बढ़ ही रहा है ब्याज दर

UP News: विदेश दौरे के बाद लौटी सीएम योगी की 'टीम यूपी', निवेश प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुलाई मंत्रियों की बैठक

उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने विदेश यात्रा की और उस दौरान उन्हें 712,288 करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला है. अपनी इस सफलता से यूपी सरकार गदगद है और सीएम योगी ने इसको लेकर मंत्रियों को बधाई दी है.

By: वीरेश पांडेय | Updated at : 22 Dec 2022 11:32 PM (IST)

(सीएम योगी ने मंत्रियों संग की बैठक, फोटो - सोशल मीडिया)

CM Cabinet Meeting: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का संदेश लेकर उद्यमियों, कंपनियों और संस्थाओं को निवेश का न्योता देने के लिए निवेश साधन विदेश दौरे (Ministers Foreign Tour) पर गई 'टीम यूपी' (Team UP) वापस लौट आई है. 10 से 12 फरवरी 2023 को लखनऊ में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) से पहले 16 देशों के 21 शहरों में आयोजित इन्वेस्टर्स रोड शो में राज्य के मंत्रियों ने शिरकत की. इस दौरे के बाद मंत्रियों के समूह ने सीएम योगी के साथ अपने अनुभव शेयर किए और निवेश प्रस्ताव की जानकारी दी.

सीएम योगी ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की. सीएम योगी ने कहा, 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है. यह अत्यंत हर्ष की बात है कि 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है. अकेले यूनाइटेड किंगडम, युनाइटेड एस्टेट ऑफ अमेरिका से चार लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. टीम यूपी के सभी सदस्यों को मेरी बधाई.'

149 एमओयू पर किया गया हस्ताक्षर

सरकार की ओऱ से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस दौरान 712,288 करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला है जबकि 149 एमओयू साइन किए गए हैं. बताया जा रहा है कि इससे 7,02,415 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. सीएम योगी ने निवेश साधन बैठक में कहा कि 15 जनवरी के बाद एकबार फिर कुछ देशों की यात्रा की जाएगी. सीएम योगी ने कहा, 'विदेश में रोड शो की इस सफलता से यह सुनिश्चित हो गया है कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है. व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा.' सीएम योगी ने बताया कि निवेश को लेकर हर देश के लिए अलग डेस्क तैयार किया जाएगा ताकि संबंधित देशों से संवाद बनाया जा सके.

इन शहरों और क्षेत्रों में निवेश की जताई गई इच्छा

सरकार की तरफ से बताया गया है कि विदेश में जी2जी और बी2जी बैठकों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा के अलावा गोरखपुर, काशी, प्रयागराज, अलीगढ़, लखनऊ और कानपुर में निवेश की इच्छा जताई गई है. साथ ही हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, ड्रग्स-फार्मा, मेडिकल डिवाइस, केमिकल, टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, ग्रीन हाइड्रोजन, ईवी बैटरी विनिर्माण, एमएसएमई, दुग्ध, शिक्षा, डिफेंस एंड एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, ड्रोन विनिर्माण, कृषि, टेक्सटाइल, स्टील मैन्युफैक्चरिंग, हार्टिकल्चर, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट, डेटा सेंटर, रिवर बेसिन मैनेजमेंट, आदि सेक्टर में निवेश के लिए विभिन्न औद्योगिक समूहों ने अपने निवेश के प्रस्ताव दिए हैं. सीएम योगी ने इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए निवेशकों की जरूरत के अनुसार हर संसाधन उपलब्ध कराने को कहा है.

