क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप?
एकल अर्थव्यवस्थाएं काफी जटिल होती हैं। वैश्वीकरण से यह जटिलता और बढ़ जाती है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से कुछ इस तरह जुड़ी हुई हैं कि एशियाई शेयर बाजार में यूरोप और अमेरिका की एक छोटी समर्थनकारी घटना से तेजी आ जाती है। अधिकांश कारोबार वैश्वीकरण से सकारात्मक तौर पर क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? प्रभावित हुए हैं।
एक तरफ जहां उनके घरेलू और अधिक प्रतिस्पर्ध्दी हो सकते हैं वहीं बाहरी बाजारों तक उनकी पहुंच बन सकती है। अगर उनके पास कर्मचारी और सामान जैसे संसाधन है तो उनकीमूल्य श्रृंखला भी सुधर सकती है। लेकिन, भले कोई कारोबार बाह्य कारकों से सुरक्षित हो लेकिन उन पर भी बाहरी घटनाओं का प्रभाव होगा।
दीर्घावधि के नजरिये क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? से देखा जाए तो वैश्वीकरण के प्रभाव दिलचस्प लगते हैं। हम जानते हैं कि दीर्घावधि में शेयरों की कीमतों में इजाफा होगा। लेकिल 5-10 साल की अवधि ऐसी हो सकती है जब शेयरों से मिलने वाला लाभ नकारात्मक या शून्य हो। लंबी अवधि तक बाजार में मंदी का दौर जारी रहने पर बेहतर है कि निवेश को विदेश में विशाखित किया जाए जो बेहतर प्रदर्शन कर रहे हों।
वैश्विक परिसंपत्ति मूल्यों में सह-संबंधों को देखते हुए यह सूत्र यादा काम करता नजर नहीं आता। वैश्विक जिंस और विदेशी मुद्रा बाजार, जिसका कारोबार वैश्विक इक्विटी से कहीं अधिक किया जाता है, का सह-संबंध दशकों से है। अब इक्विटी बाजारों में सह-संबंध बढ़ गए हैं। एक तिमाही से अधिक की समयावधि में ऐसा बाजार ढूंढना मुश्किल है जो वैश्विक रुझानों के विपरीत चल रहा हो।
अगर आप भारतीय शेयरों में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको यह समझना चाहिए कि वैश्विक बाजारों का रुख क्या है क्योंकि आपको मिलने वाला प्रतिफल उस रुझान से जुड़ा हुआ होता है। पिछले साल दुनिया भर के लगभग सभी बाजारों ने बेहतर प्रतिफल दिया। इससे एक साल पहले की बात करें तो भारी हानि भी हुई थी। साल 2010 में आर्थिक सुधार को लेकर सब एकमत हैं।
वैश्विक जीडीपी में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना है, हो सकता है यह 3.5 प्रतिशत भी हो जाए। साल 2009 में इसमें 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी। उम्मीद की जा रही है कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्था की वृध्दि की रफ्तार 8 प्रतिशत से अधिक रहेगी और इन दो देशों में कंपनियों की कमाई में आने वाली चार तिमाहियों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
हमेशा से शेयर की कीमतें वास्तविक अर्थव्यवस्था की तुलना में ज्यादा बढ़ी हैं और यह अचानक किसी बुलबुले के फटने या गिरावट आने से प्रभावित हुई हैं। साल 2009 में शेयर की कीमतें इसलिए बढ़ीं क्योंकि साल 2010 में अर्थव्यवस्था में सुधार आने की आशा की जा रही थी। अब, जबकि अर्थव्यवस्था में सुधार वास्तविकता में बदल रहा है तो क्या निवेशकों का ध्यान साल 2011 के प्रदर्शन पर होगा?
