जबकि इन ट्रेडिंग प्रकारों के लिए रणनीतियाँ अलग हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी हैं जिन्हें इंट्राडे और डिलीवरी के बीच के अंतर के बारे में बात करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइए इन दोनों विकल्पों को एक साथ रखें और इस पोस्ट में उनके अंतरों का पता लगाएं।

Difference Between Trading and Investment

Xplained: शेयर बाजार में आज मूहुर्त ट्रेडिंग, जानिए पिछली दिवाली से अब तक बाजार ने दिया कितना रिटर्न

By: abp news | Updated at : 04 Nov 2021 08:36 AM (IST)

Muhurat Trading Session: दिवाली ( Diwali 2021) का दिन भारतीय शेयर बाजार ( Indian Share Market) और उसके निवेशकों ( Investors) के लिये बेहद खास होता है. क्योंकि दिवाली पर लक्ष्मी की पूजा होती है, तो बाजार के हर निवेशक की यही ख्वाईश होती है कि उसने बाजार में जिन शेयरों में निवेश किया है, उसपर ना केवल उसे शानदार रिटर्न मिले बल्कि उसका निवेश दिन दोगुनी रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ती रहे. जिस शेयर में वो निवेश कर रहा है वो मल्टीबैगर ( MultiBagger ) साबित हो.

दीपावली के दिन वैसे तो शेयर बाजार में दिन में तो कारोबार नहीं होता. बाजार बंद होता है. लेकिन शाम को बाजार में लक्ष्मी पूजा के संपन्न होने के बाद एक घंटे के लिये मूहुर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading ) का आयोजन होता है. गुरुवार को दिवाली के शुभ अवसर पर शेयर बाजार तो बंद रहेंगे लेकिन शाम में एक घंटे के लिए मूहुर्त ट्रेडिंग का सत्र होगा. दिवाली से Samvat 2078 की शुरुआत हो रही है और नए साल की शुरुआत पर कोई भी नया काम करना या नया निवेश करना बेहद शुभ माना जाता है. हिन्‍दू मान्‍यता के मुताबिक इस दिन शेयर बाजार में मूहुर्त ट्रेडिंग पर निवेश बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए हर साल दिवाली पर एक घंटे के लिये शेयर बाजार खुलता है, जिससे निवेशक दिवाली पर शेयरों की खरीद फरोख्त कर सकें.

इंट्राडे ट्रेडों ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? को परिभाषित करना

इस ट्रेडिंग सिस्टम में ट्रेडिंग सत्र के भीतर स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल है, जो उसी दिन होता है। यदि तुमविफल दिन के अंत तक आपकी स्थिति को स्क्वायर करने के लिए, विशिष्ट ब्रोकरेज योजनाओं के तहत आपका स्टॉक स्वचालित रूप से समापन मूल्य पर बेचा जाता है।

अधिकांश व्यापारी शेयरों की कीमत निर्धारित करके इस व्यापार की शुरुआत करते हैं और यदि वे लक्ष्य से कम व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें खरीद लेते हैं। और फिर, लक्ष्य तक पहुंचने पर वे स्टॉक को बेच देते हैं। और, अगर स्टॉक के लक्ष्य तक नहीं पहुंचने की भविष्यवाणी है, तो व्यापारी इसे उस कीमत पर बेच सकते हैं जो सबसे अच्छी लगती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
  • यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
  • डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है
  • आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
  • इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
  • आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी

डिलीवरी-आधारित ट्रेडों को परिभाषित करना

जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।

  • अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
  • जोखिम इंट्राडे से कम है

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान

  • स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं

अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:

वॉल्यूम ट्रेड

इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।

लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।

ट्रेडिंग (Trading)

छोटे समय में लेनदेन की प्रक्रिया होती है इसमें हानि दोनों जुड़ी होती है एक ट्रेडर अपने लाभ को सोचकर ट्रेडिंग करता है जिसके लिए हमेशा कम दाम में खरीद कर उससे उससे ऊपर की दाम में बेचने की कोशिश करता है यह ट्रेडिंग कहलाता है

ट्रेडिंग वास्तव में थोक- चिल्लर दुकानों में होता है किंतु जब प्रक्रिया हर व्यवसाय में होता है या प्रक्रिया शेयर बाजार में भी होता है शेयर बाजार कि इस प्रक्रिया को कैसे क्रियान्वित किया जाता है और वह कैसे होता है आइए जानते हैं

यह एक प्रकार का व्यवसाय है जानते हैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार से किया जाता है

शेयर बाजार में ट्रेडिंग के प्रकार

इंट्राडे (Intraday)

आज ही खरीद कर आज ही बेच देना इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाता है भारतीय शेयर बाजार में बाजार के खुलने का समय सुबह 9:15 से शाम 3:30 बजे तक चलता है इसमें मानक बढ़ते मूल्य (Uptrend) घटते ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? मूल्य (Downtrend) को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग की जाती है

शेयर मार्केट में क्या क्या खरीदा और बेचा जा सकता है जानते हैं

इक्विटी (Equity)

