FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22

सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर दूर किया भ्रम , वित्त सचिव बोले- बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी नहीं होंगी लीगल, आपका पैसा डूबा तो सरकार जिम्मेदार नहीं

सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 30 फीसदी टैक्स लगने की खबर के बाद कहा जा रहा था कि ये लीगल हो गई हैं पर वित्त सचिव ने स्थिति साफ की है.

By: ABP Live | Updated at : 03 Feb 2022 07:33 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

वित्त सचिव (फाइल फोटो)

Finance Secretary on Cryprocurrency: बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से हुई आमदनी पर लोगों को 30 फीसदी का टैक्स देना होगा. इसका अर्थ ये निकाला जाने लगा कि अब क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी घोषित करने की तरफ सरकार कदम उठाने के बारे में सोच रही है. हालांकि अब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने इस पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए बड़ी बात कही है.

क्रिप्टो में निवेश पर सरकार की जिम्मेदारी नहीं
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार को कहा कि निजी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को सरकार की सुरक्षा नहीं है यानी इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जो भी क्रिप्टो एसेट या क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं या आएंगे, उनको वैलिड नहीं बताया गया हैं और न ही भविष्य में वो वैलिड किए जाएंगे. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी कभी लीगल नहीं होगी और आपका पैसा डूबा तो सरकार जिम्मेदार नहीं है.

आरबीआई की डिजिटल करेंसी के बारे में ये कहा
रिजर्व बैंक की ओर से आने वाली डिजिटल करेंसी डिफॉल्ट नहीं होगी और इसका स्वरूप डिजिटल होगा यानी आरबीआई की ओर से जारी डिजिटल रुपी लीगल टेंडर या वैध करेंसी होगी. डिजिटल रुपी का पैसा आरबीआई का होगा, लेकिन उसका रूप पूरी तरह डिजिटल होगा. आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा लेकिन बाकी सभी क्रिप्टो लीगल टेंडर नहीं हैं और कभी लीगल टेंडर नहीं घोषित किए जाएंगे. इथेरियम जैसे क्रिप्टो की असली कीमत कोई नहीं जानता और उसके रेट में डेली उतार-चढ़ाव आता है.

क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स क्यों-जानिए वित्त सचिव का जवाब
क्रिप्टोकरेंसी में लोगों का निवेश सफल होगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है और ये सट्टे की तरह है. लिहाजा उसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कतई जवाबदेही नहीं हो सकती. चूंकि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, लिहाजा इस पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है, ये क्रिप्टोकरेंसी पर महंगे टैक्स के तौर पर नहीं बल्कि सभी सट्टा ट्रांजेक्शन के ऊपर है. घुड़दौड़ या लॉटरी जैसे सट्टे पर आमदनी पर भी 30 फीसदी टैक्स है और क्रिप्टो के भी ऊपर येही दर लगाई गई है.

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Published at : 03 Feb 2022 07:33 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin RBI digital rupee Finance Secretary Crypto Asset TV Somnathan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कितना सुरक्षित है? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? यहां पढ़ें

Cryptocurrencies एक तरह का eCash या डिजिटल करेंसी है. इसे इंटरनेट पर इस्तेमाल क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए क्रिएट किया जाता है. रुपये या डॉलर जैसी परंपरागत करेंसी की तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी नोट या सिक्के में देखने को नहीं मिलेगी. आइए जानते हैं कि इसमें इंवेस्ट करना कितना सुरक्षित होता है.

Crypto

लीगल स्टेटस के बारे में जानिए
वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी भारत और दुनिया के अधिकतर देशों में लीगल टेंडर नहीं है. इसकी वजह ये है कि इन क्वाइन्स को प्राइवेट तरीके से क्रिएट किया जा सकता है और इस बात को लेकर अभी स्पष्ट समझ विकसित नहीं हो पाई है कि इस करेंसी की वजह से किस तरह का बदलाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश अवैध भी नहीं है. भारत में कई ऑनलाइन एक्सचेंज ऑपरेट कर रहे हैं, जिनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट किया जा सकता है.

