डिजिटल करेंसी के फायदे

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की चेतावनी-अगला फाइनेंशियल क्राइसिस क्रिप्टो से आ सकता है

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि आने वाली आर्थिक मंदी क्रिप्टो की वजह से आ सकती है. जानिए देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर ने एक प्रोग्राम में बताया कि दुनियाभर के ज्यादातर देश गंभीर आर्थिक आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर मंदी की चपेट में आ गए है. हालांकि, भारत की आर्थिक गतिविधियों में मजबूती कायम है. हालांकि, न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के एक सर्वे मे 70 फीसदी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिका में मंदी की बात मानी है. उनका कहना है कि साल 2023 में आर्थिक मंदी आ सकती है. हालांकि, भारत में आर्थिक मंदी की बातों को वर्ल्ड बैंक और कई बड़ी एजेंसिया खारिज कर चुकी है.

उन्होंने कहा-सख्त आर्थिक नियमों से देश की ग्रोथ पर असर होगा. आने वाले दिनों में डिपॉजिट रेट और बढ़ सकते है. बैंक जमा दरों में 1.5% तक की बढ़ोतरी देखी गई है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एफडी पर दरें बढ़ने की उम्मीद है .

क्रिप्टो बनेगी आर्थिक मंदी की वजह? RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि डिजिटल करेंसी भविष्य की करेंसी होगी. दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देंगे. लेकिन क्रिप्टो करेंसी दुनियाभर में आर्थिक मंदी की वजह बन सकती है. क्योंकि क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह अनुमान पर आधारित है. बीते कई महीने में कई एक्सचेंज बंद हो चुकी है. अगर भाव की बात करें तो कई क्रिप्टोकरेंसी इस साल 60-90 फीसदी तक लुढ़क गई है. बिटकॉइन ने मार्च में 30 हाजर डॉलर को पार किया था. उसके बाद से शुरू हुई गिरावट में ये 14000 डॉलर पर आ गई है.

आर्थिक मंदी बोले तो. किसी भी देश के लिए आर्थिक मंदी एक एक बड़ा संकट होता है. पिछले कुछ समय से देश और दुनिया में आर्थिक मंदी आने की बातें हो रही है. जब भी किसी देश में आर्थिक मंदी दस्तक देती है तो लोगों को कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जीडीपी में गिरावट, आमदनी में कमी और महंगाई का सामना करते हुए आम आदमी की कमर टूट जाती है. और तो और मंदी के चलते कंपनियां खर्च घटाती हैं ऐसे में कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर देती हैं.

आज से देश में डिजिटल करेंसी की होगी शुरुआत, RBI करेगा लांच, जानिए क्या है Digital Rupee, इसके फायदे और कैसे करना होगा इस्तेमाल

Digital Currency in india

Digital Currency : आज देश में डिजिटल करेंसी यानी वर्चुअल करेंसी (डिजिटल रुपया) की शुरुआत होने जा रही है। ‌‌इसका होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी।

Digital Rupee का इस्तेमाल सरकारी सिक्टोरिटीज के सेटलमेंट के लिए होगा। ग्राहक इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए 9 बैंको की पहचान की गई है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे।

बता दें, CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंक इस समय सीबीडीसी जारी करने की तरीकों पर विचार कर रहे हैं और इसे जारी करने के तरीके हर देश की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार अलग-अलग हैं। बता दें कि भारत सरकार ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा की थी।

डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है

  1. क्रिप्टोकरेंसी: यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इस पर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
  2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
  3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।

डिजिटल करेंसी के फायदे

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। इसे आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। डिजिटल रुपी या डिजिटल करेंसी भी उसी डिजिटल इकोनॉमी का अगला कदम होगा। जिस तरह मोबाइल वॉलेट से सेकंडों में ट्रांजैक्शन होता है, ठीक उसी तरह आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर डिजिटल रुपी से भी काम होगा। इससे कैश का झंझट कम होगा जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखी जाएगी।

Explained: आ गई RBI की वर्चुअल करेंसी, 1 नवंबर से चलेगा Digital RUPEE, नोटों की तरह होगा, बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट

RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा.

डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. (Photo: Zeebiz)

Digital Rupee: आखिरकार अपनी डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी Digital RUPEE की शुरुआत हो गई है. 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. डिजिटल रूपी की शुरुआत होने के साथ ही हमें भी यह समझना जरूरी है कि ये क्या है और कैसे काम करेगा? Digital Rupee अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा. लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा. ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. प्रिंट भी नहीं होगा. बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा. जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है. सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी. इसमें निवेश भी आसान होगा. अच्छी बात ये है कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगा. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.

