2018-19 के बजट भाषण पर प्रकाश डालते हुए, ठाकुर ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी नकद या सिक्के नहीं मानती है, और यह अवैध संचालन के वित्तपोषण में या भुगतान प्रणाली के हिस्से के रूप में उनके उपयोग को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

भेड़चाल

क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन तकनीक का चोली दामन का साथ है.ब्लॉक चैन तकनीक पर ही क्रिप्टोकरेंसी का लेन देन होता है.आरबीआई और सरकार किसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नही है.सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए एक बिल भी लाने वाली है.यदि क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया गया तो ब्लॉक चैन तकनीक का विकास भी प्रभावित होगा.सूचना एवमं तकनीक मंत्रालय ने भी अपने एक प्रारूप में कहा था कि ब्लॉकचैन तकनीक पारदर्शिता और सुरक्षा के हिसाब से बहुत अच्छी तकनीक है.लेकिन सरकार और आरबीआई के क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जो रुख है उससे इस न्यू एज तकनीक के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है.

ब्लॉकचैन तकनीक को ऐसे समझिए कि आपके घर में 5 बैंक खाता है.अभी जो व्यवस्था है उसमें उन 5 खातों में जो आंतरिक ट्रांजिसक्शन होते हैं उससे सम्बंधित डेटा केवल उन्ही दो लोग को मिलेंगे जो क्रेडिट और डेबिट में शामिल हैं.लेकिन ब्लॉकचैन तकनीक में किसी भी ट्रांजिसक्शन के होने पर पांचों लोगों को किसी आंतरिक ट्रांजिक्शन से सम्बंधित डेटा मिलेगा.साथ ही पहले के ट्रांजिसक्शन के बारे में भी सूचना मिल जाएगी.अपने इस विकेन्द्रीकृत स्वभाव के कारण ही ब्लॉकचैन तकनीक को पारदर्शी और सुरक्षित तकनीक कहा जाता है.प्रशासन और बैंकिंग में इस तकनीक की खूब संभावना है.ब्लॉकचैन भविष्य का तकनीक है.जिस चौथे औद्योगिक क्रांति की बात की जा रही है उसमें ब्लॉकचैन एक महत्वपूर्ण तकनीक होगा.

क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

पिछले डेढ़ वर्ष में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 500% ग्रो हुआ है.इससे क्रिप्टोकरेसी के विकास की तेजी को समझा जा सकता है.क्रिप्टोकरेंसी के दाम बढ़ रहे हैं इसलिए इसमें निवेश के बाद एक अच्छा लाभांश मिल जाता है इसलिए लोग इसमें निवेश को लेकर उत्साहित है.क्रिप्टोकरेंसी आम मुद्रा के तरह सरकार द्वारा मौद्रिक नीति के अंतर्गत महंगाई नियंत्रित करने के उद्देश्य से नही जेनरेट की जाती है.इसे कोई आम आदमी जेनरेट करता है इसलिए इसके मांग और आपूर्ति में संतुलन नही रखा जा सकता है.क्रिप्टोकरेंसी को लोग भविष्य की मुद्रा मानकर इसमें निवेश कर रहे हैं इसलिए इसकी मांग अधिक है.लेकिन आपूर्ति उतनी नही है.इसलिए इसके मूल्य बढ़ रहे हैं.लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में विनिमय (ख़रीददारी) अभी उतनी नही हो रही है.इसमें जब खरीददारी होने लगेगी तो यह फिएट करेंसी का क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य स्थान ले लेगी.

मुद्रा का प्राथमिक काम विनिमय अर्थात चीजें खरीदने बेचने के उपकरण के रूप में होता है.मुद्रा राज्य की सबसे बड़ी शक्ति होती है.क्रिप्टोकरेंसी में विनिमय होने के बाद यह फिएट करेंसी का स्थान ले लेगी.इससे सरकार द्वारा जारी करेंसी को चुनौती मिलेगी.सरकार इस चुनौती को बर्दास्त नही कर पायेगी.अभी कुछ छोटे मोटे देश ही निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैद्यता दी है.चीन ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है.आईएमएफ भी क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नही है.अमेरिका में सीनेट इस विषय पर विभाजित है.

