Published - Thursday, 17 November, 2022
भारतीय सेना रोबोटिक सैनिक बना रही है!
युद्ध के मैदान में देश की रक्षा का जिम्मा अब जल्द ही रोबोट यानी मशीनी सैनिकों के हाथों में होगा।
12 दिसम्बर 2011
वार्ता
चेन्नई। युद्ध के मैदान में देश की रक्षा का जिम्मा अब जल्द ही रोबोट यानी मशीनी सैनिकों के हाथों में होगा।
भविष्य में भारतीय सेना की मदद के मकसद से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रोबोटिक सैनिक तैयार करने में जुटा है।
अब सैन्यड मिशन में शामिल हो सकता है ‘रोबोट’
संगठन के महानिदेशक रक्षा मंत्री के सलाहकार वी. के. सारस्वत ने बताया कि संगठन सेना के लिए रोबोटिक सैनिक तैयार करने में जुटा है। एक कार्यक्रम के बाद आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसे रोबोटिक सैनिकों को तैयार करने में जुटे हैं जो मानव सैनिकों की ही तरह काम कर सकें।
श्री सारस्वत ने कहा कि इस प्रकार के रोबोट तैयार करने के लिए कृत्रिम दिमाग तथा आंकड़ों की क्षमता तैयार करने की जरूरत है, जिसके लिए डीआरडीओ प्रयासरत है।
उन्होंने बताया कि पहाड़ी एवं पथरीले रास्तों पर भारी भरकम सामान ले जाने के लिए सैनिकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, ऐसे में अनुसंधान वर्तमान मे ऐसे रोबोट बनाने पर काम कर रहा है; जो मुश्किल रास्तों पर बोझा ढोने में सैनिकों की मदद कर सकेगा।
पानी पर चल सकेगा नया ‘रोबोट’
इससे पहले डीआरडीओ बम एवं अन्य विस्फोटकों का पता लगाने वाली रोबोटिक मशीन (दक्ष) का निर्माण कर चुका है।
AUTO ROBOT TRADING IN HINDI | ऑटो रोबोट ट्रेडिंग हिंदी में!
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स में से कुछ ट्रेडर अपने कौशल पर निर्भर रहते हैं और कुछ अच्छे रिटर्न के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं। लेकिन इनमे बहुत कम शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार लोगों को सफलता मिली है और ज्यादातर लोग अभी भी सफलता की उम्मीद कर रहे हैं। यह केवल इसलिए है क्योकि ट्रेडर टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी तरह जागरुक नहीं है। इस लेख में हम आपको कुछ शक्तिशाली सॉफ्टवेयर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ट्रेडिंग का इतिहास बदल दिया है और यह धीरे- धीरे ट्रेडर्स के बीच बहुत तेजी से प्रसिद्ध हो रहे है। आप सभी जानते हैं कि आजकल टेक्नोलॉजी ने हर क्षेत्र में अपने पैर जमा लिया है, और हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी हमे बहुत तेजी से सफलता की तरफ ले जा रहा है । टेक्नोलॉजी ने ट्रेडर्स के लिए ट्रेडिंग को बहुत आसान और लाभदायक बना दिया हैं।
लेकिन इससे पहले हमें यह जानना होगा कि ट्रेडिंग करने के कितने तरीके हैं। शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के दो तरीके हैं।
मैन्युअल ट्रेडिंग में, ट्रेडर को सिर्फ अपनी कौशल के साथ ट्रेडिंग करनी पड़ती है। उनमे से कुछ ट्रेडर सलाहकार सेवा पर निर्भर होकर रह जाते है और कुछ ब्रोकर हाउस द्वारा टिप्स लेकर ट्रेड करते हैं । यह ही नहीं ट्रेडर्स को Price movements को समझने के लिए बहुत अधिक समय देना पड़ता है और पूरा विश्लेषण करना पड़ता है, उसके बाद ही वो ट्रेड कर पाते है और फिर भी यह बहुत लाभदायक साबित नहीं होता। लेकिन अगर ट्रेडिंग रोबोट सिस्टमद्वारा की जाती है, तो ट्रेडिंग बहुत Pure, perfect and error free हो सकती है। ऑटो रोबोट ट्रेडिंग या एल्गो ट्रेडिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमे हम सॉफ्टवेयर के द्वारा शेयरों को खरीदते और बेचते हैं और हमारे सॉफ्टवेयर हमारी Strategy के हिसाब से सही वक्त पर शेयरों को खरीदते और शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार बेचते हैं और इन सॉफ्टवेयर