कई ट्रेडर्स सिक्योरिटीज की सप्लाई-डिमांड और बाजार के मनोविज्ञान को गहराई से समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते हैं. आइए नजर डालते हैं कुछ सरल तकनीकी संकेतकों पर जो बेहतर सूझ-बूझ के साथ निर्णय लेने में ट्रेडर्स की मदद करते हैं.
Share Market: इस हफ्ते महंगाई और ब्याज दर के आंकड़े होंगे जारी, जानिए शेयर बाजार पर कितना पड़ेगा असर
By: ABP Live | Updated at : 11 Dec 2022 11:20 PM (IST)
Share Market Outlook India: इस सप्ताह महंगाई और ब्याज दर से जुड़े आंकड़े आने वाले हैं. इसका असर भारतीय शेयर बाजारों (Stock Market) पर पड़ना तय है. मालूम हो कि शेयर बाजार की चाल आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Central Bank Federal Reserve) के ब्याज दरों पर फैसले से तय होती है. देश में औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) और खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) के आंकड़े सोमवार 12 दिसंबर को आएंगे. इसके अलावा थोक महंगाई (wholesale inflation) के आंकड़े बुधवार 14 दिसंबर को आने की उम्मीद हैं.
आंकड़े का होगा असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड (Swastika Investmart Ltd.) के शोध प्रमुख संतोष मीणा का कहना है कि, यह सप्ताह सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं वैश्विक संकेतों के लिहाज से अहम है. अमेरिका में महंगाई के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आने वाले है. बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा. जिसका असर भारतीय बाजार देखने को मिलेगा.
संतोष मीणा ने कहा कि, घरेलू मोर्चे पर, औद्योगिक उत्पादन (IIP) और खुदरा महंगाई के आंकड़े 12 दिसंबर को आएंगे. थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 दिसंबर को आ सकते हैं. वही चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे. उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रवाह पर भी नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि पिछले सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors) शुद्ध बिकवाल रहे हैं. बीते सप्ताह एफआईआई ने शुद्ध रूप से 4,305.97 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
आरबीआई से बढ़ी ब्याज दर
पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रास्फीति को संतोषजनक स्तर पर लाने के लिए रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी की थी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि, आरबीआई ने नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है. साथ ही आगामी बैठक में दरों में और वृद्धि का संकेत मिल रहा है.
Published at : 11 Dec 2022 10:00 PM (IST) Tags: Equity markets stock markets equity markets Market Outlook हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप? Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST
Photo:INDIA TV इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप?
Intraday Trading: यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है। यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर मुनाफा कमाना होता है।
इन बातों का रखे ध्यान
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर सही तरीके से तैयार करना होता है। यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान उठा सकते हैं।
चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है। इसलिए भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत मदद मिल सकती है। यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में मदद कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ
- नियमित आय अर्जित करने का मौका
- कम कमीशन शुल्क
- अधिक लाभ
- लिक्विडिटी
- बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
वैश्विक बाजारों में गिरावट की तपिश से झुलसा भारत का शेयर बाजार, Bears की पकड़ मजबूत
निफ्टी50 और BSE सेंसेक्स में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
निफ्टी50 और BSE सेंसेक्स में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है. दुनियाभर के बाजारों में लगातार हो रही गिरावट की तपिश आखिर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं October 11, 2022, 15:46 IST
निफ्टी 50 में 275.00 अंकों (1.60 फीसदी) की गिरावट आई.
निफ्टी 50 ने अपना 17,000 का महत्वपूर्ण स्तर एक बार फिर खो दिया है.
आज रियलिटी, मेटल और आईटी सेक्टर में आज सबसे ज्यादा बिकवाली हुई.
नई दिल्ली. दुनियाभर के बाजारों में लगातार हो रही गिरावट की तपिश आखिरकर आज भारतीय बाजार को भी झुलसा गई. आज प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा, BSE सेंसेक्स में भी बड़ी गिरावट आई. कोई भी सेक्टर इस गिरावट से बचा नहीं. रियलिटी, मेटल और आईटी सेक्टर में आज सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई. बाजार में डर का मीटर (इंडिया विक्स) आज 4 फीसदी से अधिक बढ़ गया.
शेयरों में निवेश करने में आपकी मदद करता है टेक्निकल एनालिसिस
बगैर बुनियादी जानकारी शेयर बाजार में उतरना बुरा अनुभव साबित हो सकता है. हालांकि, ऐसे उपाय हैं, सबसे महत्वपूर्ण शेयर बाजार संकेतक क्या हैं जो नए निवेशकों और ट्रेडर्स की मदद कर सकते हैं.
आज शेयर बाजार केवल शेयरों की खरीद-फरोख्त के मंच नहीं रह गए हैं. ये कॉम्प्लेक्स इकोसिस्टम के रूप में विकसित हो चुके हैं, जिनकी अपनी खुद की कार्यशैली और ढांचा है.
बगैर बुनियादी जानकारी शेयर बाजार में उतरना बुरा अनुभव साबित हो सकता है. हालांकि, ऐसे उपाय हैं, जो नए निवेशकों और ट्रेडर्स की मदद कर सकते हैं. इनके जरिए वे प्राइस मूवमेंट को समझ सकते हैं और बेहतर ढंग से फैसले ले सकते हैं.
केवल UK ही नहीं, इन देशों के साथ भी संतुलित FTA चाहता है भारत, जानें क्या है तैयारी
सरकार का कहना है कि फ्री ट्रेड अग्रीमेंट यानी FTA से देश के निर्यात समुदाय को मार्केट में बेहतर विकल्प मिल पाएंगे.
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो
Published - Saturday, 24 December, 2022
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement-FTA) को अंतिम रूप देने के लिए छठे दौर की बातचीत हाल ही में हुई थी. अब सातवें दौर की बातचीत अगले साल की शुरुआत में ब्रिटेन में हो सकती है. दोनों देशों के बीच काफी समय से FTA को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन ब्रिटेन के राजनीतिक हालातों के चलते कोई फैसला नहीं हो पाया था. अब उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में कोई सहमति बन जाए. वैसे, भारत ब्रिटेन के साथ-साथ यूरोपीय संघ, कनाडा, इजराइल, और खाड़ी देशों के साथ भी एक संतुलित मुक्त व्यापार संधि (FTA) को अंतिम रूप दे रहा है.
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