एसआईपी को हर हाल में जारी रखना जरुरी होता है जब तक कि आप अपना फाइनेंशियल लक्ष्य न हासिल कर लें. कई लोग ऐसे होते हैं जो कुछ समय तो अपना निवेश जारी रखते हैं, लेकिन फिर निवेश रोक देते हैं. ऐसे में आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अच्छे रिटर्न के लिए बाजार में ज्यादा समय तक टिके रहना जरुरी होता है. इसीलिए चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो आपको निवेश जारी रखना ही है.
कॉरपोरेट एफडी में मिलता है ज्यादा ब्याज, लेकिन निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
यूटिलिटी डेस्क. ज्यादातर लोग एफडी का मलतब बैंक एफडी ही समझते हैं, लेकिन बैंक के अलावा कॉरपोरेट यानी कंपनी एफडी का भी विकल्प होता है। कॉरपोरेट एफडी के तहत कंपनियां अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूंजी जुटाती हैं। अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए वे आम लोगों को निश्चित अवधि के लिए निवेश का ऑफर देती हैं। इसके बदले में कंपनियां निवेशक निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान को फिक्स्ड ब्याज देती हैं। यही कॉरपोरेट एफडी कहलाती है।
कंपनियों को बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने पर ज्यादा ब्याज (15 से 20 फीसदी) देना पड़ता है। ऐसे में उनके लिए आम जनता के बीच सीधे जाकर कॉरपोरेट एफडी के जरिए पैसा जुटाना फायदेमंद है। सामान्यतया कॉरपोरेट एफडी पर ये कंपनियां बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा ब्याज देती हैं। यही वजह है कि कॉरपोरेट एफडी, बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा आकर्षित करती है। लेकिन निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान आम निवेशक को कॉरपोरेट एफडी में निवेश करते समय रिटर्न के अतिरिक्त रिस्क पर भी ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं कि कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले किन बातों को जानना जरूरी है।
पोर्टफोलियो एलोकेशन
पोर्टफोलियो एलोकेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इक्विटी, डेट और गोल्ड में हर किसी के पास एसेट एलोकेशन प्लान होना चाहिए.
प्रत्येक निवेशक के लिए परिसंपत्ति एलोकेशन अलग होता है और यह व्यक्ति की जोखिम लेने की क्षमता पर आधारित होता है. शुरुआत के रूप में, इक्विटी में एलोकेशन को धीरे-धीरे बढ़ाना एक अच्छी रणनीति होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती चरण में बैंक और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में ज्यादा एलोकेशन होना ठीक है.
लक्ष्य तक पहुंचना
प्रत्येक निवेशक का एक स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए. निवेश की रणनीति निवेश के परिणाम पर निर्भर होनी चाहिए – एक निवेशक लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए अल्पावधि में अस्थिरता को सहन कर सकता है, बशर्ते वह उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम हो.
व्यक्तिगत वित्त विशेषज्ञ सैबल बिस्वास ने कहा, इसलिए निवेश राशि और पैटर्न को अंतिम रूप देने से पहले किसी को अपना लक्ष्य स्पष्ट करना चाहिए और इसे हासिल करने के लिए पेशेवरों से परामर्श लेना चाहिए.
रिसर्च जरूर करें
रिसर्च उन प्रमुख चीजों में से एक है जो एक निवेशक को अवश्य करना चाहिए. उचित शोध के बिना, आपकी पूंजी हमेशा इष्टतम से अधिक जोखिम में होती है.
बिस्वास ने कहा कि कोई भी निवेश करने से पहले जितना संभव हो सके साधन के बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि उन निवेशों में निवेश न करें जिनके बारे में आपको ठीक से जानकारी नहीं है.
जोखिम का मुल्यांकन
इसमें शामिल जोखिमों का आकलन करना निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है. जोखिम लेने की क्षमता व्यक्ति की भूख पर निर्भर करती है. कोई भी नया निवेश करने से पहले दो बार जांच लें.
एक युवा निवेशक के लिए, रिटायरमेंट अक्सर एक अनदेखा लक्ष्य होता है, लेकिन आपको अपने निवेश के पहले निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान दिन से ही इसकी योजना बना लेनी चाहिए, और उसके बाद ही आप 60 साल की उम्र में एक बड़ा और स्वस्थ कोष बना पाएंगे.
एक आयकर विशेषज्ञ के मुताबिक, यदि आप इसे दीर्घकालिक योजना बनाना चाहते हैं तो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली उपयुक्त विकल्पों में से एक है. एक युवा निवेशक एनपीएस के कुल पैसे का 75% इक्विटी में और 25% सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड में डाल सकता है.
IPO में निवेश करने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान, ताकि बाद में न हो कोई पछतावा
IPO से कंपनी को फंड मिल जाता है, वहीं निवेशकों को उस कंपनी में हिस्सेदारी मल जाती है. यानी इसमें दोनों का ही फायदा है. लेकिन इसमें निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें.