कितना सुरक्षित है इसमें निवेश

अभी तक के ट्रेंड को देखा जाए तो क्रिप्टोकरेंसीज एक तरह से वोलाटाइल इंस्ट्रुमेंट हैं. इसका मतलब ये है कि इसमें काफी अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अगर आप गारंटीड रिटर्न के लिए इसमें पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो फिर ये इंवेस्टमेंट विकल्प आपके लिए नहीं है. हालांकि, अगर आप जोखिम ले सकते हैं तो आप इस तथ्य को ध्यान में रख सकते हैं कि पिछले साल कुछ माह में ही एक Bitcoin की कीमत 30,000 डॉलर से 60,000 डॉलर पर पहुंच गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के फायदे
कई क्रिप्टोकरेंसीज निवेश के पारंपरिक माध्यम की तुलना में बेहतर रिटर्न दे देती हैं. कई लोगों ने पिछले साल इससे काफी अधिक पैसे बनाए. तब इसमें Bull Run देखने को मिला था. अप्रैल, 2020 में एक Bitcoin की कीमत 6,640 डॉलर पर थी और पिछले साल अप्रैल में एक बिटक्वाइन की कीमत 65,000 डॉलर पर पहुंच गई. इस तरह एक साल में ही लोगों को जबरदस्त मुनाफा हुआ.

इसमें निवेश करने के जोखिम
इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त करेक्शन देखने को मिला है. अगर हम Bitcoin की ही बात करें तो यह एक बार 30,455.45 डॉलर के स्तर पर आ गया है. इस तरह आप देख सकते हैं कि इस एसेट में निवेश कितना जोखिम भरा है. इसके साथ दूसरी समस्या ये है कि आज के समय में इसे अधिकतर सामानों या सर्विसेज की खरीद के लिए यूज नहीं किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार ने अब तक कोई रेग्युलेशन नहीं बनाया है, ऐसे में एक तरह का ट्रस्ट इश्यू भी देखने को मिलता है.

क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन चाहता है RBI, क्या यह संभव है? जानिए लीगल एक्सपर्ट्स की राय

लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर मिलना असंभव है, हालांकि इस पर पूरी तरह बैन लगाना अब संभव नहीं है.

क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन चाहता है RBI, क्या यह संभव है? जानिए लीगल एक्सपर्ट्स की राय

रिजर्व बैंक का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने से फाइनेंशियल सिस्टम पर काफी बुरा असर होगा.

जैसा कि हम जानते हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा विरोधी है. सबसे पहले 2013 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी से बचने को लेकर निर्देश जारी किया था. उसके बाद से इसका विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस महीने के शुरू में RBI ने तो यहां तक कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन की जरूरत है. आंशिक रूप से बैन लगाने से कोई फायदा नहीं होगा.

तीन साल पहले 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर पूरी तरह बैन लगा दिया था. हालांकि, दो साल बाद 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के इस फैसले को पलट दिया. फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग को लेकर कोई रोक नहीं है, हालांकि रेग्युलेशन का अभाव जरूर है. इधर सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने को लेकर तत्पर है. इस विंटर सेशन में क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेशन बिल भी लाया गया, लेकिन बिल पर विशेष चर्चा नहीं हो पाई. दूसरी तरह RBI खुद की डिजिटल करेंसी CBDC पर काम कर रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि रिजर्व बैंक की सलाह को मानते हुए सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लागू करेगी या अब काफी देर हो चुकी है.

रिजर्व बैंक का विरोध लगातार बढ़ रहा है

रिजर्व बैंक का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने से फाइनेंशियल सिस्टम पर काफी बुरा असर होगा. इससे वर्तमान फाइनेंशियल सिस्टम की नींव हिल सकती है. बैंकों और रेग्युलेटर एजेंसियों की महत्ता भी घटने का डर है. इसके इतर क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन को ट्रेस कर पाना मुश्किल होगा, जिससे ब्लैकमनी का प्रवाह बढ़ेगा.

फॉरन एक्सचेंज रिस्क बढ़ जाएगा

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को मंजूरी मिल जाती है तो फॉरन एक्सचेंज रिस्क काफी बढ़ जाएगा. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी IMF की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को मंजूरी मिलने से यह खतरा काफी बढ़ जाएगा.

बैन लगाने से चीन के साथ हो जाएगा भारत

एक फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि सरकार के भीतर दो धरे के लोग हैं. एक धरा का मानना है कि अगर क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाया जाता है तो भारत पूरी दुनिया से कट जाएगा. चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगा दिया है. ऐसे में भारत और चीन एक धरे में आ जाएगा.

बैन लगाने में अब देर हो चुकी है

लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर मिलना असंभव है, हालांकि इस पर पूरी तरह बैन लगाना अब संभव नहीं है. इसमें काफी देर हो चुकी है. उनका कहना है कि सरकार बीच का रास्ता अपनाएगी. इससे निवेशकों का इंट्रेस्ट भी बना रहेगा और जिस रफ्तार से इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है, उस पर भी ब्रेक लगेगा. इससे देश का फाइनेंशियल सिस्टम भी सुरक्षित रहेगा.

