RBI Alert List: इन 34 वेबसाइट्स से रहें सावधान, वरना एक गलती पड़ जाएगी भारी; आरबीआई ने दी ये चेतावनी
RBI issues Alert List: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फॉरेक्स ट्रेड में शामिल 34 गैर अधिकृत एंटिटीज की एक अलर्ट लिस्ट जारी की है. RBI ने कहा कि ये सभी वेबसाइट्स फॉरेक्स ट्रेड (Forex Trade) के लिए अधिकृत नहीं हैं.
RBI issues Alert List: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फॉरेक्स ट्रेड में शामिल 34 गैर अधिकृत एंटिटीज की एक अलर्ट लिस्ट जारी की है. RBI ने कहा कि ये सभी वेबसाइट्स फॉरेक्स ट्रेड (Forex Trade) के लिए अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सर्च इंजन, ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म और गेमिंग ऐप समेत भारतीय निवासियों को फॉरेक्स ट्रेड फैसिलिटी की पेशकश करने वाले अनऑथराइज़्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के भ्रामक एड्स के खिलाफ भी आगाह किया है.
RBI की ओर से जारी अलर्ट लिस्ट में 34 नाम
RBI की ओर से जारी अलर्ट लिस्ट में 34 नाम हैं. RBI ने लोगों को चेतावनी देते हुए इन 34 प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने से मना किया है. RBI ने साफ किया है कि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए अगर विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
Online Trading: FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अगर करते ऑनलाइन ट्रेडिंग तो हो जाइये सावधान, RBI ने बैन किये ट्रेडिंग ऐप जानिए पूरी खबर
Online Trading: अगर करते ऑनलाइन ट्रेडिंग तो हो जाइये सावधान, RBI ने बैन किये ट्रेडिंग ऐप जानिए पूरी खबर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्सर ग्राहकों की सुरक्षा देखते हुए नए-नए अपडेट देता है। इस बार भी सेंट्रल बैंक ने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया है। यदि आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जुड़े है तो यह खबर जरूर पढ़े। हाल ही में आरबीआई ने एक नई लिस्ट जारी की है, लिस्ट में वैसे ऐप्स और वेबसाईट को शामिल किया गया है, जो फॉरेक्स लेन-देन और सौदे के लिए रजिस्टर्ड नहीं है। इस लिस्ट FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में आरबीआई ने 34 प्लेटफॉर्म को शामिल किया है।
ध्यान से करे ऑनलाइन ट्रेंडिग नहीं तो हो सकती है कानूनी कार्यवाही
कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जो ग्राहकों को अधिक रिटर्न का वादा करके आकर्षित करते हैं, जो काफी खतरनाक होता है। इतना ही नहीं यदि आपको इन प्लेटफॉर्म का सही ज्ञान ना हो तो आप कानूनी मुसीबतों में भी फंस सकते है। आरबीआई के मुताबिक इन अनाधिकृत प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। आरबीआई ने बयान जारी करते हुए लोगों को आगाह किया की वो किसी भी अनाधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा का लेन-दें या धन राशि जमा ना करें।
इन ऐप को किया गया है बैन
1 Alpari
2 AnyFX
3 Ava Trade
4 Binomo
5 eToro
6 Exness
7 Expert Option
8 FBS
9 FinFxPro
10 Forex.com
11 Forex4money
12 Foxorex
13 FTMO
14 FVP Trade
15 FXPrimus
16 FXStreet
17 FXCM
18 FxNice
19 FXTM
20 HotForex
21 ibell Markets
22 IC Markets
23 iFOREX
24 IG Markets
25 IQ Option
26 NTS Forex Trading
27 OctaFX
ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप क्या है
ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप एक मोबाइल एप्लीकेशन है जिस पर आप स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं और अन्य एसेट में ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते हैं. आपको बस एक स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता है
आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड ऐप का ही कर इस्तेमाल
यदि कोई भी ग्राहक फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड ना किए गए ईटीपी (एक्सचेंज प्रोडक्ट फण्ड) का इस्तेमाल करते हैं तो भविष्य में अगर उनपर कोई कार्यवाही होती है तोह उस कार्यवाही के लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे। आरबीआई ने यह जानकारी भी दी की अधिकृत व्यक्तियों आउए ईटीपी की लिस्ट आरबीआई के ऑफिशियल वेबसाईट पर उपलब्ध है। साथ ही आरबीआई ने यह भी कहा की फेमा के नियमों के मुताबिक निवानी व्यक्तियों को सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों के साथ और अनुमत कारणों के लिए विदेशी मुद्रा के लेन-देन की इजाजत होती है। यहाँ दिए गए लिंक पर विज़िट करके आप अनाधिकृत प्लेटफॉर्म की लिस्ट देख सकते हैं
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सामान्य जोखिम चेतावनी: कंपनी द्वारा ऑफर किए जाने वाले वित्तीय उत्पादों में उच्च स्तर का जोखिम शामिल होता है, जिसके परिणामस्वरूप आपके सभी फंड खोने का नुकसान हो सकता है। आपको कभी भी उतने पैसे का निवेश नहीं करना चाहिए जिसे आप खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।
बिना मैनेजमेंट डिग्री के इस शख्स ने किया कमाल, अपने बिजनेस को पहुंचाया बुलंदी पर, हॉवर्ड-IIM वाले भी फेल!
