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B2C (Business to consumer) B2C e-commerce एक सामान्य बिज़नेस मॉडल है, जहाँ पर बिज़नेस द्वारा सीधे तोर पर डिजिटल माध्यम से अपने ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचीं जाती हैं। उदाहरण के तोर पर जैसे आप किसी ऑनलाइन स्टोर से अपने लिए कोई कपड़ा, घड़ी या जुते इत्यादि खरीदते हैं, यानि यहाँ पर व्यापारी सीधे तोर पर ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचता है।
ई-कॉमर्स क्या है और ई-कॉमर्स के उपयोग?
क्या आप जानना चाहते हैं की ई-कॉमर्स क्या है और भारत में ई-कॉमर्स का विकास कैसा है (What is E-Commerce in Hindi)? तो इस पोस्ट में हम इसी के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकेंगे. अगर आपके मन में e-commerce से जुड़े कई सवाल हैं तो आपको आपके सारे सवाल का जवाब ज़रूर मिल जाएगा.
इंटरनेट के माध्यम से उद्योग करने को ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहते हैं. सरल शब्दों में इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया पर अपनी सर्विस, या सेवा प्रदान करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है.
‘बदलाव’– यही वह चीज़ है जिसकी मदद से मनुष्य इतने ऊँचे मुकाम तक पहुँचा, जहाँ तक और कोई दूसरा जानवर नहीं पहुँच पाया.
शुरुआत से ही मनुष्य अपने आसपास के वस्तुओं में ज़रूरी बदलाव करता गया और उन्हें अपने फायदे और ज़रूरत के हिसाब से इस्तेमाल में लाता गया. अब आप उदाहरण के लिए पहिए को ही लें. अगर आज भी मनुष्य लकड़ी को गोल तख्ते के आकार में प्रयोग करता तो क्या हज़ारों मील का सफर तय करना आज के जैसा आसान होता?
अगर मोबाइल में बदलाव नहीं लाया गया होता तो क्या आज आप अपना स्मर्टफ़ोन चला पाते? बदलाव की वजह से ही यह संभव हो पाया है की आज आप मेरा लिखा एक आर्टिकल इतनी आसानी से पढ़ पा रहे हैं.
ठीक इसी तरह, बाज़ार और उद्योग के क्षेत्र में भी समय-समय पर कई अहम् बदलाव हुए और इन्ही में से एक ज़रूरी बदलाव था दुनिया का ई-कॉमर्स से परिचय करवाना. ई-कॉमर्स एक क्रांति की तरह आया, और उद्योग के क्षेत्र को पूरी तरह झंकझोर कर रख दिया.
लेकिन यह ई-कॉमर्स है क्या और इसका महत्व क्या है? शायद यही सवाल अभी आपके दिमाग में भी आया हो। लेकिन, फ़िक्र मत करिये. इस आर्टिकल में मैं आपको ई-कॉमर्स ईकामर्स क्या है? से जुड़ी सारी जानकारी एक-एक करके दूंगा. तो सबसे पहले हम यह जान लेते हैं की आख़िर ई-कॉमर्स होता क्या है.
ईकामर्स ईकामर्स क्या है? क्या है?
