डीमैट अकाउंट की पूरी जानकारी | Demat Account in Hindi
What is Demat Account in Hindi – डीमैट खाता क्या हैं? इसके फायदें क्या हैं? इसको कहाँ और कैसे खुलवाएँ इसकी पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को जरूर पढ़े. शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी होता हैं.
डीमैट अकाउंट क्या हैं | What is Demat Account in Hindi
शेयरों को ख़रीदने, बेचने और इलेक्ट्रानिक्स रूप में रखने की सुविधा Demat Account द्वारा मिलती हैं. किसी भी तरह के शेयरों के लेनदेन के लिए Share Holder के पास डीमैट अकाउंट का होना आवश्यक हैं.
जब कोई कंपनी बोनस या राइट शेयर जारी करती हैं तो ये शेयर भी सीधे शेयर होल्डर के डीमैट अकाउंट में आ जाते हैं. आईपीओ ( IPO ) में शेयरों के आवेदन के लिए भी डीमैट खाते की आवश्यकता होती हैं.
जब हम डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं तब हमें शेयर खरीदने और बेचने की जानकारी के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाती हैं. जब डीमैट अकाउंट खुल जाता हैं तब आपको एक ‘User ID‘ और ‘Password‘ दिया जाता हैं जिसके द्वारा आप ऑनलाइन अपने डीमैट अकाउंट में लॉग इन करके शेयर को ख़रीद और बेच सकते हैं. यह बहुत ही आसान होता हैं.
डीमैट खाते की फायदें | Advantages of Demat Account
- निवेशक को दिया जाने वाला बोनस या राईट शेयर को तुरंत उनके खाते में जमा कर दिया जाता हैं.
- चोरी होने, खराब होने, गम होने का कोई डर नहीं रहता हैं. डीमैट अकाउंट होने की वजह से शेयरों की खरीद-बिक्री में धोखा होने की सम्भावना समाप्त हो जाती हैं और यह सुविधाजनक हैं.
- डीमैट खाता रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको टिकट के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता है क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत हैं जो लेनदेन लागत को कम कर देता है. शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता
- डीमैट खातें का शेयर दुसरे को ट्रान्सफर कर सकते हैं.
- यह खाता दो व्यक्तियों के नाम से भी खुलवाया जा सकता हैं
डीमैट खाता कहाँ खुलवाएं | Where to open a Demat Account
डीमैट अकाउंट खुलवाने की सुविधा कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा दिया जाता है. इसमें आपको यह देखना होता हैं शेयर की खरीदने और बेचने पर कौन सा बित्तीय संसथान कितना कमीशन लेता हैं. कुछ वित्तीय संस्थान Free Demat Account भी खोलते हैं पर वो बाद में शेयर खरीदने और बेचने पर अधिक कमीशन लेते हैं और कुछ वित्तीय संस्थान डीमैट अकाउंट खोलने के समय कुछ अमाउंट चार्ज करते हैं वहाँ पर शेयर खरीदने और बेचने पर कम कमीशन देना होता हैं. डीमैट अकाउंट के बारे में पूरी जानकारी 3-4 वित्तीय संस्थानों से ले और फिर जो आपको कम पैसे में ज्यादा सुविधा दे रहा हो वहाँ अपना खाता खुलवा सकते हैं.
नोट – मैंने अपना डीमैट अकाउंट HDFC Bank में खुलवाया हैं.सबसे पहले मैंने Saving Account खुलवाया था और बाद में जब मैं शेयर बाजार के बारे में अच्छी जानकारी ले ली तो मैंने HDFC Bank में अपना Demat Account खुलवाया. इसमें कई तरह के प्लान होते हैं उन्हें अच्छे तरीके से समझे. दो-तीन वित्तीय संस्थानों के प्लान की तुलना करे और फिर जो आपको बेहतर लगे उसमे अपना अकाउंट खुलवाए.
डीमैट खाता कैसे खुलवाएं | How to open a Demat Account
जब आप यह कन्फर्म कर ले कि इस वित्तीय संस्थान में डीमैट अकाउंट खुलवाना हैं तो आप उसके वेबसाइट पर जाकर या कस्टमर केयर पर कॉल करके खाता खुलवाने में कौन सा डॉक्यूमेंट और क्या-क्या लगेगा इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं और डीमैट खाता खुलवाने के लिए उन्हें अपने घर या ऑफिस में बुला सकते हैं. आप उस वित्तीय संस्थान पर जाकर भी खाता खुलवा सकते हैं.
