खुदरा लेन-देन के लिए डिजिटल रुपये के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु व भुवनेश्वर जैसे शहरों को शामिल किया गया है। उसके बाद के चरणों में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहर शामिल होंगे शामिल होंगे। रिजर्व बैंक ने कहा है आवश्यकतानुसार अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
Digital Currency: UPI ऐप और पेटीएम-गूगल पे से कैसे अलग है डिजिटल रुपया? आसान भाषा में समझिए
आरबीआई ने 1 दिसंबर से डिजिटल रुपये में लेनदेन की सुविधा आम आदमी को भी दे दी है.
डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधा . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 02, 2022, 15:11 IST
डिजिटल रुपये की मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है.
डिजिटल रुपये के जरिए ऑनलाइन लेनदेन करना कारोबारों के लिए आसान हो जाएगा.
डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मुद्रा होगी जिसे सिर्फ डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा.
नई दिल्ली. भारत सरकार की डिजिटल रुपये की घोषणा के साथ, इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मौजूदा डिजिटल वॉलेट के कारोबार को प्रभावित करेगा, जबकि डिजिटल रुपया अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
RBI Digital Currency: इन 4 शहरों में आज से ई-रुपी से करिए खरीदारी, जानिए Digital Rupee कैसे करेगा काम
खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट डिजिटल मुद्रा ऋण प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें डिजिटल मुद्रा ऋण एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.
CBDC Digital Currency: आज यानी 1 दिसंबर से ई-रुपी की शुरुआत आम आदमी के लिए भी डिजिटल मुद्रा ऋण हो जाएगी. ई-रुपी 1 दिसंबर को चार शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च होगी यानी अब इन चार शहरों में अब आम आदमी को न ही कैश जेब में रखकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी. खुदरा डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेन-देन के साथ किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेंगे.
डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले फीचर होंगे
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जो एक डिजिटल टोकन के रूप में जारी होगा और इसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी डिजडिजिटल मुद्रा ऋण िटल मुद्रा ऋण के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा. ई-रूपी को उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा, जिस पर वर्तमान में करेंसी नोट और सिक्के जारी होते हैं. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक डिजिटल मुद्रा ऋण खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. भारतीय करेंसी का डिजिटल स्वरूप E-Rupee को फिलहाल चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. ये करेंसी इन बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स में सुरक्षित होगा. यूजर्स बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स, मोबाइल फोन और डिवाइस डिजिटल मुद्रा ऋण में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपए के साथ लेनदेन कर सकेंगे और इसे आसानी से एक-दूसरे को भेजकर सामान खरीदा जा सकेगा. नकदी की तरह ही डिजिटल मुद्रा ऋण धारक को डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इसे बैंकों के पास जमा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपये से व्यापारियों को कितना होगा फायदा? जानें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 02, 2022, 15:03 IST
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज रिटेल डिजिटल रुपया (Digital Rupee– e₹-R) लॉन्च किया है. शुरुआत में चार बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से इसकी खरीद की जा सकेगी. जहां आम लोगों को इससे फायदा होने की बात कही जा रही है वहीं इस डिजिटल करेंसी से भारत के व्यापारियों को कितना लाभ होगा, ये बड़ा सवाल है.
इस बारे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने का भारतीय रिजर्व बैंक का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है और कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जल्द ही व्यापार में भुगतान के तरीके के रूप में डिजिटल रुपये को अपनाने और स्वीकार करने के लिए देश भर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा.
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क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (central bank डिजिटल मुद्रा ऋण digital currency) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की गई। CBDC फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
आरबीआई CBDC की शुरुआत क्यों कर रहा डिजिटल मुद्रा ऋण है?
भारतीय रिजर्व बैंक सीबीडीसी को वैध मुद्रा (लीगल मनी) के रूप में जारी करेगा। ये देश की करेंसी का एक डिजिटल रिकॉर्ड या टोकन होगा जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। रिजर्व बैंक का कहना है कि डिजिटल रुपये से पेमेंट सिस्टम और सक्षम बन जाएगा। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
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आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की डिजिटल मुद्रा ऋण दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपए का पायलट परीक्षण शुरू करने का फैसला किया है. थोक खंड के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे. इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है.
RBI commences first pilot in Digital Rupee- Wholesale segment (e₹-W) from Nov 1. Use of e₹-W is expected to make interbank market more efficient. Going forward, other wholesale transactions &cross-border payments will be future pilots’ focus, based on this pilot’s learnings:RBI pic.twitter.com/v4RpqaLYB6 — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 31, 2022
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