Share Market me trading kaise kare in hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम बहुत ही सरल भाषा में जानेंगे Share Market me trading kaise kare in hindi जिससे आप Intraday trading में अच्छा कमाई कर पाओगे। और साथ ही कुछ एसी टिप्स बताएँगे जिसको फॉलो करोगे तो आप जरुर एक सफल ट्रेडर बन पाओगे।

बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग तो करते है लेकिन प्रॉपर नॉलेज ना होने के कारण अपने पैसे को डूबा देते हैं। फिर पैसा डूब जाने के बाद सीखना पसंद करते हैं। इसलिए आपको ट्रेडिंग करने से पहले इसका नॉलेज होना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको नुकशान होने की संभाबना कम से कम हो। आप सभी को पता है शेयर मार्केट में रिस्क हैं। लेकिन इसको समझके करोगे तो आप नुकशान को कम करके अच्छा मुनाफा कमाई कर सकते हैं।

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Share Market me trading kaise kare in hindi

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले Demat और Trading अकाउंट की जरुरत पड़ेगी। इससे आप बाज़ार से शेयर खरीद भी सकते हो और बेच भी सकते हो. Demat और ट्रेडिंग अकाउंट आप ऑनलाइन ब्रोकर के साथ आसानी से एक साथ ही खोल सकते। अगर आपको जानना है तो कैसे खोले इसे जरुर पढ़े।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए Intraday Trading को ही ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं। इसमें आप एक दिन में शेयर को खरीद लेते हो और उसी दिन ही आप उसको बेच देते हो इसी को कहते है Intraday Trading। लेकिन इसका कुछ Advantage भी होता और Disadvantage भी होता हैं। दोनों को जानना बहुत बहुत जरुरी हैं।

Intraday Trading के फ़ायदे (Advantage)

Margin मिलता है:- Intraday trading में Margin बहुत ज्यादा मिलता हैं। मार्जिन का मतलब कोई शेयर 300 का है लेकिन उसको आप 40 या उसके आसपास में ही intraday में खरीद सकते हो. ये मार्जिन आपको ब्रोकर देते है। जिससे आप कम पैसो से ज्यादा मात्रा में शेयर्स को खरीद सकते हैं।

कम समय में पैसा कमाई:- बहुत ही कम समय में आप ट्रेडिंग से पैसा कमाई कर सकते हैं। आपको लंबे समय के लिए इन्तेजार नहीं करना पड़ता हैं। कही बार तो आप मिनटों में ही अच्छा पैसा कमा चकते हैं। लेकिन इसके लिए सही ट्रेड लेना बहुत जरुरी हैं।

बाज़ार में गिरावट से भी कमा चकते:- Intraday Trading में आप प्राइस बढ़ने और गिरावट दोनों में कमाई कर चकते हैं। यानि कोई स्टॉक आपको लगता है आज गिरनेवाला है। तो आप उस स्टॉक को ऊपर प्राइस पर बेचके उसी दिन नीचे खरीदके भी मुनाफा कमा चकते हो। इसी को Short selling कहते हैं।

रेगुलर कमाई:- इससे आप नियमित रूप से रोज पैसा कमाई जा चकता हैं। बहुत सारे ऐसे लोग है जो शेयर मार्केट में Intraday Trading से ही अच्छा पैसा कमाते हैं। लेकिन इसके लिए सीखना बहुत जरुरी है। नही तो आप कमाना तो दूर की बात अपना सारा पैसा भी गवा देंगे।

Intraday Trading के नुकसान (Disadvantage)

कम समय में नुकसान:- जिस तरह आप एक दिन में पैसे कमा चकते हो ठीक उसी तरह आप एक दिन गवा भी चकते हो। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा की रोज पैसा कमाते ही रहोगे एक दिन आपको नुकसान भी हो चकता हैं। इसके लिए आपको तैयार रहना जरुरी हैं। लेकिन आपको ध्यान रखना है कि कम से कम दिन Loss हो और ज्यादा दिन आप मुनाफा में रहो।

रिस्क ज्यादा:- लंबे समय के लिए शेयर खरीदने के मुकबले इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज Intraday Trading में बहुत ज्यादा रिस्क होता है। क्युकी इसमें आपको आज खरीदा हुवा शेयर आज ही बेचना होगा। नहीं तो मार्केट बंद होने से पहले ही ब्रोकर आपके शेयर्स को लाभ हो या नुकशान बेच देगा।