Top 5 Crypto Currencies: जानिए किस-किस क्रिप्टो करेंसी की बाजार में है धूम जिसमें बढ़ा निवेशकों का रुझान

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 06 Aug 2021 11:51 AM (IST)

क्रिप्टो मार्केट में लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है इसके साथ ही इसमें निवेशकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. मौजूदा दौर में मार्केट में कई क्रिप्टोकरेंसी धूम मचा रही हैं, लेकिन कुछ ही क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जो ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य हैं. ऐसे में आज यहां मार्केट कैपेटिलाइजेशन के लिहाज से टॉप-5 क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनमें इन्वेस्टर्स का काफी ज्यादा निवेश देखने को मिल रहा है. साथ ही इनकी कीमत और मार्केट कैप के बारे में भी आपको जानकारी देंगे

ये है टॉप पर
इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर है बिटकॉइन. पिछले क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य साल से ही बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी देखी गई है. इसका मार्केट कैप करीब 752,811,299,581 डॉलर है. फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत करीब 40,452.10 अमेरिकी डॉलर है. क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन सबसे ज्यादा महंगी और सबसे ज्यादा पॉपुलर है. इसमें अब बहुत से लोग निवेश करने लगे हैं.

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Published at : 06 Aug 2021 11:44 AM (IST) Tags: Bitcoin Crypto currency Top 5 Crypto currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

भारत में बिटकॉइन का भविष्य 2021

बिटकॉइन क्या है?

भारत में बिटकॉइन की स्थिति उसके बाजार मूल्य की तरह ही अस्थिर है। निरंतर अस्थिरता के बावजूद, 7 मिलियन से अधिक भारतीयों द्वारा डिजिटल मुद्रा बाजार में लगभग 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों की संख्या अगले महीनों और वर्षों में आसमान छूने की उम्मीद है।

इंफोसिस के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने हाल ही में कहा था कि बिटकॉइन भारत में मूल्य के भंडार के रूप में स्वीकार्य हो सकता है। क्योंकि, जैसा कि उन्होंने कहा, भारत में लेनदेन के लिए क्रिप्टोकरेंसी उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि ऐसा करने के लिए देश के पास पहले से ही बेहतर विकल्प (जैसे UPI) हैं।

बिटकॉइन का क्या फायदा है? What is the advantage of bitcoin?

  1. यहां आपकी लेन-देन शुल्क क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड द्वारा भुगतान की तुलना में बहुत कम है।
  2. आप दुनिया में कहीं भी और कभी भी बिना किसी परेशानी के बिटकॉइन भेज सकते हैं।
  3. यहां कोई बिटकॉइन अकाउंट ब्लॉक नहीं है, क्योंकि कभी-कभी बैंक हमारे क्रेडिट या डेबिट कार्ड को किसी कारण से ब्लॉक कर देता है, तो यहां वह समस्या नहीं होती है।
  4. यदि आप लंबे समय में बिटकॉइन में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इससे बहुत लाभ मिल सकता है क्योंकि रिकॉर्ड में देखा गया है कि बिटकॉइन की कीमत बढ़ रही है, आपको इससे बहुत लाभ मिल सकता है।
  5. अगर बिटकॉइन लेनदेन प्रक्रिया की निगरानी किसी सरकार या प्राधिकरण द्वारा नहीं की जाती है, तो कई लोग हैं जो इसका दुरुपयोग करते हैं, तो यह उनके लिए फायदेमंद है।

निष्कर्ष

हमारा मानना है कि अधिक से अधिक लोग इसे समझ रहे हैं और हम क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर बहुत आशावादी हैं। लेकिन आने वाले समय में क्या होगा ये तो वक्त ही बता सकता है.

आशा है कि हमेशा की तरह आप हमारे इस विषय को समझ गए होंगे। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट कमेंट, शेयर करते रहें।

India At 2047: भारत कैसे क्रिप्टो सेक्टर पर रख रहा है सतर्क रुख, अन्य देशों को लेनी चाहिए सीख

By: प्रशांत कुमार | Updated at : 10 Aug 2022 05:00 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Crypto Regulation: क्रिप्टोकरेंसी सुर्खियों में हैं जब से सुप्रीम कोर्ट ने 2020 की शुरुआत में उन पर पूर्ण प्रतिबंध हटा दिया है. 2021 में एक्सचेंजों और तेजी से बढ़ते बाजारों के प्रसार के साथ, क्रिप्टोकरेंसी के नाम से कोई अनजान नहीं है. भारत में देर से प्रवेश करने के बावजूद क्रिप्टो दुनिया को खुले हाथों से अपनाया और आज लगभग 27 मिलियन भारतीय हैं जो क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं, मुख्यतः टियर II और टियर III शहरों में. बता दें कि देश में एक्टिव डीमैट खातों की संख्या भी इससे थोड़ी ही ज्यादा है जो देश में दशकों क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य से मौजूद हैं.

क्रिप्टो के क्षेत्र में केंद्र ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं
क्रिप्टोकरेंसी ऐसेट करेंसी और टेक्नोलॉजी का एक बहुत ही दिलचस्प संकेत है. वित्त मंत्रालय द्वारा अब तक उठाए गए कदमों को करीब से देखने से पता चलता है कि हमारे करेंसी रेगुलेटर तीन पहलुओं को अलग तरह से देखते हैं. ऐसा लगता है कि यह मूल कारण है कि भारत ने अब तक क्रिप्टो करेंसी के नियामक के लिए मिलेजुले संकेतों की पेशकश की है और समय लिया है ताकि यह उद्योग के साथ-साथ निवेशकों के हितों की रक्षा भी कर सके.