हाल ही में Zerodha के सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) अपने कर्मचारियों को दिए चैलेंज को लेकर सुर्खियों में रहे थे. उन्होंने एक महीने की बोनस सैलरी पाने के लिए कर्मचारियों को अपने रोजना फिटनेस लक्ष्य का 90 फीसदी हासिल करने का चैलेंज दिया था. इसके साथ ही इसमें 10 लाख रुपये का एक लकी ड्रा भी रखा था.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 07 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 07 नवंबर 2022, 4:26 PM IST)
कहते हैं जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं और काबिलियत के लिए किसी ड्रिगी-डिप्लोमा की जरूरत नहीं बस जुनून ही काफी है. ये कहावतें भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में से एक जेरोधा (Zerodha) के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ (Nithin Kamath) के ऊपर बखूबी लागू होती है. नितिन ने कैसे बिना किसी बिजनेस स्कूल की पढ़ाई किए ही अपने बिजनेस को इतनी बुलंदियों पर पहुंचा दिया कि कई हॉवर्ड (Harvard) और आईआईएम (IIM) वाले भी फेल नजर आते हैं.
नितिन के पास नहीं था कोई Plan-B
देश के टॉप ब्रोकरेज हाउस जेरोधा के फाउंडर और CEO नितिन कामथ के पास कोई प्लान बी नहीं था. उनकी मानें तो अगर मैं भी दुनिया के बड़े बिजनेस स्कूल आईआईएम या फिर हार्वर्ड का छात्र होता, तो मुझे पता होता कि अगर एक काम नहीं करूंगा, तो FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म दूसरी नौकरी तलाश लूंगा. लेकिन इसके साथ ही कामथ का कहना है कि बिजनेस स्कूल की शिक्षा एक पैराशूट जरूर है, लेकिन यह मुझे अपने सपनों को पूरा करने से रोकती है. जेरोधा आज एक टॉप ब्रोकरेज हाउस है और इसके करीब 40 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं.
शेयर बाजार का एक्सपीरियंस आया काम
नितिन कामथ का मानना है कि इस स्टार्टअप (Start-up) ने आज जो भी सफलता पाई है, उसमें भाई निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के साथ जेरोधा की शुरुआत से पहले शेयर बाजार (Stock Market) बिताए गए 10-12 सालों का बड़ा रोल है. गौरतलब है कि जेरोधा, आज देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से एक है और भारत की स्टार्ट-अप कहानियों में एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करती है. बता दें भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है.
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KV Kamath ने भी की सराहना
हाल ही में ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha की नेशनल बैंक फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रेसिडेंट केवी कामथ ने भी सराहना की थी. अनुभवी बैंकर ने एक कार्यक्रम में बूटस्ट्रैप्ड और कैश-फ्लो पॉजिटिव वेंचर होने के लिए जेरोधा को बधाई देते हुए इसे कारोबार के लिए एक अच्छा मॉडल करार दिया था. जेरोधा एक फाइनेंसियल सर्विस कंपनी है. ये शेयर मार्केट में स्टॉक की खरीद-बिक्री करती है और म्यूचुअल फंड में ट्रांजेक्शन के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है
दिलचस्प है नितिम कामथ का सफर
नितिन कामथ ने 90 के दशक में ही Share Bazar में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी. वे अपनी मां के ऑफलाइन ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे भी निवेश करने लगे थे. इसके बाद उन्होंने कॉल सेंटर में भी काम किया. कम उम्र में ही शेयरों की अच्छी समझ ने उन्हें अपना लक्ष्य स्थापित करने में मदद की. 2005 में उन्होंने अपना एडवाइजरी बिजनेस भी शुरू किया था. इसके कुछ समय बाद NSE ने फ्री ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जहां से नितिन कामत को जीरोधा की शुरुआत का आइडिया मिला.
