बुवाई का समय अब लगभग समाप्त हो गया है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि ताजा दौर की बारिश सोयाबीन की फसल को किस तरह प्रभावित कर रही है। मलेशिया पाम आइल मार्केट में भी मजदूरों की कमी से तेजी है। वायदा मार्केट की तेजी के प्रभाव से इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 9800 रुपये बोले जाने लगे हैं। मंगलवार को रतलाम जिले की आलोट मंडी में सोयाबीन 11111 रुपये क्विंटल बिका। किसान सुलतान सिंह का 15 बोरी सोयाबीन इस भाव में खरीदा गया। सोयाबीन प्लांट के भाव 10000 तक पहुंच गए हैं। हालांकि असल में बाजार में माल नहीं है। सट्टे की इस तेजी से किसान से लेकर कारोबारी और उपभोक्ता तक ठगा रहे हैं। हाजर में तेल व्यापारियों को अब माल के लिए ज्यादा पूंजी लगानी पड़ रही है। जबकि उनके मुनाफे में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उपभोक्ता मांग घट गई है। दूसरी ओर सोयाबीन बाजार में है नहीं।

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क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है?

भारत एक विकासशील देश है जो 2030 तक मध्यम आय वाला देश बनने का इच्छुक है। संपदा सृजन और जन कल्याण हमारे दो प्रमुख लक्ष्य हैं। कांग्रेस का आर्थिक दर्शन एक खुली और उदार अर्थव्यवस्था, धन का सृजन, सतत् विकास, असमानताओं में कमी तथा सभी लोगों के कल्याण पर आधारित है। इस तरह की वृद्धि निजी क्षेत्र कार्य कुशल सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा सामाजिक सुरक्षा की प्रणाली को रेखांकित करके ही आयेगी।

हमारी अर्थव्यवस्था अभी भी अत्यधिक नियमों में जकड़ी हुई है, संरचनात्मक समस्यायें बरकरार हैं। सरकारी नियंत्रण और नौकरशाही का हस्तक्षेप बहुत अधिक है। नियमों ने नियंत्रक का रूप ले रखा है। आर्थिक नीतियों में न्यायालयों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। भाजपा सरकार ने सुधारों के पहिए को उल्टी दिशा में मोड़ दिया है। कांग्रेस इन विकृतियों में सुधार करने, उन्हें पूर्ववत् करने और एक खुली और उदार बाजार अर्थव्यवस्था बहाल करने का वादा करती है।

सोयाबीन तेल और तिलहन के भाव में आई गिरावट, आने वाले दिनों में भाव और कम होने की उम्मीद

सोयाबीन तेल और तिलहन के भाव में आई गिरावट, आने वाले दिनों में भाव और कम होने की उम्मीद

विदेशों में मिले- जुले रुख के बावजूद आयात सस्ता होने की वजह से बुधवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बिनौला और सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में गिरावट क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? देखने को मिली. बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत बने रहे. बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.1 प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में बुधवार को आधा प्रतिशत की गिरावट रही. सूत्रों ने कहा कि मंडियों में बिनौला की नई फसल की आवक बढ़ने तथा सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम के सस्ता होने से भी बिनौला तेल में गिरावट दर्ज हुई.

उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां साठगांठ कर किसानों की उपज लूटने के लिए वायदा कारोबार में सोयाबीन का भाव नीचे क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? चला रखी हैं. सोयाबीन का आयात करने का भाव हाजिर भाव से कहीं कम बैठता है. कांडला पोर्ट पर सोयाबीन का भाव 119 रुपए किलो बैठता है जबकि हाजिर भाव 121.50 रुपए किलो है. इस बेपरता कारोबार की वजह से सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट आई है.