पिछली चार तिमाहियों में भारतीय सूचकांकों का प्राइस टु अर्निंग 23 रहा है जबकि चीनी बाजार 30 के पीई पर कारोबार कर रहे हैं। वर्तमान मूल्यांकन बढ़े-चढ़े हैं। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था में आता सुधार अगर प्रभावित हुआ तो गिरावट की संभावना प्रबल हो जाती है।
अमेरिका और यूरोप, जिसे लेकर निवेशक ज्यादा आशावादी नहीं हैं, की तुलना में चीन की अर्थव्यवस्था एक वास्तविक खतरा है। द पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइना और हांगकांग की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में कहीं बेहतर है और ये वैश्विक अर्थव्यवस्था को अच्छा-खासा प्रभावित करती है। भारतीय शेयरों की कीमतें लगभग चरम पर हैं लेकिन चीन में यह एक बुलबुले का रूप ले चुकी है।
केवल इक्विटी ही नहीं, चीन में रियल एस्टेट की कीमतों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में चीन में ऐसे बुलबुले का अनुमान किया जा रहा था। अब सवाल उठता है कि किन कारकों का ध्यान निवेशकों को रखना चाहिए और इस परिस्थिति से जुड़े जोखिम के लिए क्या करना चाहिए? जिंस की कीमतें एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकती हैं।
धातु और ऊर्जा की कीमतें बढ़ने में मूल रूप से चीनी मांग की भूमिका होती है। अगर, चीन का बुलबुला फटता है तो वैश्विक सतर पर जिंस की कीमतों में गिरावट आएगी। एक भारतीय निवेशक चीनी बाजार के इस रुख को देखते हुए भारतीय एक्सचेंजों पर जिंस वायदा में शॉर्ट कर सकता है।
दूसरा संकेतक डॉलर-युआन की दर है। पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइना ने इसे युआन 6.8डॉलर पर तय किया हुआ है। चीन के निर्यात को आकर्षक बनाने के लिहाज से यह कम है। अगर चीन घरेलू नकदी के मामले में सख्ती बरतता है, जैसी शुरुआत यह क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? कर चुका है, तो निश्चित तौर पर यह दरों में बढ़ोतरी देगा।
युआन के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने का मतलब है कि अन्य मुद्राओं जैसे यूरो येन और स्टर्लिंग के मुकाबले भी डॉलर कमजोर होगा। इससे डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होगा। यह निश्चित नहीं है क्योंकि युआन और रुपया फ्री-फ्लोट नहीं है। लेकिन रुपया-डॉलर वायदा में रुपये में लॉन्ग पोजीशन लेना बेहतर रहेगा।
भाग्य प्रबल है इसलिए चीन या कहीं और गिरावट के आसार ज्यादा नहीं हैं। लेकिन अगर गिरावट आती है तो कम और मध्यावधि के प्रतिफल के लिए जिंस और विदेशी मुद्रा में बिकवाली करना बेहतर रहेगा।
UPI Transactions: Paytm पर घंटे के हिसाब से यूपीआई पेमेंट सीमा हुई तय, जानिए GPay, PhonePay की क्या है लिमिट
आज हर कोई शख्स UPI Payment System का इस्तेमाल कर रहा है. मार्केट में कई तरह के यूपीआई ऐप हैं जो दैनिक लिमिट के हिसाब से ट्रांजैक्शन की सुविधा देने लगे हैं. जानिए ये लिमिट क्या है?
By: ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 05:40 PM (IST)
यूपीआई भुगतान लेनदेन
UPI Transaction Limit: आज हर दूसरा व्यक्ति डिजिटल (Digital) मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें ज्यादातर लोग यूपीआई पेमेंट सिस्टम (UPI Payment System) से जुड़ गए है. इस सिस्टम से जुड़ने पर उन्हें कई तरह के फायदे जरूर है. जिसमें मुख्य रूप से आपको नक़दी (Case Rupee) रखने का झंझट कम हो जाता है. इस सिस्टम ने आम लोगों के जीवन को और आसान बना दिया है.
हर जगह UPI पेमेंट
अब हर कोई सब्जी वाला, फल वाला, या मॉल में छोटे-बड़े फैशनेबल ब्रांड के शोरूम पर, हर जगह यूपीआई को खूब पसंद किया जा रहा है. UPI पेमेंट सीधे उनके बैंक खाते में भी जमा हो जाता है, और कैश रखने की परेशानी से छुटकारा मिल क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? जाता है. इसलिए लोग इसे अक्सर इस्तेमाल करते है. क्या आप जानते हैं कि PhonePe , Paytm और GPay जैसी अलग-अलग यूपीआई ऐप पर ट्रांजैक्शन की लिमिट (UPI Transaction Limit) देती है. जानिए यूपीआई पेमेंट पर किस ऐप पर कितनी लिमिट है.