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Share Market में ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए

स्टॉक Selection:- शेयर मार्केट में ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए सबसे पहले अच्छा स्टॉक का Selection करना बहत जरुरी हैं। आपको एसी स्टॉक में ट्रेडिंग करना है जिसमे ज्यादा खरीद बेच होते रहते हैं। इससे शेयर ऊपर नीचे होते रहेंगे और आपको जब मुनाफा होगा तब जल्दी से निकल पाओगे।

समय का ध्यान:- आपको बाज़ार में बहुत समय तक ट्रेड नहीं करना है। सुबह जब बाज़ार आरम्भ होता है तब आपको पहले देखना चाहिए बाज़ार किस तरफ जाते नजर आ रहा हैं। उसके बाद 10 से 2 बजे तक ही आपको ट्रेडिंग करना हैं।

बाज़ार के साथ चलना चाहिए:- हमेसा ट्रेडिंग के समय मार्केट जिस तरफ जा रहा उसी दिशा में आपको ट्रेड लेना चाहिए। इसके बिपरीत दिशा में ट्रेडिंग करोगे तो हो चकता है एक बार प्रॉफिट हो लेकिन ज्यादा नुकशान होने की संभावना बहुत हैं। इसलिए आपको बाज़ार के हिसाब से चलना चाहिए।

Stop Loss लगाना:- सबसे बड़ी बात कोई भी शेयर में ट्रेड डालते समय आपको Stop loss लगाना बहुत जरुरी हैं। इससे आपको नुकशान को कम किया जाता हैं। हो चकता है आपने जो भी ट्रेड डाला, आपके बिपरीत गया है। अगर आपने Stop loss नहीं लगाया है तो आपको बहुत बड़ा नुकशान भी हो चकता हैं।

News के साथ अपडेट रहो:- आप जिस भी स्टॉक में ट्रेडिंग कर रहे हो उस शेयर के मार्केट में जो भी न्यूज़ आता है आपको जरुर अपडेट रहना हैं। क्युकी बाज़ार बहुत ही जल्द इसके ऊपर प्रतिक्रिया करते हैं। इसलिए आपको ध्यान रखना बहुत जरुरी हैं।

मेरी राय:-

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग सबसे ज्यादा रिस्क होता हैं जितना आप ट्रेडिंग में अभ्यास करोगे उतना ही ज्यादा आप अच्छी तरह से सीख पाओगे। लेकिन आपको पहले बहुत ही कम पैसे से आरम्भ करना चाहिए। उतने ही पैसा लगाए जितना आपको नुकशान होने पर भी ज्यादा फर्क ना पड़े।

आशा करता हु Share Market me trading kaise kare in hindi पोस्ट को पढ़के अच्छी तरह से समझ गए होंगे। और आप बताए गए तरीके को अच्छी तरह से फॉलो करके अच्छा कमाई कर सकेंगे। अगर आपके मन में इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर बाज़ार से महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए आप हमारे साथ बने रहे।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर को समझें

वारेन बफेट - वह वह व्यक्ति है जिसके बारे में बात करने पर अधिकांश लोग प्रेरित हो जाते हैंनिवेश. ज़रूर, आपने उसके बारे में सुना होगा, है ना? जब आप उनके निवेश पोर्टफोलियो को देखेंगे, तो आपको लंबी अवधि के शेयरों की एक श्रृंखला मिलेगी। और, यहीं से अपेक्षाकृत नए निवेशक भ्रमित होने लगते हैं। आखिरकार, लंबी अवधि के व्यापार के लिए एक पोर्टफोलियो बनाना हर किसी के इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज बस की बात नहीं हो सकती है। यहीं से इंट्राडे और डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के बीच चयन करने की दुविधा सामने आती है।

जबकि इन ट्रेडिंग प्रकारों के लिए रणनीतियाँ अलग हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी हैं जिन्हें इंट्राडे और डिलीवरी के बीच के अंतर के बारे में बात करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइए इन दोनों विकल्पों को एक साथ रखें और इस पोस्ट में उनके अंतरों का पता लगाएं।

