डेली एसआईपी म्युचुअल फंड के बारे में जानें
अच्छे पुराने दिनों को याद करें जब हम अपने गुल्लक में पैसे बचाते थे ताकि हम एक निश्चित अवधि के बाद हमेशा अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकें। यह वास्तव में एक अच्छी आदत थी जिसे हम अब भूल चुके हैं। लेकिन क्या होगा अगर ZFunds में हम आपको बताएं कि आप उस आदत को अब और अधिक डिजिटल तरीके से जारी रख सकते हैं और उस पर रिटर्न भी अर्जित कर सकते हैं! दिलचस्प लगता है, है ना?
हम बात कर रहे हैं डेली सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी daily SIP की। और हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ZFunds डेली SIP की सुविधा देने वाला पहला प्लेटफॉर्म बन गया है। इस लेख में, हम डेली SIP के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने जा रहे हैं और कैसे निवेशक ZFunds ऐप के माध्यम से इसका सबसे अधिक लाभ उठा सकते हैं।
डेली SIP क्या है ?
डेली सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक अवधारणा है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के तरीकों में से एक है। इसे अनुशासित तरीके से एक निश्चित राशि के साथ डेली आधार पर एमएफ में निवेश कहा जा सकता है। यह योजना निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश करने और लंबी अवधि में एक छोटी राशि का निवेश करके लंबी अवधि की संपत्ति बनाने की सुविधा प्रदान करती है। नियमित कैश फ्लो या निश्चित आय वाले निवेशक अपने वित्तीय और धन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डेली SIP कर सकते हैं। इसके अलावा, SIP नियमित रूप से बचत और निवेश करने की आदत डालने का सबसे अच्छा विकल्प है और इस पहलू में डेली SIP केक पर चेरी हैं।
एक डेली SIP में निवेश क्यों करना चाहिए
सीमित कौशल और ज्ञान, पैसा या समय रखने वाले निवेशकों के लिए, डेली SIP सादगी और अन्य गुण प्रदान कर सकता है। निवेशकों को इसके लिए जाना चाहिए क्योंकि यह परिवर्तनीय बाजारों और अस्थिरता के प्रभाव को कम करता है। साप्ताहिक या मासिक आधार पर नियमित SIP की तुलना में निवेशक अधिक रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। आइए पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें:
जब कोई निवेशक डेली SIP शुरू करता है, तो अक्सर अनुशासन के साथ डेली आधार पर एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है। यह शेयर बाजार के कम होने पर अधिक यूनिट खरीदने की अनुमति देता है क्योंकि म्यूचुअल फंड का एनएवी कम हो जाएगा। इसी तरह, जब बाजार बढ़ता है, तो कम संख्या में इकाइयाँ आवंटित की जाती हैं। इस घटना को रूपी कॉस्ट अवेरजिंग कहा जाता है और डेली SIP इस लाभ को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा।
बोझ कम करता है:
हर महीने या निश्चित अंतराल पर एकमुश्त पैसा निकालना कई निवेशकों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है और यही अनुशासनहीनता का प्रमुख कारण है, जिसके परिणामस्वरूप निवेश छोड़ना पड़ता है। डेली SIP में, प्रतिदिन एक छोटी राशि जमा की जाती है जो बदले में हर महीने एक अच्छी राशि के रूप में होती है। तो यह एक बार के बोझ को कम करता है और बेहतर परिणाम देता है।
छोटी शुरुआत करें और धन का निर्माण करें:
जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, डेली आधार पर निवेश राशि केवल 100 रुपये से शुरू होती है, और निवेशक हर दिन इस छोटी राशि को निकाल सकते हैं और लंबी अवधि में अपनी संपत्ति और कोष का निर्माण देख सकते हैं।