वायदा कारोबार के जरिए कारोबार किया जाता है प्रभावित

उन्होंने मांग की कि वायदा कारोबार में पारदर्शिता की कमी होने की वजह से बड़ी कंपनियां यहां के कारोबार को प्रभावित करती हैं और मंडियों में उपज की आवक शुरू होते ही वायदा कारोबार में भाव तोड़कर किसानों को कम भाव में अपनी फसल बेचने को मजबूर किया जाता है.

सूत्रों ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में सोयाबीन की बिजाई के समय जब किसानों को सोयाबीन के बीज आसानी से नहीं मिल पा रहे थे, उस समय वायदा कारोबार में सोयाबीन का भाव था- लगभग 10,800 रुपए क्विन्टल. आज जब किसान उसी उपज को मंडियों में बेचने के लिए ला रहे हैं तो वायदा भाव लगभग 5,400 रुपए क्विन्टल चल रहा है.

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, आठ अक्टूबर को सरसों का वायदा कारोबार बंद करने के समय सरसों के अक्टूबर अनुबंध का वायदा भाव घटाकर 8,040 रुपए क्विन्टल कर दिया गया. लेकिन जब डिलिवरी का समय आया तो 20 अक्टूबर को वायदा भाव बढ़ाकर लगभग 8,800 (सौदे का निचला भाव) रुपए क्विन्टल कर दिया गया. सूत्रों ने कहा कि इसी प्रकार सरसों के नवंबर अनुबंध का भाव जयपुर हाजिर मंडी के भाव से 350-400 रुपए क्विन्टल नीचे रखा गया है. उन्होंने कहा कि इसी सौदे की डिलिवरी के समय यानी 18 नवंबर को इस भाव को बढ़ा दिया जा सकता है.

‘तेल-तिलहन के वायदा कारोबार को बंद करना क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? चाहिए’

सूत्रों ने कहा कि देश के कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन रिफाइंड के आयात का भाव 110 रुपए लीटर, पामोलीन 115 रुपए लीटर, सूरजमुखी रिफाइंड 109 रुपए लीटर, मूंगफली रिफाइंड 127 रुपए लीटर पड़ता है. इन तेलों की पैकिंग, सारे खर्च, जीएसटी तथा खुदरा, थोक एवं कंपनियों के मुनाफे को जोड़कर 25-30 रुपए लीटर का खर्चा आता है.

उन्होंने कहा कि इस हिसाब से सोयाबीन रिफाइंड का भाव अधिकतम 137 रुपए लीटर आना चाहिए, लेकिन बाजार भाव इससे कहीं बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अगर तिलहन उत्पादन में सही मायने में देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो सभी तेल तिलहन के वायदा कारोबार को बंद करना चाहिए, जहां कोई पारदर्शिता नहीं है.

Indore Market: आलोट मंडी में सोयाबीन 11 हजार पार, वायदा में फिर तेजी का सर्किट

Indore Market: आलोट मंडी में सोयाबीन 11 हजार पार, वायदा में फिर तेजी का सर्किट

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore Market। लगातार दूसरे दिन सोयाबीन वायदा कारोबार में तेजी का सर्किट लगा। सोमवार के बाद मंगलवार को भी एनसीडीईएक्स सोयाबीन में 500 प्वाइंट से ज्यादा की तेजी के बाद ऊपर का सर्किट लगा दिया गया। सोयाबीन वायदा 9650 के पार क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? कारोबार कर रहा था। वायदा की तेजी के साथ सोयाबीन पूरी तरह सटोरियों के हाथ में आ गया है। आने वाले दिनों में भी सोयाबीन वायदा में तेजी ही बताई जा रही है। तेजड़िए बता रहे हैं मप्र में सोयाबीन की बुवाई बीते सीजन के मुकाबले 10 लाख हेक्टेयर पिछड़ चुकी है।

