US प्रिसिडेंट Joe Biden ने क्रिप्टोकरेंसी के लिया क्या कहा ?
Joe Biden ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया। इसमें यूनाइटेड स्टेट्स 30 अलग देशों के साथ मिलकर अवैध क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग का रोकेगा। इस तरह की न्यूज़ उन लाखों लोगों के लिए बेकार सिद्ध होगी जो क्रिप्टो में इन्वेस्ट करते हैं और मुनाफा भी कमाते हैं।
गौरतलब है कि यूनाइटेड स्टैट्स क्रिप्टो के लिए अपनी देश की मंशा अभी तक साफ़ नहीं की थी। इस स्टेटमेंट के बाद क्या हम ये समझ सकते हैं कि क्रिप्टो पर इस बात पर क्या बुरा असर दिखने वाला है ?
Joe Biden का स्टेटमेंट
Joe Biden का ये बयान क्रिप्टो के लिए बन रही साइबर सिक्योरिटी के लिए है। वाइट हाउस ने अपना एक स्टेटमेंट रिलीज़ करके किया है। इस स्टेटमेंट के अनुसार यूनाइटेड स्टेट्स के साथी देशों के साथ क्रिप्टो में होने वाले अवैध क्रिप्टो का उपयोग रोकने के लिए 30 देशों की मदद से इस काम को अंजाम देगा।
इस तरह आप क्रिप्टो पर कुछ सिक्योरिटी रिलेटेड पाबंदिया सामने आ सकती हैं। यूनाइटेड स्टेट्स ने नाटो देशों और G7 से भी साइबर सिक्योरिटी रिलेटेड इस पर सहयोग करने को साथ में लिया है।
अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी की सिक्योरिटी के हिसाब से ये एक अच्छा कदम है। इससे क्रिप्टो की सिक्योरिटी में जो खामियां आ रही है, वो फिक्स हो जाएँगी और क्रिप्टो पर भरोसा और बढ़ जायेगा।
क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट अब लगातार बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल कर दिया गया है।
अल सल्वाडोर के 7 सितम्बर को बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में वैध करने के कानून को लागू किया। 8 सितंबर को यूक्रेन की संसद ने एक कानून पारित किया। यह कानून वर्चुअल ऐसेट्स को भी रेगुलेट करेगा। धीरे-धीरे क्रिप्टो अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी
अभी तक आपने क्रिप्टो के बारे में नहीं जाना है तो आप हमारी इस आर्टिकल पर जा सकते है –
क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध
क्रिप्टोकरेंसी, हाल के दिनों में सबसे नवीनतम और रोमांचक असैट वर्गों में से एक के रूप में उभरी है। भारत में भी, शुरुआती आशंकाओं ने क्रिप्टोकरेंसी की असीमित संभावनाओं में विश्वास पैदा किया है। अपने काम को और अधिक दिलचस्प बनाने और निवेशकों को उनकी क्रिप्टोकरेंसी यात्रा की शुरूआत करवाने के लिए, ZebPay और News18 Network मिल के, डिजिटल करेंसी से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर देने और उनमें निवेश करने का तरीका समझाने के लिए, वन-स्टॉप मीडिया हब 'क्रिप्टो की समझ' पेश कर रहे हैं। वित्त संबंधी भविष्य जानने के लिए तैयार हो जाइए!
Gold vs Crypto: अगर आप भी गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको बता रहे हैं बिटक्वाइन या गोल्ड में निवेश के लिए कौन बेहतर?
Bitcoin accepts as Payment: बेंगलुरु में एक चाय के स्टाल पर क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया, जब ग्राहकों ने खुद बिटकॉइन के माध्यम से अपनी चाय के लिए भुगतान करने की पेशकश की. ग्राहकों के इस तरीके से दुकान का मालिक भी उत्साहित है क्योंकि वह खुद क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करता है.
