शिक्षा जगत से जुड़े हुए सभी लेटेस्ट जानकारी के लिए Edudepart.com पर विजिट करें और हमारे सोशल मिडिया @WhatsApp @Twitter @Telegram@Facebook @ Youtube को जॉइन करें। शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये आदेशों व निर्देशों का अपडेट के लिए FBS निकासी में कितना समय लगता है? हमें सब्सक्राइब करें।
GPF निकासी के क्या है नियम ?
GPF यानी General provident Fund इसे हिंदी में सामान्य भविष्य निधि कहा जाता है। यह सरकारी कर्मचारियों के लिए बचत के साथ-साथ निवेश का एक बेहतर माध्यम है। Department of pension and pensioner’s Welfare जो Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions के अंतर्गत आता है, GPF का प्रबंधन करती है ।
- सभी स्थाई सरकारी कर्मचारी , जो भारतीय नागरिक है।
- अस्थाई सरकारी कर्मचारी जिन्होंने लगातार 1 साल की सेवा पूरा कर लिया हो।
- सेवानिवृत पेंशनर जिन्हें फिर से नियोजित किया गया हो।
- ऐसे संगठन के कर्मी जहां EPF act 1952 लागू होता है।
अंशदान का नियम
- कर्मचारी GPF एकाउंट में कर्मचारी को अंशदान देना होता है।
- यह अंशदान कर्मचारी के वेतन का 6% से लेकर 100% तक हो सकता है।
- कर्मचारी को हर माह अंशदान करना होता है। यह अंशदान सेवानिवृत्त के तीन माह पूर्व तक किया जाता है। यानी सेवानिवृति से 3 माह पहले अंशदान लेना बंद कर दिया जाता है।
- यदि कर्मचारी निलंबित है तो उसे अंशदान नहीं करना होता है।
GPF निकासी के नियम
सामान्य भविष्य निधि (संशोधन) नियमावली – अब उपभोक्ता के लिए फंड से अडवांस में पैसा निकालना आसान हो गया है ।अभी जीपीएफ से निकासी हेतु 15 साल की सेवा FBS निकासी में कितना समय लगता है? के बाद ही 75 फीसदी पैसा निकाल पाते थे, इस अवधि को घटाकर अब 15 की जगह 12 साल कर दिया है साथ ही निकाली गई इस राशि को वापस नहीं लौटाना होगा। इसी तरह नॉन रिफंडेबल एडवांस लेने के लिए अभी तक 12 साल की सीमा थी, जिसे अब 10 साल कर दिया है।
- शिक्षा (बच्चों की पढ़ाई), शादी, जमीन खरीदने, मकान बनाने, या फिर मकान ऋण चुकाने, पैतृक आवास की मरम्मत के लिए जमा GPF का 75% निकाला जा सकता है या अपने 12 माह के वेतन के बराबर जो भी कम FBS निकासी में कितना समय लगता है? हो।
- मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में 90% तक । नए नियम में यह FBS निकासी में कितना समय लगता है? 7 दिनों के अंदर मिल जाता है।
- गाड़ी खरीदने, कार लोन चुकाने, गाड़ी की मरम्मत के लिए भी निकासी की जा सकती है।
- यदि नए गाड़ी खरीदने के लिये राशि निकालनी है तो यह जमा राशि का 75% या फिर गाड़ी की कीमत का ¾ जो भी कम हो।
- सेवानिवृति से 2 साल पहले बिना कारण बताये 90% तक राशि निकाली जा सकती है।
- अब यह भुगतान 15 दिनों के भीतर मिल जाता है । विशेष परिस्थितियों में 7 दिन के भीतर मिल जाता है ।
- अग्रिम और निकासी आवेदनों के लिए अब कोई भी दस्तावेज या प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है। इसमें ग्राहक की ओर से एक सामान्य घोषणापत्र ही काफी है ।
Income Tax Rule: ऐसी कमाई पर नहीं लगता है कोई TAX, रिटर्न फाइल करने से पहले समझ लें ये बात
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 18 जुलाई 2022, 8:43 AM IST)
- पीएफ से निकासी पर लागू है कुछ शर्त
- ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं ITR
असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की तारीख अब नजदीक आ गई है. हर वित्तीय वर्ष में एक निश्चित सीमा से अधिक कमाई करने वाले लोगों को इनकम टैक्स FBS निकासी में कितना समय लगता है? रिटर्न भरना पड़ता है. अगर आप सरकार द्वारा तय टैक्सेबल इनकम के दायरे में आते हैं, तो आपको उस स्थिति में टैक्स भरना होता है. हालांकि, टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट भी मिलती है. वहीं, कई तरह की आय ऐसी होती है, जिसपर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है.
