Darwinex की समीक्षा

2012 में स्थापित, डार्विनेक्स एक लंदन स्थित ऑनलाइन ब्रोकरेज है जो परिष्कृत व्यापारियों को बाजार में व्यापार करने और निवेशकों को उनका समर्थन करने में सक्षम बनाता है। वे विदेशी मुद्रा, कमोडिटीज, क्रिप्टोकुरेंसी, स्टॉक, शेयर, इंडेक्स, धातु, एनर्जी सीएफडी सहित 300 से अधिक संपत्तियों की पेशकश करते हैं, जो संस्थागत-ग्रेड मूल्य निर्धारण और मुफ्त ऐतिहासिक टिक डेटा के साथ वितरित किए जाते हैं।

डार्विनेक्स केवल 0 पिप्स और कम निष्पादन विलंबता से शुरू होने वाले इंटरबैंक स्प्रेड के साथ प्रत्यक्ष बाजार पहुंच (डीएमए) व्यापार प्रदान करता है। कीमतें सीधे प्राइम ब्रोकर सैक्सोबैंक और एलएमएक्स से प्राप्त की जाती हैं। 80 से अधिक देशों में उनके 3,000 से अधिक ग्राहक हैं और 40+ कर्मचारी कार्यरत हैं।

Darwinex सर्वर लंदन इक्विनिक्स LD4 डेटा सेंटर में अपने तरलता प्रदाताओं से जुड़े हुए हैं। ट्रेड लेटेंसी को कम करने में मदद करने के लिए उनके मेटाट्रेडर सर्वर तरलता प्रदाताओं के साथ सह-स्थित हैं। कोई डीलिंग डेस्क (NDD) नहीं है जो ब्रोकर और क्लाइंट के बीच हितों के टकराव से बचाती है।

वे बाजार की स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए एक मालिकाना चलनिधि एकत्रीकरण इंजन का उपयोग करते हैं और किसी भी समय सर्वोत्तम तरलता प्रदाता के लिए व्यापार प्रवाह को निर्देशित करते हैं। यह तरलता एकत्रीकरण निष्पादन गति में सुधार करने और अस्थिर स्थितियों के दौरान तरलता प्रदान करने में मदद कर सकता है।

डारिनेक्स खुदरा और संस्थागत व्यापारियों के लिए "सेवा के रूप में हेज फंड" मॉडल पेश करता है। इस मॉडल के माध्यम से, वे अंतर्निहित ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए एक जोखिम ओवरले लागू करते हैं जो तब एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और प्लेटफॉर्म पर तीसरे पक्ष की पूंजी को उपलब्ध कराए जाते हैं। डार्विनेक्स का जोखिम प्रबंधन ओवरले व्यापारिक रणनीतियों के पूरे स्पेक्ट्रम में जोखिम का मानकीकरण करता है और इस प्रकार निवेशकों के लिए सेब से सेब की तुलना की सुविधा देता है।

डार्विनेक्स की हजारों ट्रेडिंग रणनीतियाँ हैं जिनमें ग्राहक प्रदर्शन शुल्क के लिए निवेश कर सकते हैं। अच्छा प्रदर्शन करने वाले व्यापारियों को कम कीमत के साथ पुरस्कृत किया जाता है, जो कि अर्हता प्राप्त करने वालों के लिए प्रति राउंड ट्रिप $ 3 प्रति मानक लॉट जितना कम कमीशन उपलब्ध है।


डार्विनेक्स विनियमन

डार्विनेक्स® ट्रेडमार्क और डोमेन का स्वामित्व ट्रेडस्लाइड ट्रेडिंग टेक लिमिटेड के पास है, जो यूके-आधारित कंपनी है जो वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए) द्वारा अधिकृत और विनियमित है। उनके कार्यालय लंदन और मैड्रिड में स्थित हैं।