2010 में जेरोधा की शुरुआत
नितिन कामथ अक्सर Social Media पर लोगों को कई टॉपिक पर अवेयर करते रहते थे, जो अभी भी लगातार जारी है. खासकर स्टॉक मार्केट की उठा-पठक और इन्वेस्टमेंट करने को लेकर वह अपनी जानकारियां सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं. साल 2010 में नितिन कामथ ने अपने छोटे भाई निखिल कामथ के साथ मिलकर ब्रोकरेज फर्म जेरोधा की नींव रखी थी. इसके बाद दोनों भाइयों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2020 में फोर्ब्स ने इन दोनों भाइयों को भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी शामिल किया था.
छात्रों का रहता है नौकरी पर फोकस
एक ओर जहां देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है और नितिन कामथ जैसे कारोबारी मिसाल पेश कर रहे हैं. विशेषज्ञों का भी मानना है कि देश को सैकड़ों हजारों उद्यमियों की जरूरत है. इंडियन एंजेल नेटवर्क की को-फाउंडर और IAN फंड की फाउंडिंग पार्टनर पद्मजा रूपारेल का कहना है कि हमारे देश के 90 फीसदी छात्र अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मोटी सैलरी वाली जॉब पाने पर ज्यादा फोकस करते हैं. वाधवानी फाउंडेशन के वाधवानी एंटरप्रेन्योर के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव वारियर का कहना है कि हम एक नौकरी-उन्मुख अर्थव्यवस्था में हैं, न कि स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था में.
Facebook का नाम बदलने के साथ और क्या-क्या बदला? यहां जानिए
फेसबुक का सिर्फ नाम ही नहीं बदला है, इसके साथ ही कुछ और चीजें भी बदल गई हैं.
फेसबुक (Facebook) का नाम अब फेसबुक नहीं रहा, बल्कि मेटा (Meta) हो गया है. कंपनी का पूरा नाम मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (Meta . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 29, 2021, 13:27 IST
नई दिल्ली. फेसबुक (FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Facebook) का नाम अब फेसबुक नहीं रहा, बल्कि मेटा (Meta) हो गया है. कंपनी का चेहरा तो बदल ही दिया गया है, चरित्र बदलने के लिए भी कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं. कंपनी ने कहा है कि हमें सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफार्म न समझा जाए, क्योंकि अब हम एक वर्चुअल-रियलिटी विजन (मेटावर्स) बनने की तरफ अग्रसर हैं. पहले कंपनी में ‘Facebook First’ कहा जाता था, जोकि अब ‘Metaverse First’ FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हो जाएगा. इसी के साथ ही अब कंपनी का शेयर बाजार में नाम (Symbol) भी बदल जाएगा.
FB नहीं अब MVRS के नाम से FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होगी ट्रेडिंग
अमेरिकी शेयर बाजार में फेसबुक का शेयर FB के नाम से चलता है. जिसे भी फेसबुक के शेयर खरीदने या बेचने FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होते हैं, वह अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर FB सर्च करता है. लेकिन अब लोगों को FB की बजाय MVRS सर्च करना होगा. क्योंकि कंपनी FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अब फेसबुक से मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (Meta Platforms Inc) हो गई है. इस सिंबल को बदलने में तकरीबन एक महीना लगेगा. बताया जा रहा है कि 1 दिसंबर से ये नाम परिवर्तन होगा.
मेटा के सीईओ ज़करबर्ग ने बताया कि इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और फेसबुक समेत कंपनी के दूसरे ऐप्स का नाम नहीं बदलने जा रही है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि उनकी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग दो सेगमेंट्स- रियलिटी लैब्स और फैमिली ऑफ ऐप्स में बंट जाएगी.
क्या है मेटा शब्द का मतलब
मेटा (Meta) ग्रीक शब्द ‘बियॉन्ड’ (Beyond) से आया है. Beyond का FBS में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मतलब मोटे तौर पर ‘के परे’ से लिया जाता है. कंपनी भी इंटरनेट में सोशल मीडिया की सीमाओं ‘के परे’ की बात कर रही है. मार्क ज़करबर्ग का कहना है कि उनकी कंपनी ऐसी है जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है. इस बदलाव का मकसद फेसबुक को मेटावर्स कंपनी के तौर पर पेश करना है. मेटावर्स क्या है, हम इसे अलग से विस्तार से बता चुके हैं. आप मेटावर्स एन्वायरमेंट को आसान शब्दों में समझने के लिए ये खबर पढ़ सकते हैं – मेटावर्स क्या है और ये आपके किस काम का है?
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