यह सतह की खराबी का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। यह विधि सभी धातु या गैर-धातु सामग्री के सतह दोषों का पता लगाने के लिए पसंद की मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक जाती है, बशर्ते कि वे झरझरा न हों। इस पद्धति में एक प्रवेश तरल का उपयोग किया जाता है। परिणामों का मूल्यांकन सतह मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक के तनाव और जाँच की जा रही घनत्व के आधार पर किया जाता है।

अध्ययन: पीएफएएस के संपर्क में आने वाले घड़ियाल दिखाते हैं नकारात्मक प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभाव

उत्तरी कैरोलिना [यूएस], 20 अक्टूबर (एएनआई): केप फियर नदी में मगरमच्छों पर हाल के एक शोध ने मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक उनके रक्त सीरम में 14 अलग-अलग पेर्फ्लुओरोकेल (पीएफएएस) यौगिकों की उच्च मात्रा की खोज की, साथ ही साथ प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रभावों के नैदानिक ​​​​और आनुवंशिक संकेत भी। अध्ययन ने पीएफएएस एक्सपोजर को नकारात्मक प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावों से जोड़ने वाले डेटा के शरीर में जोड़ा।

नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर स्कॉट बेल्चर के नेतृत्व में शोध दल ने रक्त के नमूने लिए और 2018 मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक और 2019 के बीच केप फियर नदी के किनारे रहने वाले 49 मगरमच्छों पर स्वास्थ्य मूल्यांकन किया। उन्होंने इन परिणामों की तुलना 26 की संदर्भ आबादी से की। निकटवर्ती लंबर नदी बेसिन में स्थित वाकामाव झील के घड़ियाल।

Crude Oil 1 साल में 62% हुआ महंगा, भारत के लिए इसके क्या हैं मायने, आपके निवेश पर क्या होगा असर

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ब्रेंट क्रूड में 1 जनवरी 2022 से अबतक करीब 20 फीसदी तेजी आई है.

Brent Crude Prices: पिछले 2 महीने से शेयर बाजार में जिस तरह की हलचल देखने को मिल रही है, मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक उसके पीछे एक बड़ी वजह इंटरनेशन मार्केट में कच्चे तेल यानी ब्रेंट क्रूड की कीमतों का तेजी से बढ़ना है. ब्रेंट क्रूड में 1 जनवरी 2022 से अबतक करीब 20 फीसदी तेजी आई है. जबकि बीते 1 साल में क्रूड 62 फीसदी महंगा होकर 7 से 8 साल के हाई पर पहुंच गया है. हाल ही में क्रूड ने 95 से 96 डॉलर प्रति बैरल का लेवल टच किया. जियो पॉलिटिकल टेंशन और पोस्ट पैनडेमिक अचानक डिमांड बढ़ने से क्रूड में जोरदार तेजी आई है. पैनडेमिक के बाद मांग 100 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गई है. एक्सपर्ट का मानना है कि क्रूड को लेकर जो भी फैक्टर हैं, वे आगे डिस्काउंट होंगे. लेकिन नियर टर्म में अनिश्चितता बनी हुई है. शॉर्ट टर्म में क्रूड एक बार फिर 100 डॉलर प्रति बैरल की ओर बढ़ सकता है.

पूरी इकोनॉमी पर कैसे असर

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि क्रूड में जिस तरह की हलचल है, मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक ओवरआल इकोनॉमी पर इसका असर पड़ रहा है. क्रूड पूरी इकोनॉमी को चलाती है, इसके महंगा होने से एनर्जी इंपोर्ट महंगा हो जाता है, जिससे घरेलू करंसी कमजोर होती है. दूसरी ओर इससे ईंधन महंगा होता है तो ढुलाई की कीमतें बढ़ती हैं, जिससे इनफ्लेशन बढ़ता है. मैक्रो लेवल पर तमाम इंपैक्ट के अलावा क्रूड में बहुत मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक ज्यादा तेजी या बहुत ज्यादा गिरावट से सीधे सीधे 40 से 50 शेयरों पर असर पड़ता है.

केडिया के अनुसार जो कंपनियां प्रोडक्शन में रॉ मटेरियल के रूप में क्रूड का इस्तेमाल करती हैं, उनकी लागत बढ़ेगी. बैटरी बनाने वाली कंपनियों, OMC, एविएशन, पेंट कंपनियों, मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक टायर कंपनियों, सीमेंट कंपनियों, लॉजिस्टिक कंपनियों, स्टील कंपनियों और कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनियों के स्टॉक पर इसका सीधा असर होगा. इनके शेयरों पर दबाव बढ़ सकता है.