नोट – Demat Account खुलवाने के बाद उनसे डेमो जरूर ले कि किस तरह शेयर खरीदा या शेयर को बेचा जाता हैं और अन्य जानकारी भी ले. जल्दबाजी में कभी भी निवेश न करें. पहले जरूरी जानकारी ले फिर निवेश करें.
डीमैट अकाउंट के लिए भी नॉमिनी जरूरी है, 31 मार्च तक करें अपडेट
एक डीमैट अकाउंट आपके शेयर सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखी गई अन्य प्रतिभूतियों (securities) के लिए एक बैंक अकाउंट की तरह है. इसके जरिये ही आप शेयर मार्केट में लेन-देन करते हैं. मगर ध्यान रखें कि सभी बैंक अकाउंट की तरह डीमैट अकाउंट में भी नॉमिनी का उल्लेख जरूर करें. यदि 31 मार्च तक ऐसा नहीं किया तो अकाउंट बंद हो जाएगा.
हैदराबाद: शेयर बाजारों के नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही कई लोग निवेश के लिए आगे आ रहे हैं. लेकिन, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना एक कठिन काम था. लेकिन अब, ये अकाउंट टेक्नोलॉजी की बदौलत चुटकियों में खोले जा सकते हैं. इसमें नॉमिनी का शामिल करना भी पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. आइए जानें कि नॉमिनी को डीमैट अकाउंट में शामिल करना क्यों अनिवार्य है?
एक डीमैट अकाउंट आपके शेयर सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखी गई अन्य प्रतिभूतियों (securities) के लिए एक बैंक अकाउंट की तरह है. पेपरवर्क को खत्म करने के लिए इसे 1996 में NSE में ट्रेडिंग के लिए पेश किया गया था. आज, डीमैट अकाउंट के लिए कोई कागजी कार्रवाई नहीं की जाती है और इसके लिए कागज वाले सर्टिफिकेट अब जारी नहीं किए जाते हैं.
डीमैट नॉमिनी (Demat nominee) : जब आप बैंक अकाउंट खोलते हैं या फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो उसमें नॉमिनी का नाम दिए गए कॉलम में जरूर लिखना चाहिए. इसी तरह म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा पॉलिसी खरीदते समय भी नॉमिनी के बारे में डिटेल भरना चाहिए. नॉमिनी का नाम शामिल करना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि अगले पल क्या होने वाला है. एहतियात के तौर पर बैंकों, निवेश एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों ने नॉमिनी का नाम शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है.
यदि आप डीमैट अकाउंट खोलते समय या अपने माता-पिता, बच्चों या भाई-बहनों नाम नॉमिनी के तौर पर नहीं करते हैं तो जरूरत के समय उन्हें मुश्किल आ सकती है. वह आपके बाद पैसों पर दावे करने के अधिकारी होते हैं, मगर नॉमिनी के तौर पर नाम नहीं होने से यह रकम उन्हें आसानी से नहीं मिलेगी. इसलिए पहले तो नॉमिनी के तौर पर नाम जरूर भरें. अगर आप रकम के दावेदार के तौर पर कई नॉमिनी बनाते हैं तो यह स्पष्ट कर दें कि रकम का कितना हिस्सा किस नॉमिनी को दिया जाएगा.
डीमैट खाता नामांकित अधिकार (Demat account nominee rights) : यदि आपके खातों और इनवेस्टमेंट के लिए कोई नॉमिनी नहीं है तो आपके वारिसों को अप्रत्याशित घटना के बाद रकम का दावा करते समय कठिनाई हो सकती है. उन्हें नॉमिनी साबित करने के लिए 'वसीयत' और विरासत के प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है. इसलिए डीमैट खाता खोलते समय नॉमिनी के नाम को शामिल करके उन्हें सभी कठिनाइयों से बचाया जा सकता है. नियम के अनुसार, आप एक से अधिक नॉमिनी को भी नामांकित कर सकते हैं.
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) नॉमिनेशन ऑनलाइन: डीमैट अकाउंट डिजिटल तौर खोलना संभव है. इसके नॉमिनी के लिए एक अलग आवेदन जमा करना होता है. हाल ही में सेबी ने इन नियमों में संशोधन किया है. ई-साइन के माध्यम से नॉमिनी को इससे जोड़ा जा सकता है. 1 अक्टूबर, 2021 से डीमैट अकाउंट खोलने वालों को नॉमिनी के नाम का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
जिन लोगों ने डीमैट अकाउंट खोला है, वे अपनी नॉमिनी का नाम बदल सकते हैं या इसकी संख्या बढ़ा सकते हैं. मगर जिन्होंने जॉइंट अकाउंट खोला है, उन्हें नॉमिनी में फेरबदल के लिए दोनों पार्टनर के सिग्नेचर की जरूरत होगी. डीपी (Depository Participant) के पास नॉमिनी के नाम निर्धारित आवेदन पत्र में भरकर जमा करना होगा. इसके लिए गवाह के हस्ताक्षर की भी आवश्यकता होगी.