ये भी पढ़ें -

Published at : 22 Dec 2022 11:32 PM (IST) Tags: yogi adityanath Uttar Pradesh Lucknow हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: States News in Hindi

Investment Returns: आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना, '72 के नियम' को समझिए

टाइम्स नाउ डिजिटल

Investment Returns: हर एक शख्स निवेश साधन की चाहत होती है कि उसके निवेश पर बेहतर रिटर्न मिल सके। सरकारी और गैर सरकारी बैंक अलग अलग स्कीम के तहत निवेशकों को आकर्षित करते हैं, ऐसे में आपके लिए यह जरूरी है कि कौन सा निवेश प्रस्ताव आपके लिए बेहतर साबित होगा।

FD, PPF, NPS, Sukanya Yojana, Investors, Rule of 72, Investment Tips

Investment Returns: बैंक जमा दरों में नरमी के बीच सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। गिरती ब्याज दरों की वजह से निवेशक बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेश के अन्य विकल्प तलाशने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आपको कौन सा विकल्प चुनना चाहिए? इसके लिए सबसे पहले अपनी निवेश अवधि और वह लक्ष्य तय करें जो आप निवेश करना चाहते हैं। यदि आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा के लिए बैंक FD में निवेश कर रहे थे तो आप सुकन्या समृद्धि योजना या म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं।

पहले योजनाओं का करें चयन
एक बार जब आप अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार निवेश साधन पर योजनाओं का चयन कर लेते हैं, तो आप सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले को चुनने के लिए रिटर्न अंतर को भी देख सकते हैं। जैसे यहां पर हम बताएंगे कि इन निवेश साधनों को आपके निवेश को दोगुना करने में कितना समय लगता है। एक योजना का चयन करना तब आसान हो जाएगा जब आपको पता चल जाए कि कौन सी योजना आपके निवेश को तेजी से दोगुना कर देगी।

72 का एक सरल नियम
यह 72 का एक सरल नियम है जो आपको बताता है कि आपका पैसा कितनी तेजी से दोगुना होगा। कितना पैसा दोगुना होगा यह जानने से पहले अपने लक्ष्यों और निवेश की अवधि निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। आइए अब 'निवेश साधन निवेश साधन 72 का नियम' का उपयोग करके पता करें कि ये निवेश कितनी तेजी से पैसे को दोगुना कर सकते हैं। हम यह देखने के लिए '72 का नियम' का उपयोग करेंगे कि ये निवेश कितनी तेजी से निवेशित धन को दोगुना कर देंगे। 72 का नियम एक सूत्र है जहां हम '72' संख्या को निवेश साधन द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से विभाजित करते हैं ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि आप उस विशेष निवेश के साथ अपने पैसे को कितनी जल्दी दोगुना कर सकते हैं।

एक नजर

म्यूचुअल फंड और सुकन्या समृद्धि योजना आपको 100% रिटर्न देने में सबसे तेज हैं। 5.5% पर बैंक FDs को आपके पैसे को दोगुना करने में निवेश साधन निवेश साधन 13 साल से अधिक समय लगेगा। (72/5.5 = 13.09)

पीपीएफ 7.1% प्रति वर्ष की ब्याज ऑफर कर रहा है। ब्याज दर 7.1% (72/7.1 = 10.14) पर बनी हुई है, तो पीपीएफ को आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 10 साल लगेंगे। इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6% की मौजूदा ब्याज दर पर आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 9.4 साल लगेंगे।

आपको मौजूदा ब्याज दरों पर अपने निवेश को दोगुना करने के लिए लंबी परिपक्वता अवधि प्रदान नहीं कर सकती हैं, लेकिन इस अभ्यास के जरिए आपको बैंक एफडी का विकल्प चुनने में मदद मिलेगी और निवेश से मिलने वाले रिटर्न के बारे में भी पता चलेगा। यदि एक पूर्ण स्विच नहीं है, तो आप अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न अर्जित करने में मदद करने के लिए अपने 'केवल बैंक FD' पोर्टफोलियो के पूरक के लिए इन निवेशों को जोड़ सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि 72 का नियम एक अनुमानित विचार प्रदान करता है।

GOLD Vs REAL ESTATE: क्या गोल्ड में निवेश से होंगे मालामाल या रियल एस्टेट में पैसा लगाना है फायदे का सौदा?

GOLD Vs REAL ESTATE: सोने को हमेंशा से ही निवेश का एक बेहतर विकल्प माना गया है. इसमें आप कम से कम धनराशि से निवेश करना शुरू कर सकते हैं. वहीं, रियल एस्टेट में निवेश के लिए आपके पास बड़ी रकम होना जरूरी है. हालांकि, रियल एस्टेट में निवेश से आपको नियमित आय प्रप्त होने की संभावना रहती है.

