Published on: October 19, 2022 11:59 IST
Sovereign Gold Bond: आ रहा सस्ता सोना खरीदने का मौका, जानिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के फायदे
Sovereign Gold Bond: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की तीसरी किस्त लेकर आया है. अगर आप इसमें निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो अगले हफ्ते से पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 16 Dec 2022 08:44 AM (IST)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
Sovereign Gold Bond: अगर आप सोना में निवेश करना पसंद करते हैं तो आपके लिए सरकार एक सुनहरा मौका लेकर आई है. अगले हफ्ते से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) में पैसा निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप फिलहाल दो बार अपने पैसों का निवेश सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में कर सकते हैं.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि सॉवरेन गोल्ड बांड 2022-23 की तीसरी सीरीज 19 से 23 दिसंबर 2022 तक खुल रही है. अगली किस्त मार्च 2023 में खुलेगी. मार्च में 6 से लेकर 10 मार्च, 2022 तक आप इस बॉन्ड को खरीद सकते हैं. अगर आप सस्ते में सोना खरीदना चाहते हैं तो आरबीआई द्वारा जारी किए जाने वाले इस गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं.
किस तरह प्राप्त कर सकते हैं सस्ता सोना
केंद्र सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) लेकर आती रहती है. इससे पहले सरकार अगस्त 2022 में यह गोल्ड बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी. इस स्कीम के तहत निवेश गोल्ड में अपने पैसे निवेश करके ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम तो सरकार एक निश्चित अवधि के बाद खोलती रहती है. इसमें RBI ग्राहकों को एक सीमित अवधि तक सब्सक्रिप्शन लेने की छूट देती है. यह एक सुरक्षित निवेश का ऑप्शन है क्योंकि इसकी गारंटी सरकार देती है.
जानिए कितना सोना खरीद सकते हैं आप?
रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नियमों के गोल्ड का व्यापार कैसे करें अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. साथ ही अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्म संस्थाएं निवेश कर सकती हैं. अकेला गोल्ड का व्यापार कैसे करें व्यक्ति 4 किलो सोना खरीद सकता है. वहीं किसी संस्था, कंपनी और ट्रस्ट में 2 किलो से ज्यादा सोना खरीदना पड़ता है.
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यहां SBG की कीमत और इस पर मिलने वाला ब्याज-
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत निवेशक को 999 शुद्धता वाला सोना खरीदने का मौका मिलता है. इसें आप ऑनलाइन (Online) और ऑफलाइन (Offline) दोनों तरीके से खरीद सकते हैं. इस स्कीम के तहत सोने पर निवेश करने पर आपको सालाना के आधार पर 2.50 फीसदी का निश्चित रिटर्न मिलेगा. यह ब्याज छमाही के आधार पर खाते में जमा होता है. ब्याज पर मिलने वाला पैसा इनकम टैक्स की धारा 1961 के तहत टैक्सेबल है. इस स्कीम के तहत जब आप सोने बेचेंगे तो आपको उस समय के प्राइस के अनुसार कीमत और ब्याज दोनों का लाभ मिलेगा. इस स्कीम में आप कुल 8 साल के लिए अपने पैसे निवेश कर सकते हैं.
कहां से खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप किसी भी सरकारी बैंक या स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, पोस्ट ऑफिस से खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप इसे किसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं.