यूपीआई पेमेंट पर इतनी है लिमिट
यूपीआई पेमेंट सिस्टम (UPI Payment System) का मतलब है, बैंक 2 बैंक (Bank 2 Bank) रियल टाइम मनी ट्रांसफर. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की गाइडलाइंस के अनुसार, यूपीआई (UPI) से हर दिन 1 लाख रुपये का लेन-देन किया जा सकता है. कुछ छोटे बैंक ने इसकी लिमिट 25,000 रुपये तक तय की है. मालूम हो कि हर बैंक ने अलग-अलग दैनिक लिमिट तय कर रखी है.क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप?
Paytm पर घंटे के हिसाब से चार्ज
यूपीआई पेमेंट के लिए पेटीएम ऐप (Paytm) को ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते है. इस ऐप पर यूपीआई पेमेंट की डेली मैक्सिमम लिमिट (UPI Daily Transfer Limit) 1 लाख रुपये तक है. आप दिन भर में अधिकतम 20 यूपीआई लेनदेन कर सकते हैं. Paytm पर यूपीआई पेमेंट की लिमिट घंटे के हिसाब से अलग-अलग है. बता दें कि पेटीएम पर आप 1 घंटे में 20,000 रुपये से ज्यादा ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं. वहीं हर घंटे आप अधिकतम 5 यूपीआई ट्रांजैक्शन इस ऐप से कर सकते हैं.
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PhonePe, GPay पर 1 लाख की लिमिट
फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (GPay) ऐप्स से यूपीआई ट्रांसफर और किसी को भी आप पेमेंट करते है. इन पर भी डेली ट्रांसफर लिमिट 1 लाख रुपये है. वहीं GPay एक दिन में 10 ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है. PhonePe पर ये लिमिट बैंक के हिसाब से 10 या 20 तक है. इन दोनों ही ऐप पर घंटे के हिसाब से कोई लिमिट तय नहीं है.
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Published at : 07 क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? Dec 2022 05:40 PM (IST) Tags: Paytm NPCI PhonePe UPI Payments UPI Transactions Gpay RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? Trading Kya Hai?
दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम ट्रेडिंग – Trading Kya Hai के बारे में आपको बताएंगे। आज के समय में ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और काफी सारी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिनकी मदद से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा जोखिम भरा भी होता है। भारत में ट्रेडिंग काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो गई है और काफी ज्यादा लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ट्रेडिंग के बारे में सभी जानकारी काफी आसानी से देने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? जानेंगे कि Trading Kya Hai? शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग क्या है? चलिए जानते हैं कि Trading Kya Hai?
Table of Contents
Trading Kya Hai?
ट्रेडिंग क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? को हिंदी में “व्यापार” कहते हैं। ट्रेडिंग में हम किसी वस्तु या फिर किसी सेवा को कम दाम में खरीद कर उस वस्तु या सेवा को दाम बढ़ जाने पर बेचते हैं। ट्रेडिंग का सबसे मुख्य मकसद यह है कि किसी भी वस्तु को कम दाम में खरीद कर अधिक दाम में बेचकर मुनाफा कमाना है। आज के समय में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग शेयर मार्केट में की जाती है। लोग कंपनियों के शेयर को खरीदते हैं और इन्हीं शेयर को बेचकर हजारों लाखों रुपए काफी आसानी से कमा लेते हैं। अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग के बारे में जानकारी होनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या होती है?
शेयर मार्किट ट्रेडिंग क्या है?