सरकार इसे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में देख रही है

लक्ष्मी कुमारन एंड श्रीधरन अटॉर्नी के एग्जिक्यूटिव पार्टनर एल बद्री नारायण ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में देख रही है. सरकार इसे रेग्युलेट करने की तैयारी में है. इनकम टैक्स एक्ट के अंतर्गत इसे असेट क्लास का दर्ज दिया जा सकता है और कैपिटल गेन पर टैक्स लगाया जाएगा.

दूसरे देशों में पैसा वैसे ही नहीं ले जा सकते हैं

फॉरन एक्सचेंज रेग्युलेशन को क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी लेकर नारायण का कहना है कि आप भारत से दूसरे देशों में पैसा वैसे ही नहीं ले जा सकते हैं. भारत एक फॉरन एक्सचेंज रेग्युलेटेड मार्केट है. ऐसे में अमेरिका, यूके जैसे देश जिस तरह फैसले ले रहे हैं, ऐसा हम नहीं कर सकते हैं. विकसित देशों का बाजार पूरी तरह फ्री है. हमारे साथ ऐसा नहीं है.

फॉरन एक्सचेंज को लेकर संशय बरकरार

क्रिप्टो इंडस्ट्री भी फॉरन एक्सचेंज को लेकर सरकार से राय का इंतजार कर रही है. FEMA यानी फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट होने पर किसी भी प्रोडक्ट और सर्विस पर इंपोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी लगती है. ऐसे में क्रिप्टो एक्सचेंज को किस कैटिगरी में डाला जाएगा, यह अभी साफ नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल- बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं, केंद्र से स्थिति साफ करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने यह साफ करने के लिए कहा है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल- बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं, केंद्र से स्थिति साफ करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने यह साफ करने के लिए कहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में वैध है या नहीं. केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और दूसरे डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को रेगुलेट करने के लिए बिल तैयार कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022 में ऐलान किया था कि केंद्र सरकार वर्चुअल एसेट्स पर 30 फीसदी की दर पर बड़ा टैक्स लगाएगी. इन वर्चुअल एसेट्स में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन या NFTs शामिल है. इस क्रिप्टो टैक्स के लिए, बजट 2022 में नए सेक्शन 115BBH को पेश करने का प्रस्ताव किया गया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे वर्चुअल एसेट्स पर इनकम टैक्स लगाया जा सकेगा.

हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने से इसे कानूनी वैधता नहीं मिलती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को संसद में साफ किया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाना देश का सॉवरेन अधिकार होता है. हालांकि, रेगुलेशन पर कोई आधिकारिक बात केवल तभी आएगी, जब मौजूदा समय में चल रही बातचीत पूरी हो जाती है.

बजट में क्रिप्टो से कमाई पर टैक्स का किया गया था प्रस्ताव

बजट 2022 के मेमोरेंडम में कहा गया था कि प्रस्तावित सेक्शन 115BBH सेक्शन का मकसद यह है कि जहां व्यक्ति की कुल आय में किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से कमाई गई इनकम शामिल है, वहां इनकम टैक्स को किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर इनकम टैक्स को 30 फीसदी की दर पर कैलकुलेट करना है.

1 फरवरी को अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा था कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा जारी डिजिटल रूपी को करेंसी के तौर पर मान्यता दी जाएगी. और सरकार 1 अप्रैल से किसी दूसरे निजी डिजिटल एसेट से कमाए गए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी. बजट 2022-23 में वर्चुअल करेंसी पर साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस और मिलने वाले के हाथ में ऐसे तोहफों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है. टीडीएस के लिए सीमा कुछ लोगों के लिए सालाना 50,000 रुपये होगी, जिसमें इंडीविजुअल या HUFs शामिल हैं, जिन्हें आईटी एक्ट के तहत अपने अकाउंट्स को ऑडिट कराने की जरूरत पड़ती है.

क्रिप्टो करेंसी बिल 2021-22 | जानिए क्रिप्टोकरंसी बिल को लेकर PM मोदी ने क्या कहा | crypto currency Bill in India

Crypto currency Bill

हो सकता है, आपने क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) का नाम तो सुना हो। परंतु क्या आप जानते हैं? भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी गैर क़ानूनी है। क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को भारत में किसी भी तरह से क़ानूनी तौर पर यूज नहीं किया जाता। भारत में क्रिप्टो करेंसी के तकरीबन डेढ़ से ढाई करोड़ यूजर हैं। क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल (Crypto currency Bill 2021-22) लाने की घोषणा की गई थी। शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन आफ ऑफिशल डिजिटल करंसी (Crypto currency and Regulation of Official Digital Currency) पर बिल पास करने की बात कही गई है।

भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India, Shri Narendra Modi) द्वारा Cryptocurrency Bill को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की हैं और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए गए हैं। भारत सरकार का मानना है, कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टेररिस्ट फीडिंग (terrorist feeding) और काला धन (black money) की आवाजाही में हो सकता है। इसीलिए अभी तक भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लीगल करार नहीं किया गया है। क्रिप्टोकरंसी को लेकर बढ़ते यूजर्स का रुझान देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल लाने की प्लानिंग की जा रही है।

Crypto currency Bill 2021-22 | क्रिप्टोकरंसी बिल 2021-22 क्या है?