विदेशी तेजी से सोयाबीन के भाव बढ़े

विदेशी तेजी से सोयाबीन के भाव बढ़े

इंदौर. अमरीकी सोयाबीन वायदा में जोरदार तेजी देखने को मिली है। अमरीकी सोयाबीन वायदा 35 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अमरीकी सोयाबीन वायदा अबतक 1610 डॉलर तक कारोबार करता दिखाई दे चुका है। ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई की चिंताओं के बीच सोयाबीन की कीमतों में तेजी आई है। दुनिया के सबसे बड़े सोयाबीन के निर्यातक ब्राजील और अर्जेंटीना में सूखे के हालात देखे गए है जिससे वहां सोयाबीन का उत्पादन पहले से कम रह सकता है. कई एजेंसियों ने सोयाबीन के उत्पादन अनुमान में कटौती भी की है. सूखे के चलते ब्राजील और अर्जेंटीना में सोयाबीन की क्वालिटी और क्वांटिटी यानी कि गुणवत्ता और मात्रा दोनों प्रभावित हुए है. जानकारों के अनुसार फऱवरी में ब्राजील 7.5 मिलियन टन के करीब सोयाबीन का निर्यात कर सकता है जोकि पिछले साल की सामान अवधि के मुकाबले कम है। क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? पिछले साल की सामान अवधि में ब्राजील ने 9.923 मिलियन टन सोयाबीन का निर्यात किया था। विदेशी बाजारों में आई तेजी से घरेलू बाजार में सोयाबीन के भाव बढ़ गए । देश की मंडियों में सोयाबीन की आवक 2.65 लाख बोरी की रही। मध्यप्रदेश की मंडी में 1.25 लाख, महाराष्ट्र में 1.15 लाख, राजस्थान में 13 हजार व अन्य राज्यों में 12 हजार बोरी आवक बताई गई। सोयाबीन तेल के भाव भी बढक़र 1305 रुपए के स्तर पर पहुंच गया।
लूज तेल (प्रति दस किलो) : इंदौर मंूगफली तेल 1320 से 1340, मुंबई मूंगफली तेल 1330, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 1295 से 1300 इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1250 से 1255, मुंबई सोया रिफाइंड 1280, मुंबई पाम तेल 1225, इंदौर पाम 1312, राजकोट तेलिया 2080, गुजरात लूज 1290, कपास्या तेल इंदौर 1235 से 1240 रुपए।
तिलहन : सरसों 6500, रायड़ा 5800 से 6000, क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? सोयाबीन 6400 से 6600 रुपए क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पॉट 56000 से 62000 रुपए टन।
प्लांटों के सोयाबीन भाव - बैतूल 6750, प्रेस्टीज 6750, लक्ष्मी 6800, खंडवा 6700, रुचि 6700, धानुका 6825, एमएस नीमच 6810, पचोर 6800 व एवी 6750 रुपए।
कपास्या खली ( 60 किलो भरती) बिना टेक्स भाव - इंदौर 2200 देवास 2200, उज्जैन 2200, खंडवा 2175, बुरहानपुर 2175, अकोला 3300 रुपए।

Gold Options: गोल्ड ऑप्शंस क्या है, जानिए कैसे हो सकती है बंपर कमाई

What Is Gold Options

What Is Gold Options: गोल्ड को अपने पोर्टफोलियो में रखने की चाहत हर किसी की होती है. बहुत से निवेशक और ट्रेडर कम रिस्क के साथ ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की इच्छा रखते हैं. ऐसे लोगों के लिए ऑप्शंस (How To Buy Gold Options) से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. दरअसल, ऑप्शंस में निवेश के जरिए अपने रिस्क को सीमित किया जा सकता है और अधिक से अधिक मुनाफा भी कमाया जा सकता है.

आज की इस रिपोर्ट में हम क्या कोई वायदा कारोबार कर सकता है? गोल्ड ऑप्शंस की बारीकियों को समझने की कोशिश करेंगे और साथ में यह भी समझेंगे कि इसमें निवेश से हमें क्या फायदा मिल सकता है और क्या नुकसान है.

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