What is Cryptocurrency & How it Works, Types & Benefits
Cryptocurrency full details in hindi– इस तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल वर्ल्ड में करेंसी ने भी डिजिटल रूप ले लिया है और इस डिजिटल करेंसी को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है जैसे कि बिटकॉइन जिसका नाम आपने बहुत बार सुना है लेकिन यह क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे इसे यूज किया जाता है इसके बेनिफिट्स क्या-क्या है ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे इसलिए चलिए जानते हैं आज क्रिप्टो करेंसी के बारे में| Cryptocurrency full details in hindi
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है जिसे 2009 में इंट्रोड्यूस किया गया था और पहले क्रिप्टो करेंसी मोस्ट पॉपुलर बिटकॉइन ही थी| क्रिप्टो करेंसी कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती है, यानी इस करेंसी को रुपयों की तरह हम हाथ में तो नहीं ले सकते, अपनी जेब में भी नहीं रख सकते लेकिन यह हमारे डिजिटल वॉलेट में सेव रहती है| Cryptocurrency full details in hindi
1. | SBI Home Loan: Process, Documents, EMI, Eligibility |
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इसलिए आप इसे ऑनलाइन करेंसी भी कह सकते हैं क्योंकि यह केवल ऑनलाइन exist करती है बिटकॉइन से होने वाला पेमेंट कंप्यूटर के थ्रू होता है वैसे आप यह तो जानते हैं कि हमारे इंडियन रुपीस और इसी तरह यूरोप यूरो, डॉलर जैसी करेंसी पर गवर्नमेंट का पूरा कंट्रोल होता है लेकिन बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई कंट्रोल नहीं होता है
इस वर्चुअल करेंसी पर गवर्नमेंट अथॉरिटी जैसे कि सेंट्रल बैंक या किसी देश और बैंक एजेंसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है यानी बिटकॉइन ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करता बल्कि एक कंप्यूटर वॉलेट से दूसरे वॉलेट तक ट्रांसफर होता रहता है ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन ही एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी है बल्कि 5000 से भी ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी है Ethereum, ripple, Lite coin, Tether और Libra |
इनमें आप इन्वेस्ट कर सकते हैं और बिटकॉइन की तरह ही इन्हें आसानी से खरीद और बेच सकते हैं, यह बात अलग है कि फिलहाल सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन ही है ओरिया और यह कितनी पॉपुलर करेंसी है इसका अंदाजा आपको इस बात से लग जाएगा कि दुनिया की बहुत सी कंपनी बिटकॉइन पेमेंट एक्सेप्ट करने लगी है| Cryptocurrency full details in hindi
और आगे इन कंपनी के नंबर तेजी से बढ़ेंगे ऐसे में बिटकॉइन का यूज करके शॉपिंग ट्रेडिंग फूड डिलीवरी ट्रैवलिंग सब कुछ किया जा सकता है इंडिया में धीरे-धीरे ही सही लेकिन बिटकॉइन पेमेंट का पॉपुलर फॉर्म बनती जा रही है इंडिया क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? में क्रिप्टो करेंसी की स्लो स्पीड का एक रीजन इसका इलीगल होना था क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को आरबीआई के द्वारा बेन किया गया था.
Cryptocurrency full details in hindi
लेकिन अब मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बेल को हटा दिया है यानी अब इंडिया में क्रिप्टो करेंसी का यूज करना डीजल हो गया है और इसीलिए इंडिया में भी क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या बढ़ने लगी है इंडिया में बाकी देशों की तरह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का तेजी से पॉपुलर नहीं होने का दूसरा रीजन हमारा यह कांसेप्ट है कि इन्वेस्टमेंट करना हो तो एफडी म्यूच्यूअल फंड शेयर और गोल्ड में ही करना चाहिए जोकि गलत तो नहीं है
लेकिन नए जमाने की इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं जैसे कि इसमें आप आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं
इससे इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन चुटकियों में पूरा किया जा सकता है और आपको कोई भी ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती है इसमें कोई Middle man भी नहीं होता और यह ट्रांजैक्शन ज्यादा सिक्योर और कॉन्फिडेंस अल होते हैं
