Cryptocurrency News : क्या शुरू हो गया है क्रिप्टोकरेंसीज का बुरा दौर

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। Cryptocurrency के फायदे क्या क्या हैं? कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार अर्थात जहाँ इनकी खरीद- फ़रोख़्त अथवा व्यापार होता है, उसे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज, डिजि़टल करेंसी एक्सचेंज, कॉइन मार्केट, क्रिप्टो मार्केट नाम से जाना जाता है। ये एक्सचेंज क्रेडिट कार्ड, वायर ट्रांसफर और अन्य डिजि़टल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं। यहाँ आप कागज़ी मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी अथवा क्रिप्टो करेंसी को कागज़ी मुद्रा में बदल सकते हैं। BINANCE, COINBASE, BITFINEX, KRAKEN, BITHUMB, BITSTAMP, BITEX, COINONE , COIN CHECK, CRYPTO.COM कुछ अग्रणी एक्सचेंजों की वेबसाइटें हैं। भारत में COINSWITCH , COINDCX, WAZIRX, UNOCOIN सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज हैं।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

क्रिप्टो करेंसी के लाभ

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भविष्य की जरूरतों एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों को देखते हुए यह आवश्यक है कि क्रिप्टो करेंसी के संदर्भ में सरकार द्वारा डिजि़टल मुद्रा के विशेषज्ञों और सभी हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ाया जाए ताकि इस क्षेत्र के बारे में जन जागरुकता बढ़े। इसके अतिरिक्त क्रिप्टो करेंसी के विनिमयन के लिए एक मजबूत एवं पारदर्शी तंत्र का विकास किया जाए।

CryptoCurrency क्या है? यह कैसे काम करती है

आज CryptoCurrency पूरी दुनिया में चर्चित है। लेकिन ये कोई वस्तु या शेयर बाजार नही है। आज भी बहुत से लोग ऐसे है जिनको पता नही C ryptoCurrency क्या है| आप सबके मन में ये बात जरूर आती होगी ।आखिर क् C ryptoCurrency क्या है and यह कैसे काम करती है तो आइए जानते हैं।

CryptoCurrency क्या है

Currency क्या है

CryptoCurrency क्या है किसी देश द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी मुद्रा जिसको लोग धन के रूप में इस्तेमाल करते हो | जिसके बदले लोग कुछ वस्तु खरीद सके उसे Currency कहते हैं
आप 500 रुपए के पुराने नोट से कुछ नहीं खरीद सकते क्योंकि उसकी आज कोई value नहीं है| वह सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है | इसलिए वह कोई करेंसी नहीं है| सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त करेंसी को छुआ जा सकता है महसूस किया जा सकता है और उसे हम बैंक में रख सकते हैं लेकिन CryptoCurrency मैं ऐसा कुछ नहीं होता |

CryptoCurrency क्या है

इस तेजी से आगे बड़ते digital world में currency ने भी digital रूप ले लिया है। इस digital currency को ही C ryptoCurrency कहा। जाता है। जैसे bitcoin, dogecoin, litecoin etc. पहली बार C ryptoCurrency को 2009 में लॉन्च किया गया था। सबसे पहले क्रिप्टोकरंसी bitcoin थी। जो आज सबसे पॉपुलर है। फिर एथेरियम आया और इसके बाद धीरे-धीरे बहुत सारी क्रिप्टोकरंसी आ गई। आज 5000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी हैं।

हर क्रिप्टोकरंसी का तरीका अलग है हर coin का लोगों अलग है।

क्रिप्टो करेंसी कोई नोट या कोई सिक्का नहीं होता and ना ही हम इसको अपने पास रख सकते हैं। हम इसको महसूस नहीं कर सकते हैं। ना ही हम इसको किसी बैंक में रख सकते हैं। हम इसको अपने Cryptocurrency के फायदे क्या क्या हैं? Digital wallet में रख सकते हैं। हम इसे online ही लेन देन कर सकते हैं।इसलिए इसको online करेंसी भी कहा जाता है। फिर एथेरियम आया |और इसके बाद धीरे-धीरे बहुत सारी क्रिप्टोकरंसी आ गई। आज 5000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी हैं। हर क्रिप्टोकरंसी का तरीका अलग है| हर coin का लोगों अलग है।