एक उदाहरण के माध्यम से डेली SIP की शक्ति
मान लीजिए कोई निवेशक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्मॉल कैप फंड में 10 साल के लिए रोजाना 100 रुपये का निवेश करता है, तो वे 6,23,202 रुपये कमा पाएंगे और अगर वे उसी फंड में रोजाना 200 रुपये के साथ आगे बढ़ते हैं, तो वे 12,46,404 रुपये का कॉर्पस बना सकते हैं।
और इस तरह डेली SIP आपकी निवेश योजना में आपकी काफी मदद कर सकता है और आपकी सेवानिवृत्ति के लिए धन कमा सकता है।
ZFUNDS ऐप के माध्यम से डेली SIP शुरू करने के लिए कदम
- ZFunds ऐप डाउनलोड करें और अपने क्रेडेंशियल्स के जरिए लॉग इन करें।
- बैनर/विकल्प पर क्लिक करें 'डेली SIP योजना का परिचय'
- आप भारत में 3 शीर्ष फंड हाउस, यानी टाटा, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के शीर्ष 5 फंडों में निवेश कर सकते हैं।
- आप आईसीआईसीआई में 100 रुपये, टाटा में 150 रुपये और एचडीएफसी में 300 रुपये से शुरू कर सकते हैं और आगे 100 रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है।
- वह फंड चुनें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं और 'कार्ट में जोड़ें' बटन पर क्लिक करें।
- राशि दर्ज करें और वन-टाइम मैंडेट के बीच चयन करें और अभी भुगतान करें। वन टाइम मैंडेट को सेट होने में 15-20 दिन लग सकते हैं और फिर यह बिना किसी परेशानी के अपने आप शुरू हो जाएगा और अभी भुगतान करें विकल्प आपको पहला निवेश तुरंत करने देगा।
- एक बार भुगतान हो जाने के बाद, निवेश किया जाएगा। निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि निवेश केवल कार्य दिवसों पर किया जाता है न कि सप्ताहांत और सार्वजनिक छुट्टियों पर।
- आप अन्य विवरणों के साथ पोर्टफोलियो सेक्शन में निवेश की जांच कर सकते हैं।
ZFUNDS ऐप के माध्यम से निवेश करने के लाभ
हमारे ऐप के माध्यम से निवेश करते समय, निवेशक हर संभव तरीके से विशेषज्ञ सलाह और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। हम अपने उपयोगकर्ताओं के लिए 24*7 आपकी सेवा में हैं, ताकि उन्हें धन और वित्तीय योजना बनाने में मदद मिल सके। हमारे विशेषज्ञ आपकी आवश्यकताओं और जोखिम उठाने की क्षमता का विश्लेषण और अध्ययन करने के बाद निवेशकों को यह चुनने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं कि किस फंड में निवेश करना है। हमारा उद्देश्य पूरे देश में 'सही और आसन' निवेश करना है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
डेली SIP क्या हैं?
Daily Systematic Investment Plan (डेली SIP) एक अवधारणा है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है। इसे अनुशासित तरीके से एक निश्चित राशि के साथ डेली आधार पर एमएफ में निवेश कहा जा सकता है।
डेली और मासिक SIP में क्या अंतर है?
दोनों के बीच बड़ा अंतर यह है कि डेली SIP डेली आधार पर निवेश करता है जबकि मासिक SIP में हर महीने निवेश किया जाता है।
डेली SIP के क्या लाभ हैं?
निवेशक कम बोझ और लचीलेपन के साथ-साथ छोटे से शुरू करने और लंबे समय में धन का निर्माण करने के लिए डेली SIP द्वारा रुपये की औसत लागत का लाभ उठा सकते हैं।
ZFunds ऐप के माध्यम से डेली SIP में कैसे निवेश करें?
निवेशक ZFunds ऐप को इंस्टॉल और लॉग इन कर सकते हैं और आगे बढ़ने के लिए डेली SIP प्लान बैनर/टैब पर क्लिक कर सकते हैं। विस्तृत विवरण के लिए, हमारा वीडियो यहां देखें।
Investment in Gold: वर्तमान में सोने में निवेश करना चाहिए, क्या होनी चाहिए आपकी स्ट्रेटजी?
सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे आपके निवेश पोर्टफोलियो को स्थिरता मिल सकती है। लेकिन, इसे केवल निवेश के नजरिए से इस्तेमाल करने की बजाए, एक हैजिंग विकल्प माना जाना चाहिए। यहां पर कुछ निवेश स्ट्रेटजी बताई गई है जिन पर सोने में निवेश करते समय विचार किया जाना चाहिए।
वर्ष 2020 में अपनी सर्वाधिक उच्च कीमतों को छूने के बाद सोने की कीमतों में करीब 20% की गिरावट हुई है और यह मार्च 2021 में प्रति 10 ग्राम 46,000/- हो गई थीं। जब भारत में महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप था, तो सोने की कीमतों में फिर से तेजी आई थी और पूरी दुनिया में जब भू-राजनैतिक तनाव व्याप्त था, उस समय इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। वर्तमान समय में 57,000/- रुपये प्रति 10 ग्राम की ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमत की तुलना में सोने की कीमत उससे करीब 10% कम है।
पिछले दो वर्षों के दौरान सोने की कीमतों में होने वाली मूवमेंट इस बात की ओर मजबूती से इशारा कर रही है कि अनिश्चितता के समय सोना एक पसंदीदा निवेश बन जाता है, और इसी पैटर्न की वजह से इसकी कीमत में तेजी निवेशकों को क्या जानना चाहिए? आती है। हाल के महीनों में, ईक्विटी मार्केट में तेजी और केन्द्रीय बैंक द्वारा मुद्रा-स्फीति को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। लेकिन ये कीमतें उच्चतम स्तर से दूर नहीं हैं।
इसलिए, वर्तमान स्थिति में, जब सोने की कीमतें ऐतिहासिक रूप से उच्चतम सीमा से कम हैं, तो क्या आपको निवेश करना चाहिए? यदि हां, तो आपकी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए? जब बात पैसे को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ाने की बात की जाती है, तो सोना सदियों से एक विश्वसनीय सम्पत्ति रहा है। जब रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न की बात की जाती है, आपके पोर्टफोलियो में सोने की मौजूदगी मुश्किल समय में आपके रिटर्न को संतुलित कर सकती है।
क्या वर्तमान में आपको सोने में निवेश करना चाहिए?
जब कीमतें ऐतिहासिक रूप से उच्च कीमतों में तुलना में कम हों, तो सोने में निवेश पर विचार किया जा सकता है। वर्तमान में, पूरे विश्व में स्टैगफ्लेशन (मुद्रा-स्फीति के कारण होने वाली मंदी) के प्रति चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पूर्व-महामारी के स्तर के समकक्ष आर्थिक गतिविधियों को शुरु करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात पर विचार करते हुए, सोने की निवेश सम्पत्ति के तौर पर मांग बनी रहने की संभावना नज़र आती है।
इस प्रकार, सोने में अल्प से मध्यम निवेश सकारात्मक नज़र आता है। लेकिन, ऐसा कहने के बाद, ऐसा नहीं है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव या करेक्शन नहीं होते हैं। इसलिए, सोने में अपने निवेश की टाईमिंग करने की बजाए, इस बात की सलाह दी जाती है कि आप दीर्घकालिक विचार के साथ सोने में छोटी-छोटी राशि का निवेश करते रहें। ऐसे चरणों में जब सोने की कीमतों में 5-10% या अधिक की करेक्शन आती है, तो ऐसी करेक्शन के समय अधिक निवेश किया जा सकता है।
सोने में निवेश करने की आपकी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए?
सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे आपके समग्र निवेश पोर्टफोलियो को स्थिरता मिल सकती है। लेकिन, इसे केवल निवेश के नज़रिए से इस्तेमाल करने की बजाए, एक हैजिंग विकल्प माना जाना चाहिए। यहां पर कुछ निवेश स्ट्रेटजी की चर्चा की गई जिन पर सोने में निवेश करते समय विचार किया जाना चाहिए:
1. सम्पत्ति आंवटन सोने में निवेश की बात करते समय, सम्पत्ति का आवंटन महत्वपूर्ण होता है। आदर्श रूप से, सोने में निवेश आपके पूरे पोर्टफोलियो का 10% निवेश के बराबर होना चाहिए, जिसमें आप 5% आवंटन के साथ शुरूआत कर सकते हैं तथा धीरे धीरे इसे 10% तक बढ़ा सकते हैं। यदि आप बिलकुल ही जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं और रूढ़िवादी निवेशक हैं, तो सोने में अपने निवेश को अधिकतम 15% तक बनाए रखने का लक्ष्य तय करें। एग्रेसिव निवेशकों को केवल सोने की कीमतों में करेक्शन ही समय 15% आवंटन पर विचार करना चाहिए। इससे अधिक निवेश करने की कभी भी सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे सम्पदा सृजन की यात्रा में रूकावट पैदा हो सकती है और अन्य सम्पदा-सृजन करने वाले इस्ट्रुमेंट्स में निवेश न करने से अन्यथा मिलने वाले बेहतर अवसरों से आप वंचित रह सकते हैं।
2. फिजिकल गोल्ड खरीदने से बचें
जब तक ज्वैलरी या गहनों की आवश्यकता न हो, निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड- सिक्के या बार आदि खरीदने से बचें। न केवल फिजिकल गोल्ड के साथ चोरी होने का जोखिम जुड़ा रहता है बल्कि इसे स्टोर करना भी जटिल काम है। इसके साथ लिक्विडिटी की भी समस्या हो सकती है। उदाहरण के लिए, मैं कभी भी निवेश के लिए नहीं बल्कि उपहार देने के लिए फिजिकल गोल्ड खरीदता हूं। यदि आपको फिजिकल गोल्ड में निवेश करना ही है, तो सुनिश्चित करें कि आप ओरिजनल बिल्स और खरीद की रसीदें अपने पास स्वामित्व के साक्ष्य के तौर पर रखते हैं।
3. डिजिटल गोल्ड इंस्ट्रुमेंट का विकल्प चुनें
वर्तमान में गोल्ड से संबंधित अनेक इनोवेटिव निवेश तरीके ऑनलाइन उपलब्ध हैं, इसलिए निवेशक सोने में डिजिटल रूप से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड्स, तथा साव्रिन गोल्ड बॉंड्स (एसजीबी) ऐसे तीन निवेश हैं जिनको डाक्यूमेंट किया जाता है, और गोल्ड की वैल्यू के अनुसार ही इनकी वैल्यू तय की जाती है। इस तरह से निवेश से आपको फिजिकल गोल्ड में निवेश करने की सुविधा मिलती है, लेकिन उससे जुड़े जोखिमों से आपको राहत मिल जाती है।
सफल वित्तीय पोर्टफोलियो के लिए डायवर्सिफिकेशन का बहुत महत्व होता है। यदि आप अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करना चाहते हैं, तो ऐसा डिजिटल गोल्ड निवेश के जरिए करें और अपने निवेश के स्तर को 5-10% तक सीमित रखें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें
नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए निवेशकों को क्या जानना चाहिए? इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।
अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेशकों को क्या जानना चाहिए? निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?
चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।
हम हमेशा निवेशकों से लक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहते हैं। यह आपको दैनिक बाजार की गतिविधियों के बारे में चिंता करने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। हमेशा ऐसे म्युचुअल फंड चुनें जो आपके निवेश उद्देश्यों और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाते हों। अगर आप लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और जोखिम लेने को तैयार हैं तो फ्लेक्सी कैप स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।
अनावश्यक जोखिम न लें और रिटर्न के पीछे न भागें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें और जोखिम लेने से पहले कुछ अनुभव और ज्ञान हासिल करें।
देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.
