बाजार की उठापठक में IPO मार्केट का गणित बिगड़ गया है. (image: pixabay)

शेयर बाजार पुस्तक पीडीएफ डाउनलोड | Share Market Book PDF In Hindi

यहां हम आज आपको शेयर बाजार पुस्तक पीडीएफ डाउनलोड करने की जानकारी प्रदान करेंगे। आपको बता दें की यह पुस्तक शेयर बाजार से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु कार्य करती है। आप सभी ने शेयर बाजार का नाम सुना ही होगा। लेकिन सभी को इसकी सम्पूर्ण जानकारी नहीं होती। लोगो के जहन में इससे जुड़े अलग अलग सवाल होते हैं। जिसके लिए आज हम यहां आपके लिए शेयर बाजार (stock market) की जानकारी विस्तार से जानने के लिए share market book PDF लेके आये हैं। इस पीडीएफ के माध्यम से आप शेयर मार्केट की सभी जानकारी जैसे शेयर बाजार क्या है? यह काम कैसे करता है आदि सभी जानकारी पाने के लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढ़ें।

Share Market Book In Hindi PDF

शेयर मार्केट/बाजार क्या है ?

शेयर बाजार बाजारों और एक्सचेंजों के संग्रह को संदर्भित करता है जहां सार्वजनिक रूप से आयोजित कंपनियों के शेयरों की खरीद, बिक्री और जारी करने की नियमित गतिविधियां होती हैं। इस तरह की वित्तीय गतिविधियों को संस्थागत औपचारिक एक्सचेंजों या ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेस के माध्यम से संचालित किया जाता है जो नियमों के एक परिभाषित सेट के तहत काम करते हैं। किसी देश या क्षेत्र में कई स्टॉक ट्रेडिंग वेन्यू हो सकते हैं जो स्टॉक और अन्य प्रकार की प्रतिभूतियों में लेनदेन की अनुमति देते हैं।

शेयर मार्किट बुक्स इन हिंदी पीडीएफ फ्री डाउनलोड

आर्टिकल/ पीडीएफ शेयर बाजार पुस्तक
लाभ शेयर बाजार /stock market की जानकारी
उदेश्य शेयर मार्केट की जानकारी प्रदान करना
शेयर मार्केट बुक्स पीडीएफ डाउनलोड करें

शेअर बाजार पुस्तक PDF In Hindi

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है?

शेयर बाजार एक सुरक्षित और विनियमित वातावरण प्रदान करते हैं जहां बाजार सहभागी शेयरों और अन्य पात्र वित्तीय साधनों में शून्य से कम परिचालन जोखिम के साथ विश्वास के शेयर मार्केट का गणित क्या है? साथ लेनदेन कर सकते हैं। नियामक द्वारा बताए गए परिभाषित नियमों के तहत परिचालन, शेयर बाजार प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार के रूप में कार्य करते हैं। शेयर मार्केट का गणित क्या है? इससे जुडी अन्य अभी जानकारी आपको आर्टिकल में उपलब्ध पीडीएफ से प्राप्त हो जाएगी।

शेयर मार्केट में बुल ऐंड बेयर का क्या मतलब होता है?

शेयर मार्केट. ऐसी जगह जहां कमाई तगड़ी हो सकती है. लाखों लोग यहीं से फकीर बनकर झोला उठाने पर मजबूर हो जाते हैं, तो उससे भी ज्यादा लाख लोग यहीं से अच्छा खासा पैसा कमाते हैं. आपने शेयर मार्केट की चर्चा के साथ बुल यानी बैल या सांड़ और बियर माने भालू भी देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पैसा बनाने वाली जगह पर इन जानवरों का क्या काम? या अगर इनका कोई महत्व है तो क्या है? चिंता मत कीजिए, हमने लोकल डिब्बा बनाया ही इसलिए है कि इस तरह की जानकारी आपको दे सकें. तो आइए जानते हैं कि ये मसला है क्या?

दरअसल, शेयर मार्केट वो जगह है, जहां बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी या बेची जाती है. अब अगर आप हिस्सेदार बनते हैं, तो कंपनी का फायदा भी आपका और नुकसान भी आपका. बस यही गणित है, जो इतना सारा तमाशा फैला हुआ है. होता यूं है कि तमाम चीजों के आधार पर कंपनी में हिस्सेदारी यानी शेयर की कीमत बढ़ती या घटती रहती है. यही बढ़ता या घटता देखकर लोग शेयर बेचते या खरीदते हैं.