को विकसित करने और लाइव मार्केट पर परीक्षण करने के बाद ही बाजार मे उतारा गया है। शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार रोबोट लाभ होने की सम्भावना को बढ़ा देता हैं क्योकि ऑटो ट्रेडिंग में सभी प्रक्रियाएं खुद ब खुद (औटोमैटिक) काम करती है और हमारी भावनाएं हमारे ट्रेडिंग करने के बीच नहीं आती हैं। कई बार मैन्युअल ट्रेडिंग करते समय, ट्रेडर्स को पता चलता है कि बाज़ार में उनके शेयरों या कमोडिटी की स्थिति नुकसान की तरफ ले जा रही है तब भी ट्रेडर अपनी भावनाओं की वजह से उस स्थिति (पॉज़िशन) को ख़त्म नहीं करते और नुकसान बढ़ जाता है। यदि बाजार में हमारी स्थिति ख़राब है और हमें पता चल जाता है कि हमारी ट्रेड दोबारा फायदे की स्थिति में नहीं आएगी, तो हमें जल्दी से बाहर निकलना चाहिए। लेकिन, शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार भावनाओं के कारण हम ऐसा नहीं कर पाते और हम उस शर्त (कन्डिशन ) में ज्यादा नुकसान कर लेते हैं। और यही कारण है कि कई ट्रेडर ट्रेडिंग न करने का फैसला ले लेते है । इसके बाद, यह न केवल पैसे का नुकसान होगा, बल्कि ट्रेडर अपना आत्मविश्वास भी ढीला कर लेता है और ट्रेडर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालो के आलोचकों के समूह में शामिल हो जाता है।
भारत में, अधिकांश लोग मैन्युअल ट्रेडिंग कर रहे हैं क्योंकि वे ऑटो रोबोट ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते हैं। उनके पास अच्छा ज्ञान है लेकिन फिर भी वे सफल नहीं हैं, क्योंकि वे सफलता से एक कदम दूर हैं, जो उन्हें रोबोट सिस्टम का उपयोग करके उसे पा सकते है।
ऑटो रोबोट ट्रेडिंग सिस्टम कुछ फास्ट कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर का एक समूह होता है, जिसमें ऑर्डर अपने आप उत्पन्न होते हैं और ट्रेडिंग टर्मिनल पर स्वतः सबमिट हो जाते है। रोबोटिक ट्रेडिंग कई सारे फायदे देता है। शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार जैसे की अच्छी ऐक्युरेसी, एक बार में कई स्क्रिप्ट पर ध्यान दे पाना, अच्छा रिटर्न, समय की बचत और रीयल टाइम ट्रेडिंग।
ऑटो ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और रोबोट का मेल होता है ऑटो ट्रेडिंग ट्रेडर्स को प्रवेश और बाहर निकलने के लिए नियम बनाने की अनुमति देता है और कंप्यूटर नियमों के अनुसार स्वचालित रूप से पूरा ट्रेड करता है। स्ट्रेटेजी सरल शर्तों पे भी आधारित हो सकती है जैसे कि मूविंग एवरेज या यह कुछ जटिल नियम पर आधारित हो सकती है। यही नहीं, ट्रेडर अपनी स्ट्रेटेजी को भी रोबोट में जोड़ सकता है।
हर व्यवसायी को सफलता हासिल करने के लिए अपने व्यापार के जरूरी सफलता कारकों को पहले से ही खोज लेना चाहिए, क्योंकि सफलता का मंत्र ही यह तय करता है कि व्यापार कितनी सफलता पायेगा। इसी तरह से ट्रेडिंग करते वक्त नई तकनीक ही ट्रेडिंग का जरूरी सफलता कारक होता है, जिसको हम ऑटो रोबोट ट्रेडिंग के नाम से जानते है। यदि ट्रेडर खुद को रोबोट ट्रेडिंग सिस्टम के साथ जोड़ लेगा, तो वह सब कुछ बड़े स्तर पर कर पायेगा, क्योंकि रोबोट ट्रेडिंग करते वक्त उनको ट्रेडिंग करने में पूरा वक्त नहीं देना होगा, बल्कि उसको कुछ मिनट अपनी आवश्यकता रोबोट में जमा करने को देने होंगे, शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार उसके बाद रोबोट अपने आप हर प्रक्रिया को खुद ब खुद पूर्ण करेगा।
लोगों को गलत समझ है कि नई तकनीक को उपयोग करना कठिन है। परंतु ऐसा नहीं है, तकनीक को समझने के लिए बस कुछ मिनट देने होते है और फिर जिंदगी भर वो हमे सफलता की तरफ तेजी से ले जाने का काम करती है।
वास्तव में, रोबोट को समझना और उपयोग करना बहुत आसान है। ट्रेडर को केवल एक बार रोबोट ट्रेडिंग शुरू करना होगा और कुछ दिनों में वह इन सॉफ्टवेयर पर महारत हासिल कर लेंगे।
