किसी व्यक्ति को ETF का चुनाव कैसे करना चाहिए?
अन्य निवेशों की ही तरह, ETF का चुनाव करना आपकी आवश्यक एसेट ऐलोकेशन, वित्तीय लक्ष्य, जोखिम की वरीयता और समय अवधि पर निर्भर करता है। ETF का चुनाव करना इस पर निर्भर करता है कि आप अपने पोर्टफोलियो में ETF को शामिल करके किस प्रकार की एसेट ऐलोकेशन हासिल करना चाहते हैं क्योंकि ETF विभिन्न प्रकार की एसेट क्लासेज़, जैसे इक्विटीज़, बॉन्ड्स, रीयल एस्टेट, कमोडिटीज़, के लिए उपलब्ध हैं। पहले ETF के लिए एसेट क्लास तय करें।
यह तय करें कि आप किस प्रकार की विविधता चाहते हैं और आप किस इंडेक्स को ट्रैक करना चाहते हैं। किसी व्यापक बाज़ार इंडेक्स को ट्रैक करने वाला ETF सबसे कम जोखिम के साथ अधिकतम विविधता हासिल करने के लिए उपयुक्त है। अगर आप जोखिम लेना चाहते हैं और बाज़ार के विशेष क्षेत्रों, सेक्टर्स या देशों तक पहुँच प्राप्त करना चाहते हैं, तो एक विशिष्ट ETF चुनें।
वह ETF आपको क्या पहुँच प्रदान करेगा, इसे समझने के लिए ETF का पोर्टफोलियो देखें। आप जिस एसेट क्लास और बाज़ार के क्षेत्र को फ़ॉलो करना चाहते किस एसेट क्लास में निवेश? हैं, उसके भीतर कम ट्रैकिंग एरर वाले ETF चुनें। कम कारोबार वाले ETF से दूर रहें क्योंकि उनके बोली/मांग प्रसार व्यापक होते हैं और यह आपके ट्रेडिंग से जुड़े खर्चों को बढ़ाएगा, जिससे ETF से आपका रिटर्न कम हो जाएगा। बाज़ार के किस एसेट क्लास में निवेश? सीमित क्षेत्रों को ट्रैक करने वाले या एसेट्स के कम स्तरों ( AUM) वाले ETF में नकदी कम होती है और वे ऐसी कीमत पर कारोबार करते हैं जो उनकी अंतर्निहित NAV के अनुरूप नहीं होती। ऐसे ETF ढूँढें जो अपनी NAV के करीब कारोबार करते हैं।
Mutual Fund: मल्टी असेट फंड में निवेश से मिलते हैं कई तरह के लाभ, जानिए इसकी क्या है विशेषता
हर असेट क्लास का पर्फोमेंस (Asset Class Performance) एक तरह से नहीं होता है। कभी-कभी इक्विटी (Equity) अच्छा प्रदर्शन करती है, तो कभी डेट (Debt) या सोना (Gold) अच्छा प्रदर्शन करता है। यदि आपके फंड (Fund) में इन सबका समावेश होगा तो आपको हर स्थिति में फायदा ही होगा।
मल्टी असेट क्लास में इक्विटी, बॉण्ड, कैश सभी का होता है समावेश
हाइलाइट्स
- लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के वक्त इस बात को समझना भूल जाते हैं कि उनके फंड में किस तरह का असेट है
- विशेषज्ञ कहते हैं कि आपके फंड में कई तरह के असेट क्लास हो
- इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को कई असेट क्लास में फैलाने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है कि इससे रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है
मुंबई
बात जब म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इंवेस्टमेंट (Investment in Mutual Fund) की आती है तो एक अहम सवाल सामने आता है। यह सवाल है पोर्टफोलियो (Portfolio) में किस तरह का असेट क्लास (Asset Class) हो? इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) को कई असेट क्लास में फैलाने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है कि इससे रिस्क (Risk) काफी हद तक कम हो जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी असेट क्लास एक निश्चित समय में समान तरीके से प्रदर्शन नहीं करते हैं। आज हम बात करेंगे मल्टी असेट फंड (Multi Asset Fund) की। इसमें निवेश से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं जो कि अन्य फंड में नहीं मिलते।
कभी इक्विटी, कभी डेट तो कभी गोल्ड का पर्फोमेंस बेहतर