Updated: March 22, 2022 10:23 AM IST

GOLD INVESTMENT

GOLD Vs REAL ESTATE: सोना (GOLD) है सदा के लिए. सोना (GOLD) हमेशा से ही निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश का साधन माना जाता रहा है. बहुत से लोग इस धातु को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर करते हैं. सोने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निवेश के आकार या राशि के साथ लचीला हो सकता है. चाहे आपको 1000 रुपये लगाना हो या 1 करोड़ रुपये +, सोना सभी के लिए सुलभ है. इसके अलावा बहुत ही अधिक तरल भी होता है. इस जब चाहें अपनी जरूरत के मुताबिक बेचकर नकदी जमा कर सकते हैं.

Also Read:

इसी तरह से रियल एस्टेट (REAL ESTATE) भी निवेश उद्देश्यों के लिए काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन सोने की तुलना में, रियल एस्टेट को बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है और खरीदार के पास लंबी होल्डिंग पावर की आवश्यकता होती है. फिर भी रियल एस्टेट एक आकर्षक दीर्घकालिक निवेश का विकल्प हो सकता है, क्योंकि संपत्ति का मूल्य समय के साथ बढ़ता जाता है. अगर सही तरीके से सही जगह पर निवेश किया जाए तो रियल एस्टेट आपको बहुत अधिक और अविश्वसनीय मुनाफा दे सकता है.

सोने और रियल एस्टेट (GOLD AND REAL ESTATE) के बीच एक समानता है. दोनों का मजबूत विश्वसनीयता और निरंतरता की प्रकृति के साथ भारतीय निवेशकों के लिए एक मजबूत भावनात्मक मूल्य है. अब यहां पर एक सवाल है कि अगर आपके पास निवेश करने के लिए पर्याप्त धनराशि है तो आप अपना पैसा का निवेश कहां पर करेंगे? अगर आप नए निवेशक हैं तो सबसे पहले आपको कम धनराशि निवेश करके उसका फायदा उठाना चाहिए. इसके लिए सोने में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

वहीं, रियल एस्टेट (REAL ESTATE) में अतिरिक्त कर लाभ के साथ नियमित आय पैदा करने की क्षमता है. चाहे आवासीय हो या वाणिज्यिक, रियल एस्टेट में मासिक किराये के रूप में निवेशकों के लिए निष्क्रिय आय उत्पन्न करने की क्षमता होती है, जो कि सोने के निवेश में संभव नहीं है.

अगर हम पहले के निवेश के रिटर्न पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि बढ़ते किराये के कारण रियल एस्टेट वार्षिक रिटर्न का 15 प्रतिशत तक दे सकता है. दूसरी ओर, सोने का उपयोग मुद्रास्फीति से बचाव के लिए निवेश साधन किया जाता है, जिसका अर्थ है कि सोने से प्रतिफल मुद्रास्फीति के अनुरूप है. इसके अलावा, जब आपकी कागजी मुद्रा का मूल्यह्रास होता है, तो सोना चमकता है. लेकिन रिटर्न नाममात्र ही होता है.

वहीं, रियल एस्टेट एक स्थिर निवेश विकल्प है, जहां पर जोखिम कम होता है. संपत्ति आपके भविष्य को सुरक्षित करने के कारण मानसिक संतुष्टि लाती है. दूसरी ओर, सोना एक कमोडिटी है, जिसका कारोबार एक्सचेंजों पर होता है. यह उच्च अस्थिरता और चोरी होने के जोखिम के साथ आता है.

साथ ही, अचल संपत्ति के लिए बड़े धन की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन बहुत सारे क्षेत्रों का अस्तित्व इस पर निर्भर करता है. कर्ज चुकाने से लेकर सीमेंट, हाउसिंग फाइनेंस, बिल्डिंग मैटेरियल और कई अन्य बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट पर निर्भर हैं. यह बड़ी संख्या में अनौपचारिक और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करता है, जो बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था की सेवा करता है.