डार्विनेक्स के ग्राहक मुफ्त पूरक बीमा से लाभान्वित होते हैं जो वित्तीय सेवा मुआवजा योजना (एफएससीएस) के योग्य ग्राहकों को £85,000 के मानक संरक्षण की तुलना में कुल £500,000 तक कवर करता है, जो इस डार्विनेक्स समीक्षा को लिखने के समय मान्य है।

डार्विनेक्स का कहना है कि वे बार्कलेज (यूके) के साथ अलग-अलग खातों में क्लाइंट फंड रखते हैं। एक अलग खाते में फंड कंपनी के फंड से अलग होते हैं, जो दिवालियेपन की काल्पनिक घटना में आश्वासन दे सकते हैं। FCA की CASS व्यवस्था 1 के अनुसार ग्राहक निधियों की निगरानी की जाती है, जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन बकाया शेष राशि का समाधान करने और किसी भी विसंगतियों की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है।

डार्विनेक्स के पास सभी यूरोपीय संघ के देशों में अपनी सेवाएं देने के लिए वित्तीय साधन निर्देश (एमआईएफआईडी) पासपोर्ट में बाजार है। एक ब्रोकरेज के लिए एक यूरोपीय को सेवाएं प्रदान करने के लिए, उन्हें MiFID के तहत डार्विनेक्स के रूप में विनियमित किया जाना चाहिए। MiFID यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के सदस्य राज्यों में निवेश सेवाओं के लिए सामंजस्यपूर्ण विनियमन प्रदान करता है

डार्विनेक्स का लक्ष्य ग्राहकों, कर्मचारियों और कानून के संबंध में जितना हो सके उतना पारदर्शी होना है। ग्राहक के धन और सूचनाओं की सुरक्षा में मदद करने के लिए विनियमन और बीमा उन्हें मानसिक शांति प्रदान करते हुए वे एक विश्वसनीय ब्रोकर का उपयोग कर रहे हैं।


डार्विनेक्स देश

संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ईरान जैसे अधिक प्रतिबंधात्मक नियमों वाले कुछ देशों को छोड़कर, डार्विनेक्स दुनिया भर के अधिकांश देशों के व्यापारियों को स्वीकार करता है। इस डार्विनेक्स समीक्षा में उल्लिखित कुछ डार्विनेक्स ब्रोकर सुविधाएँ और उत्पाद कानूनी प्रतिबंधों के कारण विशिष्ट देशों के व्यापारियों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।

Technical View: निफ्टी ने बनाया बेयरिश कैंडल, 17800 का लेवल टूटा तो दिखेगी फ्रेश बिकवाली

निफ्टी अगर 17,800 के ऊपर ट्रेड करता है तो यह 18,100- 18,150 के स्तर को छू सकता है जबकि 17,800 से नीचे जाने पर इसमें एक तेज इंट्राडे करेक्शन देखने को मिल सकता है

बैंक निफ्टी को 41,500 की ओर बढ़ने के लिए और 41,840 के अपने लाइफटाइम हाई के लेवल पर पहुंचने के लिए 41,250 के स्तर से ऊपर टिकना होगा

आज 15 सितंबर को निफ्टी 50 ने लगातार दूसरे सत्र के लिए कमजोरी के साथ कारोबार किया। टेक्नोलॉजी, फार्मा, चुनिंदा बैंकिंग और फाइनेंस और एफएमसीजी शेयरों ने निफ्टी को कमजोर किया। इंडेक्स ने डेली चार्ट पर बेयरिश कैंडल बनाया। वीकली एक्सपायरी के दिन निफ्टी मनोवैज्ञानिक 18,000 के लेवल से नीचे बंद हुआ।

एक्सपर्ट्स ने कहा कि निफ्टी ने लगातार तीसरे सत्र के लिए 18,100 को पार करने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। इसलिए इसके ऊपर जाने के लिए 18,000-18,100 एक महत्वपूर्ण जोन हो सकता है। यदि इंडेक्स निर्णायक रूप से इसको पार करता है तो ये 17,700 और 17,500 के स्तर पर महत्वपूर्ण सपोर्ट के साथ रिकॉर्ड उच्च स्तर की ओर बढ़ सकता है।

