Asset Coverage Ratio क्या है?
एसेट कवरेज अनुपात क्या है? [What is Asset Coverage Ratio?] [In Hindi]
इक्विटी निवेशक कंपनी के मालिक होते हैं, इसलिए यदि कंपनी लाभदायक नहीं है तो उन्हें अपने निवेश पर कोई रिटर्न नहीं मिलेगा। हालांकि, Debt Investor को सभी परिस्थितियों में नियमित अंतराल पर ब्याज (और कई मामलों में मूलधन) का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थितियों में जब कंपनी लाभदायक नहीं है, ऋण निवेशकों को चुकाने के लिए Management को कंपनी की संपत्ति बेचने के लिए मजबूर किया जा सकता है। Equity और Debt दोनों निवेशक कुल संपत्ति कवरेज अनुपात का उपयोग कर सकते हैं ताकि कंपनी की ऋण बाध्यता बनाम संपत्ति का कितना मूल्य हो, इसका सैद्धांतिक बोध प्राप्त किया जा सके।
विश्लेषक इस अनुपात का उपयोग किसी कंपनी की वित्तीय स्थिरता, पूंजी प्रबंधन और समग्र जोखिम को मापने के लिए भी करते हैं। अनुपात जितना अधिक होगा, निवेशक के दृष्टिकोण से उतना ही बेहतर होगा क्योंकि इसका मतलब यह है कि परिसंपत्तियों की संख्या देनदारियों से काफी अधिक है। दूसरी ओर, एक कंपनी, एक स्वस्थ परिसंपत्ति कवरेज अनुपात को बनाए रखने की तुलना में उधार ली जा सकने वाली राशि को अधिकतम करना चाहेगी।
एसेट कवरेज अनुपात का उपयोग कैसे किया जाता है ? [How is the asset coverage ratio used?]
कंपनियां जो फंड जुटाने के लिए स्टॉक या इक्विटी के शेयर जारी करती हैं, उन फंडों को निवेशकों को वापस भुगतान करने के लिए वित्तीय दायित्व नहीं होता है। हालांकि, जो कंपनियां बांड की पेशकश के माध्यम से ऋण जारी करती हैं या बैंकों या अन्य वित्तीय कंपनियों से पूंजी उधार लेती हैं, उनका दायित्व समय पर भुगतान करना होता है और अंत में, उधार ली गई मूल राशि का भुगतान करना होता है।
परिणामस्वरूप, किसी कंपनी का ऋण धारण करने वाले बैंक और निवेशक यह जानना चाहते हैं कि कंपनी की आय या लाभ भविष्य के ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन वे यह भी जानना चाहते हैं कि यदि आय में कमी आती है तो क्या होगा।
दूसरे शब्दों में, Asset coverage ratio एक Solvency ratio है। यह मापता है कि कोई कंपनी अपनी संपत्तियों के साथ अपने अल्पकालिक ऋण दायित्वों को कितनी अच्छी तरह से कवर कर सकती है। एक कंपनी जिसके पास अल्पकालिक ऋण और देयता दायित्वों की तुलना में अधिक संपत्ति है, ऋणदाता को इंगित करता है कि कंपनी के पास उस धन को वापस भुगतान करने का एक बेहतर मौका है जो कंपनी की अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे? आय में ऋण को कवर नहीं कर सकता है। Asset Class क्या हैं?