PM इन्वेस्टमेंट के प्रोपराइटर प्रेम सुंदरदास मंगतानी कहते हैं कि हर असेट क्लास का पर्फोमेंस एक तरह से नहीं होता है। कभी-कभी इक्विटी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो कभी डेट या सोना अच्छा प्रदर्शन किस एसेट क्लास में निवेश? करता है। इसी तरह, जब एक असेट क्लास नेगेटिव होता है तो दूसरा असेट क्लास पॉजिटिव की ओर होने लगता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी एक विशेष असेट क्लास में तेज नकारात्मक उतार-चढ़ाव का आपके निवेश पोर्टफोलियो पर बड़ा प्रभाव न पड़े। नतीजतन, अपने पोर्टफोलियो को कई असेट क्लास में विविधता (diversification) प्रदान कर, आप अपने पोर्टफोलियो में भारी नुकसान के जोखिम को कम करते हैं। इसे ही म्यूचुअल फंड की भाषा में मल्टी असेट क्लास के नाम से जानते हैं।
इस कैटेगरी किस एसेट क्लास में निवेश? में कई ऑफर्स
उनका कहना है कि यूं तो इस कैटेगरी में कई ऑफर्स हैं, पर एक फंड जिसने लगातार सकारात्मक निवेश का अनुभव दिया है, वह है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड। इसमें महत्वपूर्ण सवाल यह होता है कि निवेश के माहौल में जब बदलाव होता है तो आप दूसरे असेट क्लास में कैसे निवेश करते हैं और कैसे एक क्लास से दूसरे में शिफ्ट होते हैं।
मल्टी असेट क्लास में कहां-कहां होता है निवेश
मंगतानी कहते हैं कि पूरी तरह से विविधीकरण (diversification) प्राप्त करने के लिए कई तरह के असेट में निवेश करना होता है। इस प्रयास में ये फंड इक्विटी, कैश, बॉण्ड समेत कई असेट क्लास में निवेश करते हैं। जबकि, अधिकांश फंड मुख्य रूप से इक्विटी और डेट में निवेश करते हैं। हालांकि, कई ऐसे भी फंड हैं जो अतिरिक्त रूप से सोने, आरईआईटीएस, इनविट में निवेश करते हैं। मल्टी असेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं। हालांकि, जब म्यूचुअल फंड निवेश में खरीदते और बेचते हैं, तो वे इन टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होते हैं। इस प्रकार, मल्टी असेट फंड में निवेश अपेक्षाकृत अधिक टैक्स बचाने वाला होता है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन में मिलता है डाइवर्सिफिकेशन का लाभ
उनका कहना है कि जब आप मल्टी असेट फंड (Multi Asset Fund) में निवेश करते हैं तो आपको न केवल असेट क्लास डायवर्सिफिकेशन (Asset Class Diversification) मिलता है बल्कि बाजार पूंजीकरण में लार्ज-कैप (Large Cap), मिड-कैप (Mid Cap) और स्मॉल-कैप (Small Cap) निवेश करके डाइवर्सिफिकेशन भी प्राप्त किया जा सकता है। नतीजतन, आप यथायोग्य डाइवर्सिफिकेशन प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं। यह शायद मल्टी असेट फंड का सबसे बड़ा लाभ है। मल्टी असेट फंड में, कुशल फंड मैनेजर (Fund Manager) निवेश पोर्टफोलियो को स्वचालित रूप से पुनर्संतुलित करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक्सपोजर असेट क्लास के सही सेट पर बना रहे।
कैपिटल गेन टैक्स का करना होगा भुगतान
उनके मुताबिक, एक निवेशक के रूप में, यदि आप अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित या री-बैलेंसिंग करना चाहते हैं, तो आपको अपने निवेश को एक असेट क्लास में भुनाना होगा और फिर दूसरे असेट क्लास में पुन: आवंटित करना होगा। इसका मतलब यह है कि जब आप रिडीम करते हैं, तो आपको होल्डिंग अवधि के आधार पर शार्ट टर्म या लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) का भुगतान करना होगा।
एसेट एलोकेशन क्यों जरूरी है, कब कैसा होना चाहिए आपका पोर्टफोलियो
हर एक निवेशक के लिए एसेट एलोकेशन अलग-अलग होगा. सभी के लिए एक फॉर्मूला नहीं है.