इस प्रकार, अचल संपत्ति निवेश न केवल एक सुरक्षित निवेश है, बल्कि समय की अवधि में बेहतर रिटर्न भी प्रदान कर सकता है. इसे किराये की संपत्ति के रूप में भी उपयोग में लाया जा सकता है. यह एक शानदार कर लाभ जैसे कई कारणों से बेहतरीन निवेश विकल्प है, और आप धन और संपत्ति बनाने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Investment: रिजर्व बैंक लगातार बढ़ा रहा है ब्याज दर, ऐसे में कहां करें सुरक्षित निवेश साधन निवेश?

Safe Investment: इस समय देश में ब्याज दर लगातार बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ महीनों से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी ही की है। इसलिए डेट मार्केट मोटे तौर पर काफी अस्थिर ही रहा है। ऐसे में निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल उठता है कि वे किस तरफ के फंड में निवेश करें।

Interest rate is growing rapidaly

बढ़ ही रहा है ब्याज दर

हाइलाइट्स

  • डेट मार्केट के लिए बीत साल मोटे तौर पर काफी अस्थिर रहा है
  • रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली पांच पॉलिसी मीटिंग्स में निवेश साधन रेपो दरों में बढ़ोतरी ही की है
  • रिजर्व बैंक अब तक कुल मिला कर रेपो रेट में 225 बीपीएस तक की बढ़ोतरी कर चुका है

बॉण्ड फंडों में कई स्कीम

बॉण्ड फंडों की इस कटेगरी में कई स्कीम उपलब्ध हैं। इनमें से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऑल सीजन्स बॉण्ड फंड का प्रदर्शन सब पर भारी पड़ा है। यह इस कटेगरी में संपत्ति के मामले में सबसे बड़ी स्कीम भी है। इसका 10 वर्षों से अधिक का लगातार अच्छा ट्रैक-रिकॉर्ड रहा है। यह स्कीम उस अवधि को बढ़ाती है जब ब्याज दर में पूंजी वृद्धि (capital appreciation) से होने वाले लाभ में गिरावट की उम्मीद होती है। यह उस अवधि को कम कर देती है, जब ब्याज दर में वृद्धि होने की उम्मीद होती है। ताकि, मार्केट नुकसान से जोखिम कम हो सके। इस बारे में लिया जाने वाला कोई भी फैसला एक इन-हाउस मॉडल पर आधारित होता है, जो कई छोटे बड़े फैक्टर्स को ध्यान में रखती है। जब ड्यूरेशन कॉल लेने की बात आती है तो यह फंड को आगे रहने में मदद करता है।

टॉप परफार्मर कौन

सही समय पर लिए गए फैसलों के चलते जिन निवेशकों ने इस फंड में निवेश बनाए रखा है, उन्हें अलग-अलग समय में फंड से लाभ हुआ है। इस साल 30 नवंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो तीन, पांच और 10 वर्षों में इस फंड ने अपनी कटेगरी में क्रमशः 7.1%, 7.2% और 9.3% रिटर्न देकर टॉप परफॉर्मर रहा है।

विभिन्न ब्याज दर के दौर में अलग अलग रणनीति

दूसरा पहलू इंटरेस्ट रेट पर आधारित है जो कॉर्पोरेट बॉण्ड (Corporate Bond) और जी-सेक (G-Sec) के बीच निवेश करती है। इसलिए, जब ब्याज दरें अधिक होती हैं तो यह स्कीम लंबी अवधि की योजना की तरह व्यवहार करेगी और जब ब्याज दरें कम होंगी, तो योजना एक संचय योजना (accrual scheme) की तरह व्यवहार करेगी। मई 2009 में अपनी स्थापना के बाद से इस फंड ने विभिन्न ब्याज दर के दौर में अवधि या ड्यूरेशन को अच्छी तरह से मैनेज किया है। तभी कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी एनएवी में बढ़ोतरी करने में सफल रहा है। भले ही ब्याज दर का चक्र बढ़ रहा हो या घट रहा हो, यह फंड बाजार की स्थिति के अनुरूप खुद को समायोजित कर सकता है। इसका आंतरिक, ओनरशिप प्रोपराइटरी इकोनॉमिक मॉडल इस फंड के निवेश के बारे में फैसले लेना आसान बनाता है। पोर्टफोलियो का स्ट्रक्चर मॉडल के परिणामों के आधार पर बदल सकती है क्योंकि अर्थव्यवस्था अपना गियर बदलती रहती है।