Agarbatti पुस्तक ट्रेडिंग रणनीति के रूप में स्केलिंग Business In Hindi : अगरबत्ती बिजनस कैसे शुरू करें

Agarbatti business licence

नीचे उल्लेख एक अगरबत्ती बिजनस शुरू करने के लिए आवश्यक लाइसेंस की सूची है:

कंपनी रेजिस्ट्रेशन: अगरबत्ती बिजनस शुरू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि आप ROC के तहत कंपनी को रजिस्टर करें|

EPF रेजिस्ट्रेशन : ईपीएफ रेजिस्ट्रेशन की आवश्यकता तब होती है यदि फर्म, कंपनी या विनिर्माण इकाई(Manufacturing Unit) में 20 से अधिक कर्मचारी हों।

ESI रेजिस्ट्रेशन: कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) पंजीकरण की आवश्यकता होती है, अगर फर्म के कर्मचारियों की ताकत 10 से अधिक कर्मचारी हैं।

फैक्ट्री लाइसेंस: यदि व्यवसाय के मालिक बड़े पैमाने पर विनिर्माण इकाई (Manufacturing Unit) को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो फैक्ट्री लाइसेंस और NOC की आवश्यकता होती है।

जीएसटी रेजिस्ट्रेशन: यह प्रत्येक बिजनस धारक के लिए अनिवार्य रेजिस्ट्रेशन है, क्योंकि वस्तुओं और सेवाओं के लिए जीएसटी नंबर प्राप्त करना अनिवार्य है।

प्रदूषण प्रमाणपत्र: यह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रमाणपत्रों में से एक है, क्योंकि यह साइट सर्वेक्षण करता है और यदि आश्वस्त हो, तो व्यवसाय शुरू करने की अनुमति प्रदान करेगा।

SSI रेजिस्ट्रेशन: छोटा स्केल इंडस्ट्री को भी रजिस्टर करना अनिवार्य है भले ही फर्म या निर्माण इकाई SSI के अंतर्गत नहीं आती हो।

ट्रेड लाइसेंस: भारत में किसी भी प्रकार के व्यापार को करने के लिए, व्यापार के मालिकों या व्यापारियों को स्थानीय अधिकारियों से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने देश के सभी बैटरी निर्माताओं को लिथियम बैटरी से प्रतिस्पर्धा के प्रति निश्चिन्त रहने का आव्हान किया

लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

लैड एसिड बैटरी का भविष्य बेहतर

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल

फैडरेशन ऑफ इंडियन स्माॅल स्केल बैटरी एसोसिएशंस के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने देश के सभी बैटरी निर्माताओं को लिथियम बैटरी से प्रतिस्पर्धा के प्रति निश्चिन्त रहने का आव्हान किया, उन्होंने कहा कि चिंता केवल लैड एसिड बैटरी के उत्पादन की नयी तकनीक को जानने और अपनाने की होनी चाहिए। लिथियम बैटरी एक अवसर भी है, भले ही लघु उद्यमी इसका उत्पादन न कर सकें लेकिन असेंबली और सेल्स का बड़ा बाजार हमारे हाथ में हो सकता है। गत 20 वर्षों का बैटरी उद्योग की प्रगति का अध्ययन करें तो हमें मालूम होगा की हम सब बहुत आगे हैं।

लिथियम आने में अभी समय

भारत की मार्किट में लीथियम बैटरी को पाँव ज़माने में अभी काफ़ी समय लगेगा इसलिए हमें लैड एसिड बैटरी में आधुनिक तकनीकी अपनाते रहना चाहिए जिससे भविष्य में लैड एसिड बैटरी लीथियम बैटरी का भरपूर मुक़ाबला कर सके। वर्तमान समय ग्रीन और सोलर एनर्जी का है। इस विषय पर जब राज्य व केंद्र सरकार कदम उठाती हैं ताे बैटरी उद्योग का भी लाभ होगा इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा बैटरी उत्पादन पर ध्यान देना होगा।