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इंसानों की नौकरी छीन रहे रोबोट, 10 हजार लोगों को निकाल रही Amazon में ऐसा है हाल
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Thursday, 17 November, 2022
ट्विटर, फेसबुक के बाद अब अमेजन ने भी छंटनी कर दी है. इस ई-कॉमर्स जाइंट ने 10 हजार लोगों को निकालने का फैसला लिया है. ये बड़ी कंपनियां खर्चा कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए नौकरियों में कटौती कर रही हैं. उम्मीद के अनुरूप नतीजे नहीं आना, इसकी सबसे बड़ी वजह है. हालांकि, अमेजन में एक दूसरी वजह से भी आने वाले समय में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी जा सकती है. दरअसल, कंपनी अपनी कई यूनिट्स में रोबोट के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण कर्मचारियों की जरूरत कम हो जाएगी.
यह है कंपनी की योजना
अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन ने 2014 में रोबोट निर्माता किवा सिस्टम्स को 77 लाख 50 हजार डॉलर में खरीदा था. जिसकी मदद से कंपनी की योजना गोदामों के कामकाज से जुड़े स्टाफ में कमी लाना था और वो इस मामले में कुछ सफल भी हुई है. डिलीवर किए जाने वाले लगभग 3 चौथाई पैकेट इस समय किसी न किसी रोबोटिक सिस्टम से होकर गुजर रहे हैं. अमेजन रोबोटिक्स के चीफ टाई ब्राडी की मानें, तो अगले 5 सालों में पैकेजिंग में 100% रोबोटिक सिस्टम हो सकता है.
तेजी से कर रही काम
कंपनी भविष्य में बड़े पैमाने पर इंसानी कर्मचारियों का काम रोबोट सौंप सकती है. वो इसी दिशा में तेजी से काम कर रही है. ये बात सही है कि बिना इंसानी मदद से सभी काम संभव नहीं हो पाएंगे, लेकिन जब एक रोबोट 4-5 कर्मचारियों का काम अकेले कर लेगा, तो निश्चित तौर पर बड़े पैमाने पर नौकरियां जाएंगी. बता दें कि अमेजन 10,000 कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बना रही है. 31 दिसंबर 2021 के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी में 16 लाख से ज्यादा फुल टाइम और पार्ट टाइम कर्मचारी हैं. इनमें से 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी अमेजन के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी है.
उबर ने भी जताया भरोसा
वैसे, बात केवल अमेजन की नहीं है. आने वाले समय में लगभग सभी सेक्टर्स की कंपनियां रोबोट को बतौर कर्मचारी काम पर रख सकती हैं और इंसानी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती हैं. उबर ने फूड डिलेवरी के लिए रोबोट का इस्तेमाल करने की बात कही है. उबर अमेरिका में दो कंपनियों के साथ मिलकर फिलहाल छोटे पैमाने पर इसकी शुरुआत कर रही है. कंपनी के अनुसार, अगर यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा, तो बाद में इसका विस्तार किया जाएगा. शुरुआती दौर में लॉस एंजेलिस के कुछ ग्राहकों तक ही रोबोट खाना पहुंचाएगा. कॉन्टेक्टलेस फूड डिलीवरी की दिशा में उबर का यह पहला कदम है.
ऐसे प्रभावित होंगे लोग
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक दुनियाभर में 80 करोड़ मजदूरों के बराबर रोबोट काम करने लगेंगे. इसका मतलब यह हुआ कि बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी जाएगी. अकेले भारत में ही रोबोट की वजह से 2050 तक लगभग 70 लाख रोजगार खत्म होने की आशंका है. इसी साल मई में खबर आई थी कि नोएडा के सेक्टर-104 में स्थित द येलो हाउस रेस्टोरेंट में रोबोट्स के जरिए खाना परोसा जा रहा है. इस रेस्टोरेंट में 2 रोबोट हैं, जो खाना पहुंचाने का काम करते हैं. यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नाम की तकनीक के जरिए बनाए गए हैं. इसी तरह, मध्यप्रदेश में ट्रायल के रूप में रोबोट को ट्रैफिक संभालने का काम दिया गया था.