इसमें बुल और बियर मार्केट की हालत दिखाते हैं. कॉन्सेप्ट ये है कि बुल यानी सांड़ की जब लड़ाई होती है, तो वह शिकार या प्रतिद्वंद्वी को सींग के बल ऊपर की ओर उछाल देता है. यही उछाल शेयर मार्केट में तेजी दर्शाती है. वहीं, भालू अपने शिकार को गिराकर हमला करता है, यानी इधर मामला नीचे गिरने यानी मंदी से जुड़ा हुआ है. इसी के आधार पर बुलिश मार्केट या बेयरिश मार्केट की कंडीशन बनती है.

BSE भी करता है बुल का इस्तेमाल

भारत का शेयर बाजार BSE सेंसेक्स बुलिश मार्केट दर्शाने के लिए इसी सांड़ का इस्तेमाल अपने प्रतीक के रूप में करता है. अब इसकी एक और कहानी जानते हैं.

पश्चिमी देशों में होती शेयर मार्केट का गणित क्या है? थी भालू-बैल की लड़ाई

19वीं सदी की शुरुआत के आसपास के समय, जब इंसान जानवरों को सिर्फ जानवर समझता था, तो कई जगह जानवरों की लड़ाइयां कराई जाती थीं. हो सकता है कि अब भी कहीं ऐसा होता ही हो. यूरोप और अमेरिका में भी इस तरह जानवरों की लड़ाइयां होती थीं और उनपर जमकर सट्टेबाजी होती थी. लोगों को सिर्फ अपने शौक और पैसे से मतलब था जानवरों से नहीं. उस समय भालू और बैल की लड़ाई कराई जाती थी. इस खूनी खेल में अमीरजादे पैसे बनाते थे और जानवर अपनी जान गंवाते थे. ये लड़ाईं बाद में प्रतिबंधित कर दी गईं. अमेरिका के वॉल स्ट्रीट शेयर मार्केट में बुल और बियर का कॉन्सेप्ट यहीं से आया माना जाता है. लड़ाई में बुल और बियर के हमले के तौर-तरीकों की चर्चा भी यहीं से शामिल शेयर मार्केट का गणित क्या है? हुई है.

खैर, इंसान धीरे-धीरे इंसान बना और ये लड़ाइयां अब प्रतीकात्मक हो गईं. अब ये बुल और बियर की फाइट शेयर बाजारों में होती है. पैसा अब भी इसमें शामिल है, लेकिन कम से कम इतना है कि इससे किसी बेगुनाह जानवर की जान नहीं जाती.

Paytm, Nykaa, Star Health समेत ये स्टॉक रिकॉर्ड लो के करीब, क्यों बिगड़ा IPO मार्केट का ‘गणित’

साल 2021 के पहले 8 से 9 महीनों में लिस्ट होने वाले ज्यादातर शेयरों ने जहां पॉजिटिव शेयर मार्केट का गणित क्या है? रिटर्न दिए हैं, वहीं इसके बाद बाजार में एंट्री करने वाले शेयरों की हालत पतली है.

Paytm, Nykaa, Star Health समेत ये स्टॉक रिकॉर्ड लो के करीब, क्यों बिगड़ा IPO मार्केट का ‘गणित’

बाजार की उठापठक में IPO मार्केट का गणित बिगड़ गया है. (image: pixabay)

Stock on New Low: बाजार की उठापठक में IPO मार्केट की गणित बिगड़ गई है. साल 2021 के पहले 8 से 9 महीनों में लिस्ट होने वाले ज्यादातर शेयरों ने जहां पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं, वहीं इसके बाद बाजार में एंट्री करने वाले शेयरों की हालत पतली है. Paytm, Nykaa, Star Health, SJS Enterprises, Rategain Travel, Shriram Prop जैसे स्टॉक ने जहां निवेशकों को इश्यू प्राइस की तुलना में निगेटिव रिटर्न दिए हैं. वहीं इनमें से कई स्टॉक अपने 52 हफ्ते के लो या उसके करीब पहुंच रहे हैं. इनमें Paytm का स्टॉक सबसे ज्यादा कमजोर हुआ है. इस बीच शेयर बाजार में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है. हाई वैल्युएशन, महंगाई, बॉन्ड यील्ड में तेजी, क्रूड में तेजी, ब्याज दरें बढ़ाए जाने की आंशका, एफआईआई द्वारा बिकवाली और जियो पॉलिटिकल टेंशन ने बाजार पर दबाव बढ़ाया.

