अपने व्यापारिक कौशल को निखारें
लंदन में सूचीबद्ध पीयर्सन कंपनी की भारतीय शाखा पियर्सन एजुकेशन बदलाव की राह पर है। यह प्रकाशन कारोबार के बाद अब स्कूल, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में उतर रही है। पीयर्सन इंडिया के एमडी दीपक मेहरोत्रा ने कहा, 'वैश्विक स्तर पर हम अपनी पहचान उत्पाद पर केंद्रित कंपनी से डिजिटल और सॉल्यूशन पर केंद्रित कंपनी के रूप में बनाने की कोशिश कर रहे हैं।'
भारत में विभिन्न कंपनियों के जरिये चल रही कंपनी ने अब सभी को मिलाकर एक कंपनी बना दी है और इसका नाम पीयर्सन एजुकेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड रखा गया है। अप्रैल, 2013 में पीयर्सन प्राइवेट लिमिटेड ने इंडियाकैन में एडुकॉम्प सॉल्युशंस प्राइïवेट लिमिटेड की पूरी 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इंडियाकैन एक व्यावसायिक प्रशिक्षण कंपनी है, जिसे 2009 में संयुक्त रूप से शुरू किया गया था। इस हिस्सेदारी की खरीद की कीमत का खुलासा नहीं किया गया था। इंडियाकैन कौशल प्रशिक्षण देती है, युवाओं को रोजगार हासिल करने में मदद करती है और नौकरी कर रहे लोगों को बेहतर नौकरी हासिल करने के लिए अपने कौशल को निखारने में मदद करती है। इंडियाकैन के अधिग्रहण से कुछ महीने पहले फरवरी, 2013 में पीयर्सन ने ट्यूटर विस्टा का अधिग्रहण पूरा किया था। ट्यूटर विस्टा स्कूलों का संचालन करती अपने व्यापारिक कौशल को निखारें है और इंटरनेट पर ट्यूशन देती है।
मेहरोत्रा ने कहा, 'हम इन सेगमेंट में से प्रत्येक के लिए फुटप्रिंट और भूमिका को परिभाषित कर रहे थे। अब हम एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार हैं।' यह बड़ी छलांग तीन आयामों- स्कूल, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण क्षेत्रों में उतरने के लिए होगी। स्कूल सेगमेंट में पीयर्सन ने अगले दो साल में 100 स्कूलों के प्रबंधन की योजना बनाई है, जो अभी 28 ही हैं। पीयर्सन का कहना है कि इन स्कूलों के प्रबंधन में वह विभिन्न वैश्विक प्रवृत्तियों और स्कूल प्रबंधन के तरीकों को अपनाएगी। मेहरोत्रा ने कहा, 'हमारे देश में बहुत से लोग धर्मार्थ स्कूल खोलते हैं, लेकिन उनके पास इन्हें चलाने का सही कौशल नहीं होता है। स्कूल की डिजाइनिंग, उचित पाठ्यक्रम मुहैया कराने, शिक्षकों की नियुक्ति आदि के लिए बहुत सोच-विचार करने की जरूरत होती है। हमारी स्कूल प्रबंधन सेवाओं के जरिये हम पूरे स्कूल के प्रबंधन के लिए सेवाएं मुहैया कराएंगे।'
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं मुहैया कराने के लिए कंपनी ने ऑनलाइन, डिस्टेंस और मिश्रित शिक्षण मॉडल अपनाने की योजना बनाई है। मेहरोत्रा ने कहा, 'हम कुछ मॉडल पहले ही वैश्विक स्तर पर अपना रहे हैं। हम इस पर विचार कर रहे हैं कि हम इन्हें किस तरह कस्टमाइज कर सकते हैं और व्यापक स्तर पर मुहैया करा सकते हैं।' उच्च शिक्षा सेगमेंट में कंपनी इस पर भी ध्यान दे रही है कि छात्रों को कॉलेज के अपने व्यापारिक कौशल को निखारें लिए तैयार किया जाए और उन्हें ज्यादा नियोजनीय बनाया जाए। मेहरोत्रा ने कहा, 'आज जब आप वाणिज्य स्नातकों को देखते हैं तो उनमें नियुक्ति का बहुत कम कौशल होता है। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या हम सॉफ्ट स्किल और स्ट्रक्चरड कोर्स मुहैया कराकर उन्हें नियोजनीय बना सकते हैं।'
मेहरोत्रा ने कहा कि हम काफी कम लागत पर अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त संस्थानों या अंतरराष्ट्रीय अपने व्यापारिक कौशल को निखारें विश्वविद्यालयों में अध्ययन के कार्यक्रम मुहैया करा रहे हैं। व्यावसायिक शिक्षा सेगमेंट में पियर्सन हर साल जीविका प्रशिक्षण के तहत 20,000 से 30,000 लोगों को प्रशिक्षण देता है। कंपनी प्लेसमेंट के बाद उनकी प्रगति पर निगरानी रखती है। इस समय स्कूल, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक अपने व्यापारिक कौशल को निखारें शिक्षा को 35:45:15 के अनुपात में हैं, जिन्हें अगले 3-5 वर्षों में 45:40:15 करने की योजना है। भारत में पीयर्सन का ज्यादा कारोबार प्रकाशन और अपने वृद्धि लक्ष्यों के इर्द-गिर्द ही रहा है। लेकिन कंपनी तकनीक और डिजिटल रास्ता अपनाने पर बड़ा दांव लगा रही है। मेहरोत्रा ने कहा, 'इस समय भारत के हमारे कारोबार में प्रकाशन का हिस्सा 50 फीसदी से ज्यादा है। जब हम वृद्धि को बढ़ाने वाले कारकों की बात करते हैं तो हमारा मानना है कि डिजिटल लर्निंग से प्रकाशन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। हालांकि प्रकाशन से हमें अच्छी वृद्धि दर मिलती रहेगी, जो दोहरे अंकों में हो सकती है। लेकिन बड़ी छलांग सॉल्युशंस, डिजिटल आदि से ही संभव होगी।'