Intraday Vs Delivery Trading

इंट्राडे ट्रेडों को परिभाषित करना

इस ट्रेडिंग सिस्टम में ट्रेडिंग सत्र के भीतर स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल है, जो उसी दिन होता है। यदि तुमविफल दिन के अंत तक आपकी स्थिति को स्क्वायर करने के लिए, विशिष्ट ब्रोकरेज योजनाओं के तहत आपका स्टॉक स्वचालित रूप से समापन मूल्य पर बेचा जाता है।

अधिकांश व्यापारी शेयरों की कीमत निर्धारित करके इस व्यापार की शुरुआत करते हैं और यदि वे लक्ष्य से कम व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें खरीद लेते हैं। और फिर, लक्ष्य तक पहुंचने पर वे स्टॉक को बेच देते हैं। और, अगर स्टॉक के लक्ष्य तक नहीं पहुंचने की भविष्यवाणी है, तो व्यापारी इसे उस कीमत पर बेच सकते हैं जो सबसे अच्छी लगती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
  • यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
  • डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
  • इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
  • आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी

डिलीवरी-आधारित ट्रेडों को परिभाषित करना

जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के लाभ

  • अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
  • जोखिम इंट्राडे से कम है

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान

  • स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं

डिलीवरी और इंट्राडे दृष्टिकोण के बीच अंतर

अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:

वॉल्यूम ट्रेड

इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।

लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।

कीमत के स्तर

दोनों ट्रेडों के लिए, मूल्य लक्ष्य निर्धारित करना एक आदर्श तरीका है। हालांकि, यह इंट्राडे ट्रेडों में बेहतर काम करता है क्योंकि ये अधिक समय के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस पद्धति से, आप अधिक लाभदायक अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

लंबी अवधि के ट्रेडों के लिए, आप निवेश की अवधि बढ़ा सकते हैं, भले ही आप लक्ष्य मूल्य से चूक गए हों। कई व्यापारी लक्ष्य को ऊपर की ओर संशोधित कर सकते हैं और लाभ प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक स्टॉक रख सकते हैं।

निवेश का विश्लेषण

आमतौर पर, इंट्राडे ट्रेड तकनीकी संकेतकों पर आधारित होते हैं। ये स्टॉक के अल्पकालिक मूल्य आंदोलन को दर्शाते हैंआधार ऐतिहासिक मूल्य चार्ट के। इतना ही नहीं, बल्कि यह ट्रेडिंग इवेंट-संचालित भी हो सकती है। हालांकि, इनमें से कोई भी दृष्टिकोण दीर्घकालिक सफलता की गारंटी नहीं दे सकता है।

डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के संबंध में, विशेषज्ञ सलाह देते हैंमौलिक विश्लेषण. इसका मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है जिनके पास लंबी अवधि की भविष्यवाणी है। इसके लिए कंपनी के कारोबारी माहौल और आंतरिक संचालन के गहन विश्लेषण की जरूरत है। लेकिन ध्यान रखें कि किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए आपको असंख्य संख्याओं और आंकड़ों से गुजरना होगा।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर: आपको कौन सा चुनना चाहिए?

ज़रूर, इंट्राडे ट्रेडिंग लुभाने लगती है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आपको सफलता हासिल करने के लिए हर मिनट बाजार पर नजर रखनी होगी। साथ ही, इस प्रकार को चुनना आपको तकनीकी पहलुओं, जैसे कि एल्गोरिदम और चार्ट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करेगा। इस प्रकार, यदि आप इस दृष्टिकोण से सहज नहीं हैं, तो आपको इस ट्रेडिंग प्रकार से दूर रहना चाहिए।

दूसरी ओर, यदि आप कुछ घंटों का निवेश करके जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग आपके लिए एक बढ़िया विकल्प नहीं है क्योंकि इस प्रकार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसमें फंडामेंटल अप्रोच की मदद से पैसा लगाने की भी जरूरत होती है।

What is Intraday Trading in Hindi | इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है

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दोस्तों यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं और शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन आप intraday trading के बारे में कुछ भी नहीं जानते तो आप एक सही ब्लॉग पर आए हैं. क्योंकि आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने जा रहे हैं की इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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इंट्राडे ट्रेडिंग का क्या मतलब है (Intraday Trading Meaning in Hindi)

इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन के अंदर स्टॉक को खरीदना और बेचना होता है. यहां पर कोई भी स्टॉक को खरीदने के लिए स्टॉक के इंडेक्स को देखना होता है. क्योंकि एक अच्छा मुनाफा कमाने के लिए स्टॉक का उतार–चढ़ाव किस प्रकार से चल रहा है. उस स्टॉक पर नजर बनाए रखना होता है।

अगर आप intraday trading करना चाहते हैं. यह फिर शेयर मार्केट से कोई भी शेयर खरीदना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप के पास एक ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट होना चाहिए. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि अकाउंट कैस open कराए.

डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाए (How to open Demat and Trading Account)

मार्केट में कई ऐसे ब्रोकर है जहां पर आप घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से अपना डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट open करा सकते हैं। उदहारण के लिए आपको कुछ ब्रोकर के नाम बता दें AngelOne, Zerodha, Groww, Dhan जैसे कई अन्न ब्रोकर भी हैं. इन सभी ब्रोकर के Android और iOS App भी स्टोर पर मौजूद हैं. अकाउंट open कराने के बाद आप शेयर मार्केट में शेयर को खरीद या बेच सकते हैं.

जब आप एक दिन के अंदर ही शेयर को खरीद कर बेच देते हैं, तो उसे Intraday Trading कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं, तो चलिए जान लेते हैं. क्योंकि इन सभी बातों को जानने के बाद हमें इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छे से समझ आ जायेगा.

इंट्राडे ट्रेडिंग में Margin मिलता है मार्जिन का मतलब है कि जो शेयर 500 rupee का है वो हमें 50 rupee में मिलता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान Advantage and disadvantage of Intraday Trading

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे (Advantage of Intraday Trading) :

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक दिन के अंदर पैसे कमा सकते हैं.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कोई डिग्री की आवश्यकता नहीं है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपका प्रॉफिट हो या लॉस तुरंत पता चल जाता है. इसके लिए आपको ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग आप अपने जॉब या फिर बिजनेस के साथ पार्ट टाइम में कर सकते हैं.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग कर के एक अच्छा इनकम बना सकते हैं.

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantage इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज of Intraday Trading) :

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में यदि स्टॉप लॉस का प्रयोग नहीं करते तो भारी नुकसान हो सकता है.
  • इंट्राडे में यदि जुआ और सट्टा समझ कर पैसे लगाते हैं, तो आपके पैसे डूब जाएंगे.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे कमाने के लिए धैर्य बनाए रखना बहुत ही अनिवार्य है. क्योंकि जल्दबाजी में शेयर को खरीदना और बेचना हमेशा नुकसान ही होता है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में जरा सी चूक पर आपका कैपिटल डूब भी सकता है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिकांश ट्रेडर ज्यादा कमाने के चक्कर में मुनाफा होते हुए भी अपना नुकसान कर लेते हैं.
  • इंट्राडे में बहुत ही कम समय में आपको फैसले लेने पड़ते हैं. क्योंकि छोटी सी चूक पर आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कुछ ध्यान देने योग्य बातें (Intraday Trading Rules)

  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए Patience जरूर रखें.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए Indicators का प्रयोग करें.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए Risk Management को पढ़ें
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कभी भी अपना पूरा कैपिटल ना लगाएं.
  • शेयर मार्केट से जुड़े अपडेट लेते रहें.
  • लालच पर अपने नियंत्रित करें.

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स (Intraday Trading Tips in Hindi)

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को जिस दिन खरीदते हैं, उसी दिन शेयर को बेचना भी होता हैं. मान लीजिए शेयर बाजार खुलने पर अपने कोई शेयर खरीदा कुछ समय बाद देखा कि आपको शेयर में मुनाफा मिल रहा है. लेकिन आपने शेयर को बेचा नहीं ऐसे में शेयर बाजार बंद होते ही अपने आप शेयर चाहे मुनाफे की ओर या फिर घाटे में चल रहा हो. शेयर ऑटोमैटिक बिक जायेगा। जिसे ट्रेडिंग के भाषा में auto squareoff कहते हैं।

इसमें एक बात ध्यान रखें कि auto squareoff होने पर आपका ब्रोकर पेनाल्टी चार्ज भी काटेगा. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में शेयर को जब तक चाहे ट्रेडर होल्ड करके रख सकता हैं।

FAQ’s

Q. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए समय क्या है?