IPO में निवेश करने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान, ताकि बाद में न हो कोई पछतावा (Zee Biz)
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (Initial public offering-IPO) कोई भी कंपनी तब लेकर आती है, जब उसे फंड की जरूरत होती है. ऐसे में वो पब्लिक के बीच आईपीओ ऑफर करके कुछ शेयर बेचती है और आईपीओ के जरिए आए फंड को अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. IPO से कंपनी को फंड मिल जाता है, वहीं निवेशकों को उस कंपनी में हिस्सेदारी मल जाती है. यानी इसमें दोनों का ही फायदा है. चूंकि शेयर मार्केट अप्रत्याशित होता है, ये तेजी से फायदा करवाता है, तो नुकसान भी करवा सकता है, इसलिए किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले आप कुछ बातों को खासतौर पर ध्यान रखें, ताकि बाद में पछताने की गुंजाइश न रहे.
टारगेट तय करें
किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले अपना टारगेट निश्चित करें यानी आपको ये पता होना चाहिए कि आप इसमें लिस्टिंग गेन का फायदा लेने के लिए निवेश कर रहे हैं, या लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं. कई बार आपको जो फायदा लिस्टिंग गेन में मिलता है, वो जरूरी नहीं कि आगे भी मिले.
जब कोई कंपनी आईपीओ लॉन्च करती है तो वो कंपनी प्रॉस्पेक्टस में बताती है कि वो आईपीओ से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल कहां करेगी. ऐसे में आप इस पॉइंट को इग्नोर न करें. आमतौर पर जो कंपनी क्षमता या कारोबार को बढ़ाने के लिए फंड जुटाती हैं, उनके ग्रोथ की संभावना काफी ज्यादा होती है और उनमें लगाया हुआ पैसा आपको मुनाफा भी देता है.
कंपनी के वैल्यूएशन निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान की तुलना करें
जिस कंपनी के आईपीओ का ऑफर आया हुआ है, उसका प्राइस टू अर्निंग्स रेशियो, प्राइस टू बुक रेशियो और कंपनी पर कितना डेट टू अर्निंग्स रेशियो ये ये जरूर देख लें. इसके अलावा कंपनी का वैल्यूएशन कितना तय हुआ है, इसकी इंडस्ट्री में शामिल निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान अन्य कंपनियों से तुलना कर लेनी चाहिए.
कंपनी में किसी दिग्गज व्यक्ति की हिस्सेदारी है, ये देखकर निवेश न करें. बल्कि कंपनी के सभी प्रमोटर के बारे में जरूरी जानकारियां निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान जुटानी चाहिए. किसी नामी व्यक्ति के नाम से प्रभावित होकर निवेश करने का फैसला कई बार गलत भी साबित हो सकता है.
SIP में करते हैं निवेश तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, होगा ज्यादा फायदा
Systematic Investment Plan : अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं तो आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं क्योंकि एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जो निवेशकों की पहली पसंद रहती है. कई लोग एकमुश्त निवेश करना ज्यादा पसंद करते निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान हैं, लेकिन वेतनभोगियों की पहली पसंद ज्यादातर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ही होती है. इसमें आप अपनी सहूलियत के अनुसार, हर महीने, हर तिमाही या छमाही में निवेध कर सकते हैं. इससे छोटी-छोटी रकम जमा करके आप बड़ा रिटर्न (Big Return) हासिल कर सकते हैं. लेकिन एसआईपी करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है, जिससे आप और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
हर साल बढ़ाते रहें टॉप-अप
यह शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन अपने एसआईपी को टॉप-अप करना बहुत जरुरी होता है. जैसे हर साल आपका वेतन बढ़ता है वैसे ही हर साल एसआईपी की निवेश राशी भी बढ़ाई जा सकती है ताकि आपको ज्यादा रिटर्न मिले. आपके फायदे के लिए हर सार एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाना जरुरी है.
बता दें कि ऐसे कई लोग भी होते हैं जो काफी देरी से निवेश की शुरुआत करते हैं. मान लीजिये यदि आपकी उम्र 35 साल हो गई है फिर भी आप हर साल केवल 5 हजार निवेश करके लगभग एक करोड़ रिटर्न हासिल कर सकते हैं. इसमें यदि आपको रेट ऑफ रिटर्न 12 प्रतिशत मिलेगा . ऐसे में 60 साल की उम्र में आपको 95 लाख रुपए का रिटर्न मिलेगा. जिसमें 15 लाख आपका कुल निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान इन्वेस्टमेंट होगा और बाकि 80 लाख रिटर्न होंगे.
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हर कोई चाहता है कि वो अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश करे। इसके लिए लोग काफी कुछ करते भी हैं। वहीं, निवेश कितना जरूरी है ये कोरोना काल से लोगों ने काफी सीखा। लोग निवेश इसलिए करते हैं ताकि वो इस पैसे को अपनी जरूरत पर इस्तेमाल कर सके। इसके लिए कई लोग तो बैंक में अपनी कमाई को जमा कराते हैं, ताकि उस पर ब्याज मिल सके। लेकिन ज्यादातर लोग इसके साथ ही कई अन्य स्कीम में भी पैसे निवेश करते हैं, ताकि वो एक बेहतर रिटर्न पा सके। लेकिन कई मर्तबा देखा जाता है कि लोग बिना सोचे समझे और दूसरों की बातों में आकर कहीं ऐसी जगह पर पैसे लगा देते हैं। जहां उन्हें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि आपका पैसा डूबे नहीं और आपको अच्छा रिटर्न भी मिल सके। तो चलिए हम आपको बताते हैं.
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