- Paurav Joshi
- Publish Date - October 11, 2021 / 04:58 PM IST
धारणा यह है कि किसी परिसंपत्ति की कोई भी अत्यधिक कीमत अंततः लंबी अवधि में सामान्य हो जाएगी. इसलिए यह कमजोर इच्छा शक्ति वाले निवेशकों के लिए सही विकल्प नहीं है
अगर आप निवेशक हैं तो एसेट अलोकेशन का महत्व समझना जरूरी है. किस दौर में आपको कितना पैसा इक्विटी, गोल्ड, बांड या किस एसेट क्लास में निवेश? ऐसे दूसरे एसेट एसेट क्लास में होना चाहिए, इसका अपना खास महत्व है. बहुत से लोग होते हैं तो बाजार में आई तेजी देखकर अपना पूरा पैसा वहीं झोंक देते हैं, जहां दूसरे निवेश कर रहे होते हैं. वे मंदी के दौरान भी यही करते हैं. यह गलत रणनीति है. बेहतर है कि आप एसेट अलोकेशन का महत्व समझों और उसी अनुशासन में अपना हर दौर के लिए पोर्टफोलियो तैयार करें.
हर एक निवेशक के लिए एसेट एलोकेशन अलग-अलग होगा. सभी के लिए एक फॉर्मूला नहीं है. इस तक पहुंचने के लिए कई बातों को ध्यान में रखना होगा. इनमें निवेशक की उम्र, लाइफस्टाइल, लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता शामिल हैं.
उदाहरण के लिए कंजर्वेटिव इंवेस्टर को इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 30 फीसदी, डेट में 65 फीसदी और गोल्ड फंड में 5 फीसदी निवेश की सलाह दी जा सकती है. वहीं, ऐसा कोई निवेशक जो थोड़ा जोखिम ले सकता है, उसे इक्विटी म्यूचुअल फंड में 80 फीसदी, डेट में 15 फीसदी और गोल्ड में 5 फीसदी निवेश के लिए कहा जा सकता है.
क्यों आपको एसेट एलोकेशन को अपनाना चाहिए?
एक ही समय में विभिन्न एसेट क्लास अलग-अलग दिशाओं में चलते हैं. इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि कोई एसेट क्लास कब किस दिशा में जाएगा. उदाहरण के लिए जब शेयर चढ़ते हैं तो अमूमन सोना नीचे जाता है. जब आपका पैसा कई एसेट क्लास में लगा होगा तो आपको नुकसान का खतरा घट जाएगा. वेल्थ मैनेजर मानते हैं कि लंबी अवधि में उचित एसेट एलोकेशन से 90 फीसदी रिटर्न आता है.
रिटायरमेंट प्लानिंग में एसेट एलोकेशन
रिटायरमेंट प्लानिंग में हम अक्सर एसेट एलोकेशन को भूल जाते हैं. ऐसे लोग जिनका रिटायरमेंट 20 साल बाद होना है उन्हें पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा इक्विटी का रखना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में आपको पैसा बनाना है, यहां जोखिम लेकर आप कम्पाउंडिंग की मदद से बड़ी रकम जोड़ सकते हैं. ऐसे लोग जो 50 से अधिक उम्र के हैं उन्हें अपने पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा डेट फंडों में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम बहुत कम होता है. उम्र बढ़ने के साथ या रिटायरमेंट की उम्र करीब आने के साथ आपको अपने पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन इक्विटी से डेट की ओर शिफ्ट करना चाहिए.
लक्ष्य के अनुसार एसेट एलोकेशन
निवेशक को अपने लक्ष्य के अनुसार असेट अलोकेशन में बदलाव करना चाहिए है जैसे यदि आपका लक्ष्य दूर हो तो आपको इक्विटी में निवेश ज्यादा करना चाहिए और लक्ष्य करीब हो तो डेट में निवेश करना चाहिए.