और फिर बिटकॉइन कोई नया कांसेप्ट तो है नहीं फेसबुक पीपल ऐमेज़ॉन वॉलमार्ट जैसी बड़ी बड़ी कंपनी क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी हुई है और तो और एलोन मस्क जो आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति है Jack Dorsey, Mike Tyson और Kanye West जैसी पर्सनैलिटी भी क्रिप्टो करेंसी का यूज करती है USA, China और Spain जैसे देशों में तो क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है|
What is Cryptocurrency
बिटकॉइन की लॉन्चिंग के कुछ समय बाद से ही क्रिप्टो करेंसी की पापुलैरिटी बढ़ती जा रही है आज द फील्ड इतना तेजी से एक्सपेंड हो रहा है कि आज बिटकॉइन के अलावा 5000 से भी ज्यादा क्रिप्टो करेंसी मार्केट में आ गई है वैसे आप यह तो जानते होंगे कि बिटकॉइन ऐसी वर्चुअल यानी डिजिटल मनी है जो कॉइन या टोकन की फॉर्म में होती है
इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को बेचना और खरीदना,ट्रेडिंग करना लीगल है हालांकि अभी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए कोई लो पास नहीं किया है फिर भी क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना पूरी तरह से लीगल है लेकिन आप इंडिया में क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर की तरह यूज नहीं कर सकते यानी कोई सामान खरीदने या बेचने में आप अभी क्रिप्टोकरंसी यानी या और भी दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं |
Types of Cryptocurrency
देखा जाए तो बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है लगभग 5000 से भी ज्यादा लेकिन इनमें से कुछ ही Cryptocurrency जो है वह ज्यादा इंपॉर्टेंट है इंपॉर्टेंट है जैसे कि बिटकॉइन| बिटकॉइन का नाम आपने जरूर सुना होगा यह दुनिया का सबसे पहला क्रिप्टोकरंसी है यह एक डिजिटल करेंसी है
जिससे कि केवल ऑनलाइन गुड्स एंड सर्विसेज खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है बिटकॉइन की ही तरह अन्य भी बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है जैसे कि एथेरियम, लाइट कॉइन, फेयर कॉइन, लेब्रा आदि|
‘अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की वजह से आएगा, इसको बैन करो’- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
नई दिल्ली: बिजनेस स्टैंडर्ड’ द्वारा आयोजित BFSI Insight Summit 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी महत्वपूर्ण टिप्पणी की.
उन्होंने आगे कहा कि प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के वजह से अगला वित्तीय संकट आने वाला है. क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Ban on Cryptocurrency) लगाया जाना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी की अंतर्निहित वैल्यू को लेकर RBI गवर्नर ने उठाए सवाल
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा क्रिप्टोकरन्सी में किसी तरह की अंतनिर्हित वैल्यू नहीं होती है और यह मैक्रो इकोमेनिक एवं वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है.
काफी समय से भारतीय रिजर्व बैंक यह दृष्टिकोण रहा है कि वित्तीय स्थिरता के लिए प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी खतरा है इसके इस्तेमाल के वैध बनाये जाने के खिलाफ रहा है. भारत ने इस इश्यू से निपटे के लिए हाल ही में अपनी क्रिप्टोकरेंसी लांच की है.
हाल ही में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबिशंकर ने कहा था कि सभी उपलब्ध डेटा भ्रामक है. उन्होंने डिजिटल करेंसी क्या है और उनका उद्देश्य क्या है, इस विषय की स्पष्ट समझ के लिए सभी तरह के नियम बनाने का आह्वान किया था.
क्रिप्टो मार्केट में हुआ बड़ा उतर चढाव
बहुत अधिक उतार-चढ़ाव के बीच एसटीएक्स जैसा प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज दिवालिया हो चुका है. करीब 90 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी अधिक कम हो चुका है. महज दो फीसदी क्रिप्टो कॉइन को हेल्दी लिक्विडिटी सपोर्ट मिल रहा है. एक नए अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं.
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Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.
भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते हैं। इसके अलावा निवेशकों की क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.
क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी का लगातार विरोध कर रहा है.
किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई डूब जाएगी.