भारत में बढ़ते हुए क्रिप्टोकरंसी के ट्रेंड को लेकर भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन पर मंथन किया जा रहा है। क्रिप्टोकरंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारी डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक पेश किया जाएगा। जिससे क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारत में स्थिति स्पष्ट हो सकती है, कि यह भारत में पूर्ण तरह से फेल होगी या इसे गाइडलाइन के आधार पर सुचारू रूप से जारी रखा जा सकता है। सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लेकर जिस बिल को पास किया जाएगा उसका नाम है क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Official Digital Currency Exchange Bill 2021)

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी पर आधिकारिक तौर पर फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, तथा क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को लेकर तकनीकी प्रारूप बनाने की योजना पर तैयारी चल रही है। भारत सरकार के रुझान के अनुसार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दरअसल शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले 26 दिन सूची में क्रिप्टो करेंसी बिल भी शामिल है। अब देखना यह है कि कैसे क्रिप्टोकरंसी अपने आप को इंडिया में लीगल साबित करती है या फिर पूर्णतया बेन होती है।

What Prime Minister Narendra Modi said on Cryptocurrency | क्रिप्टोकरंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा

जैसा कि आप सभी जानते हैं क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी है। जिसे इंडिया में लीगल करार नहीं किया गया है। परंतु विदेशों में डिजिटल करेंसी को बहुत अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। जिसमें बिटकॉइन (bitcoin) महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी कॉइन है, जो कि अब तक की क्रिप्टोकरंसी में सबसे महंगा कॉइन है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर कई मंत्रालयों से उच्च स्तरीय बैठक की जा चुकी है। इसके अलावा सिटी न्यूज़ संवाद कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरंसी को लेकर संबोधन दिया गया, जिसमें पीएम मोदी कहते हैं, “क्रिप्टो करंसी आफ बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए यह बेहद जरूरी है, कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही सुनिश्चित करें, कि यह गलत हाथों में न पड़े। क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ सकता है।”

In which countries is cryptocurrency legal | क्रिप्टोकरंसी किन देशों में लीगल है?

क्रिप्टोकरंसी भारत और चीन जैसे देशों में बैन है। हाल फिलहाल रिजर्व बैंक द्वारा इस पर पूर्णतया बैन लगा रखा है। पर अमेरिका समेत कई बड़े देश इसे अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर कि कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन पर कानून पास किया। बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का यह पहला देश है। इसके साथ दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने की तैयारी कर रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी युवक ने हाल ही में क्रिप्टो एंक्लेव का आयोजन किया। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को पूरी दुनिया अपनाने का प्रयास कर रही है। इसी के साथ बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी पर आधारित मैचुअल फंड स्कीम भी लांच की जा चुकी है।

FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22

Q . क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 क्या है?

Ans. भारत के संविधान सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल पास करने पर मंथन किया जा रहा है। सरकार का मानना है, कि क्रिप्टोकरंसी अभी तक इंडिया में गैरकानूनी है। क्रिप्टो करेंसी की उपयोगिता को लेकर भारत अभी भी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया है। शीतकालीन सत्र में यदि क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 पास होता है, तो इस पर मजबूत गाइडलाइन जरूर बनेगी।

Q. क्या क्रिप्टोकरंसी भारत में लीगल है?

Ans. जी नहीं, अभी तक भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई भी कानून पास नहीं किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टोकरंसी को बैन किया जा चुका है। अब शीतकालीन सत्र में 26 विधेयक बिल पास होने वाले हैं। जिसमें क्रिप्टोकरंसी भी शामिल है। यदि बिल पास होता है तो उस सरकार द्वारा इसकी उपयोगिता पर गाइडलाइन जरूर तैयार की जाएगी।

Q. क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 कब तक पास होगा?

Ans. शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशल डिजिटल करंसी बिल 2021 पास हो सकता है। परंतु अभी तक बिल को लेकर कोई अपडेट नहीं की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर विभिन्न मंत्रालय एवं उच्च अधिकारियों से वार्तालाप की गई है।

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