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E-Commerce क्या है? उपयोग तथा लाभ
ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का अर्थ है- इन्टरनेट के जरिये व्यापार करना। वस्तुओं और सेवाओं को इन्टरनेट के जरिए खरीदना एवं बेचना ही ई-कॉमर्स कहलाता है। ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग व ई-बिजनेस इत्यादि ई-कॉमर्स के हो भाग हैं। इससे उत्पादकों एवं विक्रेताओं को वस्तुओं एवं सेवाओं के विश्वव्यापी बाजार मिले है एवं व्यापारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के समय एवं लागत में भारी कटौती हुई है।
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स के लिए विभिन्न साइट्स हैं, जिनमें छोटी से लेकर बड़ी वस्तुओं की रिटेल शॉप मौजूद हैं। एक ई-कॉमर्स साइट कैसिट लोग पेन की तरह होती हैं, जहाँ से उपभोक्ता वस्तुओं को क्रय कर सकता है एवं क्रेडिट कार्ड के जरिए क्रय की गई वस्तु के मूल्य का भुगतान कर सकता है।
ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of E-Commerce)
ई-कॉमर्स तीन प्रकार का होता है-
1. बिजनेस To विजनेस (B2B):– इसके अन्तर्गत दो कम्पनियों के मध्य व्यापार सम्मिलित होता हैं। एक कम्पनी को उत्पादन हेतु कच्चे माल, लेवर मशीनरी आदि अन्य कई चीजों की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति वे दूसरी कम्पनियों से करती हैं। इस हेतु यदि वे कम्प्यूटर व इंटरनेट का प्रयोग करती हैं तो इस प्रकार का ई-कॉमर्स बिजनेस टू बिजनेस कहलाता है।
2. बिजनेस To कंज्यूमर (B2C):- विभिन्न कम्पनियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को उपर्युक्त अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु क्रय करते हैं। इस प्रकार का व्यापार बिजनेस टू कंज्यूमर कहलाता है।
3. कंज्यूमर To कंज्यूमर (C2C):- उपर्युक्त ई-कॉमर्स के दो प्रकारों के अतिरिक्त यह ई-कॉमर्स का तीसरा प्रकार है जिसके अन्तर्गत दो उपभोक्ताओं के मध्य व्यापार होता है।
ई-कॉमर्स के उपयोग (Uses of E-Commerce)
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स की वजह से विश्व-भर के बाजार 'ग्लोबल विलेज' की दिशा में बढ़ रहे हैं। ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ उसकी पहुँच है। ई-कॉमर्स ने बड़े एवं छोटे उत्पादकों एवं विक्रेताओं के मध्य अन्तर को समाप्त कर दिया है, इससे छोटे व्यावसायियों को भी बड़े व्यवसायियों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है। ई-कॉमर्स में परम्परागत व्यवसाय की तुलना में विपणन लागत कम होती है एवं व्यापार का क्षेत्र विश्वव्यापी होने के कारण व्यापार की कुल लागत कम होती है, जिससे वस्तुएँ एवं सेवाएं उपभोक्ता को कम कीमतों पर उपलब्ध होती है।
ई-कॉमर्स में व्यावसायिक सूचनाओं का आदान-प्रदान शीघ्र व मितव्ययी होता है। ई-कॉमर्स द्वारा बहुत कम पूंजी से विश्वभर में व्यापार किया जा सकता है।
ईकामर्स ईकामर्स क्या है? क्या है?
E-commerce kise kahate hain | ई-कॉमर्स किसे कहते हैं, थता इसके लाभ।
यदि आप ई-कॉमर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़े जिसमे हमने बिलकुल सरल शब्दों में विस्तार से बताया है, की E-commerce kise kahate hain थता ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं।
E से अर्थ है (इलेक्ट्रॉनिक) और commerce यानि व्यापार। आज के ऑनलाइन युग में इंटरनेट द्वारा लगभग सभी कार्य किए जा रहे हैं, और जिन कार्यों को ऑनलाइन करना संभव नहीं हो पा रहा है, उनके भी ऑनलाइन विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
इसी प्रकार आज व्यापार भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यानि इंटरनेट के द्वारा किया जा रहा है, और इंटरनेट द्वारा किया जा रहा कोई भी व्यापार जिसमे उत्पाद या सेवाओं का खरीदना या बेचना शामिल हो वह E-commerce केहलाता है।