इस समय कंपनी की आमदनी में प्रकाशन का 50 फीसदी से ज्यादा योगदान है। हालांकि कंपनी ने अन्य वित्तीय जानकारियां देने से इनकार कर दिया। अपनी डिजिटल वृद्धि के लिए कंपनी देश में बड़ी संख्या में मौजूद मोबाइल यूजर्स पर दांव लगा रही है। मेहरोत्रा ने कहा, 'भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा मोबाइल इंटरनेट ग्राहक हैं और यह बड़ी तादाद है। हम इन ग्राहकों पर दांव लगाने के बारे में विचार कर रहे हैं।' भारत पियर्सन के लिए पाठ्यसामग्री तैयार करने का प्रमुख केंद्र रहा है और कंपनी इस सामग्री को पढऩे के लिए डिवाइस और बैंडविड्थ तलाश रहे हैं। कंपनी इसमें तेजी लाने के लिए रणनीतिक साझेदार ढूंढ रही अपने व्यापारिक कौशल को निखारें है। इसने इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट के लिए आईबीएम के साथ करार किया है। मेहरोत्रा ने कहा, 'हमने जो चुना है, उसे लेकर हम बेहद अपने व्यापारिक कौशल को निखारें उत्साहित हैं। हमारा लक्ष्य काफी आक्रामक है। हम 2020 तक सबसे बड़ी एजुकेशन और लर्निंग कंपनी बनने की कोशिश करेंगे।'
नवीन शिक्षा नीति अपने व्यापारिक कौशल को निखारें कौशल संवर्धन के साथ सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव
भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में लागू की.
भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में लागू की गई नवीन शिक्षा नीति विद्यार्थियों को शिक्षा और कौशल संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। पाठ्यक्रमों में रोजगारमूलक विषयों को शामिल करने से पढ़ाई समाप्त करने के बाद अब विद्यार्थियों को रोजगार के लिये भटकना नहीं पड़ेगा। डॉ. यादव गुरुवार को शासकीय और निजी महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम वर्ष के 4.94 लाख विद्यार्थियों के लिये आयोजित वर्चुअल इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पहल से विद्यार्थी अपनी रुचि अनुसार पाठ्यक्रम का चयन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के विकल्प को अपनाकर अपने कौशल को निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल विद्यार्थियों को व्यवसायों का अकादमिक ज्ञान या तकनीकी प्रशिक्षण देना मात्र नहीं है। यह विस्तृत उद्देश्यों वाली अत्यावश्यक शिक्षा है, जो युवाओं के कौशल को निखार कर रोजगार के अवसरों के अनुरूप उन्हें परिपक्व बनाती है।
कार्यक्रम में एनआईसी सेंटर के माध्यम से प्रदेश के 1339 महाविद्यालयों के छात्र वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। इस अवसर पर आयुक्त उच्च शिक्षा श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने महाविद्यालयों के प्राचार्यों से चर्चा की और विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये।
Université Laval
Université Laval अपनी सफल Rouge et या फ़ुटबॉल टीम के लिए प्रसिद्ध है, क्यूबेक (Quebec) सिटी में एक बड़ी, शोध पर गहन ध्यान केंद्रित करने वाली संस्था है। यह ऑप्टिक्स और फोटोनिक्स, आर्कटिक जलवायु परिवर्तन, कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य और न्यूरोफोटोनिक्स के साथ-साथ उत्तरी अध्ययन केंद्र में चार कनाडा उत्कृष्टता अनुसंधान पीठ की मेजबानी करती है। Laval के लॉ स्कूल और सामाजिक विज्ञान के संकाय ने कनाडा के कुछ प्रमुख राजनेताओं को उभारा है, जिनमें पूर्व प्रधान मंत्री ब्रायन मुल्रोनी (Brian Mulroney) और जीन चेरेतिन (Jean Chrétien), साथ ही साथ क्यूबेक (Quebec) के पूर्व प्रीमियर लुसिएन बुचर्ड (Lucien Bouchard) शामिल हैं। Entrepreneuriat Laval, जो छात्रों को व्यक्तिगत व्यावसायिक योजनाएँ बनाने में मदद करती है, ने 994 से अधिक कंपनियों और 1,870 नौकरियों के सृजन में योगदान दिया है।