बिटकॉइन की कीमत शनिवार सुबह 18.36 लाख रुपये थी, जिसमें 40.03 फीसदी का दबदबा था. CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, यह दिन भर में 0.01 प्रतिशत की वृद्धि थी.
चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही, सरकार ने क्रिप्टो संपत्ति या वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) के लिए एक विशेष कर व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत, क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर 30% की एक समान दर से कर लगाया जाता है, चाहे आपका टैक्स स्लैब कुछ भी हो.
फंडामेंटल लेवल पर देखेंगे तो क्वॉइन और टोकन लगभग एक समान हैं. इन दोनों में वैल्यू होती है और दोनों से पेमेंट किया जा सकता है. आप इन दोनों को एक दूसरे से बदल भी सकते हैं. आइए समझते हैं इन दोनों में अन्तर क्या है.
डेटा एनालिटिक्स फर्म Chainalysis के मुताबिक, पिछले साल निवेशकों ने Cryptocurrency में खूब मुनाफा कमाया है. क्रिप्टो में निवेश करने वालों का मुनाफा करीब 400 बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक कमाई के मामले में बिटक्वाइन को पीछे छोड़ते हुए Ethereum सबसे ज्यादा कमाई करवाने वाली करेंसी रही.
Scam in the Name of Crypto Investment: अहमदाबाद के शख्स ने क्रिप्टोकरेंसी में 22 लाख रुपये का निवेश किया और बदले में उसे सिर्फ 1.24 लाख का रिटर्न मिला. क्रिप्टो माइनिंग इनवेस्टमेंट स्कैम के तहत माटुंगा के एक स्कूल टीचर से 2.47 लाख रुपये ठगे गए.
Cryptocurrency में होने वाली धोखाधड़ी या क्रिप्टो वॉलेट से करेंसी की होने वाली ऑनलाइन चोरी को निवेशक कुछ स्मार्ट तरीकों से रोक सकते हैं और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं
क्रिप्टो से जुड़ी मूल बातें समझने के लिए, क्रिप्टो से संबंधित एडवांस शब्दों को जानना और समझना जरूरी है.
Cryptocurrency prices today : सोमवार, 17 जनवरी 2022 को भी क्रिप्टोकरंसी बाजार में पिछले 24 घंटों के दौरान 0.96% की गिरावट आई है. दोनों बड़े कॉइन बिटकॉइन (Bitcoin prices today) और इथेरियम (Ethereum prices today) नेगेटिव थे. कार्डानो (Cardano) में 12 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखा गया.
आइए, पहले समझते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, एक कारोबार या कंपनी है जो ग्राहकों को क्रिप्टो एसेट खरीदने और उनका कारोबार करने की अनुमति देता है. एक्सचेंज अनिवार्य रूप से ग्राहक को पारंपरिक बैंक खातों या अन्य भुगतान विधियों जैसे यूपीआई (UPI) आदि से पारंपरिक मुद्रा जैसे भारतीय रुपया स्वीकार करके क्रिप्टो एसेट खरीदने की सुविधा देता है.
क्रिप्टो एसेट को हर जगह मान्यता मिल जाने से और Bitcoin और Ether जैसे कॉइन के अब तक सर्वाधिक तेजी से बढ़ने से क्रिप्टो की दुनिया में कदम रखने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता. पर थोड़ा रुकिए, इससे पहले कि आप ट्रेडिंग शुरू करें और पॉवर क्रिप्टो यूजर बन जाएं, तो आपको एक नो योर कस्टमर यानी केवाईसी (KYC) प्रक्रिया से गुजरना होता है.
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cryptokisamajh-भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं. Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है.
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क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.