सम्बंधित ख़बरें
डेडलाइन करीब, समय से भरें ITR!
ITR भरने के ये 4 बड़े फायदे, जिन्हें जान आप नहीं करेंगे लास्ट डेट का इंतजार
नजदीक है डेडलाइन, ITR भरने से पहले जान लें ये बड़े काम की बात!
Punch के साथ मुकाबले को तैयार, जल्द आ रही है Citroen की ये कार!
New tax slab या Old Tax slab: आप कैसे भरते हैं टैक्स?
सम्बंधित ख़बरें
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन
फिलहाल एक फाइनेंसियल ईयर में इक्विटी शेयरों और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से होने वाली आमदनी पर भी टैक्स नहीं लगता. लेकिन लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन की रकम एक लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर आप एक से तीन साल तक के लिए किसी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और उससे जो फायदा होता है, उसे लॉन्ग टॉर्म कैपिटल गेन कहा जाता है.
प्रोविडेंट फंड
प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वाले अगर इस फंड से निकासी करते हैं, तो उन्हें किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता है. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं. अगर आप पांच साल से पहले PF से पैसा निकालते हैं, तो टैक्स देना पड़ता है. पांच साल की सर्विस के बाद की निकासी पर टैक्स नहीं लगता है.
ग्रेच्युटी से होने वाली कमाई
भारतीय अर्थव्यवस्था को लगा झटका, रुपये में आज आई गिरावट
डॉलर के कमजोर होने के बावजूद स्थानीय बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह से शुक्रवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 81.35 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी बढ़ने की वजह से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है.
कच्चे तेल में आया उछाल
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.11 पर खुला. कारोबार के दौरान रुपये का लाभ लुप्त हो गया और कारोबार के आखिर में यह नौ पैसे की गिरावट दिखाता 81.35 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ है. कारोबार के दौरान रुपये ने 81.08 के ऊंचे स्तर और 81.35 के निचले स्तर को छुआ. पिछले सत्र में रुपया चार पैसे की तेजी के साथ 81.26 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दिखाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 फीसदी की गिरावट के साथ 104.53 पर आ गया.
वहीं, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.17 फीसदी बढ़कर 87.03 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 415.69 अंक घटकर 62,868.50 अंक पर बंद हुआ है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने गुरुवार को 1,565.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे.
आपकी जिंदगी पर रुपये का क्या होता है असर?
आपको बता दें कि रुपये में तेजी और गिरावट का असर आम जन जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है. रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी का असर घट जाती है. इस वजह से कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगता है, क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाता है और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहता है.
वहीं, आम आदमी को फायदा उस स्थिति में मिलता है, जब वैश्विक बाजार में कमोडिटी के दाम गिरता है और रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिति में आता है.
कागजात से छेड़छाड़ कर लोन निकासी में पीएचडी का छात्र गिरफ्तार
बैंक ग्राहकों के कागजातों से छेड़छाड़ कर उनके नाम से लोन हासिल कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में सेक्टर चार पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया है। अभिषेक कुमार भागलपुर यूनिवर्सिटी में मैथ से पीएचडी कर रहा है। वह फिलहाल चास थाना क्षेत्र के सरस्वती नगर स्थित अपने घर पर रहकर फर्जीवाड़े के धंधे में लगा हुआ था। उसके पिता जनक सिंह बोकारो शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आरोपी ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह चास में रहकर घर की माली हालत को देखते हुए मैथ का ट्यूशन भी देता है। एचडीएफसी बैंक सेक्टर 4 शाखा के ग्राहक सुरेंद्र कुमार प्रजापति के साथ फर्जीवाड़े के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। जबकि बैंक के आरोपी कर्मियों की तलाश की जा रही है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 681