कब तक आएगा डिजिटल Rupee?

रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का इस्तेमाल बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज यानि सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे की रकम के तौर पर होगा. रिजर्व बैंक ने ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर रिटेल ट्रांजैक्शन के लिए भी इसको इस्तेमाल लाया जाएगा.

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है नाम

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.

कैसे काम करेगा Digital Rupee?

डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी. वहीं, दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा. CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कह सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगी?

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपी की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी. जिस तरह क्रिप्टो में करेंसी का भाव घटता-बढ़ता है, डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी.

सभी को मिलेगा डिजिटल रूपी

डिजिटल रुपी दो तरह का होगा. एक बड़ी रकम के लेनदेन के लिए होगा जिसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल होगा. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके अलावा रिटेल के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल भी आएगा. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. ये भी पहले चुनिंदा जगहों और बैंकों के साथ शुरू होगा. रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर फीचर्स में बदलाव होगा.

नोटों की तरह होगा डिजिटल रुपी

डिजिटल रुपी को डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अहम कड़ी UPI से भी जोड़ा जाएगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकें. जिस तरह 10, 20, 50, 100, 500 वाले नोट होते हैं. उसी वैल्यू (डिनॉमिनेशन) वाला डिजिटल रुपी भी आएगा. हालांकि, कोई व्यक्ति कितना डिजिटल रुपी रख सकेगा, इसकी सीमा भी तय की जा सकती है. डिजिटल करेंसी से पेमेंट पर गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की जाएगी. मुमकिन है कि चुनिंदा सरकारी एजेंसियों को छोड़कर बाकी किसी को डिजिटल रुपी से हुए सौदों की पूरी सटीक जानकारी नहीं दी जाए.

डिजिटल RUPEE की खासियत

- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान.
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा.
- मोबाइल से कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर होंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा.
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी.
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा.

करेंसी नोट खत्म नहीं होंगे

डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी. इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा. मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें.

भारत के लिए विकास की गति सकारात्मक होगी : आरबीआई बुलेटिन

शेयर बाजार 20 दिसम्बर 2022 ,19:15

भारत के लिए विकास की गति सकारात्मक होगी : आरबीआई बुलेटिन

© Reuters. भारत के लिए विकास की गति सकारात्मक होगी : आरबीआई बुलेटिन

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। वैश्विक मुद्रास्फीति भले ही चरम पर पहुंच गई हो, लेकिन जोखिम का संतुलन तेजी से एक अंधकारमय वैश्विक दृष्टिकोण की ओर झुका हुआ है और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) अधिक कमजोर दिखाई दे रही हैं। आरबीआई ने दिसंबर 2022 के लिए जारी अपने बुलेटिन में यह बात कही।अर्थव्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित अध्याय में कहा गया है, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निकट अवधि के विकास दृष्टिकोण को घरेलू चालकों द्वारा समर्थित किया गया है, जैसा कि उच्च आवृत्ति संकेतकों के रुझानों में परिलक्षित होता है।

बुलेटिन में कहा गया है, इनपुट लागत के दबाव में कमी, उछाल वाली कॉर्पोरेट बिक्री, और अचल संपत्तियों में निवेश में वृद्धि भारत में कैपेक्स चक्र में तेजी की शुरुआत कर रही है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की गति को तेज करने में योगदान देगी।

बुलेटिन में आगे कहा गया है आधिकारिक डिजिटल करेंसी का अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर कि भारत में मजबूत पोर्टफोलियो प्रवाह से उत्साहित होकर नवंबर के दौरान इक्विटी बाजारों ने नई ऊंचाइयों को छुआ। मुख्य मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत पर स्थिर रहने के बावजूद सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण हेडलाइन मुद्रास्फीति नवंबर में 90 आधार अंकों से घटकर 5.9 प्रतिशत हो गई।

बुलेटिन में कहा गया है, केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों के वित्त में 2022-23 की पहली छमाही में महामारी से प्रेरित नकारात्मक स्पिलओवर प्रभावों में काफी सुधार हुआ है, यहां तक कि यूरोप में युद्ध के कारण लक्षित राजकोषीय उपाय भी हुए हैं।