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Published at : 16 Dec 2022 08:44 AM (IST) Tags: Reserve Bank of India gold bond Sovereign gold bond RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।
डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।
वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।
Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।
बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।
ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।
आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-
पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता गोल्ड का व्यापार कैसे करें है।
गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या गोल्ड का व्यापार कैसे करें स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।
डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग गोल्ड का व्यापार कैसे करें स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।
धनतेरस-Diwali पर सोने की ज्वैलरी, सिक्के, डिजिटल गोल्ड या गोल्ड का व्यापार कैसे करें गोल्ड बॉन्ड खरीदें, जानिए कौन सबसे फायदेमंद
भारतीय रिजर्व बैंक साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इसमें सोने की कीमत अधिकांश समय बाजार कीमत से थोड़ी कम होती है।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 19, 2022 11:59 IST
Photo:INDIA TV Dhanteras Diwali Buy Gold
धनतेरस और दिवाली पर सोने और चांदी की सबसे अधिक खरीदारी होती है। इस बार 23 अक्टूबर को धनतेरस है। ऐसे में अगर आप सोने की खरीदारी करना चाहते हैं तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। आप सोने की ज्वैलरी, सिक्के के अलावा डिजिटल गोल्ड या गोल्ड बॉन्ड का भी रुख कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि आमतौर पर लोग सिर्फ सोने की ज्वैलरी खरीदने पर जोर देते हैं। हालांकि, बदलते दौर के साथ बाजार में कई विकल्प मौजूद है। अगर, निवेशक समझदारी से काम करें तो सोना खरीदने के साथ अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकता है।
सोने के सिक्के खरीदना ज्यादा फायदेमंद
सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप धनतेरस या दिवाली पर निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं तो सोने के गहने से ज्यादा सिक्के खरीदना फायदेमंद होगा। ऐसा इसलिए कि ज्वैलर सोने की ज्वैलरी पर 10 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक मेकिंग चार्ज वसूलते हैं। लेकिन जब आप अपने सोने के गहने बेचने जाते हैं तो आपको केवल सोने के मूल्य के बराबर राशि मिलती है। ऐसे में मेकिंग चार्ज का नुकसान होता है। वहीं, जब आप सोने के सिक्के खरीदेंगे तो उस पर मेकिंग चार्ज नहीं देना होगा। यानी भौतिक सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो सोने के सिक्के खरीदना ज्यादा फायदेमंद होगा।
गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड की एक स्कीम है। इसमें निवेशक गोल्ड का व्यापार कैसे करें सोने की खरीद यूनिट के अनुसार कर सकते हैं। जब निवेशक सोना बेचते हैं तो उन्हें उस समय के बाजार मूल्य पर पैसा का भुगतान किया जाता है। देश की कई म्यूचुअल फंड कंपनियां गोल्ड ईटीएफ में निवेश की सुविधा देती है। वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि छोटे निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। निवेशक लंबी अवधि के लिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। ये ऐसी योजनाएं हैं जो मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं। गोल्ड म्यूचुअल फंड प्रत्यक्ष रूप से भौतिक सोने में निवेश नहीं करते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उसी स्थिति को लेते हैं। गोल्ड ईटीएफ गोल्ड ईटीएफ (विनिमय व्यापार फंड) एक ओपन-एंडेड फंड है जो स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड करता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो सोने गोल्ड का व्यापार कैसे करें में निवेश पर सोने की कीमत पर आधारित होता है। गोल्ड ईटीएफ 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में निवेश करता है। उनका प्रबंधन फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है जो प्रतिदिन सोने की कीमतों पर नजर रखते हैं और रिटर्न को अनुकूलित करने के लिए भौतिक सोने का व्यापार करते हैं।
डिजिटल गोल्ड