पाॅवर-आन के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा

पाॅवर-आ न प्रदर्शनी के उ‌द्घाटन समारोह के अवसर पर फैडरशन के अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने पाॅवर-आॅन द्वारा प्रदर्शनी के बेहतर व्यवस्था को लेकर भूरि-भूरि प्रशंसा की व विभिन्न देशों एवं पूरे देश से आए बैटरीजनों के एक जगह एकत्रित होने पर उन्हें बधाई दी।

देश में लघु उद्योगों की अहम भूमिका

डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि देश में बैटरी का उत्पादन करीब 55 हजार करोड़ टन सालाना है जिसमें 20 से 22 हजार करोड़ टन यानि 45% तक का प्रोडक्‍शन केवल तीन-चार बड़ी कम्पनियां ही करती हैं। हालांकि कुछ बडे़ बैटरी निर्माता लघु उद्योगों के विकास में बाधक हैं लेकिन फिर भी देश में छोटे एवं मझोले उद्योगों का बैटरी उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान है जो एक प्रसन्नता का सूचक है।

रिसाइक्लिंग से लैड की कमी पूरी करें

लैड के प्रोडक्शन के बारे में डाॅ. अग्रवाल ने बताया कि अगर हम पिछले 20 वर्षों के लैड के उत्पादन और खपत के अंतर को देखें तो आज हम काफी आगे हैं। पहले इतना नहीं था लेकिन आज भारत को बैटरी उद्योग को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रति वर्ष लगभग 20 लाख टन लैड की जरूरत है। लैड की रिसाइक्लिंग करके भारत में बैटरी की मांग को पूरा किया जा रहा है फिर भी हमें ज्यादा लैड स्क्रेप की आवश्यकता है। लैड स्क्रेप को कुछ बैटरी उद्यमी आयात कर रहे हैं फिर भी उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।

जहाँ तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का सवाल है तो पिछले साल इसमें 2.4% की वृद्धि हुई थी जो वर्तमान में 2.5% तक बढ़ने के आसार हैं।

उद्योग में आधुनिकता पर जोर

लिथियम बैटरी की ओर हमें ज्यादा ध्यान नहीं देना है क्योंकि भारत में लिथियम का मार्केट ज्यादा नहीं है और इससे स्पर्धा करने की भी जरूरत नहीं है। भारत में लिथियम बैटरी को पांव जमाने के लिए अभी काफी समय लगेगा इसलिए हमें हर हाल में लैड एसिड बैटरी में आधुनिक तकनीक अपनाते रहना चाहिए, जिससे भविष्य में लिथियम बैटरी के आगमन का भरपूर मुकाबला कर सकें। लैड एसिड बैटरी की देश में नहीं अपितु विदेशों में भी काफी मांग है। देश के कुछ बैटरी निर्माता अपनी बैटरियों को अन्य देशों में बखूबी निर्यात भी कर रहे हैं।

ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी हेतु बनाए सोलर बैटरी

आगे आने वाले समय में प्रदूषण मुक्त ग्रीन और सोलर एनर्जी का ही समय है उसमें भी हमारे बैटरी उद्योग को काफी फायदा होगा। इसलिए लैड एसिड बैटरी उद्योग में लगे उद्यमियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। देश में अधिकतर लैड एसिड बैटरी का ही बड़ी मात्रा में उपयोग हो रहा है और भविष्य में भी अगर केन्द्र और राज्य सरकारें ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी को लेकर कुछ ठोस कदम उठाती हैं तब भी बैटरी उद्योग को लाभ मिलेगा। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा सोलर बैटरी उत्पादन पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा अगर आप सरकार की योजनाओं के साथ काम करना चाहते हैं तब भी बैटरी उद्योग को फायदा होगा।