What is Cryptocurrency & How it Works, Types & Benefits
Cryptocurrency full details in hindi– इस तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल वर्ल्ड में करेंसी ने भी डिजिटल रूप ले लिया है और इस डिजिटल करेंसी को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है जैसे कि बिटकॉइन जिसका नाम आपने बहुत बार सुना है लेकिन यह क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे इसे यूज किया जाता है इसके बेनिफिट्स क्या-क्या है ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे इसलिए चलिए जानते हैं आज क्रिप्टो करेंसी के बारे में| Cryptocurrency full details in hindi
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है जिसे 2009 में इंट्रोड्यूस किया गया था और पहले क्रिप्टो करेंसी मोस्ट पॉपुलर बिटकॉइन ही थी| क्रिप्टो करेंसी कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती है, यानी इस करेंसी को रुपयों की तरह हम हाथ में तो नहीं ले सकते, अपनी जेब में भी नहीं रख सकते लेकिन यह हमारे डिजिटल वॉलेट में सेव रहती है| Cryptocurrency full details in hindi
1. | SBI Home Loan: Process, Documents, EMI, Eligibility |
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इसलिए आप इसे ऑनलाइन करेंसी भी कह सकते हैं क्योंकि यह केवल ऑनलाइन exist करती है बिटकॉइन से होने वाला पेमेंट कंप्यूटर के थ्रू होता है वैसे आप यह तो जानते हैं कि हमारे इंडियन रुपीस और इसी तरह यूरोप यूरो, डॉलर जैसी करेंसी पर गवर्नमेंट का पूरा कंट्रोल होता है लेकिन बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई कंट्रोल नहीं होता है
इस वर्चुअल करेंसी पर गवर्नमेंट अथॉरिटी जैसे कि सेंट्रल बैंक या किसी देश और बैंक एजेंसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है यानी बिटकॉइन ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करता बल्कि एक कंप्यूटर वॉलेट से दूसरे वॉलेट तक ट्रांसफर होता रहता है ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन ही एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी है बल्कि 5000 से भी ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी है Ethereum, ripple, Lite coin, Tether और Libra |
इनमें आप इन्वेस्ट कर सकते हैं और बिटकॉइन की तरह ही इन्हें आसानी से खरीद और बेच सकते हैं, यह बात अलग है कि फिलहाल सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन ही है ओरिया और यह कितनी पॉपुलर करेंसी है इसका अंदाजा आपको इस बात से लग जाएगा कि दुनिया की बहुत सी कंपनी बिटकॉइन पेमेंट एक्सेप्ट करने लगी है| Cryptocurrency full details in hindi
और आगे इन कंपनी के नंबर तेजी से बढ़ेंगे ऐसे में बिटकॉइन का यूज करके शॉपिंग ट्रेडिंग फूड डिलीवरी ट्रैवलिंग सब कुछ किया जा सकता है इंडिया में धीरे-धीरे ही सही लेकिन बिटकॉइन पेमेंट का पॉपुलर फॉर्म बनती जा रही है इंडिया में क्रिप्टो करेंसी की स्लो स्पीड का एक रीजन इसका इलीगल होना था क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को आरबीआई के द्वारा बेन किया गया था.
Cryptocurrency full details in hindi
लेकिन अब मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बेल को हटा दिया है यानी अब इंडिया में क्रिप्टो करेंसी का यूज करना डीजल हो गया है और इसीलिए इंडिया में भी क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या बढ़ने लगी है इंडिया में बाकी देशों की तरह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का तेजी से पॉपुलर नहीं होने का दूसरा रीजन हमारा यह कांसेप्ट है कि इन्वेस्टमेंट करना हो तो एफडी म्यूच्यूअल फंड शेयर और गोल्ड में ही करना चाहिए जोकि गलत तो नहीं है
लेकिन नए जमाने की इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं जैसे कि इसमें आप आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं
इससे इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन चुटकियों में पूरा किया जा सकता है और आपको कोई भी ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती है इसमें कोई Middle man भी नहीं होता और यह ट्रांजैक्शन ज्यादा सिक्योर और कॉन्फिडेंस अल होते हैं
और फिर बिटकॉइन कोई नया कांसेप्ट तो है नहीं फेसबुक पीपल ऐमेज़ॉन वॉलमार्ट जैसी बड़ी बड़ी कंपनी क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी हुई है और तो और एलोन मस्क जो आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति है Jack Dorsey, Mike Tyson और Kanye West जैसी पर्सनैलिटी भी क्रिप्टो करेंसी का यूज करती है USA, China और Spain जैसे देशों में तो क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है|
What is Cryptocurrency
बिटकॉइन की लॉन्चिंग के कुछ समय बाद से ही क्रिप्टो करेंसी की पापुलैरिटी बढ़ती जा रही है आज द फील्ड इतना तेजी से एक्सपेंड हो रहा है कि आज बिटकॉइन के अलावा 5000 से भी ज्यादा क्रिप्टो करेंसी मार्केट में आ गई है वैसे आप यह तो जानते होंगे कि बिटकॉइन ऐसी वर्चुअल यानी डिजिटल मनी है जो कॉइन या टोकन की फॉर्म में होती है
इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को बेचना और खरीदना,ट्रेडिंग करना लीगल है हालांकि अभी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए कोई लो पास नहीं किया है फिर भी क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना पूरी तरह से लीगल है लेकिन आप इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर की तरह यूज नहीं कर सकते यानी कोई सामान खरीदने या बेचने में आप अभी क्रिप्टोकरंसी यानी या और भी दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं |
Types of Cryptocurrency
देखा जाए तो बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है लगभग 5000 से भी ज्यादा लेकिन इनमें से कुछ ही Cryptocurrency जो है वह ज्यादा इंपॉर्टेंट है इंपॉर्टेंट है जैसे कि बिटकॉइन| बिटकॉइन का नाम आपने जरूर सुना होगा यह दुनिया का सबसे पहला क्रिप्टोकरंसी है यह एक डिजिटल करेंसी है
जिससे कि केवल ऑनलाइन गुड्स एंड सर्विसेज खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है बिटकॉइन की ही तरह अन्य भी बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है जैसे कि एथेरियम, लाइट कॉइन, फेयर कॉइन, लेब्रा आदि|
What is Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी, भारत में होगी बैन, सरकार ला रही विधेयक
What is Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
क्रिप्टो करेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)
What is Cryptocurrency: भारत में हर तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Kya Hai) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पेश करेगी। क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) का नाम 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021'(The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) है।
क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
सरकार को यह फ़ैसला महज़ इसलिए करना पड़ा रहा है क्योंकि इस तरह की करेंसी से न केवल ब्लैक मनी में इज़ाफ़ा होगा बल्कि यदि इन करेंसियों में लेन देन शुरू हुआ तो सरकार के कर राजस्व में बेहद कमी हो जायेगी।
हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में यह कहा गया है कि नई आए डेवलपिंग टेक्नोलॉजी और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए। यानी कुछ प्राइवेट क्रिप्टो करेंसियों को इजाजत दी जा सकती है।
इसका आधार क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) के बारे में किसी भी तरह का पूर्व सत्यापन वाला रुख हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े खड़ा करेगा। क्योंकि ये करेंसियां नियामक निगरानी के दायरे से बाहर संचालित होने के कारण ही खूब फलती फूलती हैं।
क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)
जानकारी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी (digital currency) बनाने और जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी बात है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को मिल कर ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गलत हाथों में न पड़े क्योंकि ऐसा होने पर वह हमारे युवाओं को बर्बाद करसकती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrency kya hai in hindi
क्रिप्टो (Crypto) का मतलब है सीक्रेट, गोपनीय, छिपा हुआ। एक मतलब होता है किसी ग्रुप या अवधारणा से गुप्त रूप से जुड़ा होना। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ये दोनों मायने लागू होते हैं। ये सीक्रेट और गुप्त है ।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को एक डिजिटल मुद्रा भी कह सकते हैं जो कंप्यूटर की गणना पर आधारित है। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी होती बल्कि स्वतंत्र होती है।इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है, यानी क्रिप्टो को लेने या देने वाला गुप्त रहते हैं।
किसी भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको 'माइन' करना पड़ता है। माइन या मिन्टिंग दरअसल, कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन होती है जिसके लिए बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त कंप्यूटिंग ताकत लगती है।
बहरहाल, यूजर को 'माइन' के लिए उन्हें कंप्यूटर गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन (Bitcoin) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मिलते हैं। इन क्रिप्टोकरेंसी को कॉइन एक्सचेंज (cryptocurrency coin market cap) में डॉलर या दूसरीमुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में भी इस्तेमालहोती है।
दरअसल, दुनिया भर में सरकारें लोगों के धन पर एक बड़ा प्रभाव डालती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा के अवमूल्यन, अर्थव्यवस्था के संकट और गोपनीयता जैसे मुद्दे उत्पन्न होते हैं। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के समर्थक क्रिप्टो स्पेस को एक ऐसी कुंजी मानते हैं जिसमें सरकार से औसत व्यक्ति तक पावर ट्रान्सफर होती है। सबको सामान प्लेटफार्म पर सामान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)
क्रिप्टोकरेंसी इतिहास (Cryptocurrency History)
क्रिप्टोकरेंसी (news on cryptocurrency) के सैद्धांतिक पहलू 1980 के दशक की शुरुआत में ही मौजूद थे । तब भी जिसे पूर्व-बिटकॉइन युग कहा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के सैद्धांतिक पहलू को पहली बार पारंपरिक करेंसीयानी फिएट मनी की कमियों के समाधान के रूप में पेश किया गया था।
यह कहा गया कि पारंपरिक मुद्रा किसी बैंक, सरकार या अर्थव्यवस्था से नियंत्रित होती है, जिसे मैनीपुलेट किया जा सकता है। इसके विपरीत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) का सिद्धांत सिर्फ गणितीय और कंप्यूटर-आधारित है जिसे कोई तोड़-मरोड़ नहीं सकता।
क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news) का पहला प्रैक्टिकल स्वरूप अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने एक एल्गोरिथ्म विकसित किया जो वर्तमान में वेब-आधारित एन्क्रिप्शन की नींव के रूप में कार्य करता है।
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