ग्लोबल ग्रोथ पर भी असर

केडिया के अनुसार क्रूड की कीमतों में ज्यादा तेजी आने का मतलब है कि जो देश क्रूड का इंपोर्ट करते हैं, उनका इंपोर्ट बिल बढ़ेगा, जिससे बैलेंसशीट बिगड़ेगी. इन देशों का चालू खाता और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा. इन देशों की करंसी कमजोर होंगी. इससे इन देश में महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा. भारत और चीन जैसे देश दुनिया के सबसे बड़े क्रूड खरीदारों में हैं. इससे इन देशों की मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक अर्थव्यवस्था पर असर हो सकता है. अगर क्रूड का भाव 100 डॉलर से पार जाता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी असर होगा. वहीं इससे सऊदी अरब, गल्फ कंट्रीज, रूस, नॉर्वे, नाइजीरिया और इक्वाडोर जैसे क्रूड बेचने वाले देशों को लाभ होगा.

एक्सपर्ट और एजेंसियां मान रही हैं कि आगे अगर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ा तो क्रूड में फिर तेजी आएगी. IIFL सिक्योरिटीज के VP (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि शॉर्ट टर्म में क्रूड 98-100 डॉलर प्रति बैरल का लेवल टच कर सकता है. जियो पॉलिटिकल टेंशन क्रूड को सपोर्ट करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है. नियर टर्म में यह 90 डॉलर से 100 डॉलर की रेंज में रहेगा. उनका कहना है कि अभी सप्लाई में डिस्टर्बेंस है. ईरान पर यूएस के सैंक्शन से भी असर हुआ है.

मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक

डॉ. डी. बालसुब्रामण्यन

हाल ही मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक में प्रकाशित पीटीआई रिपोर्ट का शीर्षक “दो बाघों को बचाना मंगलयान से ज़्यादा मूल्यवान है” बहुत ही दिलचस्प था, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि दो बाघों को बचाने से 520 करोड़ का लाभ होता है जबकि मंगलयान की लागत 450 करोड़ है। यह शीर्षक रोमांचक भी था और दुखी करने वाला भी। इससे रोमांचित होकर मैंने इंडियन इंस्टिट्यूटऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) भोपाल की प्रोफेसर मधु वर्मा से संपर्क किया और उन्होंने मेरे साथ 2015 की विस्तृत रिपोर्ट साझा की “भारत में टाइगर रिज़र्व का आर्थिक मूल्यांकन: एक वैल्यूअ दृष्टिकोण” और हाल में इकोसिस्टम सर्विसेस पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र “ओझल को सामने लाना: भारत में टाइगर रिज़र्व का आर्थिक मूल्यांकन”। दोनों ही पर्चे आंखें खोलने वाले हैं।

What global imperialists say, and what they really mean when talking about Bharat and Hindus

What they say and what they mean – this article will help you understand globalist messaging and subliminal narrative war.

Intolerance is rising = I fear that Hindus might get a little more self respecting and slightly more resistant to easy extermination.

Minorities are in danger = Violent jihad, Islamization by demographics and Christian conversion by fraud might slow down a bit

Democracy is dead = I’m countered a bit verbally when I talk lies and thrash to exterminate Hindus.

All institutions are under attack = I’m not able to use secular institutions as a puppet to annihilate Hindus and Abrahamize Bharat.

गैर-विनाशकारी परीक्षण नियंत्रण

गैर विनाशकारी परीक्षण हमारी भाषा की मूल भाषा में लिखा जाता है गैर-विनाशकारी परीक्षण जैसे कि तन्य, मरोड़, यांत्रिक परीक्षण लागू नहीं किया जा सकता है, भाग की अखंडता के आधार पर क्षतिग्रस्त नहीं है, सतह पर जांच की गई सामग्री या सामग्री का पता लगाने के लिए एक प्रकार की परीक्षा है।

गैर-विनाशकारी परीक्षण, जो सामग्री की अखंडता को परेशान किए बिना परीक्षा का एक रूप है, निरीक्षण किए जाने वाले सामग्री की सतह पर दोष और दोषों की पहचान करता है।

इसी मगरमच्छ तकनीकी विश्लेषण संकेतक समय, इस सामग्री में एकीकृत एक और सामग्री की मात्रा को इस विधि द्वारा मापा जा सकता है। या धातु की सतहों पर पेंट की मोटाई निर्धारित की जा सकती है। संक्षेप में, गैर-विनाशकारी परीक्षण विधियों द्वारा नियंत्रित सामग्री को नुकसान पहुंचाए बिना इस सामग्री की गतिशील और स्थिर संरचनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

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