जानें ड्रग की काली दुनिया में Dark Web और क्रिप्टो करंसी का सच, इसलिए होता है इस्तेमाल
Aryan Khan Case Update: आईटी कानून में डार्कवेब पर हो रही गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। यह पूरी तरह से ग्रे एरिया है। जिसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं।
- डार्क वेब को टीओआर ब्राउजर पर ही चलाया जा सकता है, इसलिए यूजर की पहचान बहुत ही मुश्किल है।
- सिक्योरटी की वजह से बेहद आसानी से डार्क वेब पर ड्रग की खरीद-फरोख्त की जाती है।
- भारत में क्रिप्टो करंसी पर कोई नियमन नहीं है। ऐसे में ड्रग पैडलर को पता है कि क्रिप्टोकरंसी में लेन-देन करना आसान है।
नई दिल्ली। बीते शनिवार को जब से नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मुंबई के पास क्रूज पर हो रही रेव पार्टी में ड्रग्स के इस्तेमाल का खुलासा किया है। उस वक्त से हर रोज सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं। ताजा खुलासा क्रूज पर ड्रग सप्लाई को लेकर आया है। एनसीबी ने जांच के दौरान एक हाईप्रोफाइल ड्रग पेडलर को गिरफ्तार किया है। जिसके जरिए यह बात सामने आई है कि कॉर्डेलिया क्रूज पर रेड के दौरान जो ड्रग्स बरामद हुई थी उसे क्रिप्टोकरेंसी और डार्क वेब के जरिए खरीदा गया था। अब दो सवाल उठते हैं के Dark Web और क्रिप्टो करंसी क्या है, जिसका इस्तेमाल ड्रग पेडलर करते हैं। और ऐसा करना उनके लिए मुफीद क्यों है।
Dark web क्या है
कैस्परस्काई की रिपोर्ट के अनुसार डार्क वेब इंटरनेट साइटों का छिपा हुआ समूह है। जिसे केवल एक विशेष वेब ब्राउजर द्वारा ही एक्सेस किया जा सकता है। इसका उपयोग इंटरनेट गतिविधि को छुपाकर और निजी रखने के लिए किया जाता है। जो कानूनी और अवैध दोनों तरह के लिए इस्तेमाल हो सकता है। जबकि कुछ लोग इसका उपयोग सरकारी सेंसरशिप से बचने के लिए करते हैं। यह भी पाया गया है कि इसका उपयोग अवैध गतिविधि के लिए किया जा रहा है।
इंटरनेट पर लाखों वेब पेज, डेटाबेस और सर्वर सभी 24 घंटे चलते रहते हैं। आमतौर पर हम जिन कामों के लिए ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सरफेस वेब (Surface Web) कहा जाता है। जो कि कुल इंटरनेट का महज 4 फीसदी हिस्सा है। जबकि डीप वेब (Deep Web)इंटरनेट का 96 फीसदी हिस्सा है। इसके तहत कंटेट प्रोटेक्टेड होता है। यहां पर बैंकिंग और दूसरे पासवर्ड, सरकारों और कंपनियों के सीक्रेट डॉक्यूमेंट आदि होते हैं। जिन्हें आसानी से एक्सेस नहीं किया जा सकता है। डीप बेव में यूजर की पहचान गुप्त रहती है, और वहां पर यूजर की एक्टिविटी की भी नहीं पता की जा क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध सकती है।
डीपवेब के अंदर ही एक छोटा सा हिस्सा डार्क वेब है। जिसका इस्तेमाल अब ड्रग सप्लाई, साइबकर क्राइम, हैकिंग, मानव तस्करी जैसे अवैध काम होने लगे हैं। डार्क वेब की वेबसाइट्स पूरी तरह से सिक्योर होती हैं। यानी वह इनक्रिप्टेड होती है। इसके अलावा इन्हें नार्मल ब्राउजर जैसे क्रोम आदि से एक्सेस नहीं किया जा सकता है। डार्कवेब पर इंटरनेट यूज के लिए सिक्योर वीपीएन (VPN)की भी जरूरत पड़ती है। इसी सिक्योरिटी की वजह से ड्रग पैडलर आर्डर लेने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि यहां के लेन-देन को इनक्रिप्टेड करना जांच और सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी आसान नहीं होता है।
क्रिप्टो करंसी में क्यों लेन-देन (Crypto currency)