एमएसएमई निदेशक श्री डीसी साहू का विशेष अभिनंदन

फैडरेशन अध्यक्ष डाॅ. वी.के. अग्रवाल ने प्रदर्शनी के उद्घाटन मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का धन्यवाद करते हुए एमएसएमई निदेशक (इंदौर) श्री डीसी साहू का विशेष धन्यवाद दिया। श्री साहू समारोह के विशेष अतिथि थे। डॉ. अग्रवाल ने एम.पी. लैड एसोसिएशन के पदाधिकारीगण श्री मुकेश महेश्वरी, श्री मयंक अग्रवाल और श्री मनीष का हार्दिक आभार प्रकट किया।

सामंजस्य बनाकर भविष्य की रणनीति पर मंथन

प्रदर्शनी के माध्यम से हम सभी निर्माता, सप्लायर, डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, सेलर अथवा खरीददार आदि सब पुस्तक ट्रेडिंग रणनीति के रूप में स्केलिंग आपस में मिल-बैठकर और ठोस मंथन कर वर्तमान व भविष्य की समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं तथा भविष्य की रणनीति के अनुसार अच्छा कार्य कर सकते हैं।

वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने किया हड़ताल का एलान, वेतनमान और शिक्षक नियुक्ति को लेकर हैं नाराज

राज्य के 1250 संस्थाओं में वित्त रहित स्कूल और इंटर कॉलेजों को वेतनमान नहीं मिलने से नाराज।

वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने राज्य के 1250 इंटर कॉलेजों उच्च विद्यालयों संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों में शैक्षणिक हड़ताल रहने का एलान किया है। 23 फरवरी को सारे वित्त रहित स्कूल कॉलेजों में ताला लटका रहेगा।

रांची, जासं। 23 फरवरी को वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर पूरे राज्य के 1250 संस्थाओं में वित्त रहित स्कूल और इंटर कॉलेजों को वेतनमान देने एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा की नियुक्ति को ले शैक्षणिक हड़ताल की घोषणा की गई है। इसी निर्णय को ले मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक हुई। जिसमें 23 फरवरी के शैक्षणिक हड़ताल को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाई गई। बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र झा ने की। वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने राज्य के 1250 इंटर कॉलेजों, उच्च विद्यालयों, संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों में शैक्षणिक हड़ताल रहने का एलान किया है। 23 फरवरी को सारे वित्त रहित स्कूल कॉलेजों में ताला लटका रहेगा। जिस कारण तीन लाख से ज्यादा छात्र छात्राओं के पठन पाठन ठप रहेगा। स्कूल कॉलेज पूर्ण रूप से बंद रहेंगे।

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क्या है मोर्चा का आरोप

मोर्चा के नेता रघुनाथ सिंह, सुरेंद्र झा, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर अहमद का कहना है कि राज्य सरकार वित्त रहित संस्थाओं के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। पारा शिक्षकों की समस्या राज्य अलग होने के बाद का था जबकि वित्त रहित संस्थाओं का मामला एकीकृत बिहार के समय से ही चल रहा है। लगभग 25 से 30 वर्ष हो गए लेकिन अभी तक समस्याओं का निदान नहीं हुआ है। लगभग 500 से ज्यादा शिक्षक मर चुके हैं। अनेकों शिक्षकों के बाल बच्चों का पढ़ाई रुक गई है। हजारों शिक्षक बिना वेतन के सेवानिवृत्त हो गए।कोरोना काल में अनेकों शिक्षाक पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा सके और उनकी मृत्यु हो गई। 25 वर्षों से यह शिक्षक वेतन के लिए लड़ रहे हैं। सरकार केवल आश्वासन दे रही है।

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सरकार अभी केवल अनुदान देती है