डीमैट खाते में नामांकित व्यक्ति का नाम शामिल करने की अंतिम तिथि: सीडीएसएल के बिजनेस चीफ रामकुमार के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के अनुसार डीमैट ग्राहकों को अपने खातों के लिए 31 मार्च, 2022 तक नॉमिनेशन जमा करना जरूरी है, अन्यथा, आपके अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. इसलिए, शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता देखें कि आपके डी मैट अकाउंट में नॉमिनी नहीं है तो तुरंत इसका उल्लेख करें. ध्यान रखें कि नॉमिनी का नाम किसी भी शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता समय बदला जा सकता है.
क्या आप जॉइंट डीमैट खाता खुलवा सकते हैं? जानें कैसे
Joint Demat Account: जॉइंट डीमैट खाते की अनुमति है वहीं, जॉइंट ट्रेडिंग खाता नहीं खुलवाया जा सकता. दोनों में क्या है फर्क और क्या है प्रक्रिया?
- Khushboo Tiwari
- Publish Date - June 17, 2021 / 01:19 PM IST
Joint Demat Account: बैंक खाते से लेकर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम तक जॉइंट खाते की सुविधा है. तो क्या शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी डीमैट खाते में भी जॉइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं? इसे समझने के लिए आपको सबसे पहले जानना होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में क्या फर्क है क्योंकि एक ओर जहां जॉइंट डीमैट खाते की अनुमति है वहीं, जॉइंट ट्रेडिंग खाता नहीं खुलवाया जा सकता. शेयर बाजार में खरीदारी के लिए ट्रेडिंग अकाउंट अनिवार्य है जबकि इन शेयरों को डिमैटीरयलाइज्ड फॉर्म में रखने के लिए डीमैट खाता चाहिए.
जॉइंट डीमैट खाता खुलवाया जा सकता है लेकिन इसके लिए प्रक्रिया थोड़ी अलग है. साथ ही, अलग-अलग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन सुविधा देते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट वो कंपनियां हैं जो NSDL या CDSL जैसे डिपॉजिटरी में खाता रखती हैं और निवेशक और डिपॉजटरी के बीच ब्रिज का काम करते हैं. ये ब्रोकर, बैंक आदि हो सकते हैं.
डीमैट अकाउंट क्यों है जरूरी?
जिस तरह आपका बैंक खाता आपके लिए पैसे होल्ड करने, ट्रांसफर करने के काम आता है, वैसे ही डीमैट खाता आपकी सिक्योरिटीज जैसे शेयर और बॉन्ड को होल्ड करने और ट्रांसफर की सुविधा में मदद करता है. यहां आपके शेयर सुरक्षित रखे जाते हैं और बिना किसी पेपरवर्क और स्टैंप वगैराह के आसानी से ट्रांसफर हो सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट में फर्क
स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट जरूरी है. जॉइंट ट्रेडिंग अकाउंट नहीं खुलवाया जा सकता है क्योंकि हर ट्रेडिंग अकाउंट एक पैन कार्ड से लिंक होता है. शेयरों में निवेश के लिए आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट दोनों खुलवाने होते हैं. एक ही ब्रोकर के पास आपके दो ट्रेडिंग अकाउंट नहीं हो सकते. ना ही आप किसी और को इस ट्रेडिंग अकाउंट में जोड़ सकते हैं. डीमैट में यही शेयर इलेक्ट्रिक फॉर्म में रखे जाएंगे.
कैसे खुलवाएं जॉइंट डीमैट खाता
एक जॉइंट डीमैंट अकाउंट में कुल 3 अकाउंट होल्डर हो सकते हैं जिसमें से एक व्यक्ति मुख्य अकाउंट होल्डर होगा और बाकी दोनों जॉइंट होल्डर्स होंगे. ध्यान दें कि जॉइंट डीमैट अकाउंट में टैक्स की देनदारी प्रमुख अकाउंट होल्डर पर बनती है. साथ ही फर्स्ट होल्डर को ही सारा कम्यूनिकेशन मिलेगा.
डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा के मुताबिक यहां आप ऑलाइन डीमैट खाता नहीं खलुवा सकेंगे. इसके लिए आपको उनके ऑफिस जाकर फॉर्म भरने होंगे और KYC की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसपर ऑफलाइन वाले ही चार्ज लगेंगे.
लेकिन वहीं, मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक आप इसे ऑनलाइन भी खुलवा सकते हैं. उसके लिए वेबसाइट से ECS मैन्डेट, KYC डॉक्यूमेंट आदि फॉर्म डाउनलोड करने होंगे. ये डाउनलोड करने के बाद इसके साथ PAN कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पहचान पत्र आदि की सॉफ्ट कॉपी भी तैयार रखें.
फॉर्म भरने के बाद हस्ताक्षर कर उसे अपलोड करना होगा और बाकी प्रक्रिया का पालन करना होगा. फॉर्म के साथ बाकी डॉक्यूमेंट भी अपलोड करने होंगे. यहीं आपको जॉइंट अकाउंट का विकल्प चुनना होगा और नॉमिनी की जानकारी भरनी होगी.
वेरिफिकेशन के बाद डीमेट अकाउंट नंबर और ऑलाइन लॉग-इन की जानकारी मिलेगी.
KYC के लिए जरूरी कागजात
जॉइंट होल्डर की वजह से दोनों का KYC कराना होगा. इसके लिए पासपोर्ट साइज फोटो (अटेस्ट किए हुए), एड्रेस प्रूफ, PAN कार्ड की कॉपी चाहिए होगी. इसके साथ ही आधार कार्ड आदि किसी पहचान पत्र और बैंक खाते के स्टेटमेंट या कैंसल्ड चेक की भी जरूरत होगी.
Demat Account से नहीं निकलता पैसा, जानिए शेयर मार्केट में इसका काम
डीमैट अकाउंट को खोलना बेहद आसान है. इसे घर बैठे ऑनलाइन भी खोला जा सकता है.
शेयर बाजार (Share Market) से हर कोई पैसा कमाना चाहता है. लेकिन बिना डीमैट अकाउंट (Demat Account) के शेयर बाजार में निवेश कर पाना संभव नहीं है. डीमैट अकाउंट में शेयर मार्केट से खरीदे गए हिस्से (Ship) की जानकारी होती है.
कई साल पहले डीमैट अकाउंट (How to Open Demat Account) खुलवाने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी. अब डीमैट अकाउंट को खोलना बेहद आसान है. इसे घर बैठे ऑनलाइन भी खोला जा सकता है.
डीमैट अकाउंट क्यों जरूरी?
- डीमैट अकाउंट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक लॉकर होता है, जहां पर आप ग्राहक अपनी सिक्योरिटी रख सकते हैं.
- इसमें पेपर वर्क न होने के कारण बेहद कम समय में ही सिक्योरिटी को एक कस्टमर से दूसरे कस्टमर को ट्रांसफर किया जा सकता है.
- शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है.
- देश के ज्यादातर बैंक जैसे SBI, ICICI, AXIS और YES बैंक ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं, जिसमें ग्राहक ट्रेड के साथ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर अपने पास रख सकता है.
कैसे खुलता है डीमैट अकाउंट?
जिस तरह से बैंकों में सेविंग अकाउंट खुलता है, उसी तरह से आप डीमैट अकाउंट भी खोल सकते हैं. इसके लिए आपके पास आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और पैन कार्ड होना जरूरी है. कई ब्रोकर बिना किसी शुल्क के डीमैट अकाउंट खोलते हैं. तकरीबन एक सप्ताह में डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
डीमैट अकाउंट से नहीं निकालता पैसा
एक व्यक्ति एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोल सकता है. अपने डीमैट अकाउंट में आप किसी जानकार को नॉमिनेट भी कर सकते हैं. आपको बता दें कि डीमैट अकाउंट में सिर्फ सिक्योरिटी खरीदे या बेचे जा सकते हैं. सिक्योरिटी बेचने पर आपको मिलने वाला पैसा या फिर चुकाई गई रकम का ट्रांजेक्शन बैंक अकाउंट के जरिए होता है.
आप डीमैट अकाउंट में न तो पैसा जमा कर सकते हैं, न ही निकाल सकते हैं. इस अकाउंट में केवल आपके शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है.
EPF अकाउंट से कब और कैसे निकाल सकते हैं पैसे? जानिए यहां
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