किया। CERT-In, देश की प्रमुख साइबर सुरक्षा एजेंसी, ने पाया है कि हैकर्स के दो प्रोटोनमेल पते थे - "dog2398" और "mouse63209"।
सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान इन दो प्रोटोनमेल आईडी पर सीईआरटी-इन और इंटरपोल के जरिए एन्क्रिप्टेड फाइलें भेजी गईं। "जांच के बाद, उन्होंने पाया कि 'dog2398' और 'mouse63209' हांगकांग में नवंबर के पहले सप्ताह में उत्पन्न हुए थे। उन्होंने यह भी पाया कि चीन के हेनान से एक और एन्क्रिप्टेड फाइल भेजी गई थी। लेकिन अब तक, वे पहली परत स्थापित करने में सक्षम हैं और आगे की परतों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।" सूत्रों ने कहा।
सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान इन दो प्रोटोनमेल आईडी पर सीईआरटी-इन और इंटरपोल के जरिए एन्क्रिप्टेड फाइलें भेजी गईं। "जांच के बाद, उन्होंने पाया कि 'dog2398' और 'mouse63209' हांगकांग में नवंबर के पहले सप्ताह में उत्पन्न हुए थे। उन्होंने यह भी पाया कि चीन के हेनान से एक और एन्क्रिप्टेड फाइल भेजी गई थी। लेकिन अब तक, वे पहली परत स्थापित करने में सक्षम हैं और आगे की परतों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।" सूत्रों ने कहा।
दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने IPC की धारा 385 (जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को चोट के डर में रखना), और IT एक्ट की धारा 66 और 66-F के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। एम्स से शिकायत
साइबर हमले ने क्या किया?
साइबर हमले ने एम्स में कई दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को पटरी से उतार दिया, ओपीडी पंजीकरण और रक्त के नमूने की रिपोर्ट को प्रमुख संस्थान में रोक दिया गया। जबकि एम्स इनमें से कुछ सेवाओं को फिर से शुरू करने में सक्षम था, रिकॉर्ड को मैन्युअल रूप से रखा जा रहा था जिससे चिकित्सा कर्मियों और रोगियों को समान रूप से देरी और असुविधा हो रही थी।
मरीजों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस साइबर हमले के कारण उनका इलाज प्रभावित हुआ। 20 साल के राजा ने कहा, 'मेरी मां ने 16 नवंबर को ब्लड टेस्ट कराया और 30 नवंबर को डॉक्टर से मिलने आने को कहा, लेकिन हमें अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली और इलाज गड़बड़ा गया है.'
एक सीईआरटी-इन टीम ने पाया कि डेटा का एन्क्रिप्शन एक ही नेटवर्क से जुड़े विंडोज सर्वरों में से एक द्वारा ट्रिगर किया गया था, लेकिन "इस सर्वर की फाइलें एन्क्रिप्टेड नहीं थीं", सूत्रों ने कहा।
जांच से यह भी पता चला कि ओपीडी सेवाओं के लिए जिम्मेदार मुख्य सर्वर और एप्लिकेशन डाउन थे क्योंकि होम डायरेक्टरी में सभी सिस्टम फाइलों को उनके एक्सटेंशन को .bak9 में बदलकर एन्क्रिप्ट किया गया था - एक नई फाइल जो सिस्टम की एक्सटेंशन फाइलों को एन्क्रिप्ट करती है।
सूत्रों ने कहा, "सुरक्षा में सेंध ने विशेष रूप से ई-हॉस्पिटल एप्लिकेशन को प्रभावित किया है, जो 2011-12 से एनआईसी द्वारा प्रदान और प्रबंधित किया गया था, एम्स परिसर में ओपीडी, आपातकालीन और अन्य रोगी देखभाल सेवाओं के ऑनलाइन कामकाज को रोक दिया गया था।" 52 भौतिक सर्वर हैं: एम्स में कंप्यूटर सुविधा के 37, एनआईसी के 15 - और संस्थान की कंप्यूटर सुविधा में 148 वर्चुअल सर्वर स्थापित हैं।
चीजें जो अभी भी अस्पष्ट हैं
जांच एजेंसियां अभी भी साइबर हमले से जुड़े व्यक्ति, संगठन और सटीक भौतिक स्थान का पता नहीं लगा पाई हैं।
"उन्होंने चीन में व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी एक सर्वर पता ट्रैक किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने किसी व्यक्ति या संगठन या सटीक भौतिक स्थान का पता व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी लगा लिया है। उन्होंने जो पता लगाया है वह एक आईपी एड्रेस है, जो चीन का है। यह एक चीनी भौतिक सर्वर या वर्चुअल सर्वर हो सकता है। यह हम अंततः अगले कुछ दिनों में पता लगा लेंगे
इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि संस्थान के व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी किसी अन्य महत्वपूर्ण डेटा से छेड़छाड़ की गई है या नहीं, यह पता लगाने के लिए अभी भी जांच चल रही है। "…यदि मुख्य सिस्टम से डेटा का हिस्सा चला गया है, लेकिन बैकअप सर्वर से नहीं, तो यह पता लगाने के लिए कि कौन सा हिस्सा चला गया है, कहीं अधिक समय लेने वाली और लंबी प्रक्रिया है। यह वर्तमान में चल रहा है," सूत्रों ने कहा।
सीखे जाने वाले सबक
सूत्रों ने कहा कि एम्स में साइबर हमले के कारण दो बड़ी खामियां उजागर हुई हैं।
सबसे पहले, सूत्रों ने कहा, एम्स जैसे बड़े संस्थान में "फ्लैट डिजिटल संरचना" के बजाय "पदानुक्रमित डिजिटल संरचना" होनी चाहिए थी। "ताकि अगर कोई हमला होता है, तो यह उस पदानुक्रम के केवल एक स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है … वर्तमान में, दूरस्थ स्थान पर केवल एक बैकअप सर्वर है। एक पदानुक्रमित संरचना में, आपके पास प्रत्येक स्तर के लिए एक बैकअप अंतर्निहित अतिरेक होगा," सूत्रों ने कहा।
दूसरे, सूत्रों ने कहा, "उनके पास केवल एक समस्या निवारण सेल था, जिसके पास साइबर हमले को रोकने की विशेषज्ञता नहीं थी"। उन्होंने कहा कि अब एम्स में एक समर्पित साइबर सुरक्षा प्रकोष्ठ शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
"नया साइबर सुरक्षा सेल यह सुनिश्चित करेगा कि इंट्रानेट और इंटरनेट दोनों के उपयोग के लिए एक एसओपी है। कुछ प्रतिबंधित साइटें होंगी, जिन्हें सिस्टम आपको डाउनलोड करने की अनुमति नहीं देगा क्योंकि वे साइटें आपके कंप्यूटरों और आपके कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से संक्रमित करने का सबसे लोकप्रिय साधन हैं, "सूत्रों ने कहा।
Madhya Pradesh: इंटरप्राइजेज की दुकान में चल रहा था सेक्स रैकेट, 2 युवती सहित दलाल गिरफ्तार
जबलपुर, 14 दिसंबर । शहर कोतवाली थाना पुलिस ने देह व्यापार की सूचना पर मंगलवार की रात चेरीताल गोपाल आर्केड के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित अग्रवाल इंटरप्राइजेज पर छापामार कार्रवाई की। पुलिस ने यहां से आपत्तिजनक हालत में मिली दो युवतियों और एक युवक को गिरफ्तार किया है। वहीं, दुकान संचालक मौके से भागने में सफल हो गया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली सीएसपी प्रभात शुक्ला ने बताया कि चेरीताल के पास स्थित अग्रवाल इंटरप्राइजेज के बारे में पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि यहां शॉप की आड़ में देह व्यापार का कारोबार चल रहा है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को जब इसकी जानकारी दी गई तो एक मुखबिर को ग्राहक बनाकर भेजा गया। पुलिस मुखबिर से अग्रवाल इंटरप्राइजेज के मालिक हरीश अग्रवाल ने सौदा किया और कुछ देर बैठने को कहा। इस दौरान शॉप में दो युवतियों के साथ एक युवक पहले से मौजूद था। जिस समय पुलिस ने अग्रवाल इंटरप्राइजेज शॉप पर छापा मारा, उस दौरान एक युवक और युवती आपत्तिजनक हालत में थे। पुलिस दोनों युवती और युवक को हिरासत में लेकर थाने ले आई है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार युवक ने अपना नाम वीरेंद्र कुमार बताया है। वह जिला दमोह के तेंदूखेड़ा का रहने वाला है। पेशे से गल्ला व्यापारी वीरेंद्र को अग्रवाल इंटरप्राइजेज के मालिक ने दुकान पर बुलाया था। यहां पहले से व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी ही 2 युवतियां मौजूद थीं। पुलिस की भनक लगते ही दुकान संचालक हरीश अग्रवाल फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
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