जब आप शेयर मार्केट में किसी भी शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के भीतर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेचते हैं तो यह शेयर मार्केट ट्रेडिंग कहलाती है। शेयर मार्केट 9:15 AM से 3:30 PM तक खुलती है। इस बीच ट्रेडर्स कम दाम में शेयर को खरीदते हैं और दाम बढ़ जाने पर उन शेयर को बेच भी देते हैं जिससे कि उनको मुनाफा हो सके। इस तरह से ट्रेडर्स शेयर मार्केट Trading के जरिए काफी आसानी से पैसे कमा सकते हैं। लेकिन शेयर मार्केट ट्रेडिंग काफी ज्यादा जोखिम भरी है क्योंकि कभी-कभी इसमेें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के दाम नहीं बढ़ते हैं और इस तरह से आपके पैसे चले भी जाते हैं। अब हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? होती है?
शेयर मार्केट के अंतर्गत ट्रेडिंग मुख्य रूप से केवल चार प्रकार की होती है। सभी ट्रेडर्स पैसे कमाने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेडिंग करते हैं।
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Intraday Trading क्या है?
Intrading Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें केवल 1 दिन के लिए ट्रेडिंग की जाती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स मार्केट खुलने के बाद शेयर को खरीद लेते हैं और और मार्केट को बंद होने से पहले वह अपने खरीदे गए शेयर को भेज देते हैं। इस प्रकार यह ट्रेडिंग केवल 1 दिन ही चलती है। ऐसे ट्रेडर्स को जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं इंट्राडे ट्रेडर्स कहलाते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग Scalping Trading से थोड़ी कम जोखिम भरी होती है।
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें ट्रेडर्स केवल कुछ सेकंड और मिनटों के लिए ट्रेडिंग करते हैं। यह ट्रेडिंग क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? काफी ज्यादा जोखिम भरी होती है क्योंकि इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपने पैसे गवा सकते हैं। स्काल्पिंग ट्रेडिंग केवल वो ट्रेडर्स ही करते हैं जो शेयर को कुछ क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? मिनट या कुछ सेकंड के लिए खरीदते हैं और बेच देते हैं। जो ट्रेडर्स स्काल्पिंग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें स्केपर्स कहा जाता है।
Swing Trading क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जो कुछ दिनों के लिए चलती है । ट्रेडर्स इस प्रकार की ट्रेडिंग में खरीदे गए शेयर को कुछ दिनों के बाद भी बेच सकते हैं। अगर कोई भी ट्रेडर्स चाहता है कि वह खरीदे गए शेयर को 10 से 12 दिनों के बाद बेचना है तो वह स्विंग ट्रेडिंग ही करता है। स्विंग ट्रेडिंग की खास बात यह है कि ट्रेडिंग में चार्ट को दिनभर देखना नहीं होता है। यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए काफी ज्यादा बेहतर है जो लोग जॉब करते हैं या फिर स्टूडेंट हैं। इस ट्रेडिंग में उनका पूरा दिन नहीं जाएगा आपको केवल शेयर को खरीदना है और जब आप चाहे तो शेयर को बेच सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें आप कुछ महीने के लिए भी ट्रेड कर सकते हैं। यानी कि आप खरीदे गए शेयर को कुछ महीने के बाद भी बेच सकते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स काफी आसानी से पैसे कमा लेते हैं। ट्रेडर्स शेयर को तभी बेचते हैं जब उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है। यह ट्रेडिंग सबसे कम जोखिम भरी होती है। इस ट्रेडिंग में शेयर बाजार के Up-down से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
Trading Account क्या है?
अगर आप Trading करना चाहते हैं तो ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट जरूर होना चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिसकी मदद से आप शेयर को खरीद और भेज सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से आप खरीद या बिक्री का आर्डर, स्टॉक एक्सचेंज कर सकते हैं। जो ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते हैं वह सभी ट्रेडिंग अकाउंट जरूर खुलबाते हैं।
अगर आप किसी भी शेयर को खरीदना चाहते हैं और इसके लिए आप ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करना चाहते हैं तो यह भी आप काफी आसानी से कर सकते हैं। जितने रुपए की मदद से आप किसी शेयर को खरीदना चाहते हैं, उतने रुपए आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा करें और बाद में आप शेयर को खरीद कर रख सकते हैं। अगर आपके ऑर्डर के अनुसार आपका शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर बिकने के लिए तैयार होगा तो आपको वे शेयर मिल जाएंगे और इतने ही रुपए आपके ट्रेडिंग अकाउंट से भी कट जाएंगे। तो इस तरह से आप ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट जरूर खुलवाएं। अब तक आप जान चुके होंगे कि Trading Kya Hai?