भारत और क्रिप्टो-आगे क्या भविष्य है
वित्त मंत्री ने पिछले महीने क्रिप्टो पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में बात की थी. भारत को अपने पड़ोसियों सिंगापुर और दुबई से आगे नहीं देखना चाहिए ये वो दो देश हैं जो अब सही तरीके से क्रिप्टो क्रांति का नेतृत्व करने में सबसे आगे हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक बहुत ही दिलचस्प दोहरे व्यवहार को प्रदर्शित करता है जिसमें एक तरफ यह सभी को दिखाई देता है, लेकिन दूसरी ओर यह तब तक जिम्मेदार नहीं है जब तक यह ब्लॉकचेन पर आधारित रहता है. ये ही असल में विवाद की जड़ है और सरकार को ढांचा तैयार करना चाहिए, एक्सचेंजों के साथ साझेदारी करनी चाहिए और लाइसेंस जारी करना चाहिए ताकि हमारी (और अन्य) जैसी कंपनियां हमारे नियामकों की सुविधा के रूप में कार्य कर सकें और भारत को ब्लॉकचेन तकनीक के साथ आगे ला सकें.

अन्य देशों में क्रिप्टो की स्थिति
क्रिप्टो को अब तक विभिन्न देशों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. अल साल्वाडोर अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश बन गया, हालांकि, इसे भारी नुकसान हुआ. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और कई क्रेडिट एजेंसियों की आलोचनाओं के बावजूद, मध्य अमेरिकी राष्ट्र ने बीटीसी को अपने राष्ट्रीय रिजर्व में जोड़ना जारी रखा और यहां तक ​​​​कि बिटकॉइन सिटी नामक एक क्रिप्टो ट्रेडिंग हब स्थापित करने की योजना का खुलासा किया. हालांकि, हाल ही में बीटीसी की कीमतों में गिरावट और कुल क्रिप्टो बाजार में गिरावट के कारण, देश के निवेश का मूल्य कम हो रहा है जिनकी अनुमानित रूप से कीमत 50 मिलियन डॉलर से ज्यादा है. दूसरी ओर चीन है, जो क्रिप्टो प्लेटफॉर्म और इसके विभिन्न पहलुओं पर नाटकीय रूप से अपने रुख से पलटा है, इतना अधिक कि क्रिप्टो व्यापारियों और खनिकों को अंततः देश से बाहर जाना पड़ा और अपने व्यवसाय को जारी रखने के लिए अन्य दक्षिण एशियाई देशों में ठिकाने स्थापित करने पड़े.

भारत में नियमन के बाद कैसा होगा क्रिप्टो करेन्सी का सफ़र, जानिए ज्योतिष के अनुसार

Crypto Currency

क्रिप्टो करेन्सी यानी कि एक तरह की डिजिटल करेन्सी जिसका लेखा-जोखा डिजिटल रूप से क्रिप्टो बेचने वाली संस्था के पास होता है। यह करेन्सी भौतिक रूप में नहीं होती है। कई देशों ने इस पर लगाम लगा रखी है तो अधिकतर देशों ने इसे बैन किया है। भारत में भी इस पर संसद के शीत सत्र में चर्चा होने की सम्भावना है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, पश्चिमी देशों में इस करेन्सी के तेजी से बढ़ने के आसार कम हैं। वहाँ डॉलर का आधिपत्य बरकरार रहेगा। परन्तु, यूरोपीय देशों में यह तेज़ी से प्रगति कर सकता है, ख़ासकर अल-सल्वाडोर के आस-पास।

विश्वभर के विभिन्न देशों जैसे- तुर्की, अल्जीरिया, इराक, इरान, मिस्र, कोलंबिया और बोलिविया में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी या तो बैन है, या फिर बहुत से देशों में इनके नियमन की व्यवस्था है। अल-सल्वाडोर के अतिरिक्त, कई देशों ने तो क्रिप्टो करेंसी को पूर्ण रूप से वैधायिक मान्यता भी दी है। अल-सल्वाडोर की राशि मेष होने के कारण यहाँ पर यह करेन्सी चलना स्वाभाविक है। परन्तु, कई देशों में इसका विपरीत प्रभाव भी दिखेगा। भारत में क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेशन किए जाने की सम्भावना है। वित्तीय मामलों की संसदीय समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए हुई चर्चा में पाबंदी लगाने के बजाय नियमन का प्रस्ताव रखा।

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