किसी भी कंपनी के शेयर की हिस्सेदारी का कुछ प्रतिशत खरीदना और बेचना जो समय समय में बदलते रहते हैं उसकी खरीदी बिक्री करना इक्विटी ट्रेडिंग होती है इसे इन्वेस्टमेंट के लिए भी खरीदा जाता है

कमोडिटी (Commodity)

इसमें नेचुरल रिसोर्सेज से आने वाले प्रोडक्ट का लेन देन जैसे गोल्ड मेटल सिल्वर क्रूड ऑयल आदि किया जाता है

करंसी (Currency)

इसमें अलग-अलग देशों की करेंसी के उतार-चढ़ाव को देखकर लेनदेन किया जाता है समय परिवर्तित होता रहता है किंतु देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है

डेरिवेटिव (Derivative)

शेयर मार्केट में यह एक ऐसा सिग्मेंट है जहां पर शेयर के लेनदेन के जगह उनके मूल्य के घटने और बढ़ने पर बोली लगाई जाती है और उस बोली का एक कॉन्ट्रैक्ट नोट बनता ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है क्योंकि यह कॉन्ट्रैक्ट नोट इसलिए यह कम पैसों में किया जा सकता है और इसमें हमें एक लौट मि खरीदी बिक्री की जाती है क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट नोट है और कांटेक्ट नोट में एक नियत तिथि होती है जिसे एक्सपायरी भी कहा जाता है और यह पैसे कमाने का सबसे रिस्की और सस्ता तरीका ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है खरीदी को और बिकवाली को राइटिंग कहते हैं लौट में लेन देन होने के कारण इसमें प्रॉफिट और लॉस नफा नुकसान बहुत जल्दी दिखता है और इसे करने के लिए नॉर्मल ट्रेडिंग से ज्यादा प्रयास करना होता है

डेरीवेटिव के प्रकार

फ्यूचर

इसमें कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने दोनों में काम किया जा सकता है किंतु एक्सपायरी मासिक होती है भारतीय बाजार में एक्सपायरी हर माह के अंतिम गुरुवार को होती है फ्यूचर में लॉस और प्रॉफिट दोनों इक्विटी जैसा ही होगा या यूं कहे तो आपने जितने पैसे लगाए हैं उसमें जो मूल्य दिखा रहा है उसके बराबर ही लॉस और प्रॉफिट हो सकता है और यह बहुत रिस्की ट्रेडिंग होती है

Types Of Trading In Hindi (Trading के प्रकार)

मैने आपको उपर पहिले ही कहा था,की Trading एक Short Term Investment होती है.इसलिए,

Scalp Trading

अगर कोई Trader कुछ मिनिट के लिए Share को Buy करके अपने पास रखेगा और उसे बाद में तुरंत Sell कर देगा तो उसे Scalp trading कहा जायेगा.

Intraday Trading

वहीं अगर कोई Trader सिर्फ एक दिन के लिए shares को Buy और Sell करेगा,तो उसे Intraday trading कहा जायेगा.

Swing Trading

Trader अगर कुछ दिनों के लिए,या कुछ हफ्तों के लिए Shares को Hold पे रखता है और बाद में उसे sell करता है, तो उसे Swing Trading कहेंगे.

Position Trading

अगर कोई Trader किसी Shares को कुछ महीने के लिए अपने पास Hold करके रखता है,तो उसे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? Position Trading कहेंगे.

क्या Trading से रेगुलर Income कमाई जा सकता है ?

तो इसका जवाब है हा,लेकिन इसके लिए आपके अंदर कई सारी क्वालिटी होनी चाहिए.जैसे की,

  • Trading से पैसे कमाने के लिए कई सारे shares को खरीदना पड़ता है,इसलिए आपके पास बहुत ज्यादा पैसा होना चाहिए.
  • जरूरी नहीं ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? कि अपको पहिले बार में सफलता मिले,सुरु सुरु में अपको loss भी हो सकता है.लेकिन आपके पास Patience होना चाहिए.
  • यहां अपको अच्छी खासी Practice और सीखते रहने की चाह होनी चाहिए.
  • Trading से अच्छे खासे पैसे कमाने के लिए आपके पास Technical Analysis की भी अच्छी खासी knowlege होनी चाहिए.

अगर ये सारी क्वालिटी आपके पास है,तो आप Trading करके इनकम कमा सकता है .

What Is Investment?(Investment किसे कहते है ?)

Difference Between Trading & Investment In Hindi.

Investment जो है वो long term के लिए की जाती है, यहा Shares को long term के लिए hold किया जाता है.Long Term मतलब 1 साल से ज्यादा टाइम के लिए.

जो लोग Investment करते है,उन्हें Investor कहा जाता है.ये जो investor होते है,वो Smart Work करते है,वो Buy-hold-sell Approach को use करते है .

Buy-hold-sell मतलब किसी कंपनी के Shares को Purchase करना ,सालो तक उसे Hold पर रखना और opportunity देख कर उसे market में sell करना.

जैसे Trader का फोकस Technical Analysis के उपर होता है,उसी तरह Investor का focus Fundamental Analysis पर रहता ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

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