पर्सनल फाइनेंस: आप शेयर बाजार में रिटेल और नए निवेशक हैं तो आपको यस बैंक जैसे स्टॉक को जरूर समझना चाहिए, जानिए आपका पैसा कैसे खत्म हुआ
आप अगर बाजार में रिटेल निवेशक हैं। आपने हाल में या पहले से भी निवेश किया है तो आपको यस बैंक जैसे शेयरों को जरूर जानना चाहिए। एक ऐसा बैंक जो देश में निजी क्षेत्र में चौथा बड़ा बैंक था। कभी 400 रुपए इसका शेयर हुआ करता था। लेकिन महज एक दो साल में इस शेयर ने निवेशकों की सारी कमाई गंवा दी। बीच-बीच में मौका मिला तो निवेशकों की लालच बढ़ी और इसी लालच में जो भी मिला वो भी गंवा दिए।
किसी शेयर में कैसे नफा और नुकसान का आंकलन करें?
शेयर बाजार में विश्लेषकों की एक बहुत प्रसिद्ध राय है। राय यह कि आप उन कंपनियों में निवेश करें जिनका मैनेजमेंट, बैलेंसशीट और गवर्नेंस अच्छा हो। साथ ही आप लालच मत करें। यानी आपको एक औसत रिटर्न मिला तो आपको निकल जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जितना ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करेंगे, उतना ही उसमें जोखिम भी होगा। लेकिन देखा ऐसा जाता है कि ज्यादातर निवेशक लालच में फंस जाते हैं। आज अगर कोई शेयर 10 रुपए पर है तो वे उसे 12 रुपए पर देखते हैं।
साथ ही वे निवेश तब करते हैं जब शेयर काफी महंगे स्तर पर पहुंच जाते हैं। या फिर रातों रात दोगुना की लालच में सस्ते 5-10 रुपए वाले शेयरों पर दांव लगाते हैं। जैसा कि हाल में देखा गया है। नए और रिटेल निवेशकों ने इन्हीं स्टॉक पर दांव लगाए हैं।
यस बैंक का शेयर कैसा रहा?
यह शेयर एक महीने पहले 28 रुपए पर था और आज 11.10 रुपए पर है। इसने पिछले हफ्ते एफपीओ के जरिए करीबन 13,000 करोड़ रुपए जुटाए। एफपीओ का मूल्य 12 से 13 रुपए था। अब यह शेयर उससे नीचे है। यानी जिन लोगों ने एफपीओ में खरीदा, वो भी नुकसान में हैं। जिन्होंने उससे पहले जब भी खरीदा होगा वो भी नुकसान में हैं। तो फायदा किसे हुआ? यह भी जानिए।
यस बैंक के एफपीओ में फायदा किसने कमाया
सबसे ज्यादा फायदा एसबीआई ने कमाया है। यह इसलिए क्योंकि जब यस बैंक का शेयर मार्च में टूटकर 5.55 रुपए के निचले स्तर पर पहुंचा तो एसबीआई के कंसोर्टियम में कई बैंकों ने इसमें पैसे लगाए। एसबीआई को सबसे ज्यादा 48 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी मिली। साथ में एक्सिस, आईसीआईसीआई और अन्य बैंक भी थे। एफपीओ में एसबीआई ने अपनी होल्डिंग घटाकर 30 प्रतिशत कर दी। इसने मार्च में 10 रुपए प्रति शेयर पर 7,250 करोड़ रुपए लगाया था।
अब चार महीने बाद एसबीआई ने एफपीओ में 18 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी 13 रुपए में बेच दी। यानी उसे चार महीने में 20-25 प्रतिशत का रिटर्न मिल गया। हालांकि इसके साथ ही अन्य बैंकों ने भी हिस्सेदारी बेची है।
यस बैंक में नुकसान किसे हुआ?