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। यानी यह एक ऐसी मुद्रा है जो रूपये, पैसे, डॉलर की तरह फिजिकल रुप में मौजूद नहीं है। इसके जरिए केवल ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं। कुछ दक्षिणी अमेरिकी देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी है लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अभी मान्यता नहीं है। हाल ही में आरबीआई ने कहा है कि वह डिजिटल करंसी के नियमन पर विचार कर रहा है। भले ही क्रिप्टो करंसी को आरबीआई ने अभी मान्यता नहीं दी है। लेकिन इसका इस्तेमाल भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह भारत में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल बढ़ा है, उसे देखते हुए 2030 तक भारत में क्रिप्टो मार्केट 1790 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर पहुंच गया है।
साफ है कि भारत में भले ही क्रिप्टो करंसी वैध नहीं है लेकिन उसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इसी लूपहोल का ड्रग पैडलर फायदा उठा रहे हैं। उन्हें पता है कि क्रिप्टोकरंसी में लेन-देन पर किसी की नजर नहीं है। ऐसे में बड़े आसानी से ड्रग की खरीद-फरोख्त की जा सकती है।
भारत में आईटी कानून क्या कहता है
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बताया, देखिए मौजूदा आईटी कानून में क्रिप्टो करंसी या फिर डार्कवेब पर हो रही गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। यह पूरी तरह से ग्रे एरिया है। जहां तक डार्क वेब की बात है तो उसको टीओआर ब्राउजर पर ही चलाया जा सकता है, इसलिए यूजर की पहचान नहीं की जा सकती है। इसलिए गैर कानूनी कामों के लिए इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।
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अब सरकार CRYPTOCURRENCY पर कितना लेगी GST?
पूरी दुनिया के कुछ लोगों को कैसे क्रिप्टो ने ,high return देकर उन्हें दौलतमंद बना दिया| भारत में कुल 2 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो में अपने पैसों को इन्वेस्ट या ट्रेड कर रहे है |जिसकी टोटल वैल्यू की बात करे तो यह लगभग 5.3 बिलियन डॉलर से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी , लोगों ने होल्ड किया हुआ है |क्रिप्टो करेंसी इन्वेस्ट के लिए युवाओं का ज्यादा क्रेज दिखती है ,ऐसे मेंअब महिलाओं भी आगे आ रही है | और सरकार के द्वारा लाए जा रहे क्रिप्टो करेंसी पर नए नए नियम हमें शॉक भी कर रही है |सरकार ने पिछले माह , अप्रैल से ही क्रिप्टो करेंसी के कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स और एक परसेंट का टीडीएस भी लेना शुरू कर दिया है | जिससे क्रिप्टो में इन्वेस्ट करना अब थोड़ा मुश्किल सा लगता है, और ये बहुत रिस्की भी है |
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दुनिया की पहली क्रिप्टो की शुरुआत |
यह दुनिया की पहली crypto currency , Bitcoin है जो 9 जनवरी 2009 को लॉन्च किया गया था | जिसकी कीमत उस समय मात्रा 4 पैसो से भी कम थी | और यह लोगों के नजरों में आने लगा ,और 2010 में इसकी कीमत बढ़ कर 60 पैसों के पास पहुंची | और ये इतनी तेजी से बढ़ा की 2010 के दिसंबर माह में ये ₹14 को भी पार कर गया | आज भी बिटकॉइन बाकि के सभी क्रिप्टो के ऊपर भारी ही दिखती है | Bitcoin एक डिजिटल करेंसी के रूप में काम करती है , और ये virtual currency है जिसको हम छू नहीं सकते है |
तो आइये जानते है क्रिप्टो से ज़ुरा हुआ सारी जानकारियाँ ,जैसे की क्रिप्टो करेंसी किसे बोलते है | ,क्या क्रिप्टोकोर्रेंसी भारत में लीगल है | ,भारत में क्रिप्टो पर सरकार कितना पर्सेंट टैक्स लेगी , और क्या इस पर अब GST भी लगाया जायेगा |
क्रिप्टो करेंसी क्या होती है ?