ईकॉमर्स या ई-सर्विसेज का फैलाव ना सिर्फ बड़े शहरों तक ही सिमित है, बल्कि अब छोटे शहरों और कस्बों में भी ई-कॉमर्स का लाभ लिया जा रहा है, चाहे फिर अपने किसी प्रोडक्ट को बेचने की बात हो, या फिर नया सामान खरीदने की हर तरह से ई-कॉमर्स लोगों के लिए व्यापार थता शॉपिंग करने का एक आसान और बेहतर प्लेटफार्म साबित हुवा है।
चलिए उदाहरण सहित आसान शब्दों में ई-कॉमर्स को समझते है, ईकामर्स क्या है? और इसके लाभ और हानियों के बारे में भी जानते हैं।
E-commerce kise kahate hain
ई-कॉमर्स को electronic commerce या Internet commerce भी कहा जाता है। यह एक बिज़नेस मॉडल है, जिसमे उत्पाद या सेवाओं को खरीदने या बेचने के लिए इंटरनेट को एक माध्यम के रूप ईकामर्स क्या है? में ईकामर्स क्या है? उपयोग किया जाता है।
यानि जब इंटरनेट का उपयोग कर उत्पाद या सेवाओं को बेचा या खरीदा जाता है, उसे E-commerce कहते हैं।
दूसरे ईकामर्स क्या है? शब्दों में कहा जाए तो, आप जो भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जैसे कपड़े, जूते, घर का सामान, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इत्यादि यानि वह हर एक प्रोडक्ट जिसे आप इंटरनेट के द्वारा खरीदते हैं, या फिर बेचते हैं, वह सब ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है।
जिस प्रकार हमारे आस पड़ोस में दुकाने होतीं हैं, जहाँ हम जाते हैं, और अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार सामान खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार ऑनलाइन या इंटरनेट जगत में भी Ecommerce platforms होते हैं, जैसे Flipkart, Amazon, Shopify, Mintra इत्यादि, यह भारत में कुछ प्रचलित Ecommerce platforms हैं।
इ न सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को लोग वेबसाइट या मोबाइल एप्प के रूप में अपने लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्टफोन पर एक्सेस करते हैं, और अपनी पसंद अनुसार यहाँ से प्रोडक्ट्स को ना सिर्फ खरीदते हैं, बल्कि बेचते भी हैं।
आज ई-कॉमर्स पर लोगों का इतना अधिक भरोसा है, की लगभग हर वह उत्पाद और सेवाएं ई-कॉमर्स पर खरीदी व बेचीं जा सकती हैं, जिनके बारे कोई कल्पना कर सकता है। तो चलिए अब ई-कॉमर्स के प्रकार भी जान लेते हैं।
ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं | Types of E-commerce in Hindi
ई-कॉमर्स ने क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए आज खरीदारी करने और उत्पाद बेचने के नए रास्ते खोल दिए हैं। जहाँ पेहले हर छोटी-बड़ी चीज को खरीदने के लिए बाजार का रुख करना पड़ता था, वही अब घर बैठे मोबाइल पर सिर्फ एक क्लिक द्वारा सब किया जा सकता है।
E-commerce के निम्नलिखित चार प्रकार हैं।
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B2C (Business to consumer) B2C e-commerce एक सामान्य बिज़नेस मॉडल है, जहाँ पर बिज़नेस द्वारा सीधे तोर पर डिजिटल माध्यम से अपने ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचीं जाती हैं। उदाहरण के तोर पर जैसे आप किसी ऑनलाइन स्टोर से अपने लिए कोई कपड़ा, घड़ी या जुते इत्यादि खरीदते हैं, यानि यहाँ पर व्यापारी सीधे तोर पर ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचता है।
ई-कॉमर्स के लाभ क्या हैं | Advantage of E-commerce in Hindi
ईकॉमर्स के प्रचलित होने का मुख्य कारण इस से होने वाले लाभ हैं। ई-कॉमर्स के इन लाभों को हम दो श्रेणियों में बाटेंगे पहले में हम इस से उपभोक्ता को होने वाले लाभ जानेंगे और दूसरे में व्यापार को।
ई-कॉमर्स से उपभोक्ता को होने वाले लाभ।
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खरीदारी के लिए कहीं जाना ईकामर्स क्या है? नहीं पढता :- ई-कॉमर्स प्लेटफार्म होने से ग्राहक को खरीदारी के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि वह घर बैठे अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर से हर प्रकार की खरीदारी कर सकता है।