बुलेटिन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों में मजबूत कर संग्रह दर्ज किया है, जो अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार के लिए कर शासन और प्रशासन में सुधार के साथ-साथ कॉर्पोरेट क्षेत्र की बेहतर बैलेंस शीट को दर्शाता है।

एक नोट में कहा गया, भारत की मुख्य डिजिटल अर्थव्यवस्था (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर प्रकाशन, वेब प्रकाशन, दूरसंचार सेवाएं और विशेष और सहायक सेवाएं) में वृद्धि हुई है। यह 2014 में सकल मूल्यवर्धन का 5.4 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 8.5 प्रतिशत हो गया।

डिजिटल वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना में 2.4 गुना तेजी से बढ़ी है, जिसमें गैर-डिजिटल क्षेत्रों के लिए मजबूत फॉरवर्ड लिंकेज हैं।

डिजिटल आउटपुट गुणक समय के साथ बढ़ा है, जो विकास को गति देने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था निवेश की भूमिका को उजागर करता है।

रोजगार के अनुमान बताते हैं कि कोर डिजिटल क्षेत्र में 49 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। बुलेटिन में कहा गया है कि कुल डिजिटल रूप से निर्भर अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लगभग 6.24 करोड़ कर्मचारी डिजिटल रूप से बाधित क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

अब कैश रखने की जरूरत नहीं! RBI आज लॉन्च करेगा Digital Rupee,जानिए इसके बारे में सबकुछ

रिजर्व बैंक ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि वो एक खास उपयोग के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च करने वाला है. अब इसकी शुरुआत 1 नवंबर से होने जा रही है. अभी इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है.

डिजिटल करेंसी के फायदे

डिजिटल करेंसी के फायदे

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2022,
  • (Updated 01 नवंबर 2022, 10:35 AM IST)

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया शुरू

डिजिटल मुद्रा को नहीं कर सकते नष्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने 31 अक्टूबर को घोषणा की कि वह आज से विशेष उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपया (ई-रुपया) के पायलट लॉन्च की शुरुआत करेगी. RBI के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय बैंक आज थोक उद्योग के लिए डिजिटल रुपये में एक पायलट का संचालन करेगा.

केंद्रीय बैंक की ओर से 7 अक्टूबर को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरबीआई जल्द ही विशिष्ट उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपये (ई-रुपये) का परीक्षण शुरू करेगा. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पायलट का उपयोग मामला माध्यमिक वित्तीय गतिविधि को निपटाने और सरकारी सिक्योरिटी को इसमें शामिल करने के लिए था.

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया शुरू
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा.आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है. थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले इस परीक्षण में कई सारे बैंक शामिल हैं. इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं.

इसने आगे कहा गया कि खुदरा क्षेत्र के डिजिटल रुपये (e-rupee-R)के लिए पहला परीक्षण कुछ प्रमुख क्षेत्रों में ग्राहकों और व्यापारियों से बने चुनिंदा सीमित यूजर ग्रुप के साथ एक महीने से भी कम समय में लाइव होने वाला है. नियत समय में, ई-रुपये-आर पायलट के संचालन के बारे में जानकारी जारी की जाएगी.

क्या है CBDC?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी धन का एक डिजिटल रूप है. सीधे शब्दों में कहें तो, यह भारतीय रुपये का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जो एक तरह का फिएट मनी है. इसे फिएट मनी के लिए वन फॉर वन का कारोबार किया जा सकता है.

RBI के अनुसार, “CBDC एक डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी टेंडर है. यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है.केवल उसका रूप भिन्न है."

क्या होती है Fiat Money?
किसी भी देश की अर्थव्यस्था में सरकार द्वारा जारी कि गई मुद्रा Fiat Money कहलाती है. इसका सोने चांदी की तरह खुद को कोई विशेष मूल्य नही होता लेकिन किसी भी देश की सरकार उसे अपने नियमों अनुसार इसे एक विशेष मूल्य का दर्जा देती है. यह मूल्य स्थाई नहीं होता है, क्योंकि मांग तथा आपूर्ति के हिसाब से Fiat Money का मूल्य कम ज्यादा होता रहता है.

डिजिटल रुपये के क्या फायदे हैं?
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल भुगतान विधियों के लाभ सीबीडीसी में मौजूद होंगे. एक डिजिटल मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है. इस तरह ये नकदी का एक डिजिटल रूप है जिसे नोट की जगह लाइफलाइन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा.

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