Mutual Fund investment tips: क्या होता है फोकस्ड फंड? इसमें SIP करने पर निवेश क्या होता है? होगी मोटी कमाई
Focused mutual funds: फोकस्ड म्यूचु्अल फंड की मदद से आपका पैसा सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इसमें मिलने वाला रिटर्न ज्यादा होता है, लेकिन रिस्क भी रहता है. एक्सपर्ट नए निवेशकों को इससे बचने की सलाह देते हैं.
Mutual Fund investment tips: अगर आप लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं या फिर किसी बड़े फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड इसका आसान तरीका है. म्यूचुअल फंड में डिसिप्लिन के साथ एसआईपी (SIP in Mutual funds) करें और लंबी अवधि के लिए इंतजार करें. लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का फायदा मिलेगा और आपको मल्टी टाइम्स रिटर्न मिलेगा. यह कई प्रकार निवेश क्या होता है? का होता है, जिसमें एक का नाम है फोकस्ड फंड.
अधिकतम 30 स्टॉक में निवेश किया जा सकता है
SEBI गाइडलाइन के मुताबिक, फोकस्ड फंड का पैसा लिमिटेड स्टॉक में निवेश किया जाता है. इस फंड का पैसा अधिकतम 30 स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. वहीं, ज्यादातर इक्विटी फंड में आपका पैसा 50 से 100 स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. मल्टीकैप फंड्स की तरह फंड मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप में, कहीं भी निवेश कर सकता है.
सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश किया जाता है
फोकस्ड फंड लक्षित निवेश होता है जिसमें आप निवेश के लिए सलेक्टेड स्टॉक चुनते हैं. निवेशकों को यहां ज्यादा रिटर्न मिलता है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है. मुख्य रूप से यह दो तरह का होता है. फोकस्ड इक्विटी फंड में कम से कम 65 फीसदी स्टॉक में निवेश किया जाता है. फोकस्ड डेट फंड में कम से कम 65 फीसदी डेट मार्केट में निवेश किया जाता है.
किसी भी सेक्टर के स्टॉक में निवेश किया जा सकता है
फोकस्ड फंड का फंड मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में कहीं भी अपनी स्ट्रैटिजी के हिसाब से निवेश कर सकता है. मार्केट कैप को लेकर इसमें कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं है. इसके अलावा फंड मैनेजर किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुन सकता है. अधिकतम स्टॉक की लिमिट 30 है. ऐसे में वह फार्मा, एफएमसीजी, केमिकल्स, आईटी, मेटल्स समेत किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुनने के लिए स्वतंत्र है.
नए निवेशक फोकस्ड फंड से बचें
जानकारों का कहना है कि अगर निवेशक ज्यादा रिस्क के लिए तैयार है निवेश क्या होता है? तो वह फोकस्ड फंड में निवेश कर सकता है. अगर निवेशक नया है तो उसे इससे बचना चाहिए. अनुभव होने के बाद ही निवेशक को फोकस्ड फंड चुनना चाहिए. चूंकि यह पूरी तरह बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. ऐसे में कम से कम 5 साल के लिए निवेश करने की सलाह दी जाती निवेश क्या होता है? है. एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर सेक्टर और स्टॉक का सलेक्शन किया जाता है. ऐसे में स्टॉक निवेश क्या होता है? के सही प्रदर्शन में थोड़ा समय लग सकता है.
इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है ? – What is what is Investment In Hindi | निवेश किसे कहते हैं?
इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है
इन्वेस्टमेंट क्या होता है / निवेश क्या है ? निवेश किसे कहते हैं?