भारत में 3 ऐसी कंपनियां हैं जहां से आप डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं। इसमें MMTC-PAMP India Pvt Ltd, Augmont Gold Ltd और Digital Gold India Pvt Ltd कंपनियां शामिल हैं। इसके गोल्ड का व्यापार कैसे करें अलावा एयरटेल पेमेंट्स बैंक सेफगोल्ड (SafeGold) के साथ मिलकर DigiGold की सुविधा देता है। इसके अलावा ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोनपे आदि अपने प्लेटफॉर्म के जरिये डिजिटल गोल्ड में निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं। अगर आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सिर्फ पंजीकृत निवेश सलाहकार के माध्यम से ही निवेश करें।
GOLD BOND पर ब्याज से कमाई
भारतीय रिजर्व बैंक साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इसमें सोने की कीमत अधिकांश समय बाजार कीमत से थोड़ी कम होती है। साथ ही इसमें निवेश पर 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है। यानी निवेशकों को सोने की कीमत बढ़ने के साथ ब्याज का भी लाभ दिया जाता है। इसकी परिपक्वता अवधि आठ साल की है लेकिन जरूरत पर इसे पांच साल बाद भी बेच सकते हैं। निवेशक इसमें एक ग्राम सोने के मूल्य के बराबर राशि निवेश कर सकते हैं। बॉन्ड में निवेश के लिए डिजिटल रूप में भुगतान करने पर प्रति 10 ग्राम 50 रुपये की छूट भी मिलती है। यानी अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं तो यह सबसे बेहतरी विकल्प हो सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कैसे शुरू करें निवेश, कितना लगेगा टैक्स और कौन योग्य? जानिए
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की दूसरी किश्त 22 अगस्त को सदस्यता के लिए खुल चुकी है, जो 26 अगस्त, 2022 को बंद होगी। इसकी पहली किश्त इसी वित्त वर्ष, जून में पेश की गई थी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी किश्त जारी की गई है। (फोटो-Freepik)
लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई स्कीमों में निवेश की योजना बनाते हैं। आधुनिक समय में कोई शेयर मार्केट में निवेश कर रहा है तो वहीं एफडी, सरकारी स्कीम और सोना में भी निवेश किया जा रहा है। सोना भारतीय लोगों के लिए पहले से ही पसंदीदा रहा है। पीली धातु में इनवेस्ट निवेशकों के लिए सुरक्षित माना गया है, जिसमें अच्छा मुनाफा भी मिलता रहा है।
ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की गई है। यह स्कीम निवेशकों को डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का मौका देती है। इसे 2022 में ही लॉन्च किया गया था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की दूसरी किश्त 22 अगस्त को सदस्यता के लिए खुल चुकी है, जो 26 अगस्त, 2022 को बंद होगी। इसकी पहली किश्त इसी वित्त वर्ष, जून में पेश की गई थी।
कौन कर सकता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश
SGBs में एक ट्रस्ट, एक HUF, एक धर्मार्थ संस्थान, एक विश्वविद्यालय, या भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार निवेश कर सकता है। इसके अलावा नाबालिग बच्चा अपने अभिभावक के साथ या फिर अन्य भारतीय नागरिक कुछ अन्य लोगों के साथ इस स्कीम से सोना खरीद सकते हैं।
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कितनी है प्रति ग्राम गोल्ड की कीमत
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस (सोने की कीमत) 5,197 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। वहीं 50 रुपए की छूट ऑनलाइन निवेश करने वालों को दी जाएगी। वहीं पहली सीरीज के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्राइज इश्यू 5,091 रुपए प्रति ग्राम था।
कैसे इस स्कीम में कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कॉमर्शियल बैंकों (स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंंग कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), पोस्ट ऑफिस और स्टॉक एक्सचेंज विज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से निवेश या सोने की खरीद कर सकते हैं।
सोने की खरीदारी की लिमिट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत कोई भी एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है। किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में अधिकतम 4 किलो सोना ही खरीद कर निवेश किया जा सकता है। अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्टों के लिए ये लिमिट 20 किलो तक है।
क्या होता है टेन्योर और टैक्स
SGB की अवधि आठ साल तय की गई है, जिसमें ब्याज की तारीख पर पांचवें वर्ष के बाद जल्दी रिडीम करने का विकल्प दिया गया है। इस स्कीम के तहत प्राप्त किया गया धन या ब्याज इनकम टैक्स एक्ट 1961 (43 of 1961) के तहत आएगा। एक व्यक्ति द्वारा इस स्कीम के तहत प्राप्त शुरुआती पूंजीगत लाभ पर कर मुक्त है। SGB के हस्तांतरण से प्राप्त होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल लाभ इनडेक्सेशन एडवांटेज के लिए पात्र होंगे।
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