एसेट कवरेज अनुपात के साथ समस्याएं [problems with asset coverage ratio]
इस अनुपात के परिणाम की व्याख्या करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसमें संभावित रूप से गलत धारणा है कि अंश में सूचीबद्ध संपत्ति को उसी मात्रा में नकदी में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है। निम्नलिखित कारणों से धारणा गलत हो सकती है:
Swing Trading कैसे करे | What is Swing Trading in Hindi
आज के इस लेख में हम आपको What is Swing Trading in Hindi के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिस किसी को नहीं पता है की स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? उसे इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। लंबे समय के निवेश के लिए अधिक रिटर्न मिलता है लेकिन इंतजार भी अधिक करना होता है । कई बार तो 4–5 वर्ष का इंतजार भी करना होता है। इसमें अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे? रिस्क रेश्यो भी कम होता है लेकिन निवेश के लिए अधिक पैसों की जरूरत होती है।
What is Swing Trading in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग के केवल एक ही उद्देश है की शेयर की कीमत को गिराबट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजीशन को होल्ड करना होता है। इसका समय 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों और तक का होता है। लेकिन लंबे समय के निवेशों में अधिक मुनाफा कमाने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना होता है।
Swing trading के माध्यम से निवेशक छोटे–छोटे मुनाफा प्राप्त करते है क्योंकि कम अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकते है। मार्किट में शेयर की कीमत का अनुमान लगाने के लिए ज्यादातर सभी ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते है जिससे हमे शेयर की सही स्थिति का अनुमान लग जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे
Swing trading करने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट खोलना होगा। कुछ कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती है जिसके उपयोग से ट्रेडिंग को समझने में आसानी होती है और लाइव ट्रेडिंग करने से पहले कुछ अनुभव भी हो जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद एनालिसिस की जरूरत होती है, इसमें मदद के लिए financial tools उपलब्ध होते है जिससे हमे उचित रास्ता मिलता है। What Is Swing Trading In Hindi में पूरी जानकारी.
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ?
जब आप समझ चुके है की Swing trading in Hindi क्या है। अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से जोखिम उठाने के लिए तैयार हो जाएं , क्योंकि अब आपको एक ऐसे शेयर की खोज करनी होगी जो आपके रिस्क सहने के हिसाब से हो।
रिस्क मैनेज कैसे करे | What Is Swing Trading In Hindi
ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही साबित हो और आपको हमेशा मुनाफा हो, कई बार आपका अनुमान और स्ट्रेटजी अचानक उलट जाती है। आपको अपनी financial risk के अनुसार मुनाफा और हानि दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे?
आपको अपने शेयर की कीमत को समय–समय पर देखते रहना है कि का वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नही। फायदा दिखते ही मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना ठीक रहता है क्योंकि ज्यादा कीमत बढ़ने के लालच में नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में लाभ के अलावा नुकसान भी होता है कभी–कभी नुकसान होने के बाद भी मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना होता है।
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स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
What Is Swing Trading In Hindi – मार्केट ट्रेडिंग के लिए बेहतरी स्टॉक को कैसे चुने। ज्यादातर ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार ही शेयर को खरीदते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उससे जुड़ी हुई सभी खबरों पर ध्यान देना होगा। आपकी पूरी कोशिश हो कि शेयर अच्छा प्रदर्शन करता हो।
मार्केट ट्रेंड : बहुत से ऐसे ट्रेडर होते है जो मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ही शेयर को चुनते है। कंपनी की स्थति जानने के लिए, उससे जुड़ी हुई सभी खबरों को समझना होगा। स्टॉक को किसी भी तरह से चुने लेकिन वह प्रदर्शन अच्छा कर रहा होना चाहिए।
लिक्विडिटी स्टॉक : इस लिक्विडिटी स्टॉक का मतलब होता है कि वह शेयर जो ट्रेडिंग मार्केट में अधिक मात्रा में खरीदे या बेचे जाते है। इनका प्रदर्शन कुछ इस तरह का होता है कि मार्केट में उस शेयर की जरूरत काफी अधिक है। बेहतर लिक्विडिटी वाले शेयर में कम मात्रा में रिस्क होता है।
दूसरे स्टॉक के साथ तुलना:
What Is Swing Trading In Hindi – बेहतर स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के साथ तुलना करनी होती है इससे हमे ये पता लगता है कि किस शेयर का प्रदर्शन अच्छा है और किसका खराब है।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न जरूर देखे : आपको जिस स्टॉक का प्रदर्शन अच्छा लग रहा हो, उसके बाद आप स्टॉक के पुराने ट्रेंडिंग पैटर्न को देखना काफी जरूरी होता है इससे हमे stock के भविष्य में कीमत के उतार-चढ़ाव के बारे में अनुमान लग जाता है। एक चीज और देखनी है शेयर की कीमत में थोड़ा ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा तो समझो शेयर उतना ही अच्छा होता है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: कुछ ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयर को पसंद नही करते है क्योंकि उसमे पैटर्न को समझने में समस्या होती है। वह उन शेयर में निवेश करते जिसमे सामान्य रूप से कम उछाल या गिरावट दिखती है क्योंकि इससे उनको पैटर्न को समझने में आसानी होती है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? | How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi?
शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?
स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे? हो सकती है ।
जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।
बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?
ट्रैडिंग अकाउंट खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।
बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।
जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।
How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI
तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI
अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI
Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स
स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|
मैं बिनेंस पर INR में बिटकॉइन कैसे खरीदूं?
पिछले एक साल में बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में अपनी रुचि दिखाई है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न अनिश्चितताओं के अलावा, भारतीयों ने मई 2021 के अंत तक हजारों करोड़ रुपये जमा किए हैं। इस जबरदस्त निवेश उछाल का कारण दुनिया भर में प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी द्वारा प्रदान किए गए निवेश पर प्रतिफल (रिटर्न) है। अकेले पिछले एक साल के निचले स्तर के बावजूद, बिटकॉइन की कीमत चार गुना और एथेरियम दस गुना से अधिक बढ़ गई है।
हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन अस्थिर रहा है, फिर भी भारत में क्रिप्टो निवेशों ने महत्वपूर्ण संकर्षण प्राप्त किया है। 15 मिलियन से अधिक भारतीयों ने डिजिटल मुद्राएं खरीदी या बेची हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी आईटी आबादी वाले देश में कई क्रिप्टो उत्साही मानते हैं कि भारतीय निवेशकों द्वारा प्रदान की गई वर्तमान मात्रा बड़े पैमाने पर आपनाये जाने के मामले में केवल हिमशैल का सिरा है।
बिनेंस पर INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए इन चरणों का पालन करें:
बिनेंस दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है, जिस पर दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ता भरोसा करते हैं। हमारे प्लेटफॉर्म में भारतीय निवेशकों के लिए INR में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने का विकल्प है। भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए कदमों अथवा चरणों का पालन करें।
चरण 1: अपना बिनेंस खाता बनाएं
बिनेंस के साथ साइन अप करें और अपना ईमेल पता या मोबाइल फोन नंबर जैसे आवश्यक विवरण भरें। अपने क्रिप्टो वॉलेट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड चुनना याद रखें। आप अपना बिनेंस खाता बनाने के लिए मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं। आप सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करते हुए, 2FA या दो-कारक प्रमाणीकरण (two-factor authentication) के साथ अपने खाते की सुरक्षा भी कर सकते हैं। प्रोफ़ाइल टैब के अंतर्गत "सुरक्षा" (“Security”) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 2: अपना केवाईसी सत्यापन (verification) पूरा करें
केवाईसी (KYC- Know your customer) एक वित्तीय संस्थान द्वारा ग्राहक की पहचान का अनिवार्य सत्यापन है। केवाईसी प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेज शामिल हैं जिनका उपयोग आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है जैसे वैध पहचान पत्र, उपयोगिता बिल, और इसी तरह। प्रोफाइल टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पहचान (identification) विकल्प चुनें।
चरण 3: अपनी पहचान सत्यापित (verify) करें
अपना केवाईसी विवरण दर्ज करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए वेरीफाई (verify) बटन पर क्लिक करें। कृपया ध्यान दें कि जमा किए गए दस्तावेज़ केवल आपकी राष्ट्रीयता के अधिकारियों द्वारा जारी किए हुए होने चाहिए।
