भारत से पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च कर चुके हैं।
बिटकॉइन की दुनियाः क्या है, कितना मूल्य और बहुत कुछ
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा या क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) है। इसे आप डिजिटल या वर्च्यूअल पैसा भी मान सकते हैं। बिटकॉइन का ईजाद 2009 में सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) नाम के व्यक्ति ने बनाया था। इस व्यक्ति का उद्देश्य था की एक ऐसी मुद्रा (currency) का निर्माण करना जिसका इस्तेमाल बिना किसी बिचौलिए के किया जा सके। अर्थात इसका लेन-देन बिना बिचौलियों के सिर्फ दो व्यक्तियों द्वारा किता जाता है जिसमे एक मुद्रा देने वाला (Sender) और दूसरा मुद्रा प्राप्त करने वाला (Receiver) होता है। मतलब बीच में किसी बैंक या डिपार्टमेंट का कोई हस्तक्षेप नहीं।
बिटकॉइन का प्रयोग आज कई प्रकार की सेवाओं के लिए किया जा सकता है, इससे आप ऑनलाइन होटल बूकिंग से लेकर ऑनलाइन डोनेशन तक में कर सकते हैं।
बिटकॉइन कैसे काम करता हैं?
प्रत्येक बिटकॉइन मूल रूप से एक कंप्यूटर फ़ाइल है जिसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर 'डिजिटल वॉलेट' ऐप में संग्रहीत किया जाता है।
लोग आपके डिजिटल वॉलेट में बिटकॉइन (या एक का हिस्सा) बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? भेज सकते हैं, और आप अन्य लोगों को बिटकॉइन भेज सकते हैं।
हर एक लेन-देन को एक सार्वजनिक सूची में दर्ज किया जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।
इससे बिटकॉइन के इतिहास बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? का पता लगाना संभव हो जाता है ताकि लोगों को उन सिक्कों को खर्च करने से रोका जा सके जो उनके बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? पास नहीं हैं।
बिटकॉइन कैसे हासिल किया जा सकता है?
- आप 'असली' पैसों के बदले बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
- आप चीजें बेच सकते हैं और लोगों को आपको बिटकॉइन के साथ अपने डिजिटल वॉलेट में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
- बिटकॉइन को कंप्यूटर के माध्यम से इक्कट्ठा भी किया जा सकता है जिसे लोग बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin Mining ) के नाम से भी जानते हैं।
इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर को माईनगेट नेटवर्क्स से जोड़ना होता है जो कि बिटकॉइन के लेन - देन (Transactions ) में सहायता करता है।
आरबीआई के मुताबिक, रुपये के डिजिटल अवतार के दो वर्जन को लॉन्च किया जाएगा। पहला इंटरबैंक सेटलमेंट के लिए थोक में उपयोग होगा और दूसरा खुदरा के लिए होगा। आरबीआई की ओर से प्रस्तावित इनडायरेक्ट मॉडल के अनुसार, खुदरा ग्राहक अपने बैंक या फिर सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा दिए गए वॉलेट में डिजिटल रुपये को रख सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगा अलग
ई- रुपये को आरबीआई की ओर से जारी किया जाएगा। इसे सरकारी मान्यता होगी। वहीं, बिटकॉइन के साथ सभी क्रिप्टोकरेंसी का स्वरूप गैर- सरकारी है। हालांकि इसमें बिटकॉइन की तरह ही ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसे आप बिटकॉइन की तरह माइन नहीं कर सकते हैं।
ई-रुपये से लेनदेन
ई- रुपये का डिजिटल अवतार टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक 'की' के जरिये भेज सकते हैं। ये एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए प्राइवेट की या पासवर्ड डालना होगा। बता दें, ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी कार्य करेगा। हालांकि इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।
भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ
बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।
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बिटकॉइन
बिटकॉइन (Bitcoin) एक केंद्रीय बैंक या एकल प्रशासक के बिना एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है (Decentralized digital currency). इसे किसी बिचौलिए के बिना पीयर-टू-पीयर बिटकॉइन नेटवर्क पर भेजा जा सकता है (peer-to-peer bitcoin network). इसके लेन-देन को क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से नेटवर्क नोड्स द्वारा सत्यापित किया जाता है और बही खाता में लिखा जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं. इस क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का आविष्कार 2008 में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) नाम का उपयोग करके किया गया था. इस मुद्रा का उपयोग ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किए जाने बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? के साथ 2009 में शुरू हुआ था.
बिटकॉइन को माइनिंग (Mining) के जरिए एक इनाम के रूप में बनाया या अर्जित किया जाता है. उसका अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है. बिटकॉइन अवैध लेनदेन में इसके उपयोग को लेकर विवादों में भी रहा है. आमतौर पर लोग इसे एक निवेश के रूप में इस्तेमाल करते हैं. सितंबर 2021 में, अल सल्वाडोर (Al Salvador) ने आधिकारिक तौर पर बिटकॉइन को कानूनी निविदा (Legal tender) के रूप में अपनाया, ऐसा करने वाला वह पहला देश है.
El Salvador के बाद इस देश ने अपनाया Bitcoin, अब Crypto का Currency की तरह होगा इस्तेमाल
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (सीएआर) ने बिटकॉइन को कानूनी करेंसी के रूप में मंजूरी दे दी है, ऐसा करने वाला यह दूसरा देश है। बताते चलें कि सीएआर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, लेकिन हीरे, सोने और यूरेनियम में समृद्ध है। सीएआर प्रेसीडेंसी के एक बयान बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है? में कहा गया है कि सांसदों ने सर्वसम्मति से बिटकॉइन को कानूनी करेंसी के रूप में अपनाने के लिए मतदान किया। यह कदम सीएआर को "दुनिया के सबसे साहसी और सबसे दूरदर्शी देशों के नक्शे पर" रखता है।
अल सल्वाडोर सितंबर 2021 में बिटकॉइन को आधिकारिक करेंसी के रूप में अपनाने वाला पहला देश था। इस फैसले की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित कई अर्थशास्त्रियों द्वारा आलोचना की थी, उनका कहना था कि इससे वित्तीय अस्थिरता का खतरा बढ़ेगा। अन्य लोगों ने आशंका जताई कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए मनी लॉन्डरिंग करना आसान बना सकती है और यह पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं क्योंकि बिटकॉइन बनाने के लिए बहुत अधिक बिजली का उपयोग किया जाता है।
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