अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
निवेश गेम - निवेश कैसे करें
निवेश गेम: नौसिखियों के लिए फोरेक्स ट्रेडिंग गेम एंड्रॉइड पर निवेश सिम्युलेटर और स्टॉक मार्केट ऐप्स की एक नई पीढ़ी है जो आपको आपको शेयर बाजार सिम्युलेटर पर अपने वास्तविक पैसे का निवेश शुरू करने और ऑनलाइन व्यापार करने से पहले बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और ट्रेड करने का अभ्यास मुफ्त में करने की अनुमति देता है।
निवेश गेम एक उत्कृष्ट ASX शेयरमार्केट गेम है क्योंकि यह एक ऐसी सेवा प्रदान करता है जिसका लंबे समय से इंतज़ार था – हर उस व्यक्ति के लिए एक ट्रेडिंग सिम्युलेटर जो बाजार में ट्रेड करना या केवल फोरेक्स सीखना चाहता है और फोरेक्स सिग्नल्स तथा अलर्ट्स समझना चाहता है।
काफी लंबे समय तक ट्रेडिंग और निवेश अमीर लोगों का खेल था।
📳 जैसे ऐप्स बाकी लोगों के लिए न केवल निवेश करने के अवसर को ढूंढना संभव बनाते हैं, बल्कि वास्तव में फोरेक्स बाजार में ट्रेड करना सीखते हैं।
क्या भारत में भी बढ़ाया जाना चाहिए ट्रेडिंग टाइम, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Tuesday, 20 December, 2022
NSE के चेयरमैन आशीष चौहान ने भारत में ट्रेडिंग का समय बढ़ाए जाने को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है उन्होंने कहा है कि दुनिया के कई देशों में मौजूदा समय में 17 से 18 घंटे ट्रेडिंग होती है जबकि भारत में यह समय सिर्फ 6 घंटा 15 मिनट है, उन्होंने कहा है मुझे लगता है कि भारत जैसे डेवलपिंग नेशन के लिए इसे बढ़ाये जाने की आवश्यकता है. उनके इस बयान को लेकर हमने कई एक्सपर्ट से बात की और ये जानने की कोशिश की कि क्या यह संभव है.
इस पूरे हफ्ते में बाजार ने गंवाए इतने लाख करोड़ रुपए, जानिए पूरी डिटेल
इस हफ्ते की शुरुआत से लेकर अगर शुक्रवार तक के कारोबार पर नजर डालें तो बाजार ने कोई 19 लाख करोड़ रुपए के कैपिटल निवेश को गंवा दिया. सिर्फ एक शेयर को छोड़कर बाकी शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली.
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो
Published - Friday, 23 December, 2022
सेंसेक्स और निफ्टी के लिए शुक्रवार 23 दिसंबर का दिन अच्छी खबर लेकर नहीं आया. बाजार 1.7% की तेज गिरावट के साथ बंद हुआ. इस कारोबारी हफ्ते की बात करें तो यह छठी बार था जब भारतीय शेयर बाजार इस गिरावट के साथ बंद हुआ है. इस गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति में पिछले एक हफ्ते में लगभग 19 लाख करोड़ रुपए की भारी गिरावट दर्ज की है. दुनिया भर ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है में फैली मंदी की आहट, वही दुनिया के सभी देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में इजाफा और अब दुनिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस की खबरों के बीच मौजूदा हफ्ता शेयर बाजार के निवेशकों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. शुक्रवार को भी लगातार छठे दिन बाजार 1.7% की तेज गिरावट के साथ बंद हुआ. अगर पूरे हफ्ते का आंकलन करें तो बाजार ने इस पूरे हफ्ते में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की है.
बाजार को समझना है जरूरी
नए निवेशकों को यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. यहां तक कि अनुभवी निवेशक भी हमेशा बाजार के व्यवहार का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं. यदि एक दिन स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो ऐसा भी हो सकता है कि अगले दिन उसकी कीमत घट जाए. इसलिए, शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना अहम है. अनुभवी निवेशक भी कई बार गलत साबित हो सकते हैं. छोटी अवधि में होने वाले नुकसान पर फोकस करने के बजाय लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान दें.
शौकिया निवेशक अक्सर फौरन हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं. उदाहरण के लिए, हर साल स्टॉक पर 100% से अधिक का रिटर्न कमाने की उम्मीद करना ठीक नहीं है. हालांकि, कुछ निवेश हाई रिटर्न दे सकते हैं. इसलिए आपको हमेशा वास्तविकता को समझते हुए निवेश करना चाहिए. फाइनेंशियल गोल ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा, उन स्कीम में निवेश से बचें जो कम समय में हाई रिटर्न का वादा करती हैं. निवेश करने से पहले पूरी तरह से रिसर्च कर लें.
शुरुआत में लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स से बचें
नए निवेशकों को कैश डिवीजन ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है में इक्विटी में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए और लीवरेज्ड फाइनेंस से बचना चाहिए. लीवरेज्ड निवेश एक ऐसी रणनीति है जिसके तहत पैसे उधार लेकर निवेश के मुनाफे को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. ये लाभ उधार ली गई पूंजी पर निवेश रिटर्न और ब्याज की लागत के बीच ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है के अंतर से प्राप्त होते हैं. इसमें प्रॉफिट की संभावना तो बढ़ जाती ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है है, लेकिन नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है.
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखने ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है के लिए चीजों को सरल रखना चाहिए. अपने एनालिसिस को जितना हो सके सरल रखें. जैसा कि पहले हमने बताया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है. हालांकि, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप कभी भी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर जल्दबाज़ी में और फौरन फैसले न लें. स्टॉक के प्रदर्शन से घबराने के बजाय, आपको एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए और उस पर टिके रहना चाहिए.
नए निवेशक बनाएं रणनीति
शेयर बाजार में निवेश पर काफी फायदा हो सकता है. हालांकि, आपको कुछ ऐसे नुकसानों से बचना चाहिए जिनका सामना ज्यादातर नए निवेशक पहली बार निवेश करते समय करते हैं. नए लोगों को निवेश के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए. यह रणनीति ऐसी होनी चाहिए जिसके तहत बाजार की स्थितियों की परवाह किए बिना अच्छे और बुरे दोनों समय में उस पर कायम रहा जा सके.
(By Anish Singh Thakur. लेखक बूमिंग बुल्स एकेडमी के CEO हैं. यहां व्यक्त विचार लेखक के हैं. Financialexpress.com इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
सोना नहीं शेयर बना रहा लोगों को अमीर, महंगाई बिगाड़ रही गरीबों का खेल
देश में अमीरों की संपत्ति में जहां तेजी से इजाफा हुआ है। वहीं, गरीब और गरीब हुआ है। हालांकि, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी 2018 के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 से 2018 के बीच अमीर और गरीब सबकी संपत्ति में गिरावट आई है, लेकिन विभिन्न माध्यमों के सार्वजनिक आंकड़ों से इनकी तुलना करें तो इस अवधि में अमीरों की संपत्ति करीब दो गुना बढ़ी है। जबकि, गरीब का हाल और बेहाल हुआ है। इतना ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भी भारतीय अमीर ज्यादा दौलत रखते हैं।
सोना नहीं शेयर बना रहा अमीर
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 388