चरण 4: सत्यापन (verification) पूरा करें
पुष्टि करें कि आपके केवाईसी सत्यापन को स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत किए गए विवरण सटीक हैं। सत्यापन प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, जिसके बाद आपका खाता ट्रेडिंग के लिए तैयार हो जाएगा। आपके पास बुनियादी (basic) से उन्नत (advanced) सत्यापन मॉडल पर स्विच करने का विकल्प भी होगा।
चरण 5: बिनेंस पी2पी के माध्यम से INR में बिटकॉइन खरीदें
बिनेंस पी2पी (पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज) एक ऐसा बाज़ार है जहाँ लोग लगभग किसी भी देश में अपनी शर्तों पर एक-दूसरे के साथ सीधे क्रिप्टो व्यापार कर सकते हैं। 70 से अधिक फिएट मुद्राओं के साथ, पी2पी मार्केटप्लेस भारतीय निवेशकों के लिए भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना और बेचना आसान बनाता है।
मार्केटप्लेस पर जाने के लिए, वॉलेट टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पी2पी विकल्प पर क्लिक करें। आप यहां क्लिक करके भी मार्केटप्लेस जा सकते हैं।
चरण 6: बिटकॉइन खरीदने के लिए अपनी आवश्यकताओं को भरें
व्यापार करने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी के रूप में बीटीसी का चयन करें, और फिर 'खरीदें' विकल्प चुनें। वह राशि दर्ज करें जिसे आप फिएट मुद्रा के रूप में INR के साथ खरीदना चाहते हैं। उस भुगतान विकल्प का चयन करें जिसे आप मौजूद विभिन्न विकल्पों में से चुनना चाहते हैं। बिनेंस द्वारा सत्यापित व्यापारियों की सूची के साथ बिटकॉइन से INR मूल्य और, उनकी न्यूनतम और अधिकतम बिक्री की सीमा के लिए "केवल व्यापारी विज्ञापन दिखाएं" (“only show merchant ads “) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 7: व्यापारियों से बिटकॉइन खरीदना
उपयुक्त मर्चेंट का चयन करने के बाद, बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") विकल्प पर क्लिक करें और अपनी चयनित फिएट मुद्रा में खरीदारी करने के लिए राशि भरें।
बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") पर क्लिक करने के बाद, आपके पास पहले चुने गए भुगतान विकल्प के माध्यम से मर्चेंट को फंड ट्रांसफर करने के लिए 15 मिनट की समय सीमा होगी। भुगतान करें, और फिर "स्थानांतरित, अगला" (“Transferred, NEXT”) पर क्लिक करें।
चरण 8: व्यापारी से बिटकॉइन प्राप्त करना
व्यापारी को आपके खाते में खरीदे गए बिटकॉइन की राशि को स्थानांतरित करने के लिए एक सूचना मिलेगी। आपको व्यापारी से कुछ ही मिनटों में अपना बिटकॉइन प्राप्त हो जाएगा।
देरी होने पर, आप हमेशा "अपील उठा सकते हैं"। आपके द्वारा “स्थानांतरित, अगला” (“Transferred, NEXT”) विकल्प पर क्लिक करने के तुरंत बाद ही यह विकल्प उपलब्ध है। अगला कदम होगा "अपील का कारण" के लिए सबूत के साथ अपने तर्क का समर्थन करना।
अपने बिनेंस खाते से भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए बस इतना ही करना है। यह आसान और तेज़ है। आप इस विशेष मार्गदर्शिका का उपयोग बिनेंस पी2पी मार्केटप्लेस के माध्यम से अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए भी कर सकते हैं।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के इन आठ उपाय के बारे में जानते हैं आप?
आजकल कामकाजी लोगों का अधिकतर वक्त स्क्रीन के सामने गुजरता है. कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम, मोबाइल पर ज्यादा वक्त गुजारना, घर में टीवी देखना वास्तव में अब ऐसी जरूरी चीजें हैं जिनकी वजह से आपकी आंख पर काफी दवाब पड़ता है. इस वजह से आजकल छोटे-छोटे बच्चों की भी नजर कमजोर हो जाती है. अगर आप भी इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप अपनी आंख/नजर को स्वस्थ रखने में मदद पा सकते हैं.