यहां भी छीनी नौकरी
हाल ही में जयपुर की गुलमोहर गार्डन रेजिडेंशियल सोसाइटी भी रोबोट के इस्तेमाल को लेकर चर्चा में आई थी. यहां रोबोट रिसेप्शन से लेकर चौकीदारी तक और साफ-सफाई से लेकर फायर फाइटिंग का भी काम करते हैं. सोसाइटी ने कुछ वक्त पहले 4 रोबोट खरीदे थे, जो अलग-अलग काम करते हैं. सीवर की सफाई से लेकर पेड़ों में पानी देने तक का काम इन रोबोट के जिम्मे है. इसका सीधा सा मतलब है कि इन रोबोट के चलते कुछ लोगों के हाथों से रोजगार चला गया. कुल मिलाकर कहें तो आने वाले समय में रोबोट की वजह से छंटनी के दौर चलते रह सकते हैं.
रोबोट खेलेंगे फुटबाल, आग-पानी व तेल पर लगाएंगे रेस; पटना में होगा रोमांचक मुकाबला
राजधानी के टूल रूम एण्ड ट्रेनिंग सेंटर की ओर से आयोजित रोबोफेस्ट में। कार्यक्रम में कुल 18 टीमें भाग लेंगी। सबका अपना अपना रोबोट होगा। रोबोट फुटबाल खेलेंगे। वे आग के बीच बचाव कार्य करते दिखेंगे। इतना ही नहीं वे पानी और तेल पर रेस भी लगाएंगे।
नीरज कुमार, पटना। रोबोट फुटबाल खेलेंगे। वे आग के बीच बचाव कार्य करते दिखेंगे। इतना ही नहीं वे पानी और तेल पर रेस भी लगाएंगे। ये सब होगा राजधानी के टूल रूम एण्ड ट्रेनिंग सेंटर की ओर से आयोजित रोबोफेस्ट में। कार्यक्रम में कुल 18 टीमें भाग लेंगी। सबका अपना अपना रोबोट होगा। टूल रूम के सलाहकार डीके सिंह ने बताया कि संस्थान के मेकाट्रानिक्स विभाग की ओर से रोबोफेस्ट का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता एक दिसंबर को होगी। प्रतियोगिता की विजेता टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा।
आठ मिनट का होगा फूटबाल मैच
सिंह ने बताया कि फुटबाल मैच की अवधि आठ मिनट की होगी। सबसे ज्यादा गोल करने वाला रोबोट विजेता घोषित किया जाएगा। मैच में सभी रोबोट भाग लेंगे।
- - एक दिसंबर को टूल रूम एण्ड ट्रेनिंग सेंटर में रोबोफेस्ट का आयोजन
- - प्रतियोगिता में भाग लेंगी 18 टीमें, छात्र-छात्रों में दिख रहा उत्साह
- - मेकाट्रानिक्स विभाग की ओर से रोबोफेस्ट का आयोजन
युवाओं में रोबोटिक्स को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य
युवाओं में रोबोटिक्स को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। वर्तमान में रोबोटिक्स के प्रति छात्र-छात्राओं में काफी आकर्षण देखा रहा है। संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि जिस जगह पर मानव की पहुंच नहीं होती वहां इनका उपयोग किया सकता है।
टूलरूम में होती मेकाट्रानिक्स की पढ़ाई
टूलरूम में मेकाट्रानिक्स की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय इसका संचालन करता है। यहां पर तीन वर्ष का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। इस कोर्स में 75 सीटों पर पढ़ाई होती है। दसवीं पास छात्र यहां नामांकन करा सकते हैं।
निजी कंपनियों में बढ़ रहे रोजगार के अवसर
युवाओं के लिए रोबोटिक्स रोजगार के अवसर के रूप में उभर रहा है। तमाम कंपनियां रोबोटिक्स के क्षेत्र शेयर बाजार पर रोबोट सलाहकार में अवसर तलाश रही है। रोबोट के सामाजिक उपयोग की संभावनाएं खोजी जा रही हैं। ऐसे में पटना में बेहतर प्रतियोगिता देखने को मिलेगी।
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