हर देश को अपनी करंसी पर पूरा कंट्रोल होता है। क्रिप्टो करेंसी में ऐसा नहीं होता। इस पर किसी भी देश का कोई कंट्रोल नहीं होता। पहले इंडिया में क्रिप्टोकरंसी पर रोक लगा दी थी।

लेकिन March 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया था। and इंडिया में भी अब क्रिप्टोकरंसी के user बढ़ने लगे हैं।

CryptoCurrency कैसे काम करती है

यह एक blockchain के माध्यम से काम करती है| इसमें जो भी लेनदेन होता है| उसका रिकॉर्ड रखा जाता है| यहां हाइटेक कंप्यूटर द्वारा इसकी देखरेख की जाती है|

जिसे cryptocurrency mining कहते है जो mining करते हैं उनको miners कहा जाता है | जो इसकी सिक्योरिटी करते हैं उनको फीस के तौर पर कुछ coin दिए जाते हैं|

CryptoCurrency क्या है

Cryptocurrency के फायदे और नुकसान

किसी भी चीज के लोगों के लिए फायदे हैं तो नुकसान भी होते हैं।

Cryptocurrency के फायदे क्या है।

आपको पता है यह डिजिटल करंसी है और इसमें कोई भी खतरा या फ्रॉड नहीं है।

✅ इसका सबसे बड़ा फायदा है कि आप इससे किसी भी देश विदेश में लेनदेन कर सकते हैं।

✅ आप अपने देश की करेंसी से किसी भी देश में लेनदेन करते हैं तो आपको कुछ चार्ज देना पड़ता है। लेकिन CryptoCurrency में आपको कुछ नहीं देना पढ़ता।

✅ अगर आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हैं तो आप इसमें इन्वेस्ट भी कर सकते हैं। Price बढ़ने पर एक अच्छा फायदा ले सकते हैं

✅ आप इससे किसी भी सामान की shopping कर सकते हैं।

Cryptocurrency के नुकसान क्या है।

❌ क्रिप्टो करेंसी पर किसी भी देश का नियंत्रण नहीं है। तो इसकी कीमत बढ़ती घटती रहती है।

❌ इसमें एक नुकसान यह भी है अगर आप किसी को गलत transaction कर देते हैं।तो अप इसको वापिस Cryptocurrency के फायदे क्या क्या हैं? नहीं ले सकते।

❌ इसका इस्तेमाल गलत कामों के लिए भी हो सकता है क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही होता है।

भारत में CryptoCurrency कैसी है | इसे कैसे खरीदा जाए

भारत में CoinSwitch, CoinDCX ,or WazirX,आदि क्रिप्टो एक्सचेंज बहुत पॉपुलर है जिसकी मदद से आप C ryptocoin खरीद सकते हैं और भारतीय रुपए में payment कर सकते है

अगर आपको क्रिप्टोकरंसी खरीदनी है तो इस लिंक पर जाएं और Sign up कर के यहां से आप CryptoCurrency खरीद सकते हैं

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भारत में आगे इसका उपयोग कैसा है।

यह एक blockchain की तकनीक से बना है। और ब्लॉकचेन आगे आने वाले समय में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली है। अभी भारत में इसका उपयोग कम है लेकिन जिस तरह से यह popular हो रही है तो आगे चलकर भारत में इसका अच्छा उपयोग देखा जा सकता है।

तो यह थी CryptoCurrency क्या है आशा करता हूं कि आपको यह articalअच्छा और informative लगा होगा। आपको अगर अच्छा लगा है तो आगे शेयर करिए और कमेंट करिए कैसा लगा।

RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे

RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

Key Points

– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच

पायलट प्रोजेक्ट

इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।

आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।

डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल

थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।

क्या है CBDC

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।

दो तरह की होगी CBDC

– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।

डिजिटल करेंसी के फायदे

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे

बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।

CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा

चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी

CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, Cryptocurrency के फायदे क्या क्या हैं? जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।

अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।

डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया

Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?

Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में ये है अंतर

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं। सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।

Cryptocurrency Market News : क्यों क्रिप्टोकरेंसी का चल रहा है बुरा समय? जल्द ही 25% और गिर सकता है बिटकाॅइन

Cryptocurrency Market News : क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का इस समय बुरा समय चल रहा है। यह सिर्फ एफटीएक्स की वजह से नहीं है। बाजार में अब लिक्विडिटी पहले की तरह नहीं है। इसका डिजिटल एसेट्स पर बुरा असर पड़ रहा है। फेड की पॉलिसी में बदलाव क्रिप्टोकरेंसीज के लिए काफी बुरा साबित हो रहा है।

Cryptocurrency News

Cryptocurrency News : क्या शुरू हो गया है क्रिप्टोकरेंसीज का बुरा दौर

हाइलाइट्स

  • आने वाले हफ्तों में 25% और गिर सकता है बिटकॉइन
  • क्रिप्टोकरेंसी के लिए सही नहीं है यह समय
  • बाजार में लिक्विडिटी की कमी से डिजिटल एसेट्स पर बुरा असर

एक साल में 75% गिरा बिटकॉइन
कुल मिलाकर बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह काफी बुरा समय चल रहा है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई है। हालांकि, मंगलवार को यह बढ़त के साथ 16,675 डॉलर के करीब ट्रेड करती दिखाई दी। कोरोना महामारी के समय लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगाया था। इसका कारण था अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में जमकर लिक्विडिटी लाना। फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को जीरो के करीब ले आया था। लेकिन अब यह काफी पुरानी बात हो गई है।

बाजार में कम हो रही लिक्विडिटी
हाल के महीनों में महंगाई काफी बढ़ी है। ब्याज दरें बहुत ऊपर जा चुकी हैं और बाजार में लिक्विडिटी धीरे-धीरे कम हो रही है। यह स्थिति डिजिटल एसेट्स के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स के अनुसार डिजिटल एसेट्स में लोग अपना अतिरिक्त पैसा ही निवेश करते हैं।

अगले साल भी क्रिप्टो में राहत नहीं
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि फेड की नीतियों से अगले साल भी निवेश के लिए नकदी की उपलब्धता पर भारी दबाव रहेगा। इसके अनुसार, आने वाले वर्षों में भी ग्लोबल मनी ग्रोथ में मंदी जारी रहेगी। कम पैसे का मतलब है रिस्क बढ़ना। इसलिए निवेशक क्रिप्टो से बाहर निकल रहे हैं।

आईटी सेक्टर में मंदी

बिग टेक जैसे दूसरे संवेदनशील सेक्टर्स भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। आईटी सेक्टर में हम इस समय छंटनी देख रहे हैं। इसका कारण है कि यह सेक्टर मंदी की चपेट में आ रहा है। एपल, अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी कंपनीज में गिरावट है। इन कंपनियों का एसएंडपी 500 में बड़ा हिस्सा है। फेड पॉलिसी में बदलाव से यूएस हाउसिंग मार्केट इंडस्ट्री भी काफी प्रभावित हुई है।
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चीन से आया एक सकारात्मक संकेत

हालांकि, पिछले हफ्ते चीन ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी। इससे बाजार में सकारात्मक रुख दिखा है। युआन एक महीने के उच्च स्तर पर आ गई है। हांगकांग में लिस्ट ट्रैवल कंपनियों के शेयरों में भी तेजी दिखी। चीनी अथॉरिटीज देश के रियल एस्टेट संकट को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जिसने पिछले एक साल से इकनॉमी को बुरी तरह प्रभावित किया है।

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