कुलाधिसचिव सोफी डी’अमोर्स (Sophie D’Amours) कहते हैं, “Laval में, हम एक छात्र होने के अर्थ और यह स्नातक स्तर से परे क्या दर्शाता है को फिर से परिभाषित करते हैं ।” “हमारा दृष्टिकोण शैक्षणिक नवाचार पर केंद्रित है, जिसको एक सक्रिय और काम में लगे हुए समुदाय द्वारा समर्थित और मजबूती मिलती है।”
छात्र संगठन में 120 देशों के लगभग 7,900 अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं और साथ ही गैर-फ़्रैंकोफ़ोन (non-francophones) École des langues vivantes में अपने फ्रेंच-भाषा कौशल को निखारने वाले भी हैं। यूनिवर्सिटी लगभग 250 छात्र संगठनों की मेजबानी करती है। Laval की लगभग 40 इमारतें भूमिगत पैदल मार्ग से जुड़ी हुई हैं जो सर्दियों के दौरान उपयोगी हैं और आठ किलोमीटर की साइकिल लेन है। परिसर के बाहर, छात्र पाएंगे कि क्यूबेक (Quebec) शहर कनाडा में सांस्कृतिक रूप से सबसे समृद्ध स्थानों में से एक है। यह शहर अपने जीवंत शीतकालीन कार्निवल और अब्राहम के ऐतिहासिक मैदानों के लिए जाना जाता है।
असाधारण कार्यक्रम
• खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी: खाद्य उत्पाद विकास और गुणवत्ता नियंत्रण की दिशा में अपने कौशल को लागू करने से पहले छात्र रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग में एक मजबूत आधार बनाते हैं। कार्यक्रम में सहकारिता शामिल है।
• मात्रात्मक वित्त: वित्तीय सॉफ्टवेयर और जोखिम प्रबंधन उपकरणों का उपयोग करना सीखते समय, छात्र लेखांकन, अर्थमिति, प्रबंधन और नीति सहित विषयों में कौशल का एक व्यापक समूह सीखते हैं।
• लिंग, नारीवाद और समाज: यह सर्टिफिकेट कार्यक्रम समुदाय-केंद्रित प्लेसमेंट और प्रशिक्षण के माध्यम से थ्योरी और प्रैक्टिकल के बीच की खाई को पाटते हुए इतिहास, समाजशास्त्र और लिंग अध्ययन को एकीकृत करता है।
कूल कोर्स
• उपभोक्ता संस्कृति और समाज: इस पाठ्यक्रम में छात्र आय असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों का पता लगाते हैं ताकि यह जांच की जा सके कि सामाजिक मुद्दे उपभोक्ता प्रवृत्तियों को कैसे प्रभावित करते हैं।
• सामाजिक कार्य और स्वदेशी: यह पाठ्यक्रम स्वदेशी मूल्यों, सिद्धांतों और प्रथाओं के संदर्भ में सामाजिक कार्य को देखता है, और स्वदेशी समुदायों द्वारा और उनके लिए विकसित हस्तक्षेप विधियों पर केंद्रित है।
ट्यूशन (अनिवार्य सहायक शुल्क सहित)
$3,934 (प्रांत से बाहर के छात्र $9,497)
न्यूनतम प्रवेश ग्रेड
कला (आर्ट्स): R स्कोर 21-30 · विज्ञान: %;
R स्कोर 22-35 · कॉमर्स: R स्कोर 24 · इंजीनियरिंग: R स्कोर 23-28
छात्र संगठन
पूर्वस्नातक: फुल टाइम: 22,014 · पार्ट टाइम: 9,522
स्नातक: फुल टाइम: 7,255 · पार्ट टाइम: 4,148
अंतर्राष्ट्रीय छात्र: प्रथम-साल: 14% ·
स्नातक: 35%
पुरुष-स्त्री अनुपात: 41 से 59
आवास तथ्य
COVID-19 के कारण आवास की पेशकश कम हुई
निवास के स्थान: 1,150 (पिछले साल 2,300 जिसमें 1,000 प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आरक्षित)
निवास की लागत: भोजन के बिना सिंगल रूम: $2,944
भारत की पहली जूनियर स्किल चैंपियनशिप में 6वीं-12वीं कक्षा के 60 से अधिक विजेताओं को सम्मानित किया
नई दिल्ली/एजेंसी
जूनियरस्किल्स 2021, स्कूली छात्रों के लिए देश की पहली चैंपियनशिप है जिसका आज राजधानी में शानदार समापन हुआ, भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी श्री अतुल कुमार तिवारी ने 60 से अधिक विजेताओं को नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और पदक से सम्मानित किया। एमएसडीई के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की एक पहल है, जूनियरस्किल्स चैंपियनशिप स्कूली छात्रों के लिए भारत की कौशल प्रतियोगिता है, जिसे सीबीएसई के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है।