ई-कॉमर्स से व्यापार को होने वाले लाभ।
- कम लागत में व्यापार शुरू किया जा सकता है :- ई-कॉमर्स व्यापार को शुरू करने के लिए काफी कम पूँजी की आवश्यकता होती है। इसमें आपको कोई दुकान या शोरूम खोलने की जरुरत नहीं पड़ती है, और शुरुवात में ना किसी स्टाफ को रखने की आवश्यकता होती है, बल्कि घर बैठे बहुत कम पूँजी के साथ कोई भी अपना ऑनलाइन स्टोर बना सकता है, और व्यापार शुरू कर सकता है।
अंतिम शब्द E-commerce kise kahate hain
दोस्तों आपने जाना E-commerce kise kahate hain, ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं, थता इसके लाभों को भी आपने जाना।
जिस प्रकार पिछले कुछ वर्षों की तुलना में आज ऑनलाइन खरीदारी बड़ी है, उम्मीद यही है, की जैसे-जैसे भारत में इंटरनेट का और अधिक विस्तार होगा, गावों और छोटे कस्बों में भी ऑनलाइन खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा। वहाँ भी ई-कॉमर्स का उपयोग बढ़ेगा और घर-घर तक उत्पाद डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
यदि इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है, या हमारे लिए कोई सुझाव है, तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं।
ईकॉमर्स के फायदे और नुकसान
के अनुसार इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ जाती है, प्रवृत्तियों से संकेत मिलता है कि ई-कॉमर्स जल्द ही व्यापार लेनदेन को पूरा करने का प्राथमिक तरीका होगा। चूंकि दोनों कंपनियां और उपभोक्ता स्वयं इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स से प्रभावित हैं, इसलिए यह जानना सुविधाजनक है कि वे क्या हैं ईकॉमर्स के फायदे और नुकसान।
ईकॉमर्स के लाभ
- सुविधा। सभी उत्पाद इंटरनेट के माध्यम से आसानी से सुलभ हैं; आपको बस एक खोज इंजन का उपयोग करके उन्हें खोजना है। दूसरे शब्दों में, उत्पादों या सेवाओं ईकामर्स क्या है? को खरीदने के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
- समय की बचत। ईकॉमर्स का यह भी फायदा है कि ग्राहक गलियारों के बीच या तीसरी मंजिल तक जाने में समय बर्बाद नहीं करते हैं। एक ऑनलाइन स्टोर के साथ, उत्पादों का पता लगाना आसान है और इसे केवल कुछ दिनों में घर के दरवाजे तक पहुंचाया जा सकता है।
- एकाधिक विकल्प। खरीदारी करने के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है; आप न केवल सामग्री के मामले में, बल्कि कीमतों के मामले में भी अनंत विकल्पों में से चुन सकते हैं। विभिन्न भुगतान विधियां भी प्रदान की जाती हैं, इसलिए सभी आवश्यक वस्तुएं एक ही स्थान पर मिल सकती हैं।
उत्पादों और कीमतों की तुलना करना आसान है। जैसा कि उत्पाद ऑनलाइन पाए जाते हैं, वे विवरण और विशेषताओं के साथ होते हैं, इसलिए उन्हें दो, ईकामर्स क्या है? तीन या अधिक ऑनलाइन स्टोर के बीच भी आसानी से तुलना की जा सकती है।
ईकॉमर्स के नुकसान
- गोपनीयता और सुरक्षा। यह एक समस्या हो सकती है यदि ऑनलाइन स्टोर ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए सभी सुरक्षा और गोपनीयता की स्थिति प्रदान नहीं करता है। कोई भी नहीं चाहता कि उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी सभी को दिखाई दे, इसलिए खरीदने से पहले साइट पर शोध करना आवश्यक है।
- गुणवत्ता. इस तथ्य के बावजूद कि ईकॉमर्स पूरी खरीद प्रक्रिया को आसान बनाता है, एक उपभोक्ता वास्तव में उत्पाद को तब तक नहीं छू सकता है जब तक कि इसे घर पर वितरित नहीं किया जाता है।
- छुपी कीमत। ऑनलाइन खरीदते समय, उपभोक्ता ईकामर्स क्या है? को उत्पाद की कीमत, शिपिंग और संभावित करों के बारे में पता होता है, लेकिन यह भी संभव है कि छिपी हुई लागतें खरीद चालान में नहीं दिखाई जाती हैं, लेकिन भुगतान के रूप में।
- शिपमेंट में देरी। जबकि उत्पाद वितरण तेज है, मौसम की स्थिति, उपलब्धता और अन्य कारक उत्पाद शिपमेंट में देरी का कारण बन सकते हैं।
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