2006-07 से राज्य सरकार 170 इंटर कॉलेजों, 290 उच्च विद्यालयों, 33 संस्कृत विद्यालय एवं 45 मदरसा विद्यालयों को सरकार अनुदान देती है। अनुदान छात्र संख्या एवं परीक्षा फल के आधार पर दिया जाता है। महंगाई काफी बढ़ गई है। सरकारी कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल रहा है। 2015 से 2 गुना अनुदान मिलने के लिए नियमावली बनी 6 वर्ष हो गए।अभी तक संस्कृत एवं मदरसा को दोगुना अनुदान नहीं मिला है। संथाल परगना, कोल्हान के स्कूल कॉलेजो में शिक्षकों को अनुदान से 30 से ₹40 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष मिलता है। उसी तरह उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू के शिक्षक कर्मचारियों को अनुदान काफी कम मिलता है। कोरोना काल में 2 वर्षों से स्कूल कॉलेज बंद है और अनुदान की राशि काफी कम है। समय पर अनुदान सरकार नहीं देती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अनुदान की राशि लेप्स कर गई। कोरोना काल में सरकारी शिक्षकों को तो वेतन मिलता है वित्त रहित शिक्षकों को केवल अनुदान पर ही आशा है।

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वित्तीय वर्ष में नहीं दिया गया अनुदान

वित्तीय वर्ष 2021-22 का अभी तक नहीं गया अनुदान। वित्तीय वर्ष 2021- 22 की अनुदान की राशि मार्च माह पुस्तक ट्रेडिंग रणनीति के रूप में स्केलिंग में ही स्वीकृत हो गई थी। पुनः मार्च आने वाला है। 1 वर्ष हो गए अभी तक अनुदान की राशि स्कूल कॉलेजों के खाते में नहीं गई है। सरकार ने आश्वासन दिया था कि जनवरी माह में अनुदान संस्थाओं को भेज दिया जाएगा लेकिन फरवरी माह बीतने जा रहा है अभी तक अनुदान स्कूल कॉलेजों के खाते में नहीं गई है। डेढ़ माह से निदेशक माध्यमिक का पद खाली है। 1 जनवरी से ही निदेशक माध्यमिक शिक्षा का पद खाली है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा अनुदान समिति के सदस्य सचिव होते हैं।सदस्य सचिव नहीं रहने के कारण अनुदान की बैठक नहीं हो रही है।मोर्चा निदेशक की नियुक्ति को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। मोर्चा के प्रतिनिधि अनेकों बार शिक्षा सचिव और शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बाध्य होकर मोर्चा 23 फरवरी को शैक्षणिक हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

सीबीआइ ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड नामक कंपनी और उसके निदेशकों से जुड़े देश के 16 ठिकानों पर मारा छापा।

ये है मोर्चा की मुख्य मांगे

- अनुदानित इंटर कॉलेजों, संस्कृत विद्यालयों, मदरसा विद्यालयों और उच्च विद्यालयों का अधिग्रहण किया जाए

- संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों को दोगुना अनुदान दिया जाए 2021-22 में

- इंटरमीडिएट शिक्षक कर्मचारी सेवा शर्त नियमावली को मंत्री परिषद से सहमति के लिए भेजी जाए

- जैक बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए

- निदेशक माध्यमिक शिक्षा का अविलंब नियुक्ति की जाए

मनचले युवक ने युवती के साथ किया दुष्कर्म का प्रयास, गिरफ्तार।

- वित्तीय वर्ष 2021-22 का अनुदान 28 फरवरी तक स्कूल कॉलेजों को भेज दिया जाए

- अनुदान की राशि सीधे स्कूल कॉलेजों के खाते में भेजी जाएं।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में अरविंद सिंह, बलदेव पांडेय, देवनाथ सिंह, मनीष कुमार, राजनंदन महतो, सुखदेव महतो, शिविरीया टोप्पो, नरोत्तम सिंह, विजय झा, अली अराफात, एनके सिंह, अर्जुन पांडेय, लोचन महतो, रंजीत मिश्रा उपस्थित रहे।

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