आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.
JNU Times
जब कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ शेयर करती है, उसे dividend कहते है। वर्तमान में भारत में 10 लाख तक के dividend पर शेयर होल्डर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
- अपने share holders को डिविडेंड देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नही होता है।
- अगर कोई कंपनी हर बार अपने लाभांश का हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ बांट रही है तो आपको इसकी गारंटी नही है की वो आगे भी dividend देगी।
- Dividend देने से संबंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of directors के पास होते है।
- आपने देखा होगा छोटी कंपनी बहुत कम ही dividend देती है क्योंकि अभी उन्हें और ग्रो करना है।
- कंपनी हमेशा dividend अपने शेयर की face value पर ही देती है। जैसे किसी कंपनी Dividend पॉलिसी क्या है के शेयर की कीमत मार्केट में ₹10000 है और फेस वैल्यू ₹100 है, और कंपनी कहती है की हम इस बार 100% dividend देने वाले है तो वो इस बार हर शेयर पर ₹100 देने वाली है।
dividend yield क्या होता है उदाहरण सहित
dividend yield का अर्थ कंपनी ने अपने शेयर की मार्केट वैल्यू का कितना प्रतिशत dividend (लाभांश) दिया है।
जैसे दो कंपनी Jaipur और alwar दोनो ने अपने प्रत्येक शेयर पर ₹20 डिविडेंड दिया है तो आप dividend yield का प्रयोग कर कंपनी की मार्केट वैल्यू से dividend का प्रतिशत निकाल सकते हो।
Jaipur कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 और उसने dividend दिया है ₹20 तो आप 20÷500×100 करदे जिससे dividend का प्रतिशत 4% निकलकर आएगा और ऐसे ही आप दूसरी कंपनी alwar के शेयर की कीमत ₹2000 होगी तो इसके dividend का प्रतिशत 1% निकलेगा।
dividend yield को शेयर प्राइस प्रभावित करती है या कई बार कंपनियां ही ज्यादा dividend देती है।
क्या है डिविडेंड पे आउट रेश्यो और शेयरधारकों के लिए इसे समझना क्यों है जरूरी?
डिविडेंड पे आउट रेश्यो से पता चलता है कि कंपनी ने आय में से कितना पैसा शेयरधारकों को दिया.
डिविडेंड शेयर मार्केट में कमाई का काफी प्रचलित तरीका है. कई बार ऐसा होता है कि कंपनियां शेयरों में गिरावट को रोकने या फ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 18, 2022, 08:20 IST
कंपनी द्वारा शेयरधारकों को मुनाफे का एक हिस्सा दिया जाना डिविडेंड कहलाता है.
डिविडेंड पे आउट रेश्यो यह बताता है कि कंपनी ने आय के मुकाबले कितना लाभांश शेयरधारकों दिया.
आप प्रति शेयर डिविडेंड को प्रति शेयर या से भाग कर के भी पे आउट रेश्यो निकाल सकते हैं.
नई दिल्ली. कंपनियां जब मुनाफे में से कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को देती हैं तो उसे डिविडेंड यानी लाभांश कहा जाता है. इसके जरिए कंपनियां निवेशकों को शेयरों में निवेश के लिए आकर्षित करती हैं. डिविडेंड भी शेयर मार्केट में कमाई का काफी प्रचलित तरीका है. हालांकि, Dividend पॉलिसी क्या है डिविडेंड देना कंपनियों के लिए कोई अनिवार्य नहीं होता है. इसी डिविडेंड Dividend पॉलिसी क्या है से जुड़ा एक और टर्म है डिविडेंड पे आउट रेश्यो.