फ्लोटिंग रेट बॉण्ड के लिए हाई एलोकेशन

बढ़ती ब्याज दरों से लाभ पाने के साधन के रूप में इस योजना में 38.2% पर फ्लोटिंग रेट बॉण्ड निवेश साधन के लिए हाई एलोकेशन है। फ्लोटिंग रेट बॉन्ड उस कटेगरी के बॉन्ड होते हैं जो ब्याज दरों में किसी भी वृद्धि से लाभ पा रहे होते हैं। क्योंकि, कूपन समय-समय पर रीसेट होते रहते हैं। यह निवेशकों के लिए अच्छे रिजल्ट में तब्दील होगा। बेहतर एक्रुअल्स से लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टफोलियो का एक और 29% एसेट के लिए आवंटित किया जाता है। ये एसेट एए से ऊपर रेटेड हैं।

निवेश के अच्छे साधन: सबसे व्यावहारिक निवेश साधनों में से एक रहा रीट, कोरोनावायरस महामारी के दौरान इसने दिया बेहतरीन रिटर्न

लॉकडाउन के दौरान भी देश के एकमात्र लिस्टेड रीट का रिटर्न 10 वर्षीय सरकारी बांड से बेहतर रहा - Dainik Bhaskar

कोरोनावायरस महामारी के दौरान अधिकतर निवेश साधनों का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा। लेकिन इस दौरान रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) सबसे व्यावहारिक निवेश विकल्पों में शामिल रहा। यह बात सैविल्स और फिक्की द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट- इंडिया रीट : अ पोटेंशियल इनवेस्टमेंट विंडो में कही गई।

देश का पहला रीट पिछले साल शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। यह अब तक देश का एकमात्र लिस्टेड रीट है। रिपोर्ट के मुताबिक रिटर्न के मामले में इस रीट ने सेंसेक्स, रियल्टी इंडेक्स और अधिकतर स्मॉल, मिड और लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स को पीछे छोड़ दिया।

उथल-पुथल के माहौल में भी देश में ऑफिस स्पेस की रिकॉर्ड मांग

सैविल्स इंडिया के सीईओ अनुराग माथुर ने कहा कि रीट पर कई कारणों से मुझे भरोसा है। सबसे पहला कारण यह है कि 2018-19 के वैश्विक और घरेलू आर्थिक उथल-पुथल के माहौल में भी भारत में लगातार दूसरे साल ऑफिस स्पेस की मांग सबसे ज्यादा रही। एकमात्र लिस्टेड रीट का यील्ड भी काफी आकर्षक रहा। लॉकडाउन के दौरान भी इसका रिटर्न 10 वर्षीय जी-सेक से बेहतर रहा।

सुरक्षित निवेश है रीट

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी निवेश प्रोडक्ट की तरह रीट की भी अपनी चुनौतियां हैं। लेकिन यह एक सुरक्षित निवेश है। इसका कारण यह है कि नियम के अनुसार रीट का कम से कम 80 फीसदी असेट ऑपरेशनल और इनकम देने वाला होता है।

बेहतर प्री-टैक्स यील्ड

अन्य निवेश प्रोडक्ट के मुकाबले ज्यादा प्री-टैक्स यील्ड कारण भी रीट एक आकर्षक विकल्प है। अभी सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्पों में प्रोविडेंट फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट और सेविंग बैंक डिपॉजिट शामिल हैं। इनका रिटर्न अभी ऐतिहासिक निचले स्तर पर है।

टैक्स एडजस्ट करने के बाद रीट का यील्ड और भी बेहतर हो जाता है

रीट का प्री-टैक्स यील्ड अभी देश में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों से बेहतर है। टैक्स को एडजस्ट करने के बाद रीट का यील्ड अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में और भी बेहतर हो जाता है। रीट के इनकम में से डिविडेंट का जो हिस्सा होता है, उस पर टैक्स नहीं लगता है। इसके कारण छोटे निवेशकों के लिए रीट और भी ज्यादा फायदेमंद है।

रेटिंग: 4.48
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 530