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ट्रेडिंग – Trading Kya Hai के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। आप हमारे इस आर्टिकल की मदद से काफी आसानी से Trading Kya Hai इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले हमने आपको बताया है कि Trading Kya Hai और ट्रेडिंग कितनी प्रकार की होतीहै। ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है जिसमें से सबसे सरल ट्रेडिंग पोजीशनल ट्रेडिंग होती है क्योंकि इसमें सबसे कम जोखिम क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप? होता है। अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो काफी सावधानी से करें। दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो हमें जरूर बताएं। साथ ही हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों में शेयर करें।
बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना
तो एक अपट्रेंड में, कीमत बन रही होगी उच्च ऊँची और ऊँची चढ़ाव नीचे दिखाए गए चित्र की तरह:
तो एक अपट्रेंड में, कीमत नीचे दिखाए गए चार्ट की तरह झूलों में चलती है:
और एक डाउनट्रेंड में, कीमत कम ऊँचाई और निम्न चढ़ाव बना रही होगी:
तो एक डाउनट्रेंड में, कीमत नीचे दिखाए गए चार्ट की तरह झूलों में चलती है:
बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव को समझना आपके लिए 3 कारणों से इतना महत्वपूर्ण क्यों है
यदि आप वास्तव में अच्छा मूल्य कार्रवाई व्यापारी बनना चाहते हैं, तो आपको इस अवधारणा को समझना होगा कि मूल्य कैसे झूलों में चलता है। यह विशेष रूप से सच है यदि आपकी ट्रेडिंग की शैली ट्रेंड ट्रेडिंग है या स्विंग ट्रेडिंग.
क्योंकि अगर आप यह नहीं समझते हैं कि कीमत कैसे झूलों में चलती है, यह वही है जो आप करने जा रहे हैं:
- आप गलत जगह पर ट्रेडों को अंजाम देंगे! उदाहरण के लिए, एक डाउनट्रेंड में, आप तब बेचेंगे जब बाजार में उछाल आ रहा हो! ठीक नहीं!
- जिसका अर्थ है, आपको रोक दिया जाएगा या आपको एक बड़ा स्टॉप लॉस लगाने की आवश्यकता होगी। यदि आप स्टॉप लॉस दूरी के आधार पर पोजीशन साइजिंग करते हैं तो बड़े स्टॉप लॉस का मतलब बड़ा जोखिम नहीं है। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप एक बड़ा जोखिम उठा रहे हैं।
- यदि आपके पास एक बड़ा स्टॉप लॉस है, तो आपको अपने व्यापार पर लाभ देखना शुरू करने से पहले बाजार में गिरावट आने से पहले कुछ समय इंतजार करना होगा।
मैं जिस बारे में बात कर रहा हूं उसका एक उदाहरण यहां दिया गया है:
यह वास्तव में एक अच्छी स्थिति नहीं है। प्रत्येक व्यापारी की इच्छा है कि "जिस क्षण कोई व्यापार किया जाता है, वह तुरंत लाभ में जाता है।" लेकिन हम जानते हैं कि बाजार ऐसा नहीं है, कभी-कभी ऐसा होता है और कभी-कभी ऐसा नहीं होता है।
यह बाजार की प्रकृति है।
तो एक अपट्रेंड में, आपको डाउनस्विंग पर खरीदना चाहिए। डाउनट्रेंड में, आपको तेजी पर बिकवाली करनी चाहिए।
और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका प्राइस एक्शन (रिवर्सल कैंडलस्टिक्स) का उपयोग करना है जैसा कि नीचे दिखाया गया है:
अब, नीचे दिया गया यह चार्ट वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल में वास्तव में क्या होता है:
अब तक आपको कीमतों में उतार-चढ़ाव और व्यापार में उनके महत्व और उपयोग की समझ होनी चाहिए।
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