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जब कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ शेयर करती है, उसे dividend कहते है। वर्तमान में भारत में 10 लाख तक के dividend पर शेयर होल्डर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
- अपने share holders को Dividend पॉलिसी क्या है डिविडेंड देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नही होता है।
- अगर कोई कंपनी Dividend पॉलिसी क्या है हर बार अपने लाभांश का हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ बांट रही है तो आपको इसकी गारंटी नही है की वो आगे भी dividend देगी।
- Dividend देने से संबंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of directors के पास होते है।
- आपने देखा होगा छोटी कंपनी बहुत कम ही dividend देती है क्योंकि अभी उन्हें और ग्रो करना है।
- कंपनी हमेशा dividend अपने शेयर की face value पर ही देती है। जैसे किसी कंपनी के शेयर की कीमत मार्केट में ₹10000 है और फेस वैल्यू ₹100 है, और कंपनी कहती है की हम इस बार 100% dividend देने वाले है तो वो इस बार हर शेयर पर ₹100 देने वाली है।
dividend yield क्या होता है उदाहरण सहित
dividend yield का अर्थ कंपनी ने अपने शेयर की मार्केट वैल्यू का कितना प्रतिशत dividend (Dividend पॉलिसी क्या है लाभांश) दिया है।
जैसे दो कंपनी Jaipur और alwar दोनो ने अपने प्रत्येक शेयर पर Dividend पॉलिसी क्या है ₹20 डिविडेंड दिया है तो आप dividend yield का प्रयोग कर कंपनी की मार्केट वैल्यू से dividend का प्रतिशत निकाल सकते हो।
Jaipur कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 और उसने dividend दिया है ₹20 तो आप 20÷500×100 करदे जिससे dividend का प्रतिशत 4% निकलकर आएगा और ऐसे ही आप दूसरी कंपनी alwar के शेयर की कीमत ₹2000 होगी तो इसके dividend का प्रतिशत 1% निकलेगा।
dividend yield को शेयर प्राइस प्रभावित करती है या कई बार कंपनियां ही ज्यादा dividend देती है।
Dividend- डिविडेंड
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड (Dividend) यानी लाभांश कंपनी की आय Dividend पॉलिसी क्या है के कुछ हिस्से का उसके शेयरधारकों के एक वर्ग के बीच वितरण है। शेयरधारकों को कितना डिविडेंड मिलेगा यह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा निर्धारित किया जाता है। लाभांश अदा करने वाली कंपनियों के साधारण शेयरधारक आम तौर पर तब तक पात्र होते हैं जब तक कि लाभांश-पूर्व तिथि से पहले उनके पास स्टॉक होता है। लाभांश का भुगतान नकदी या अतिरिक्त स्टॉक के रूप में किया जा सकता है। लाभांश का भुगतान सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा निवेशकों को उनके पैसे को वेंचर में रखने के पुरस्कार स्वरूप किया जाता है। लाभांश पेआउट की घोषणा आम तौर पर किसी कंपनी की स्टाॅक कीमत में आनुपातिक वृद्धि या कमी के साथ की जाती है।
डिविडेंड से संबंधित मुख्य बातें
डिविडेंड की स्वीकृति अनिवार्य रूप से शेयरधारकों के वोटिंग अधिकारों द्वारा होनी चाहिए। हालांकि नकदी लाभांश सबसे आम हैं लेकिन लाभांशों को शेयरों या अन्य संपत्ति के रूप में भी जारी किया जा सकता है। कंपनियों के साथ साथ, विभिन्न म्युचुअल फंड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) भी लाभांश का भुगतान करते हैं। लाभांश शेयरधारकों को किसी कंपनी की इक्विटी में उनके निवेश के लिए भुगतान किया जाने वाला सांकेतिक भुगतान है और यह साधारणतया कंपनी के शुद्ध लाभ से उत्पन्न होता है। कभी कभार कंपनियां तब भी लाभांश का भुगतान करती हैं जब उन्हें अनुकूल लाभ प्राप्त न हुआ हो। ऐसा वे नियमित लाभांश अदा करने के कंपनी के स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड को बनाये रखने के लिए करती हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) लाभांश देने की विभिन्न समय सीमाओं और विभिन्न पेआउट दरों को चुन सकते हैं। इसे मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक रूप से अदा किया जा सकता है।
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क्या होता है डिविडेंड?
शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.
कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?
किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.
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