Published on: October 16, 2022 11:51 IST
Share Market में सोमवार से रहेगी तेजी या आएगी गिरावट, किन शेयरों पर रखें नजर, सभी सवालों के जवाब यहां
Share Market में अगले हफ्ते भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनियों के साथ ही बने रहें। छोटी कंपनियों में निवेश से बचें।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 16, 2022 11:51 IST
Photo:FILE Share market outlook
Highlights
- घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर से तय होगी
- हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले
- बाजार के लिए वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे
Share Market में बीते कुछ दिनों से बड़ा उतार—चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एक दिन में सेंसेक्स 1000 अंक चढ़ता है और दूसरे दिन ही 1200 अंक गिर जाता है। इस अनिश्चितता से निवेशकों में डर का माहौल है। ऐसे में सोमवार से बाजार का रुख कैसा रह सकता है इसको लेकर सभी बाजार निवेशक के मन में निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर सवाल उठ रहे हैं। अगर आप भी बाजार में निवेश करते हैं तो हम आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब यहां दे रहे हैं।
कंपनियों के रिजल्ट पर रहेगी बाजार की नजर
घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घोषित होने वाले तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी। इसके अलावा निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे। स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार की नजर दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुझानों पर होगी। इस हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बहुत है जिसका प्रभाव हमारे बाजार पर भी पड़ सकता है।’’
वैश्विक बाजार के आंकड़े भी करेंगे प्रभावित
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा डॉलर सूचकांक, कच्चा तेल और अमेरिकी बांड के परिणामों पर भी नजर रखनी होगी। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘एसीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां और कई अन्य कंपनियां नतीजे घोषित करने वाली हैं।’’ एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए जिनके मुताबिक फंसे कर्ज के लिए प्रावधान घटाने से उसका समेकित शुद्ध लाभ 22.30 फीसदी बढ़कर 11,125.21 करोड़ रुपये हो गया है। सैमको सिक्योरिटीज के बाजार परिप्रेक्ष्य प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा कि इस हफ्ते सारा ध्यान कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगा तथा भावी आय वृद्धि के बारे में जानना दिलचस्प रहने वाला है।
2018 में निवेशकों को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
इस साल घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क ने करीब 28 फीसदी का रिटर्न दिया है.
राज्यों के विधानसभा चुनाव
नए साल में कई राज्यों में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं. इन राज्यों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे बड़े राज्या शामिल हैं. इन राज्यों के चुनावी नतीजों का भी असर घरेलू शेयर बाजार में देखने को मिलेगा. जानकारों का कहना है कि राज्यों के चुनावी नतीजों का 2019 में होने वाले आम चुनावों पर भी असर पड़ेगा.
कच्चे तेल की कीमतें अहम
डोयचे बैंक का कहना है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल की तरफ बढ़ रही है. अगर कीमतें इस स्तर पर यह टिकती हैं तो इससे राजकोषीय घाटा और महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ेगा. इससे देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ धीमी होगी, क्योंकि महंगाई बढ़ेगी तो आरबीआई ब्याज दरें बढ़ा सकता है.
आरबीआई की पॉलिसी
ज्यादातर जानकारों का कहना है कि आरबीआई ब्याज दरें स्थिर रखेगा. हालांकि निवेश बैंक मार्गेन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इकोनॉमी में रिकवरी हो रही है. लेकिन महंगाई बढ़ रही है. ऐसे में आरबीआई धीरे-धीरे ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रास्ता अपना सकता है. वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है.
कंपनियों के नतीजे
कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ 2018 में बाजार के लिए काफी अहम है. डोलत कैपिटल के इक्विटी हेड अमित खुराना का कहना है कि तीसरी और चौथी तिमाही बेहतर रहने का अनुमान है, क्योंकि वित्त वर्ष 2018 में पहली छमाही काफी सपाट रही है. यानी इस दौरान ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिला है. खुराना का कहना है कि आगे कंपनियों के नतीजे कैसे रहेंगे इस पर नजर रहेगी.
फेडरल रिजर्व की निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर पॉलिसी
बाजार की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के फैसले पर भी होगी. वहां ब्याज दरें बढ़ने के आसार है. एचएसबीसी ने इस महीने की शुरुआत में कहा है कि अगर फेड ब्याज दरें बढ़ाता निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर है तो डॉलर मजबूत होगा. इससे बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बढ़ेगी.