Ans. इंट्राडे ट्रेडिंग 9:00 AM से 3:30 PM के बीच में कर सकते हैं. शनिवार और रविवार शेयर मार्केट बंद रहता है।

Q. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पैसा चाहिए?

Ans. इंट्राडे ट्रेडिंग आप 5000 से शुरू कर सकते हैं.

Q. इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?

Ans. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. इसे आप घर बैठे अपने फोन या कंप्यूटर से ट्रेडिंग कर सकते हैं।

Intraday Trading Vs Delivery Trading: जानें इंट्राडे तथा डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है

Intraday Trading Vs Delivery Trading

शेयर मार्केट में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान बनता जा रहा है, लेकिन यहाँ निवेश करने के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में एक निवेशक के तौर पर आपके लिए जानना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कुछ शेयर मार्केट ट्रेडिंग अल्पकालिक अवधि के लिए होती हैं, जबकि कुछ ट्रेडिंग लंबी अवधि के निवेश के रूप में की जाती हैं।

हालाँकि शेयर बाज़ार में इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज निवेश के कुछ अन्य तरीके भी हैं जैसे फ्यूचर एवं ऑप्शन में निवेश आदि, किन्तु आज इस लेख में हम मुख्यतः अवधि के आधार पर शेयर मार्केट में करी जाने वाली ट्रेडिंग के विषय में समझेंगे। इस प्रकार शेयर बाजार में दो तरीके से ट्रेडिंग करी जा सकती हैं, जिन्हें हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग (Intraday Trading Vs Delivery Trading) के रूप में जानते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) क्या है?

जब कोई ट्रेडर या निवेशक एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री करता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में शेयरों को कम समय में लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदा जाता है, लंबी अवधि के निवेश के रूप में नहीं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी ट्रेडिंग दिन में शेयर की कीमत में हुए परिवर्तन के आधार पर ट्रेडर लाभ अर्जित करते हैं, गौरतलब है कि, डिलीवरी ट्रेडिंग के विपरीत यहाँ कोई ट्रेडर किसी शेयर को पहले बेचकर बाद में खरीद भी सकते हैं। ऐसा उस स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेडर को किसी शेयर की कीमतों में गिरावट का अंदेशा होता है, ऐसे में ट्रेडर दिन की शुरुआत में शेयर बेच देते हैं तथा दिन के मध्य या अंत में जब शेयर के दाम गिर जाएं तो उसे खरीद लेते हैं।

क्‍या शेयरों के ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट के बारे में जानते हैं आप?

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं.

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ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ट्रेड-टू-ट्रेड शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती है. इस सेगमेंट के हर एक खरीदे/बेचे गए शेयर की पूरा पेमेंट देकर डिलीवरी लेनी पड़ती है. इस सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों का निपटान ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर किया जाता है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चंदन इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज तपाड़िया कहते हैं, "T2T सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. शेयरों की डिलीवरी लेना और उनका पूरा भुगतान जरूरी होता है."

2. T2T सेगमेंट में शेयर के जाने का पैमाना क्या है?
सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टॉक एक्सचेंज किसी शेयर को T2T सेगमेंट में डालने या उससे निकालने का फैसला करते हैं. स्टॉक एक्सचेंज और सेबी की वेबसाइटों पर इसके पैमाने लिस्ट हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा होती है. समीक्षा के दिन प्रतिभूति को कम से कम 22 कारोबारी दिनों के लिए 5 फीसदी के प्राइस फिल्टर बैंड में होना चाहिए. इस मापदंड को न पूरा करने पर शेयर 'T'सेगमेंट में नहीं जा सकता है.

3. क्या T2T सेगमेंट से बाहर आकर शेयर दोबारा सामान्य तरह से ट्रेड कर सकता है?
बिल्कुल. शेयर T2T सेगमेंट से बाहर आ सकता है. एक्सचेंज और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें सामान्य तरह से ट्रेडिंग शुरू हो सकती है.

4. कौन-से शेयर अभी T2T सेगमेंट में हैं?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, अभी Atlas Cycle, Tree House, Punj Lloyd, Rolta और Melstar जैसे शेयर T2T सेगमेंट में हैं.

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