पिछले हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अलग-अलग मुद्राओं की भूमिका के बारे में नई योजना का एलान किया था। उसके उसके मुताबिक उसके भंडार में अब यूरो और युवान के अलावा ब्रिटिश पाउंड का हिस्सा पांच फीसदी, जापानी येन का 4.7 फीसदी और स्वर्ण का 20.2 फीसदी होगा। गौरतलब है कि रूस ऐसा पहला बड़ा देश है, जिसने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे

वैश्विक विनिर्माताओं को भारत लाने के लिए रणनीति बनाए उद्योग : सीतारमण

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए काफी सुविधाएं दी हैं और नियमों में बदलाव किया है। इसके अलावा हम उन उद्योगों से भी संपर्क कर रहे हैं जो भारत आना चाहते हैं।

सीतारमण ने कहा, ‘‘आप खुद को पश्चिमी देशों और विकसित दुनिया में मंदी के लिए तैयार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह आपके लिए वहां काम कर रहे विनिर्माताओं को भारत लाने की रणनीति बनाने को सबसे अच्छा समय है।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भले ही उनका मुख्यालय वहां है, लेकिन उनके लिए यह उपयोगी हो सकता है कि वे यहां से कई चीजें खरीदें। कम से कम दुनिया के इस हिस्से के बाजारों के लिए यहां से उत्पादन करें।’’

अमेरिका को टक्कर: विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर मुक्त करने के रूस के रणनीति विदेशी मुद्रा फैसले से खुश है चीन

युआन चीन डिजिटल मुद्रा

रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।

विस्तार

रूस के अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर को हटाने का लक्ष्य पूरा कर लेने से चीन खुश है। उसका मनोबल इस बात से और ज्यादा बढ़ा है कि रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में अब चीनी मुद्रा युवान को अधिक जगह देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते रूस ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा शून्य कर दिया। इसके पहले तक उसके भंडार में 35 फीसदी हिस्सा डॉलर का था। दूसरी तरफ रूस ने युवान का हिस्सा बढ़ा कर 30.4 फीसदी करने का फैसला किया। यूरो के बाद सबसे ज्यादा अहमियत रूस ने युवान को ही दी है। यूरो का हिस्सा 39.7 फीसदी रखने का फैसला किया गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि रूस के इस कदम से चीन के आर्थिक विकास में उसके भरोसे की झलक मिली है। साथ ही इससे यह जाहिर हुआ है कि रूस चीन के साथ अपने सहयोग को भविष्य में और बढ़ाने का पक्का इरादा रखता है। वांग ने कहा कि रूस और चीन के संबंध दोनों के लिए फायदेमंद हैं और चीन भी इसे बढ़ावा देता रहेगा।

फिर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, 563.5 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : लगातार पांच सप्ताह की बढ़त के बाद एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिल रही है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का कोष 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.5 अरब डॉलर पर आ गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) और स्वर्ण भंडार रणनीति विदेशी मुद्रा घटा है. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी इजाफा हुआ है. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, बिहार जहरीली शराबकांड : मुख्य आरोपी समेत 5 गिरफ्तार, होम्योपैथी दवा और चीनी मिलाकर बनाते थे नकली शराब)

लगातार पांच सप्ताह से विदेशी मुद्रा भंडार में हो रहा था इजाफा

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा हुआ है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर के खत्म हुए सप्ताह में यह 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर रहा था. इससे पहले 2 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था.

रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गया. हालांकि इससे पहले एफसीए 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. एफसीए घटने के कारण ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आयी है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व 15 करोड़ डॉलर घट गया

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट दर्ज की गयी है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 15 करोड़ डॉलर घटकर 40.579 अरब डॉलर रह गया.इससे पहले 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया था. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 7.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.181 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया था.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.114 अरब डॉलर हो गयी. इससे पहले यह 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया था. आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान वैश्विक घटनाक्रमों की खूब हलचल रही. जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा का मूल्य डॉलर के मुकाबले काफी घट गया. इस गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने डॉलर बाजार में बेचे. जिसका प्रभाव देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा.

आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने के कगार पर, दुनिया उसकी ओर से खींच रही हाथ

Pakistan Economic Crisis पाकिस्तान पिछले कुछ समय से भयावह आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने के कगार पर है तो दुनिया उसकी ओर से हाथ खींच रही है। रणनीति दीर्घकाल में अब पाकिस्तान के लिए नुकसानदेह साबित होती दिख रही है।

डा. लक्ष्मी शंकर यादव। पिछले लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में डीजल-पेट्रोल के दाम ऊंचाई के रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। साथ ही बिजली की कटौती भी बढ़ गई है। पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी खत्म कर दी गई है और गैर जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नगदी की कमी से संकटग्रस्त पाकिस्तान भारी महंगाई, रुपये की कीमत में गिरावट और कठिन वैश्विक वित्तीय दशाओं से जूझ रहा है।

तमिलनाडु के इरोड में जंगली हाथी का तांडव (फाइल फोटो)

आइएमएफ से मदद की गुहार

आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अपने देश की खातिर आइएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.7 अरब डालर की धनराशि जल्द जारी कराने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। विदित हो कि पाकिस्तान और आइएमएफ ने मूलरूप से वर्ष 2019 में बेलआउट समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन 1.7 अरब डालर की किस्त पर इस साल के आरंभ में रोक लगा दी गई थी। अब पाक सेना प्रमुख ने अमेरिकी उपविदेशमंत्री वेंडी शरमन के साथ इस मामले पर चर्चा करके पाकिस्तान की मदद के लिए आइएमएफ में अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील की। सेना प्रमुख द्वारा इस तरह की अपील करना विशेष मायने रखता है।

झारखंड में लगभग 13 लाख डोज कोवैक्सीन हैं, जो लगाई जा रही है।

पाकिस्तान की सेना ने अब तक 75 साल के इतिहास में आधे से अधिक समय तक देश पर शासन किया है और इस दौर में अमेरिका के साथ मिलकर काम किया है। शायद यही पुराना सहयोग काम करवा सके। जबकि हाल के वर्षो में मुख्य रूप से अफगानिस्तान के मामले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इमरान खान के कार्यकाल में दोनों देशों के मध्य संबंध तनावपूर्ण रहे।

रूस-युक्रेन युद्ध का असर

रूस-युक्रेन युद्ध सहित विभिन्न वैश्विक कारकों की वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई है. NDTV के अनुसार, 24 फरवरी के बाद से भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 34 अरब अमरीकी डालर या लगभग 5.4 प्रतिशत की कमी आई है.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों और कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि ने दुनिया भर के देशों में गंभीर मुद्रास्फीति पैदा की है. जिससे केंद्रीय रणनीति विदेशी मुद्रा बैंकों को समस्या का समाधान करने के लिए उपाय करना पड़ा है.

बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजारों में गिरावट को रोकने के लिए आक्रामक उपाय कर रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से डॉलर बेच रहा है और इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है.

आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गोयनका ने बताया कि, "आरबीआई रुपये की गिरावट को रोकने के लिए विदेश मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर रहा है."

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