Paytm रिकॉर्ड लो पर

साल 2021 का सबसे चर्चित IPO होने के बाद भी Paytm के स्टॉक ने निवेशकों को निराश किया है. कंपनी का स्टॉक आज नए रिकॉर्ड लो 840 रुपये के भाव पर पहुंच गया है. यह इश्यू प्राइस से करीब 72 फीसदी कम है. कंपनी का शेयर 18 नवंबर 2021 को बाजार में लिसट हुआ था. इश्यू प्राइस 2150 रुपये की तुलना में यह 1955 रुपये पर लिस्ट हुआ और लिसिटंग डे पर 27 फीसदी गिरकर 1564 रुपये पर बंद हुआ. अभी शेयर का भाव 840 रुपये हो गया है.

Nykaa 1 साल के लो के करीब

ब्यूटी ई कॉमर्स कंपनी Fsn E-Commerce Ventures यानी Nykaa के शेयर ने भी लिस्टिंग के बाद निराश किया है. यह शेयर अभी 1538 रुपये के भाव पर है. जबकि एक दिन पहले यानी 14 फरवरी को इसने 1492 का रिकॉर्ड लो बनाया था. हालांकि इश्यू प्राइस 1125 रुपये की तुलना में अभी शेयर में पॉजिटि रिटर्न है. लेकिन लिस्टिंग प्राइस 2001 रुपये से यह बढ़ी गिरावट देख चुका है.

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Star Health

राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली कंपनी Star Health ने भी निवेशकों को निराश किया है. आज कंपनी का शेयर 712 रुपये पर भाव पर पहुंच गया. यह शेयर के लिए रिकॉर्ड लो है. यह शेयर 10 दिसंबर 2021 को लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 900 की तुलना में 903 रुपये पर लिस्ट हुआ. जबकि यह अब 712 रुपये के भाव पर है. यानी इश्यू प्राइस से भी 21 फीसदी कमतजोर हो चुका है.

AGS Transact Technologies

AGS Transact Technologies का शेयर भी अपने रिकॉर्ड लो 121 रुपये के भाव पर है. यह स्टॉक 31 जनवरी 2022 को बाजार में लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 175 की तुलना में यह 176 रुपये पर लिस्ट हुआ. जबकि अभी यह इश्यू प्राइस से 30 फीसदी कमजोर होकर 121 रुपये पर है.

Cartrade Tech

Cartrade Tech का शेयर भी आज 52 हफ्ते के लो 611 रुपये पर है. यह शेयर 20 अगस्त 2021 को बाजार में लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 1618 रुपये की तुलना में यह 1600 रुपये पर लिसट हुआ. जबकि लिसिटंग के ही दिन 7 फीसदी कमजोर होकर 1500 रुपये पर बंद हुआ. अभी यह 611 रुपये पर है, यानी इश्यू प्राइस से करीब 63 फीसदी कमजोर होकर ट्रेड कर रहा है.

इन शेयरों ने भी किया निराश

डेटा पैटर्न, टेगा इंडस्ट्रीज, केमप्लास्ट सनमार, Exxaro टाइल्स और ग्लेनमार्क लाइफसाइसेंज जैसे स्टॉक भी अपने 1 साल के लो पर हैं या उसके करीब पहुंच गए हैं. ज्यादातर में इश्यू प्राइस से कमजोरी रही, वहीं लिसिटंग प्राइस की तुलना में निगेटिव रिटर्न मिला है.

शेयर बाजार के मौजूदा हालात में क्या करें निवेशक?

निवेशक के मन में यह सवाल उठ रहा है कि कहीं बाजार लंबी अवधि की गिरावट (मंदड़िए) के दौर में तो नहीं प्रवेश कर गया है?

शेयर बाजार के मौजूदा हालात में क्या करें निवेशक?

किसी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक में 20 फीसदी तक की कमजोरी बाजार में मंदी का संकेत देता है. भारतीय शेयर बाजार के संदर्भ में कई सूचकांक 20 फीसदी तक लुढ़क चुके हैं, हालांकि बेंचमार्क सूचकांक में अब तक इतनी कमजोरी नहीं आई है.

अगर सूचकांक में 10% तक की कमजोरी दर्ज हो तो यह सिर्फ करेक्शन माना जाता है. अगर शेयर बाजार में कमजोरी जारी रहती है तो इसे मंदड़िये का बाजार कहा जा सकता है.

1. मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में जोरदार गिरावट
लार्ज कैप सूचकांक भले ही इस समय करेक्शन जोन में हैं, मिड और स्मॉल कैप में काफी कमजोरी आ चुकी है.

