Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

ऑप्शन ट्रेडिंग में अब मुनाफा होगा ऑटोमैटिक, जानिए क्या हैं ट्रेडिंग एपीआई के फायदे

Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कैसा हो कि आपके सामने ऐसा जरूरी काम आ जाए जिसकी वजह से आप चाहकर भी बाजार पर लगातार नजर नहीं रख पाएं, लेकिन वहीं आपको पूरी उम्मीद भी प्रॉफिट फॉलो के साथ ऑटोमेटिक ट्रेडिंग हो कि इसी समय में बाजार में कमाई का ऐसा मौका भी मिलेगा जिसका इंतजार आपको कई दिनों से था। ऐसे में आप क्या करेंगे. अपना जरूरी काम छोड़ेंगे. या फिर कमाई का मौका, या फिर किसी दूसरे से अपनी रणनीति साझाकर टेंशन में रहेंगे कि वो सही समय पर कदम उठा पाता है या नहीं।

Commodity market is affected by these reasons, you should also know the reason

क्या होते हैं ट्रेडिंग एपीआई

Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं और अपनी manual trading को पूरी तरह से ऑटोमैटिक ट्रेडिंग में बदल सकते हैं। यानी आपको अपनी रणनीति के आधार पर सौदों की शर्तें तय करनी होती है।

API इन शर्तों के आधार पर एंट्री या एग्जिट के लिए मौके का इंतजार करते हैं और ऐसा मौका मिलते ही वो खुद ही सौदे पूरे कर देते हैं, भले ही आप सिस्टम पर बैठे हों या न बैठे हों। इसके साथ ही आपको बाजार के रियल टाइम या फिर पिछले आंकड़े लगातार मिलते हैं। आप इसके साथ अपने सौदों पर नजर रख सकते हैं और उनकी जानकारी पा सकते हैं। अगर आप ट्रेडिंग एपीआई के बारे में और जानकारी पाना चाहते हैं और इसका फायदा उठाना चाहते तो आप 5paisa एप डाउनलोड कर सकते हैं, वहां इससे जुड़ी सभी जानकारियां पा सकते हैं।

क्यों है 5paisa का ट्रेडिंग एपीआई खास?

5paisa का ट्रेडिंग एपीआई आपको कई सुविधाएं देता है और आपको तकनीक की मदद से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की दुनिया का हिस्सा बनाता है, लेकिन इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता। 5paisa अल्गो ट्रेडिंग के लिए डेवलपर एपीआई का इस्तेमाल मुफ्त है। वहीं 5paisa डेवलपर एपीआई की मदद से बेहद आसानी के साथ आप अपने ऑर्डर बाजार में भेज सकते हैं, बाजार के आंकड़े और रिपोर्ट्स को रियल-टाइम देख सकते हैं।

डेवलपर्स एपीआई अल्गो ट्रे़डिंग सेटअप के लिए आने वाली अधिकांश चुनौतियों को हल करता है। 5paisa के साथ आप अपने ट्रेड को ऑटोमैटिक तरीके से पूरा कर सकते हो जिसमें आप खुद ही exit और entry की शर्ते तय कर सकते हैं। इसकी मदद से आपको पुराने आंकड़े, बाजार की जानकारियां और real-time data मिलता है।

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों प्रॉफिट फॉलो के साथ ऑटोमेटिक ट्रेडिंग की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से प्रॉफिट फॉलो के साथ ऑटोमेटिक ट्रेडिंग चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े प्रॉफिट फॉलो के साथ ऑटोमेटिक ट्रेडिंग स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

कितना टाइम बढ़ाने की हो रही है बात?

कुछ लोगों के बीच राय है कि पूरे बाजार की ट्रेडिंग बढ़ानी है तो शाम 5 बजे तक बढ़ा दें. लेकिन इसपर दूसरी राय है कि बाजार की ट्रेडिंग बढ़ाने का मतलब नहीं है, बस इंडेक्स का ही बढ़ाएं. इंडेक्स की ट्रेडिंग क्या 24 घंटों के लिए ओपन रहे या फिर कबतक इसे बढ़ाया जाए? इसपर Editor's Take में Zee Business के मैनेजिंग एडिटर प्रॉफिट फॉलो के साथ ऑटोमेटिक ट्रेडिंग और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि इसपर एक सेंसिबल हल निकल सकता है कि अगर इसे रात 8 बजे तक खुला रखेंगे तो ट्रेडर्स यूरोपियन बाजारों की क्लोजिंग और अमेरिकी बाजारों की ओपनिंग के साथ सिंक कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि यूं तो अगर 24 घंटों के लिए भी खोल दें तो भी कम ही है, आपको कमाई करनी है तो आप दो घंटों में भी कर सकते हैं.

⏲️इंडेक्स ट्रेडिंग का समय बढ़ाने की क्यों हो रही है चर्चा?

क्या इंडेक्स ट्रेडिंग का समय बढ़ना चाहिए?⬆️#IndexTrading का समय कितना बढ़ना चाहिए?⌛️#Trading का समय बढ़ने से क्या फायदा, क्या नुकसान?

रेटिंग: 4.26
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 113