स्वर्ण पदक विजेताओं को अक्टूबर 2022 में शंघाई की यात्रा करने का अवसर मिलेगा, जहां वे विश्व कौशल प्रतियोगिता और विश्व की प्रमुख कौशल प्रतियोगिता का निकटता से अनुभव करेंगे, जहां विभिन्न देश स्किल्स में अपनी अन्तिम पहचान बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह घोषणा की गई थी कि जूनियरस्किल्स के दूसरे संस्करण का नाम बदलकर इंडियास्किल्स जूनियर कर दिया जाएगा, और एक नए लोगो का अनावरण किया जाएगा।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार तिवारी ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि स्किलिंग सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय युवा छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने और विशेषज्ञों से सीखने के लिए प्लेटफॉर्म बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जूनियर स्किल्स कम उम्र में बच्चों के लिए कौशल को आकांक्षी बनाने की दिशा में एक और कदम है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसका उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में एकीकृत करना है और जूनियर स्किल्स जैसे आयोजनों से महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा जो छात्रों को उनकी पसंद के कौशल को निखारने और राष्ट्र निर्माण में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं उन सभी प्रतिभागियों को प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्साह की भावना के लिए बधाई देना चाहता हूं जो उन्होंने जूनियर स्किल्स में दिखाई। उन्होंने वास्तव में प्रतियोगिता के भविष्य के संस्करणों के लिए आधार तैयार किया है और अपने आयु वर्ग के अन्य लोगों को आगे आने और भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
सीबीएसई के निदेशक डॉ. बिस्वजीत साहा ने कहा, कि स्किल्स भविष्य के विकास के लिए देश की योजनाओं की रीढ़ है। स्कूली स्तर पर कौशल प्रशिक्षण छात्रों को स्वतंत्र विचारकों और समस्या समाधानकर्ताओं के रूप में विकसित होने में मदद करेगा और उन्हें भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार करेगा। अपने व्यापारिक कौशल को निखारें अपने व्यापारिक कौशल को निखारें व्यावसायिक प्रशिक्षण विश्लेषण संबंधी कौशल, सहयोग और टीमवर्क का निर्माण करके छात्र की शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी मदद करता है, जो अंतत: समस्या-समाधान योग्यता विकसित करने में लाभकारी होते हैं। जूनियर स्किल्स स्कूली छात्रों को कम उम्र में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का एक प्रयास है जो उन्हें अपने करियर विकल्पों के बारे में एक अच्छी तरह से निर्णय लेने में मदद करता है और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को मेरी शुभकामनाएं, आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को देखकर मुझे प्रसन्नता हुई। एनएसडीसी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर प्रकाश शर्मा ने कहा कि कौशल और शिक्षा छात्रों के विकास का अभिन्न अंग हैं जो उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य के लिए सशक्त बनाने में मदद करेगा।
योगी सरकार की बड़ी पहल, यूपी के 50 हजार युवा लेंगे अमेरिका स्थित ऑनलाइन अपने व्यापारिक कौशल को निखारें फ्री ट्रेनिंग, विदेश में मिलेगी नौकरी
उत्तर प्रदेश के युवा अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरें और विदेशों में नौकरी हासिल कर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए अब प्रदेश के युवाओं को फ्री में अमेरिका में स्थित ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स (Online Training Course) कराया जाएगा।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath) ने नई पहल की है। उत्तर प्रदेश के युवा अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरें और विदेशों में नौकरी हासिल कर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए अब प्रदेश के युवाओं को फ्री में अमेरिका में स्थित ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स (Online Training Course) कराया जाएगा। कोर्स पूरा होने पर उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। फिलहाल इसकी शुरुआत राज्य के 50 हजार युवाओं से की जाएगी। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने इसकी पूरी तैयार कर ली है। इसके अतिरिक्त युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'आभा' एप भी बनाई गई है, जिससे जुड़कर युवा अपने हुनर में निपुणता हासिल कर सकेंगे।
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