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  • बार में दिए गए आंकड़े 52 हफ्ते के उच्च स्तर से % में कमजोरी दिखाते हैं.

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निजी बैंक हालांकि इस कमजोरी से खुद को अलग रखने में सफल साबित हुए हैं. बैंक निफ्टी अपने 52 हफ्ते के उच्च स्तर से 12% तक गिर चुका है.

III.सिप का एक साल का रिटर्न लाल निशान में
शेयर बाजार में कमजोरी की वजह से स्मॉल कैप स्टॉक साल 2015 के स्तर पर आ चुके हैं.

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लंबी अवधि के निवेशकों को इसे एक मौके की तरह देखना चाहिए.

IV. सेक्टर के हिसाब से अब भी मिला-जुला असर
कुछ सेक्टर शेयर बाजार की कमजोरी के दौर में लाल निशान में हैं, जबकि कुछ की हालत बेहतर है.

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V. मूल्यांकन अब भी औसत से ऊपर
शेयर बाजार में गिरावट के इस दौर में भी प्रमुख सूचकांक 10 साल के औसत से ऊपर कारोबार कर रहे हैं.

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VI. बुक वैल्यू के औसत से हैं नीचे
अगर हम बुक वैल्यू के टर्म में बात करें तो मूल्यांकन 10 साल के औसत से नीचे है.

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VII. सबसे अधिक नुकसान
पिछले पांच साल में इन शेयरों में आई तेजी कमजोरी के मौजूदा दौर में खत्म हो गयी है.

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VIII.कुछ शेयर मजबूती से खड़े हैं.
शेयर बाजार की हालिया कमजोरी के दौर में भी कुछ शेयरों की लंबी अवधि की संभावनाएं धूमिल नहीं कर सकी है.

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IX. डायवर्सीफायड इक्विटी फंड पर सबसे अधिक असर
अगर हम डायवर्सीफायड इक्विटी फंड के एक और तीन साल के रिटर्न पर नजर डालें तो इनमें काफी कमजोरी आई है. इन विश्लेषण में हमने सिर्फ उन्हीं म्यूचुअल फंड स्कीम को शामिल किया है, शेयर मार्केट का गणित क्या है? जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपये तक है.

Trade Settlement Process: ट्रेडों के सेटलेमेंट में 2 दिन का समय क्यों लगता है? जानिए पूरा गणित

Trade Settlement Process: शेयर बाजार में हमेशा खरीदार और विक्रेता होते हैं। जब कोई व्यक्ति शेयर खरीदता है, तो दूसरा व्यापारी होता है जो शेयर बेचता है। लेकिन इन सब प्रक्रिया में 2 दिन का समय लग जाता है। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए आपको बताते है।

Trade Settlement Process: आपने शेयर मार्केट में कारोबार किया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वास्तव में एक ट्रेड कैसे सेटल होता है? आपने कुछ सिक्योरिटीज खरीदी हैं लेकिन वे आपके डीमैट में कैसे आती हैं? आपके ट्रेडिंग एकाउंट और बैंक में सभी ट्रेडों की राशि का सेटलेमेंट कैसे किया जाता है?

स्टॉक एक्सचेंज के साथ एक बैकएंड प्रक्रिया होती है जिसे समाशोधन प्रक्रिया (Clearing Process) के रूप में जाना जाता है जिसके द्वारा सभी फाइनेंसियल ट्रेडों को समय पर सेटल किया जाता है, यानी विक्रेता को पैसों का ट्रांसफर और खरीदार को सिक्योरिटीज दी जाती है। एक विशेष संगठन सभी ट्रेडों को क्लीयरिंग और सेटलिंग के लिए जिम्मेदार होता है, जिसे समाशोधन निगम (Clearing Corporation) के रूप में जाना जाता है।

क्लीयरिंग प्रॉपर फंड और सिक्योरिटीज की उपलब्धता को मान्य करता है और क्रमशः बायर और सेलर को सिक्योरिटी और फंड की डिलीवरी सुनिश्चित करता है। अगर ट्रेडों को समय पर मंजूरी नहीं दी जाती है तो इसके परिणामस्वरूप सेटलेमेंट रिस्क हो सकता है जिससे कैपिटल और वास्तविक धन की हानि हो सकती है।

NSE के माध्यम से किए गए सभी ट्रेडों को NSCCL के माध्यम से मंजूरी दी जाती है जो कि नेशनल सिक्योरिटीज क्लियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड है। यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में रखे और निष्पादित (Executed) सभी ट्रेडों के लिए क्लियरिंग और सेटलमेंट एजेंसी है।