Cryptocurrency को digital currency भी कहा जाता है ,जिसे एक Decentralized सिस्टम द्वारा मैनेज किया जाता है | यह एक तरह का digital Assets होता है , जिसका इस्तेमाल चीजों की खरीदारी या किसी services के लिए किया जाता है | इसे हम छू नहीं सकते इसीलिए इसे virtual करेंसी भी कहा जा सकता है | और क्रिप्टो करेंसी की प्राइस बहुत ही ज्यादा fluctuate करती है |
क्या क्रिप्टोकोर्रेंसी भारत में लीगल है ?
भारत में इसे वैध या अवैध नहीं बोल सकते क्यूंकि , सरकार क्रिप्टो करेंसी की कमाई पर अप्रैल माह से ही 30 परसेंट का टैक्स ले रही है | लेकिन सरकार का यह कहना है की अगर टैक्स ले रहे है तो इसका मतलब यह नहीं की यह वैध है | सरकार अभी भी क्रिप्टो को रेगुलेट करने की बात कर रही है |भविष्य में अगर सरकार इसके पक्ष में रहती क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध है तो , इसे कानूनी रूप से यह लीगल कर दे | क्रिप्टो का उपयोग बहुत ही गलत तरीका से भी होने लगा है , इसीलिए इसे रेगुलेट करना बहुत ही जरुरी है |
भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी की कमाई पर कितना % टैक्स लेगी|
भारत सरकार ने क्रिप्टो पर दो तरह का टैक्स लगाया हुआ है| अगर आप क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करते है या खरीद बिक्री करते है तो सरकार आप से 30 परसेंट का टैक्स लेगी | यह नियम अप्रैल से ही लागू हो चुकी है | और साथ में सरकार 1 परसेंट टीडीएस भी ले रही है|
उदाहरण से समझते है 30 परसेंट टैक्स को |
जैसा की सरकार कहती है कोई भी क्रिप्टो को लाभ पर बेचीं जाएगी तो 30 परसेंट की टैक्स देनी होगी | आप ₹100000 की क्रिप्टो को ख़रीदे और इसे ₹120000 में बेच दिया , यहाँ पर आपको 20000 की प्रॉफिट हुआ | अब प्रॉफिट हुआ है 20000 रुपया में से आपको 30 परसेंट टैक्स के रूप में देनी होगी , मतलब 20000 का 30 परसेंट 6000 होगी | अपने प्रॉफिट में से आप 6000 को घटा दे तो या 114000 हो जाती है , यह राशि पूरी तरह आपकी होगी | जिसमे सरकार को 6000 का टैक्स घटने के बाद |
1 % का टीडीएस का नियम |
यह एक परसेंट टीडीएस आपको अपने हर खरीद या बिक्री पर देनी होगी | जैसे की आप ₹ 100000 की कोई क्रिप्टो ख़रीदे और इसे ₹ 100000 में ही बेच दिए तो अब आपको यहाँ पर 1 परसेंट टीडीएस देना होगा | 100000 का 1 परसेंट 1000 होता है , अब आपको यहाँ पर ₹ 99000 हजार ही आपको मिलेगा | यह है 1 परसेंट टीडीएस |
क्रिप्टो करेंसी पर GST|
सरकार इसे अभी रेगुलेट कर रही है | इस पर 30 परसेंट का टैक्स भी और 1 परसेंट टीडीएस भी ले रही है | भविष्य में सरकार की मंसा अगर क्रिप्टो के ऊपर होती है तो , इसे लीगल करेगी और इसे जरूर GST में लाएगी | फिलहाल सरकार अभी इसे GST में नहीं रखा है |
क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध
अस्वीकरण :
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