एसेट एलोकेशन की कब समीक्षा करनी चाहिए?
किसी भी फाइनेंशियल प्लान की सफलता में एसेट एलोकेशन महत्वपूर्ण है. साल में कम से कम दो बार इसकी समीक्षा जरूर करनी चाहिए. यदि किसी एसेट क्लास में 10 फीसदी से ज्यादा की कमी या बढ़ोतरी होती है तो पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित किया जाना चाहिए.
मल्टी एसेट फंड्स से कम जोखिम में पाएं ऊंचे रिटर्न, निवेश का मिला मौका, पढ़ें पूरी जानकारी
फंड का उद्देश्य इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और गोल्ड ईटीएफ की को एक साथ इस्तेमाल कर बेहतर रिटर्न हासिल करना है. फंड ग्रोथ के लिए 65 से 80 प्रतिशत तक निवेश इक्विटी में करता है.
अगर आप कम जोखिम के साथ बेहतर निवेश के विकल्प की तलाश में हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड ने इक्विटी, डेट और गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वाली एक ओपन-एंडेड स्कीम, बड़ौदा बीएनपी परिबास मल्टी एसेट फंड लॉन्च किया है. इस फंड का प्रबंधन अनुभवी फंड मैनजेर जितेंद्र श्रीराम और विक्रम पमनानी द्वारा किया जाएगा. यह निफ्टी 500 टीआरआई के 65 फीसदी से ज्यादा, निफ्टी कंपोजिट डेट इंडेक्स के 20 फीसदी और गोल्ड प्राइस का 15 फीसदी हिस्सेदारी से बने कस्टमाइज इंडेक्स को लेकर बेंचमार्क किया जाएगा. यह NFO निवेश के लिए 28 नवंबर, 2022 को खुल चुका है और 12 दिसंबर, 2022 को बंद होगा. इस फंड में कम से कम 5000 रुपये के साथ निवेश कर सकते हैं , जिसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है.
इक्विटी, एफडी और गोल्ड में निवेश
इस स्कीम का उद्देश्य निवेश का 65-80 फीसदी इक्विटी में आवंटन के जरिए लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. वहीं इसके जरिए फिक्स्ड इनकम और गोल्ड ईटीएफ दोनों एसेट क्लास में 10-25 फीसदी, जबकि REITs और INVITs में 10 फीसदी आवंटन किया जाएगा. फंड का उद्देश्य इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और गोल्ड ईटीएफ की को एक साथ इस्तेमाल कर बेहतर रिटर्न हासिल करना है. ये फंड अलग एसेट एलोकेशन-आधारित पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी प्रदान करता है. जिसका उद्देश्य बाजार में तेजी के दौरान ग्रोथ ऑफर करना और गिरावट के दौरान सुरक्षा प्रदान करना है. यानि ये कम जोखिम में बेहतर रिटर्न हासिल करने का अच्छा निवेश विकल्प है.
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर
बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीईओ सुरेश सोनी ने इस मौके पर कहा कि बड़ौदा बीएनपी परिबा मल्टी एसेट फंड निवेशकों को अलग अलग एसेट क्लास में अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर दे रहा है. यह पहली बार निवेश करने वालों और अनुभवी निवेशकों दोनों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प है, क्योंकि यह अलग अलग एसेट्स में निवेश से जुड़ी परेशानी से बचाता है. यह उन निवेशकों के लिए भी बेहतर विकल्प है, जो सोने में आवंटन के साथ एसेट क्लास डायवर्सिफिकेशन और पोर्टफोलियो की तलाश कर रहे हैं
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इस फंड का उद्देश्य मजबूत रिसर्च की मदद से एक मल्टी कैप इनवेस्टमेंट अप्रोच का फायदा उठाना है, जिसमें अलग अलग सेक्टर के लगभग 45-55 स्टॉक हैं. जब फिक्स्ड इनकम की बात आती है, तो फंड अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिमों के साथ बेहतर रिटर्न देने के लिए डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स के हाई क्वालिटी वाले पोर्टफोलियो में निवेश करता है वहीं फंड गोल्ड ईटीएफ में निवेश के जरिए निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड को भी शामिल करता है.
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