यस बैंक में मुख्य रूप से नुकसान रिटेल निवेशकों को हुआ है। बहुत सारे निवेशकों ने उस समय इसमें पैसे लगाए जब यह शेयर 400 रुपए या 300 रुपए तक था। वहां से जब शेयर टूटना शुरू हुआ तो काफी निवेशकों ने यह सोचकर निवेश किया कि अब आधा कीमत पर मिल रहा है और रिटर्न मिलेगा। इस तरह से निवेशक लगातार इसमें निवेश करते गए। यहां तक कि 30 रुपए,50 रुपए, 80 रुपए पर भी खरीदी होती गई। लेकिन बात तब पलटी, जब एसबीआई ने इसमें हिस्सेदारी खरीदी। यहां पर 5 रुपए का शेयर एक बार फिर 89 रुपए तक 10 दिन में पहुंचा। यहीं पर निवेशक फिर फंसे।
निवेशकों को लगा कि अब यह शेयर फिर से 200 जाएगा। लेकिन जिन लोगों ने शेयर को 5 से 89 तक पहुंचाया, वे तुरंत बेचकर निकल गए। शेयर फिर से आज उसी स्तर पर आ गया है।
शेयर में इतना उतार-चढ़ाव क्यों होते गया
यस बैंक को शुरू से ही पैसे की जरूरत थी ताकि वह आरबीआई के नियमों के मुताबिक काम कर निवेशकों को क्या जानना चाहिए? सके। जब इसकी पैसे की जरूरत अब एफपीओ के जरिए पूरी हो गई तो फिर शेयर क्यों टूट रहा है? विश्लेषकों के मुताबिक इसमें सेबी को जांच करना चाहिए कि यह 5 रुपए का शेयर किस आधार पर 89 रुपए पर गया और फिर किस आधार पर 11 रुपए पर आ गया है। अगर एसबीआई के नाम पर यह 89 तक गया तो एसबीआई अब भी इसमें है। पर शेयर क्यों टूट रहा है?
सेबी का क्या नजरिया है
वैसे खबर है कि सेबी एफपीओ में कुछ ब्रोकरों की जांच कर रही है। कारण कि एफपीओ खुलने से पहले ही इसमें काफी शेयर बेचे गए थे। एक महीने पहले यह 28 रुपए पर शेयर था। 10 दिन पहले यह 18 रुपए पर था। आखिर क्यों यह शेयर एफपीओ के बाद भी टूटकर 11 रुपए पर आ गया।
सात कारोबारी दिन से लगातार टूट रहा है शेयर
यस बैंक के शेयरों में लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट आई है। यस बैंक का शेयर गिरकर एफपीओ प्राइस से नीचे आ गया है। इसमें हर दिन लोअर सर्किट लग रहा है। इस साल अब तक यस बैंक के शेयर 76 फीसदी गिर चुके हैं। एफपीओ का फ्लोर प्राइस जारी होने के बाद यस बैंक के शेयर 56 फीसदी गिर चुके हैं।
जून तिमाही में महज 45 करोड़ का लाभ हुआ
बैंक को जून तिमाही में महज 45 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में हुए 114 करोड़ रुपए के लाभ की तुलना में यह 60 प्रतिशत कम है। बैंक का ग्रॉस एनपीए इसी दौरान 16.8 से बढ़कर 17.3 प्रतिशत हो गया है। शुद्ध एनपीए 5.03 से घटकर 4.96 प्रतिशत रहा है। इनमें सॉल्वेंसू, कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो और रेगुलेटरी जरूरतें भी शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को भी यस बैंक के शेयरों में 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा।
यस बैंक के एफपीओ के लिए जिन संस्थागत निवेशकों (क्यूआईबी) ने बोली लगाई थी उनमें एसबीआई, एलआईसी, आईआईएफएल, एचडीएफसी लाइफ, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, यूनियन बैंक, बजाज होल्डिंग्स, एवेंडस वेल्थ मैनेजमेंट, इफ्फको टोकियो जनरल इंश्योरेंस आदि हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 741