आप क्या खाते हैं, इसका आपकी आंख से गहरा संबंध है. विटामिन ए की प्रचूर मात्रा वाली चीजें खाने से आपकी आंख का स्वास्थ्य ठीक रहता है. इसके साथ ही आपको विटामिन सी, ई, कॉपर और जिंक आदि वाले खाने को भी अपनी आदत में शामिल करना चाहिए. आप गाजर, अंडे, कद्दू, पत्ते वाली सब्जियां और शकरकंद आदि खा सकते हैं. अगर आप नॉन वेज खाते हैं तो मछली आपकी आंख के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है.
आंख में भी मांसपेशियां होती हैं और उन्हें ठीक रखने के लिए आप व्यायाम भी कर सकते हैं. अगर आप सुबह-सुबह या रात को सोते वक्त आंख से संबंधित व्यायाम करें तो इससे काफी बेहतर नतीजे निकल सकते हैं. अगर आप लगातार एक महीने तक इस तरह का व्यायाम करते हैं तो आपको इसके बेहतरीन नतीजे देखने को मिल सकते हैं. सबसे पहले अपनी हथेली से आंख को ढंकें. इसके बाद आंख की मांसपेशियों के लिए बताये गए व्यायाम करें.
अगर आप रोजाना कम से कम 20 मिनट फुल बॉडी एक्सरसाइज करते हैं तो इसका असर आपकी आंख पर भी पड़ता है. अगर आपके शरीर में खून का बहाव तेज होता है तो इससे आपकी आंख को फायदा होता है. इससे आँख की मांसपेशियों में मौजूद/जमा हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं. यह ध्यान रखें कि इसके लिए शरीर पर अधिक जोर डालने वाला व्यायाम जरूरी नहीं है.
कामकाज के बीच में अपनी आंख को कुछ सेकेंड का आराम देना भी सही कदम है. आप एक घंटे में पांच सेकेंड के लिए एक बार ऐसा कर सकते हैं. अगर आपके जॉब में हर वक्त कंप्यूटर के सामने बैठना या पढ़ते रहना शामिल है तो बीच-बीच में अपनी आंख बंद कर लेने से आपको काफी राहत मिलेगी. आपको यह सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन ऐसा करते रहने से आपकी आंख पर भार कम पड़ेगा और वे अधिक समय तक स्वस्थ रहेंगी.
आपकी आंख के लिए कुछ देर का आराम काफी नहीं है. जिस तरह आपके शरीर को नियमित रूप से आराम की जरूरत होती है, उसी तरह आंख को भी आराम चाहिए. जब आपके शरीर को पर्याप्त आराम मिल जाता है तो आपकी आंख भी नए सिरे से काम करने के लिए तैयार हो जाती है. लंबे कामकाजी अवधि के बीच में थोड़ा सा ब्रेक भी आपकी आंख के लिए जरूरी है.
क्या आप जानते हैं कि हमारे आसपास मौजूद बहुत सी चीजें हमारी आंख के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं. कंप्यूटर के सामने लंबी अवधि तक बैठना, स्विमिंग पूल का पानी आंख में जाना, पढ़ाई के वक्त कम वोल्टेज वाला बल्ब, फ्लोरोसेंट लाइट्स आदि कुछ ऐसी बातें हैं जो आपकी आंख को नुकसान पहुंचाती हैं. आपको अपने आस-पास इस तरह की चीजें नहीं रखनी चाहिए.
क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान की वजह से आपकी आँख पर भी गलत असर पड़ता है. धुम्रपान से कैटेरेक्ट बढ़ने का खतरा होता है और इससे मैकुलर डीजेनेरेशन के चांस बढ़ जाते हैं. शरीर में बहुत से एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं जो आंख के लिए फायदेमंद हैं. धूम्रपान से इन पर भी असर पड़ता है.
जब तक देखने में समस्या नहीं होने लगे अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे? तब तक लोग आंख की जांच कराने नहीं जाते. कई बार इस वजह से आपकी समस्या स्थाई हो जाती है. एक नियमित अंतराल पर आंख की जांच कराने से आप इसे स्वस्थ रख सकते हैं. अगर समय पर आंख की समस्या का पता चल जाय तो इसका इलाज संभव है. समय पर आंख की जांच कराने से आपको उसकी सही स्थिति पता लगती है और आप उसमें सुधार के कदम उठाते रहते हैं.
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