NSE पर निष्पादित ट्रेडों के निपटान के लिए T+2 दिनों का समय आवश्यक है। ट्रेड के निष्पादित होने के बाद (T day) सभी ट्रेडों को आमतौर पर 2 वर्किंग डेज में सेटल किया जाता है। इस टाइम पीरियड में एक्सचेंज की छुट्टियां शामिल नहीं हैं। क्लीयरिंग और सेटलेमेंट प्रोसेस कई अलग अलग चरणों में की जाती है।

ट्रेड रिकॉर्डिंग

एक निष्पादित व्यापार से संबंधित सभी जानकारी एक्सचेंज में ऑटोमैटिक सिस्टम द्वारा दर्ज की जाती है। यह जानकारी सेटलेमेंट प्रोसेस का आधार बनाती है। यह T+1 दिन पर किया जाता है।

सेटलेमेंट के लिए ट्रेड डिटेल पहले क्लियरिंग हाउस को फारवर्ड किया जाता है जो NSE के मामले में NSCCL है। क्लीयरिंग हाउस तब क्लीयरिंग मेंबर और कस्टोडियन्स को व्यापार का विवरण लागू करता है। क्लीयरिंग बैंकों को समय पर पेमेंट द्वारा ट्रेड सेटलमेंट के लिए धन की व्यवस्था करने के निर्देश भेजे शेयर मार्केट का गणित क्या है? जाते हैं। इसी तरह का निर्देश डिपॉजिटरी को सिक्योरिटीज की व्यवस्था करने के लिए भेजा जाता है।

फंड्स और सिक्योरिटीज का पे-इन

पे-इन फेज उसके बाद शुरू किया जाता है जहां डिपॉजिटरी और क्लियरिंग बैंक दोनों को क्लियरिंग और सेटलमेंट के लिए क्रमशः सिक्योरिटीज और फंड में पेमेंट करना होगा। अगर डिपॉजिटरी कम बिक्री के कारण सिक्योरिटीज में भुगतान करने में सक्षम नहीं है, तो प्रक्रिया में T+3 दिन लगते हैं और T+2 दिन पर ही बाजार के घंटों के दौरान सिक्योरिटीज की खरीद के लिए एक नीलामी विंडो खोली जाती है और सेटलेमेंट इस प्रकार T+3 दिन पर पूरा होता है।

फंड्स और सिक्योरिटीज का भुगतान

पे-इन फेज पूरा होने के बाद और सेटलेमेंट के लिए आवश्यक सिक्योरिटीज और फंड्स को सफलतापूर्वक "पे-इन" किया जाता है, एक पे-आउट फेज तब शुरू होता है जहां सिक्योरिटीज और फंड्स का भुगतान संबंधित डिपॉजिटरी और क्लियरिंग बैंक को किया जाता है।

डिपॉजिटरी और क्लियरिंग बैंक तब कस्टोडियन या क्लियरिंग मेंबर को लागू होने की सूचना देते हैं। पूरी पे-आउट प्रक्रिया T+2 दिन पर निष्पादित की जाती है।

डीमैटरियलाइज्ड सेटलेमेंट

सिक्योरिटीज के डीमैटरियलाइजेशन ने प्रक्रिया को सटीक और तेज बनाने के लिए न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ जहां कहीं भी लागू हो, ट्रांसफर के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग करके सेटलेमेंट के समय को काफी कम कर दिया है।

फिजिकल शेयर मार्केट का गणित क्या है? सिक्योरिटीज का सेटलेमेंट उपरोक्त प्रक्रिया के माध्यम से नहीं किया जाता है और आमतौर पर काउंटर प्रक्रियाओं के माध्यम से तय किया जाता है जो समय लेने वाली होती हैं।

शेयर बाजार बहुत अस्थिर है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश करने से आपका निवेश जोखिम में है। क्लीयरिंग और सेटलेमेंट से जुड़े विभिन्न जोखिम भी हैं। इसलिए एक सेटलेमेंट गारंटी फंड प्रत्येक सेटलेमेंट के साथ शामिल होती है जो उस स्थिति में काम आती है जब कोई व्यापारिक सदस्य अपने दायित्व को पूरा करने में विफल रहता है। मेंबर खुद फंड में योगदान करते हैं। इसका परिणाम स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार के प्रतिपक्ष जोखिम को समाप्त करना है।

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