चीन में हालात
एचएसबीसी का कहना निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर है कि अगर चीन में कर्ज से जुड़ा कोई संकट सामने आता है तो इमर्जिंग मार्केट्स यानी उभरते शेयर बाजारों पर बिकवाली हावी होगी. ऐसी स्थिति में चीन के बाजारों में भी काफी गिरावट आ सकती है. इसका असर उभरते बाजारों के अलावा दुनिया के दूसरे प्रमुख शेयर बाजारों पर दिख सकता है.
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Share Market में सोमवार से रहेगी तेजी या आएगी गिरावट, किन शेयरों पर रखें नजर, सभी सवालों के जवाब यहां
Share Market में अगले हफ्ते भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनियों के साथ ही बने रहें। छोटी कंपनियों में निवेश से बचें।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 16, 2022 11:51 IST
Photo:FILE Share market outlook
Highlights
- घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी
- हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले
- बाजार के लिए वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे
Share Market में बीते कुछ दिनों से बड़ा उतार—चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एक दिन में सेंसेक्स 1000 अंक चढ़ता है और दूसरे दिन ही 1200 अंक गिर जाता है। इस अनिश्चितता से निवेशकों में डर का माहौल है। ऐसे में सोमवार से बाजार का रुख निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर कैसा रह सकता है इसको लेकर सभी बाजार निवेशक के मन में सवाल उठ रहे हैं। अगर आप निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर भी बाजार में निवेश करते हैं तो हम आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब यहां दे रहे हैं।
कंपनियों के रिजल्ट पर रहेगी बाजार की नजर
घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घोषित होने वाले तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी। इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे। स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार की नजर दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुझानों पर होगी। इस हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बहुत है जिसका प्रभाव हमारे बाजार पर भी पड़ सकता है।’’
वैश्विक बाजार के आंकड़े निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर भी करेंगे प्रभावित
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा डॉलर सूचकांक, कच्चा तेल और अमेरिकी बांड के परिणामों पर भी नजर रखनी होगी। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘एसीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां और कई अन्य कंपनियां नतीजे घोषित करने वाली हैं।’’ एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए जिनके मुताबिक फंसे कर्ज के लिए प्रावधान घटाने से उसका समेकित शुद्ध लाभ 22.30 फीसदी बढ़कर 11,125.21 करोड़ रुपये हो गया है। सैमको सिक्योरिटीज के बाजार परिप्रेक्ष्य प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा कि इस हफ्ते सारा ध्यान कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगा तथा भावी आय वृद्धि के बारे में जानना दिलचस्प रहने वाला है।
किन चीजों से तय होगी इस हफ्ते शेयर बाजार की स्थिति, जान लें सभी निवेशक
स्थानीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते मुख्य रूप से व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जाहिर की.
स्थानीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते मुख्य रूप से व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से तय होगी.
स्थानीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते मुख्य रूप से व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जाहिर की. औद्योगिक उत्पादन और खुदरा महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे. इसके अलावा थोक महंगाई के आंकड़े बुधवार को आएंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि यह हफ्ते वैश्विक संकेतों के लिहाज से महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस दौरान अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आएंगे. उनके मुताबिक, बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी.
मीणा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, औद्योगिक उत्पादन (IIP) और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े 12 दिसंबर को आएंगे. थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे. मीणा ने आगे कहा कि संस्थागत प्रवाह पर भी नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि पिछले हफ्ते में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध बिकवाल रहे हैं.
ये चीजें भी डालेंगी असर
बीते हफ्ते एफआईआई ने शुद्ध रूप से 4,305.97 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति को संतोषजनक स्तर पर लाने के लिए रेपो दर में 0.35 फीसदी की और बढ़ोतरी की थी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आरबीआई ने उम्मीद के मुताबिक, नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जबकि आने वाली बैठक में दरों में और वृद्धि का संकेत दिया है. नायर ने कहा कि रूसी तेल पर नए प्रतिबंधों के चलते वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है.
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 686.83 अंक या 1.09 फीसदी टूटा था. शुक्रवार को सेंसेक्स 62,181.67 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 18,496.6 अंक पर बंद हुआ था.
दूसरी तरफ, आपको बता दें कि सेंसेक्स की टॉप 10 में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते हफ्ते सामूहिक तौर पर 1,67,602.73 करोड़ रुपये की गिरावट आई है. सबसे ज्यादा नुकसान में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही है. बीते हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 686.83 अंक या 1.09 फीसदी के नुकसान में रहा है.
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