निवेश क्या है: अपनी बचत की पूंजी को किसी ऐसी जगह पर लगा देना, जिससे की एक निश्चित समय बाद वह पूंजी बढ़ जाये तो उसे निवेश कहते है। निवेश अपने पैसे पर अतिरिक्त लाभ कमाने के लिये किया जाता है।
दूसरे शब्दों में जब हम अपने बचत के पैसों को इस तरह से उपयोग में लेते है की भविष्य में वह पैसे बढ़ कर अपनी मूल राशि से ज्यादा हो जाये तो इससे हमें जो लाभ प्राप्त हुआ इसे इन्वेस्टमेंट या निवेश से मिलने वाला लाभ कहेंगे।
निवेश / इन्वेस्टमेंट का महत्व
आज की बचत ही कल की कमाई है। निवेश करने का मुख्य कारण अपने पैसों से पैसा बनाना होता है ताकि भविष्य की अपनी जरूरतों और अपने सारे सपनों को पूरा किया जा सके।
दिन – प्रतिदिन महंगाई बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है और जिस तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है उतनी तेज़ी से लोगो की आमदनी (Income) नहीं बढ़ रही है। इसलिये अपनी आमदनी हो बढ़ाने के लिये भी निवेश करना जरूरी हो जाता है। निवेश करने पर लाभ होगा और उस लाभ से आप अपने सभी खर्चो को पूरा कर सकते है।( इन्वेस्टमेंट क्या है – what is Investment In Hindi )
बचत और निवेश में अंतर (Difference Between Saving And Investment)
अगर आप अपनी सैलरी से कुछ पैसा बचाकर अलग से बैंक या घर में रखते है तो वह निवेश क्या होता है? बचत है। लेकिन बचाये हुये पैसों से शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर, म्यूच्यूअल फंड, जमीन आदि खरीद कर रखी जाये तो वह निवेश है।
बचत अल्पकालिक और निकटतम लक्ष्यों को पूरा करने के लिये की जाती है। जैसे: 2 – 3 महीने या 5 – 6 महीने बाद किसी काम को करने या किसी वस्तु को खरीदने के लिये पैसे चाहिये होंगे तो इसके लिये आप बचत (Saving) करेंगे।
निवेश (Investment) को Long Term Goals को पूरा करने के लिये किया जाता है। जैसे: कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिये निवेश किया जाता है। (निवेश क्या होता है – Nivesh kya hota hai)
निवेश कहां करें (Where To Invest Money)
1. Fixed Deposit (फिक्स्ड डिपाजिट): फिक्स्ड डिपाजिट को बैंक में करवाया जाता है। FD में निवेश करके सालाना 7 – 8% रिटर्न अपने पैसे पर कमाया जा सकता है। FD में निवेश सुरक्षित रहता है और लगाये हुये पैसे के डूबने की संभावना नहीं के बराबर होती है।
2. Mutual Fund (म्यूच्यूअल फंड): म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया हुआ पैसा सीधे शेयर बाजार में लगता है इसलिये म्यूच्यूअल फंड्स थोड़े जोखिम भरे हो सकते है लेकिन 3 से 5 साल के लिये म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जाये तो आप सालाना 15 – 20% तक रिटर्न कमा सकते है।
3. Equity Investment (इक्विटी इन्वेस्टमेंट): इक्विटी इन्वेस्टमेंट का अर्थ होता है की अपनी समझ से सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाना। शेयर मार्किट को समझकर और अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह से शेयर मार्किट में निवेश करके 25 से 30% तक रिटर्न कमा सकते है।
4. Real Estate (रियल एस्टेट): रियल एस्टेट का अर्थ होता है की जमीन, घर, फ्लैट, बिल्डिंग में निवेश करना। रियल एस्टेट में निवेश करने के लिये बहुत ज्यादा पैसों की जरुरत होती है और इसमें अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
5. Business Investment (निवेश क्या होता है? व्यापार में निवेश): निवेश करने के लिये आप कोई व्यापार शुरू कर सकते है या किसी और के निवेश क्या होता है? व्यापार में भी निवेश कर हिस्सेदार बन सकते है। (निवेश क्या है – Nivesh Kya Hai)
निवेश करके पैसा कमाने के कई तरीके होते है। आप अपने लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार कहाँ निवेश करना है उसका निर्णय ले सकते है।
Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स
अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपनाए ये कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके निवेश को तो सुरक्षित करेगा ही साथ ही आप को दिलायेगा ज्यादा रिटर्न
छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.
Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि निवेश क्या होता है? इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.
निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते समय ये कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें
हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप का फायदा होगा? उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.
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2. फंडामेंटल एनालिसिस
जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी निवेश क्या होता है? इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.
3. पोर्टफोलियो में लाएं डायवर्सिटी
क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप निवेश क्या होता है? के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.
4. जोखिमों के बारे में रखें जानकारी
स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को ये पता होता है कि उसे कब शेयर खरीदना और बेचना है. आम तौर पर 20 से 30 फीसदी के लाभ पर शेयर होल्डर्स अपने शेयर को बेच देते हैं, लेकिन मंदी के दौर में निवेशकों को इसे लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि मंदी के समय में सस्ते शेयर लेकर इन्हें बाद में प्रॉफिट के साथ बेच देंगे. तो ये सोच कभी-कभी निवेशक के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है.
निवेश क्या होता है?
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